RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--20
गतान्क से आगे..........
राजेश: (अपनी लुंगी को खोलते हुए)… आज मुझे लगता है कि मुझे तनवी की यादों से बाहर आ जाना चाहिए… अब तक मै सोचता था कि तनवी के बाद मेरे दिल में कोई उसकी जगह नहीं ले सकेगी… जहाँ तक सेक्स की भूख मिटाने की बात थी तो उसके लिए तो इस दुनिया में बहुत नवयौवना है… परन्तु आज से हम…
मुमु: (अपने हाथों में राजेश के लंड को पकड़ कर सहलाते हुए) अभी कुछ न कहो… पहले हम पिताजी वाली गुत्थी को सुलझा लें… क्योंकि पिछले कुछ दिनों में बहुत बदल गया है…
राजेश: (मुमु की बात को अनसुना करते हुए मुमु की चूत में अपने लंड को पूरी तरह से बिठा कर) मुझे मालूम है…
(दोनों के नग्न जिस्म एक दूसरे में पूरी तरह गुथे हुए है। राजेश अपने मुख से मुमु की गोलाईयों को निचोड़ रहा है। अंगूर से शिखर कलश को होंठों में दबा कर मुमु की आग को भड़काने में लगा हुआ है। मुमु की कमर को पकड़ कर राजेश धीरे से एक भरपूर धक्का देता हुआ उन्नत स्तनों को अपनी हथेली में लेकर कर मसकता है। राजेश की गर्म साँसों का आघात अपने चेहरे पर महसूस करते हुए मुमु और अधिक उत्साह से अपनी टांगों को राजेश की कमर पर लपेट देती है। भावतिरेक हो कर राजेश का लंड अपना भयावह रूप धारण कर लेता है और मुमु के चूत की दीवार पर जोर अजमाईश करता है। मुमु के अर्ध खुले होठों पर अपने होंठों लगा कर उनका रस निचोड़ता है। इधर मुमु भी उत्तेजना में अपना सिर इधर-उधर पटकती है।)
मुमु: .उ.अ..आह.राजे…शअ.उउआ.…आह....
राजेश: जान… तुम्हारी चूत को मेरे फनफनाते हुए लौड़े की जरुरत है… क्या कहती हो…
मुमु: राजेश…अ.उउआ....(अपनी बच्चेदानी के मुहाने पर राजेश के चिरपरिचित लंड के फूले हुए सुपाड़े को महसूस करती हुई) राजेश्……आ…हन…
(राजेश एक हाथ से मुमु की गुलाबी बुर्जीयों को लाल करने में वयस्त हो जाता है। कभी पूरा स्तन अपने मुख मे भर कर निचोड़ता है और कभी स्तन पर विराजमान अंगूर के दाने को अपने होंठों में दबा कर चूसता है।)
मुमु: आह....प्लीज
(अब राजेश से भी नहीं रुका जा रहा। मुमु को अपनी भुजाओं मे कस कर, राजेश धीरे से मुमु के पाँवों को अपने कन्धे पर रख कर अपने लंड को पुरी ताकत से अन्दर की ओर ढकेलता है। जैसे ही लंड का पुरा सुपाड़ा सरक कर बच्चेदानी का मुहाना खोल कर अन्दर धँस जाता है, एक लम्बी सी सिसकारी के साथ मुमु अपना शिकंजा कसती हुई राजेश को जकड़ लेती है।)
मुमु: .उउआ.आह....उई...आ...उ.उ.उ...आह.....
(राजेश अपनी उंगलियों से मुमु की गाँड के छिद्र को टटोलता है और अपनी उँगली को मुहाने पर रख दबाव डालता है। उत्तेजना में तड़पती मुमु के चेहरे और होंठों पर राजेश अपने होंठों और जुबान से भँवरें की भाँति बार-बार चोट मार रहा है और अपनी उंगली गाँड के मुहाने पर फिरा रहा है।)
मुमु: …उ.उई.माँ.....न्हई…आह.....
(क्षण भर रुक कर, राजेश ने मुमु के नितंबो को दोनों हाथों को पकड़ कर एक लय के साथ आगे-पीछे हो कर वार शुरु करता है और पीछे से गाँड के छिद्र के मुहाने को खोल कर अपनी उँगली अन्दर तक धँसा देता है। दोनों जिस्म वासना की आग में जल रहे है।)
राजेश: (गति बढ़ाते हुए) मुमु……
मुमु: हूँ…हाँ…
(ऐसे ही कुछ देर तक जबरदस्त धक्कों मे ही राजेश के जिस्म मे लावा खौलना आरंभ हो गया है। ज्वालामुखी फटने से पहले एक जबरदस्त आखिरी वार करता है। इस वार को मुमु बरदाश्त नहीं कर पाती और उसकी चूत झरझरा कर बहने लगती है। राजेश का लंड भी सारे बाँध तोड़ते हुए बिना रुके मुमु की बच्चेदानी मे लावा उगलना शुरु कर देता है। कुछ देर लिपटे हुए पड़े रहने के बाद दोनों एक दूसरे से अलग होते है।)
राजेश: मुमु… आज क्या हो गया था तुम्हें…
मुमु: (शर्माते हुए) कुछ नही…
राजेश: अरे आज बहुत दिनों के बाद तुम्हें शर्माते हुए देखा है… देखो तुम्हारे गाल कैसे लाल हो गये है…
मुमु: (नजरे चुराती हुई) अब सो जाओ… कल दफ़्तर नहीं जाना है क्या…
राजेश: यह तो पहले ही तय हो गया था कि कल मै छुट्टी पर हूँ…
मुमु: तो पिताजी का क्या करना है… अगली बार फोन करें तो यहाँ बुला लूँ…
राजेश: (मुमु से लिपटते हुए) हाँ… अच्छा बताओ एलन का प्रोग्राम कैसा चल रहा है…
मुमु: (झिझकते हुए) अच्छा है… हर रोज की ट्रेनिंग मेरे शरीर को तोड़ कर रख देती है परन्तु (हल्की मुस्कुराहट लिए) यह एक नया अनुभव है।
राजेश: मुमु… तुम्हें डौली कैसी लगती है…
मुमु: (चौंक कर) क्यों… मतलब यह कैसा सवाल है…
राजेश: देखो…मुझे डौली ने बताया है कि वह तुमसे मोहब्ब्त करने लगी है…
मुमु: (झेंप कर) वह पागल है… हाँ हम एक दूसरे को चाहते हैं पर मैने उसे साफ शब्दों में समझाया है कि मैं तुम्हारी पत्नी और उसकी दोस्त हूँ… इससे ज्यादा कुछ नहीं…
राजेश: ठीक है… मै उसे बता दूँगा कि वह तुमसे कुछ ज्यादा एक्सपेक्ट न करें…
मुमु: तुम रहने दो… मै ही समझा दूँगी…
राजेश: ठीक है… चलो सो लेते है… सुबह के पाँच बज रहे हैं… सारी दुनिया के जागने का टाईम हो रहा है…और हम सोने की तैयारी कर रहे हैं।
(कुछ देर पहले की एक्सरसाइज से दोनों थके हुए होने के कारण एक दूसरे से लिपट कर सो जाते है…)
(शाम का समय। मुमु अपनी ट्रेनिंग करने के लिये जा चुकी है। टीना अपनी सहेली करीना के घर गयी हुई है। राजेश ड्राईंगरूम में बैठ कर टीना की राह देख रहा है। दरवाजे की घंटी बजती है। राजेश झपट कर दरवाजे की ओर जा कर दरवाजा खोलता है। सामने टीना और करीना मुस्कुराती हुई घर में प्रवेश करती है। दोनों ने आज बड़े सेक्सी वस्त्र पहने हुए हैं। टीना और करीना, दो जुड़वाँ बहनों की तरह, महीन सी लो कट टी-शर्ट और मिनी स्कर्ट पहनें हुए है। सीने की गोलाईयाँ आधी टी-शर्ट के बाहर झाँकती हुई और तन्नाते हुए शिखर कलश टी-शर्ट के नीचे साफ विदित होते हुए और मिनी स्कर्ट से निकलती हुई मांसल चिकनी गोरी टाँगे देख कर राजेश का मुँह खुला का खुला रह गया।)
टीना: पापा…आज बहुत थके-थके हुए दिख रहे हैं।
करीना: नमस्ते अंकल… (कहते हुए खिलखिला कर हँस पड़ी)
राजेश: (मुस्कुरा कर) नमस्ते…
टीना: मम्मी गयी क्या…
राजेश: हाँ… अभी थोड़ी देर पहले ही गयी है। तुम दोनों इस हालत में कहाँ से घूम कर आ रही हो… टीना कुछ खाने के लिये बनाऊँ क्या?
टीना: पापा मुझे कुछ नहीं खाना है… करीना तुझे कुछ खाना हो तो बता दे
करीना: मुझे भी कुछ नहीं चाहिए… पर जल्दी कर तुझे मेरे नोट्स उतारने में एक घंटे ज्यादा लग जाएगा…
टीना: करीना मै उपर जा कर नोट्स उतारती हूँ… तू तब तक टीवी देख और पापा से बात कर… (कुल्हें को मटकाते हुए अपने रूम की ओर रुख करती है)
करीना: (अपनी जगह से उठ कर राजेश के निकट बैठते हुए) जानू… आज कैसी लग रही हूँ?
राजेश: क्या चक्कर है आज… किसी को मारने का इरादा है (करीना को अपने नजदीक लाते हुए)… दोनों किसी शैतानी के मूड में हो…
करीना: (राजेश का हाथ पकड़ कर खींचती हुई) डार्लिंग हमारे पास एक घंटा है… कुछ मीठा हो जाये…
राजेश: करीना आज तुमको क्या हो गया है… अगर टीना नीचे आ गयी तो गजब हो जाएगा।
करीना: मुझे मालूम है कि टीना इतनी जल्दी नीचे नहीं आएगी… चलो न (कहते हुए राजेश के बेडरूम की ओर चल पड़ी। करीना के पीछे-पीछे राजेश भी बेडरूम में चला गया।)
राजेश: (करीना को पीछे से अपनी बाँहों में भर कर)… तुम सिर्फ मेरी हो…जो कार्य फ़ार्म पर अधुरा रह गया था कहो तो आज पूरा कर लें… (कहते हुए पीछे की दरार में अपना हथियार गड़ाता है)… आज हमारा तुम्हारा मिलन इस बेड पर होगा… (कहते हुए करीना की अधखुली टी-शर्ट में अपना हाथ डाल कर दोनों पहाड़ियों की चोटीयों को सहलाता है)
करीना: आ…ह… मैं तो आपकी हूँ। जैसे चाहो प्यार करो…परन्तु पीछे की तिजोरी आपको फार्म पर ही खोलने दूँगी…(कहते हुए करीना अपनी टी-शर्ट उतार फेंकती है)
राजेश: जैसा तुम चाहो… मैं तो तुम्हारे हर अंग का दीवाना हूँ देखो तुम्हें देखते ही मेरे लंड में आग लग जाती है… (इतना कहते ही अपना पजामा उतार कर एक तरफ रख देता है)।
करीना: अं…(राजेश के लंड को अपने हाथ मे ले कर) लवली… अच्छा सच बोलिएगा कि यह मुझे देख कर या टीना को देख कर ऐसे अकड़ गया…
राजेश: सच पूछो तो यह तुम दोनों को देख कर ऐसा हो गया था… जितना तुममें नशा है उतनी ही टीना में कशिश है।
करीना: अच्छा जी… क्या आप टीना को भी ऐसे ही प्यार करते हैं…
राजेश: (करीना की मिनी स्कर्ट की ज़िप को खोल कर नीचे की ओर सरका देता है) मै टीना को एक बेटी और प्रेमिका के रूप में प्यार करता हूँ…(कहते हुए करीना के चिकने कटिप्रदेश और नितंबो पर हाथ फिराता हुआ)…अर…रे आज पैन्टी पहनना भूल गयीं… (कहते हुए अपनी उँगलियों से चूत की फाँकों को खोल कर छिपे हुए मोती से आकार लिए घुंडी को छेड़ता है)
करीना: हा…य माँ… तो आप मुझसे कैसा प्यार करते हैं?
राजेश: एक प्रेमिका और दोस्त की तरह… आह
करीना: मेरे प्रीतम… मेरी जल्दी से आग बुझाओ वरना…(करीना को राजेश अपनी बाँहों में उठा कर बेड की ओर ले जाता है)
राजेश: वरना क्या…(कहते हुए बेड पर लिटा देता है और अपने होंठों से करीना के होंठों का रसपान करता है। करीना का नग्न जिस्म राजेश के नीचे दबा हुआ है। करीना अपनी टांगों को राजेश की कमर के इर्द-गिर्द लपेट कर मचलती है। दोनों नग्न अवस्था में एक दूसरे की आग को भड़काने में लगे हुए है। राजेश के निशाने पर अब करीना के सीने की गोलाईयाँ है। कभी पूरा स्तन मुख में भर कर उनका रस निचोड़ता और कभी उत्तेजना से फूले हुए शिखर कलश को होंठों में दबा कर सोखता।)
करीना: अंकल…प्लीज (अपने हाथ से राजेश के लिंग को सही दिशा दे कर योनिमुख पर लगाती हुई)
(राजेश भी पूरे जोश मे आकर एक करारा धक्का देकर अपना लिंग अन्दर तक बैठा देता है। राजेश का नौ इंची हथियार चीरता हुआ अन्दर जा कर बच्चेदानी का मुख खोल कर गले तक जा कर फँस जाता है। एक क्षण के लिए तो करीना की साँस रुक जाती है परन्तु दूसरे ही क्षण अन्दर धँसती हुई गर्म राड कि लम्बाई और मोटाई को महसूस करती हुई एक लम्बी सिसकारी लेती है।)
करीना: अ…आह…हाय
राजेश: करीना तुम्हें उपरवाले ने मेरे लिए बनाया है…
करीना: हूँ…आह
(राजेश एक लय के साथ अपनी गति बढ़ाता है और हर धक्के पर करीना के मुख से निकलती हुई सिसकारी कमरे के माहौल को अति विलासमय बना देती है। करीना के कोमल अंगो के साथ निरन्तर खिलवाड़ करते हुए राजेश भी अपने होशोहवास खो कर कमसिन जवानी को भोगने का आनंद लेता है। पर्दे के पीछे से टीना बेड पर दो जिस्मों को एक दूसरे के साथ गुथे हुए चुपचाप खड़ी देखती है।)
क्रमशः
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