RE: XXX Hindi Kahani बिना झान्टो वाली बुर
RajSharma stories
बिना झान्टो वाली बुर पार्ट--4
गतान्क से आगे....................
मैं बगल के अपने कमरे में आ गयी पिछे-पिछे जीजाजी आ गये और आकर
पलंग पर लेट गये और बोले, "तुम तैयार हो जाओ.... मुझे क्या बस कमीज़ पॅंट
पहनना है" मैं बाथरूम में मूह धो आई और उपर के कपरे उतार दिए अब मैं
पॅंट और ब्रा में थी, ब्रा का हुक फँस गया जो खुल नही रहा था मैं जीजा जी
के पास आई और बोली, "ज़रा हुक खोल दीजिए ना" मैं पलंग पर बैठ गयी.
उन्होने हुक खोल कर दोनो कबूतरों को पकर लिया फिर मेरे होंठ को अपने होंठ
में ले लिया. उनके हाथ मेरी पॅंटी के अंदर पहुँच गये. अपने को छुड़ाने
की नाकाम कोशिश की लेकिन मन में कही मिलने की उत्सुकता भी थी,मैं बोली
"जीजाजी आप ये क्या करने लगे, वहाँ चल कर यही सब तो होना है.... प्लीज़
जीजाजी उगली निकालिए....ओह्ह्ह... क्यो मन खराब करते हैं... ओह्ह्ह.. बस भी
कीजिए..."
जीजाजी कहाँ मानने वाले थे उन्होने पॅंटी उतार दी और मेरी बिना झांतो वाली
बुर को चूमने चाटने लगे और बोले, " मैं इस बिना बाल वाली बुर का दीवाना हो
गया हूँ मन होता है कि ऐसे दिन रत प्यार करूँ.... हाँ! अब जब तक अपना राज
नही खोलो गी मैं मैं कुत्ते की तरह अपना लंड तुम्हारी बुर में फँसा दूँगा
जैसे तुमने कल देखा था"
मैने जीजाजी को घूरा "जीजाजी आप बहुत गंदे है... तभी जब मैं अंदर आई
तो आप का लॉरा खड़ा था.... एक बात जीजा जी मैं भी बताउ जब आप चोद रहे
थे तो मेरे मन में भी यह बात आई थी कि काश मेरी बुर कुतिया की तरह आप
के लॅंड को पकड़ पाती तो कितना मज़ा आता... आप छूटने के लिए बेचैन
होते, आप सोचते ताव-ताव में साली को चोद तो दिया पर अब फँस कर बदनामी भी
उठानी परेगी.." जीजा जी ने अब तक गरमा दिया था मैने उन्हे अपने उपर खींच
लिया बोली "जीजा जी सुबह से बेचैन हूँ अब आ भी जाओ एक राउंड हो जाए" "हाँ
रानी! मैं भी सोकर उठने के बाद तुम्हरी बदमाशी को मानता आ रहा हूँ पर अब
यह भी अपनी मुनिया को देखकर मिलने के लिए बेचैन हो रहा है" जीजा जी मेरी
भाषा का प्रयोग करते हुए बोले और अपना समूचा लॉरा मेरी बुर में पेल दिया.
थोरा दर्द तो हुआ पर प्यासी बुर को बरी तसल्ली हुई जब उनका लॉरा मेरी बुर के
अंदर ग्रभाशय के मुख तक पहुँच कर उसे चूमने लगा. जीजा जी धक्के पर
धक्के लगाए जा रहे थे और मैं भी अपनी चूतर नीचे से उठा उठा कर
अपने बुर मे उनके लंड को ले रही थी पर अचानक जीजा जी रुक गये. मैने
पुंच्छा "क्या हुआ? रुक क्यो गये" जीजा जी बोले, "बुर के बाल गढ़ रहे है" कह कर
मुस्कराते हुए बोले "अब तो राज जानकार ही चुदाई होगी" मैं जीजा जी की पीठ पर
घूँसा बरसाते हुए बोली " जीजा जी खरे लंड पर धोका देना इसे ही कहते
हैं... अच्छा तो अब उपर से हटिए, पहले राज ही जान लो जीजाजी मेरे बगल में
आ गये फिर मैं धीरे-धीरे राज खोलने लगी.
"मॅमी ने अपनी एक सहेली को मेरी बुर को दिखा कर इस राज को खोला था. उन्होने
उसे बताया था कि जब मैं पैदा हुई तो एक नई और जवान नाइन नहलाने के लिए
आई. मेरी पुरानी नाइन बीमार थी और उसने ही उसे एक महीने के लिए लगा दिया
था. मम्मी को नहलाने के बाद उसने मुझे उठाया और मेरी बुआ से कहा कि बीबीजी
ज़रा चार-पाँच काले बेगन (ब्रिंजल) काटकर ले आइए, इसे बेगन के पानी से भी
नहलाना है, मेरी मॅमी ने पुंच्छा कि अरी! नहलाने मे बेगन के पानी का क्या
काम? इस पर उसने हँसते हुए बताया कि बेगन के पानी से लरकियों को नहलाने पर
उनके बाल नही निकलते, लेकिन नहलाते समय यह ध्यान रखना पड़ता है कि वह
पानी सर पर ना लगे. मॅमी ने कहा कि मैं इस बात को कैसे मानू? तो उसने अपनी
बर मॅमी को दिखाते हुए कहा की भाभी जी मेरी देखिए एस पर एक भी बाल नही
दिखेंगे. मॅमी और बुआ मान गयी और बोली की ठीक है नहला दो पर ध्यान से
नहलाना. बुआ हलके कुनकुने पानी में बेगन काट कर डाल दी और नाइन ने मुझे
नहलाने के बाद बरी सफाई से बेगन के पानी से मेरे निचले भाग को धो दिया,
इसी तरह उसने दो तीन दिन और बेगन के पानी से मेरे निचले भाग को धोया.
बात आई-गयी ख़तम हो गयी, मॅमी भी इस बात को भूल चुकी थी, मैं
अठारह की हुई मेरी सहेलियों को काली-भूरी झांते निकल आई पर मेरी बुर पर
बाल ही नही निकले. एक दिन कपड़ा बदलते समय मॅमी की नज़र मेरी बुर पर
गयी और उन्होने मुझे टोकते हुए कहा बेटी! अभी से बाल साफ करना ठीक नही
है, बाल काले हो जाएँगे. मैने कहा मॅमी मेरे बाल ही कहाँ है कि मैं उसे साफ
करूँगी" अचानक मॅमी को उस नाइन का ख्याल आया और उन्होने मुझे पास बुलाया
और मेरी बुर को हाथ लगा कर देखा और बरी खुस हुई. सचमुच मेरे बदन पर
बाल निकले ही नही. अब जब भी मम्मी की कोई खास सहेली मेरे घर आती है तो
मुझे अपनी बुर उसे दिखानी परती है, लेकिन मॅमी सब को इस रहस्य को बताती
नही. एक दिन मॅमी की एक सहेली बोली, कि तू तो बरी किस्मेत वाली है, तेरा आदमी
तुझे दिन-रात प्यार करेगा, बस यही है इस बिना बाल वाली बुर की कहानी"
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