RE: XXX Hindi Kahani बिना झान्टो वाली बुर
"हाई! मेरे चोदु सनम! इस शैतान ने मेरी मुनिया को दीवाना बना दिया है... अब
इसे उससे मिलवा दो.." मैने उनके लौरे को हाथ मारते हुए कहा.
जीजाजी ने मेरे वे कपरे उतार दिए जिससे मैं अपनी नग्नता च्छुपाए हुए थी
और मुझे पलंग पर लिटा कर मेरे पैरों को फैला दिया. अब मेरी मदमस्त रसीली
योवन गुहा उनके सामने थी. उन्होने उसे फिर अपनी जीभ से छेड़ा.
कुच्छ देर तो उनकी दीवानगी का मज़ा लिया लेकिन मैं परम सुख के लिए बेचैन
हो उठी और उन्हे अपने उपर खिच लिया और बोली, "राजा अब उन दोनो को मिलने दो"
जीजाजी मेरी निपल को मूह से निकाल कर बोले, "किसको"
मैने उनके लौरे को बुर के मूह पर लगाते हुए बोली "इनको ....बुर और लंड
को...समझे मेरे चुदक्कर सनम..... मेरी बुर के खेवनहार.... अब चोदो भी.."
इस पर उन्होने एक जबारजस्ट शॉट लगाया और मेरी बुर को चीरता हुआ पूरा लंड
अंदर समा गया, "हाईईईईईईई मररर्र्ररर डाला ओह मेरे चोदु सनम .... मेरी
मुनिया तो प्यार करना चाहती पर इस मोटू को दर्द पहुचाने में ज़्यादा मज़ा आता
है..... अब रुके क्यो हो?......... कुच्छ पाने के लिए कुच्छ तो सहना
परेगा....ओह माआआ .... अब कुच्छ ठीक लग रहा है..... हाँ अब तिककककककक
हाईईईईईईईईईई फाड़ डालो इस लालची बुर को...." मैं चुदाई के उन्माद में नीचे से
चूतर उठा उठा कर उनके लंड को बुर में ले रही थी और जीजाजी उपर से कस
कस कर शॉट पर शॉट लगाते हुए बोल रहे थे, " है चुदसी रनीईईइ..
तुम्हारी बिना झांट वाली बुर ने तो मेरे लंड को पागल बना दिया है...वह इस
साली मुनिया का दीवाना हो गया है....इसे चोद चोद कर जब तक यहाँ हूँ जन्नत
की सैर करूँगा... रानी बहुत मज़ा आ रहा है..."
क्रमशः.........
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