RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--17
गतान्क से आगे..........
टीना:.उ.अ..आह.पा…अ.उउआ.पाआह....
राजेश: बेटा…तुम्हारी चूत को मेरा लंड चाहिए… इस वक्त तुम्हारी…चूत को मेरे लौड़े की जरुरत है।
टीना: पा…अ.उउआ.पाआह.... (योनिद्वार के मुहाने पर राजेश के चिरपरिचित लंड के फूले हुए सुपाड़े को महसूस करती हुई) प…आपा… जल्दी से डालो न…
राजेश: (अपना पैंतरा बदलते हुए) बेटा…इस आग को और भड़कने दो…
टीना: पा…अ.उउआ.पाआह....प्लीज (अपनी चूत से टटोलते हुए नीचे से राजेश के लंड पर दबाव बना कर अन्दर डालने की चेष्टा करती है)
राजेश: क्या कर रही हो…टीना…(थोड़ा सा पीछे हटते हुए परन्तु टीना की टांगों से जकड़े होने के कारण टीना भी खिंचती हुई पीछे हो गयी)
(राजेश का एक हाथ एक बार फिर से टीना की गुलाबी बुर्जीयों को लाल करने में वयस्त हो जाते है। कभी पूरा स्तन अपने मुख मे भर कर निचोड़ता है और कभी स्तन पर विराजमान अंगूर के दाने को अपने होंठों में दबा कर चूसता है। हल्के हाथ से नग्न नितंबो को सहलाते हुए, फिर कुछ दबाते हुए और अपने लंड के सुपाड़े को बेरोकटोक चूत के मुहाने को खोल कर सिर उठाये बीज पर घिसता है)
टीना: (एक्साइट्मेंट में चीखते हुए) पा…अ.उउआ.पाआह....प्लीज
(अब राजेश से भी नहीं रुका जा रहा। उसका लंड भी अकड़ कर अपनी लार टीना के चूत के मुहाने पर टपकाने लगा है। राजेश अपनी भुजाओं मे कस कर, राजेश धीरे से टीना का बायां पाँव उपर उठा कर अपने लंड को अन्दर की ओर ढकेलता है। जैसे ही लंड का पुरा सुपाड़ा सरक कर चूत के मुहाने में जाता है, एक लम्बी सी सिसकारी के साथ टीना कस के राजेश को जकड़ लेती है।)
टीना: .उउआ.पाआह...पा.उई....प.आ...पा.…उ.उ.उ...आह.....
राजेश: बेटा…(टीना के थिरकते होठों को अपने होठों के कब्जे में लेकर लगातार चूमता हुआ और दोनों अनावरित उन्नत पहाड़ियों को सहलाते हुए कभी चोटियों पर उँगलियॉ फिराता और कभी दो उँगलियों मे घुन्डियों को फँसा कर खींचता, कभी पहाड़ियों को अपनी हथेलियों मे छुपा लेता और कभी उन्हें जोर से मसक देता। उधर आँखे मुदें हुए टीना का चेहरा उत्तेजना से लाल होता चला जा रहा है।)
टीना: (मस्ती भरी अवाज में) हुं….उई....अ.आ...क.…उ.उ.उ.ल..न्…हई…आह.....
(राजेश अपनी उंगलियों से टीना की गाँड के छिद्र को टटोलता है और अपनी उँगली को मुहाने पर रख दबाव डालता है। इस वार से अचकचा कर टीना हड़बड़ा कर आँखे खोलती हुई उठने की कोशिश करती है। राजेश एक झटके से अपनी उँगली वहाँ से हटा लेता है।)
टीना: .उई...माँ….पअ.पा.……उफ.उ.उ...न्हई…आह.....
(राजेश अपनी उंगली टीना के होंठों पर फिराता है। हर्षोन्मत्त हुई टीना अपने होंठों को थोड़ा सा खोल देती है। राजेश अपनी उंगली टीना के होंठों पर फिरता हुआ मुख के भीतर डाल कर जुबान से छेड़छाड़ शुरू करता है। राजेश की उंगली को लेकर टीना अपनी जुबान से खेलती हुई चूसती है। नये उन्माद में टीना की सिसकारियाँ बढ़ती जाती हैं।)
राजेश: (टीना के निचले होंठ को चूसते और धीरे से काटते हुए) टीना…टीना…
टीना: (अपने कुल्हे को जोर से राजेश की ओर धक्का देते हुए ) हुं…आहह
राजेश: (थोड़ा सा लंड को भीतर करते हुए)…अब कैसा लग रहा है?
टीना: हुं…(एक सिसकारी भरती हुई)…बहुत अच्छा……(आँखें मूदें महसूस करती हुई कि एक गर्म सलाख अन्दर धँसती जा रही है। राजेश एक बार फिर से अपनी उँगली से नितंबों के बीच में छुपे हुए छिद्र के मुख पर जा कर टिका देता है)…उ.उई...पापा.उ… उक.……उफ.उ...न्हई…आह.....
(राजेश अपनी जुबान से टीना के होंठों को खोल कर उसके गले की गहराई नापता है। राजेश अपने तन्नाये हुए लंड को टीना की संकरी चूत में तीन-चौथाई धँसा देता है। कुकुरमुत्ते सा फूला हुआ सुपाड़ा बच्चेदानी के मुख पर आ कर रुक जाता है। उत्तेजना में तड़पती टीना के चेहरे और होंठों पर राजेश अपने होंठों और जुबान से भँवरें की भाँति बार-बार चोट मार रहा है और अपनी उंगली गाँड के मुहाने पर फिरा रहा है।)
टीना: …उ.उई.माँ..पाअ.…पा.……उफ...न्हई…आह.....
(टीना के स्तन को अपने मुख में भर कर रसपान करता है। राजेश अपने लंड को अन्दर धँसा कर शान्ति से इन्तजार करता है। उधर उत्तेजना और मीठे से दर्द में तड़पती टीना अपने होंठ काटती हुई कसमसाती है। बार-बार हल्की चोट मारते हुए राजेश जगह बनाते हुए एक भरपूर धक्का लगाता है। आग में तपता हुआ लौड़ा प्रेम रस से सरोबर सारे संकरेपन को खोलता हुआ जड़ तक धँस कर फँस गया है। टीना की आँखें खुली की खुली रह जाती है और मुख से दबी हुई चीख निकल जाती है।)
टीना: उ.उई.माँ..उफ…मररउक.…गय…यईई…उफ..नई…आह..ह..ह.
राजेश: (पुरी तरह अपने लिंग को जड़ तक बिठा कर) शश…शशश्…टीना…ना
(टीना की चूत ने भी राजेश के लिंग को अपने शिकंजे मे बुरी तरह जकड़ रखा है। चूत की गहराई नापने की कोशिश मे टीना की चूत में कैद राजेश का लंड भी अपने फूले हुए सिर को पूरी तरह निचुड़ा हुआ पा रहा है। क्षण भर रुक कर, राजेश ने टीना के नितंबो को दोनों हाथों से पकड़ कर एक लय के साथ आगे-पीछे हो कर अपना वार शुरु करता है। एक तरफ लंड का फूला हुआ नंगा सिर टीना की बच्चेदानी के भीतर जा कर फँस जाता है और दूसरी ओर गाँड के छिद्र के मुहाने को खोल कर राजेश की उँगली पूरी अन्दर तक धँस जाती है। धीरे से बाहर खींचते हुए जैसे ही लंड गरदन तक बाहर आता है, एक बार फिर से दुगनी स्पीड से अन्दर का रास्ता तय करता। ऐसा करते हुए राजेश गाँड में फँसी हुई उँगली को भी अन्दर-बाहर करते हुए छिद्र का मुख खोलता है। टीना की चूत और गाँड अब इस प्रकार के दखल की धीरे-धीरे आदि हो गये है)
राजेश: (गति बढ़ाते हुए) टीना……
टीना: हाँ…पापा प्लीज्…
(काफी देर तक ऐसे ही जबरदस्त धक्कों मे ही राजेश के जिस्म मे ज्वालामुखी फटने को तैयार हो गया और धीरे-धीरे वह अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका है। ज्वालामुखी फटने से पहले एक जबरदस्त आखिरी दोहरा वार करता है। इक तरफ अपने लंड के सुपाड़े को बच्चेदानी का मुख खोल कर भीतर फँसा देता है और दूसरी तरफ अपनी उँगली को कड़ा करके टीना की गाँड में पूरा धँसा देता है। इस दो तरफा वार को टीना बरदाश्त नहीं कर पाती और धनुषाकार बनाती हुई टीना की चूत झरझरा कर बहने लगती है। टीना की चूत झट्के लेते हुए राजेश के लंड को दुहना शुरु कर देती है। राजेश का लंड सारे बाँध तोड़ते हुए बिना रुके टीना की बच्चेदानी मे लावा उगलना शुरु कर देता है। टीना की चूत को अपने प्रेमरस से लबालब भरने के बाद राजेश बड़े प्यार से टीना को चूमता है)
राजेश: (गालों को सहलाते हुए) टीना…टीना…
टीना: (कुछ क्षणों के बाद)…..न्ई…आह...(अपनी आँखें खोलती हुई) पापा…
राजेश: (टीना के सिर को सहारा दे कर उठाते हुए) टीना…क्या एक बार फिर सांतवें आसमान का चक्कर लगाने चली गयी थी।
टीना: पापा…मेरे अच्छे पापा… मुझे ऐसा लगा कि मै आसमान में उड़ रही हूँ…
राजेश: (टीना के उपर से हटते हुए)…बेटा तुम्हारा जिस्म मेरा था और आज से मेरा ही हो कर रहेगा…तुम्हारी आग को बुझाने के लिए यह (प्रेमरस से नहाए हुए लिंगदेव को हिलाते हुए) हमेशा तैयार खड़ा हुआ मिलेगा।
टीना: पापा… आपसे अच्छा कोई नहीं (कहते हुए राजेश के होंठ चूम लेती है)
राजेश: बेटा…तुम्हारे दो मुख तो मेरा लंड निगल चुके…अब तीसरे मुख की बारी है। (अपनी उँगली को टीना की गाँड के छिद्र पर फिराते हुए)…इस का कब उद्घाटन करना है…
टीना: अभी नहीं… आपकी उँगली ने तो आज इसका उद्घाटन कर दिया है। फिर किसी और दिन यह आपके लंड को भी निगल जाएगी। अभी तो दूसरे मुख से काम चलाईए…
राजेश: आज मेरी उँगली अन्दर का जायजा ले कर आई है और इसके बाद मै ज्यादा इंतजार नहीं कर सकूँगा। कल इसका भी उद्घाटन कर देते है…
टीना: (राजेश के लंड को सहलाती हुई) पापा पहले इसको …छोड़िए भी…कर लेना…अच्छा अब मुझे प्यार करिए…(कहते हुए राजेश के साथ एक बेल की भाँति लिपट गयी)…
राजेश: (टीना को अपने आगोश में जकड़ कर) मेरा प्यारा बेटा…(कहते हुए टीना के होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले कर उनका रस सोखने में लग गया)
टीना: (गहरी साँस छोड़ते हुए) पापा…आपको करीना कैसी लगती है…
राजेश: (चौंकते हुए) इस वक्त ऐसा सवाल क्यों…
टीना: बताईए न…
राजेश: बहुत सुन्दर… मगर तुमसे ज्यादा नहीं।
टीना: थैंक्स पापा…
राजेश: (टीना के स्तन के साथ खेलते हुए) पर आज हमारे मिलन के क्षणों में करीना को क्यों याद कर रही हो…।
टीना: ऐसे ही…उसकी याद आ गयी…
राजेश: उसे देखता हूँ तो… (दरवाजे की घंटी बजती है। दोनों हड़बड़ा कर उठते है। जल्दी-जल्दी अपने-अपने कपड़े पहनते है।)
टीना: पापा…आप पैन्ट क्यों पहन रहे हो…सामने लुंगी पड़ी हुई है…
राजेश: (घबराहट में) सौरी बेटा…थैंक्स फ़ोर एड्वाईस (लुंगी बाँध कर दरवाजे की ओर बढ़ता है)
टीना: पापा… प्लीज मेरी ब्रा का हुक लगा दिजीए…
(राजेश वापिस आता है। हुक लगाते हुए घंटी एक बार फिर से बज उठती है। राजेश सब कुछ छोड़ कर दरवाजे की ओर भागता है और जा कर खोलता है। सामने करीना खड़ी हुई है)
राजेश: करीना इस वक्त… कैसे
करीना: नमस्ते (हल्के स्वर में) डार्लिंग… अंकल
राजेश: नमस्ते…(झेंपते हुए)
करीना: टीना है…मुझे कुछ उससे काम था…
राजेश: हाँ…आओ…(तभी टीना राजेश के बेडरूम से बाहर निकलती हुई)
टीना: हाय करीना…
करीना: (टीना की ओर जाते हुए) हाय… क्या बिजी है… तेरे को क्या हुआ
टीना: (झेंपती हुई) क्यों क्या हुआ…।
करीना: (मुस्कुराती हुई) बाल फैले हुए है…उल्टी टी-शर्ट… क्या चक्कर है…
(राजेश पीछे खड़ा हुआ सारी बातें सुन रहा है। बात को संभालता हुआ…)
राजेश: कुछ खास चक्कर नहीं…टीना मेरे साथ बेडरूम साफ करा रही है… अब तुम आ गयी हो तो तुम भी कुछ मदद करो…
करीना: सौरी अंकल…मैनें नाहक ही आप दोनों को डिसटर्ब किया…
राजेश: न बेटा… अभी टीना और मैं तुम्हारी बात ही कर रहे थे… बहुत लम्बी उमर पायी है।
करीना: (कुछ शैतानी की मुस्कुराहट लाते हुए) अच्छा जी… टीना मेरे पीछे मेरी क्या बुराई कर रही थी…
टीना: तू पापा को बहुत सुन्दर लगती है…
करीना: (खिसिया कर) अच्छा…
राजेश: (घबरा कर)…नहीं मै तो यह कह रहा था कि…।
टीना: आप झूठ बोल रहें है…आपने ही कहा था कि करीना आपको बहुत सुन्दर लगती है…
राजेश: हाँ…ठीक तो है। करीना बहुत सुन्दर है… परन्तु…
करीना: परन्तु क्या…(चिड़ाते हुए)…अंकल
टीना: तू बस अब रहने दे… चल मेरे रूम में
(कहते हुए टीना और करीना सीड़ीयाँ चड़ते हुए टीना के रूम में प्रवेश कर गयीं। राजेश टकटकी लगा कर दोनों को देखता रह गया। पिछ्ले तीन दिनों में इन्हीं दोनों कमसिन हसीन लड़कियों को पुरे तन और मन से भोग चुका था। दोनों अपने आप में एक से बढ़ कर एक थी। जहाँ टीना का छरहरा बदन है, वहीं पर करीना का कटाव लेता हुआ भरा हुआ जिस्म है। दोनों के अंग-अंग से वाकिफ, राजेश इस दुविधा में कि कौन ज्यादा खूबसूरत है। अगर टीना को पा कर एक पेग विह्स्की का नशा है तो करीना वोदका की तरह किक देता हुआ नशा है। कुछ सोच कर राजेश चुपचाप बिना आहट किये उपर का रुख करता है। अन्दर से दोनों के खिलखिलाने की आवाज आ रही है। टीना के दरवाजे पर राजेश कान लगा कर सुनने का प्रयत्न करता है।)
करीना: मुझे तो प्यार हो गया है।
टीना: मै तो कहती थी कि तू मरती है…अगर तेरे उपर हाथ रख दें तू पिघल जाएगी…
करीना: हाँ यार… तू सच कहती थी। आज तूने भी देख लिया…पूरा अजगर की भाँति है…
टीना: हाँ यार…पर तूने तो मुझे बहुत डरा दिया था…
(इतना ही सुन कर राजेश को कुछ-कुछ समझ आ गया था। बिना देर किए जल्दी से नीचे उतर कर अपने बेडरूम मे आ जाता है। तभी दरवाजे की घंटी बजती है। राजेश जा कर दरवाजा खोलता है। सामने मुमु खड़ी हुई है और चेहरा गुस्से से तमतमा रहा है।)
राजेश: (अन्दर आते हुए) क्यों क्या हुआ…
मुमु: (रुआँसी आवाज में) क्या तुम ने पिताजी को मेरा मोबाइल नम्बर दिया था…
राजेश: क्यों क्या फिर से उन्होंने काल किया…
मुमु: मै उनसे कोई सबंन्ध नहीं रखना चाहती हूं पर मेरे को चैन से जीने नहीं देते…
राजेश: चलो खाक डालो…खाने का क्या करना है? उपर टीना और करीना बैठे हुए है…यह बात हम बाद में भी कर सकते हैं।
मुमु: मै तैयारी कर के गयी थी…खाने मे कुछ टाइम लगेगा। पहले मै फ्रेश हो कर आती हूँ।
(इतना कह कर मुमु बेडरूम जाती है। राजेश टीवी के सामने बैठ कर न्यूज सुनता है। कुछ देर के बाद मुमु तैयार हो कर बाहर आती है और रसोई की ओर रुख करती है। टीना और करीना नीचे उतर कर दरवाजे का रुख करती है।)
राजेश: मेरी दुनिया की सबसे हसीन अप्सारायें रात में किधर चल दी…
टीना: मै करीना को घर छोड़ने जा रही हूँ।
राजेश: अर…रे खाना लग गया है…खाना खा कर जाना…करीना तुम भी
मुमु: (रसोई से आवाज देते हुए) टीना कहीं नहीं जाना। पहले खाना खा लो फिर जाना कहीं पर्…(कहते हुए रसोई से खाना ला कर मेज पर सजा देती है)
(टीना और करीना मेज पर आ कर बैठ जाते है। राजेश भी सब को डाईनिंग टेबल पर जौइन करता है। मुमु सबके लिए खाना परोसती है। सब मिल कर खाना खाते है। खाना खाने के बाद टीना और करीना बाहर का रुख करती हैं। राजेश और मुमु बेडरूम कि ओर चले जाते हैं।)
क्रमशः
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