RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--12
गतान्क से आगे..........
करीना: आज मैनें कुछ देखा…क्या तूने भी देखा…
टीना: क्या देखा…
करीना: अंकल की खुली हुई जिप…तुने कुछ नहीं देखा…जब तू नीचे से बैन्ड उठा रही थी तब तूने कुछ भी नहीं देखा…
टीना: नहीं तो…तूने क्या देखा…बता न…
करीना: (शर्म से लाल होती हुई) अगर किसी को नहीं कहेगी तो…
टीना: पागल है, भला मै किसी से क्यों कहूँगी…बता न…
करीना: यार…कैसे बताऊँ…अंकल का टूल खुली हुई जिप में से बाहर झाँक रहा था…बहुत मोटा और लंबा है, यार…
टीना: अच्छा जी, तूने उसकी लंबाई और मोटाई इतनी जल्दी नाप ली…(हँसते हुए)…कहीं मेरे पापा के साथ कुछ…
करीना: (झेंपती हुई) अन्दाजा लगा रही हूँ…मैनें तो यह सोचा कि तू नीचे बैठ कर उसके साथ खेल रही थी…
टीना: पागल है क्या…(बात बदलते हुए) तेरा फार्म का काम खत्म हो गया हो तो मेरे साथ चल…
करीना: यार मैं तो यही सोच रही थी कि वापिस घर कैसे जाऊँगी क्योंकि भैया ने तो पहले ही कह दिया था कि लौट्ने का इंतजाम मुझे खुद ही करना होगा वह नहीं आयेंगे…थैंक्स यार
टीना: एक शर्त पर्…मेरे पापा को सेड्यूस करने की कोशिश मत करना…मैं जानती हूँ तू बहुत दिनों से उनके सपने देख रही है और आज तो तूने उसके साक्षात दर्शन कर लिये हैं…
करीना: क्या कह रही है…पागल हो गयी…भला मै क्यों उनके सपने देखूँगी…
टीना: तो मै अंधी हूँ क्या…हमेशा तेरी नजर पापा की लुंगी के उपर ही रहती है।
(राजेश की कार आते हुए दिखती है। दोनों गेट की ओर भागती है। राजेश दोनों को देख कर अपना हाथ हिला कर इशारा करता है।)
टीना: पापा क्या हम करीना को भी घर पर छोड़ दें उसकी कार नहीं आयी है…
राजेश: क्यों नहीं…लेकिन पहले तुम्हें छोड़ूगाँ फिर लौट कर इसको छोड़ते हुए आफिस निकल जाऊँगा। करीना, तुम्हें जल्दी तो नहीं है…
करीना: नहीं अंकल…आप मुझे बाद में ड्राप कर देना…
टीना: आओ चलें, करीना तू पीछे बैठ जा…
(दोनों को बिठा कर राजेश अपनी कार को घर की ओर मोड़ लेता है।)
राजेश: थैन्क्स करीना…
करीना: किस बात के लिए…पर फिर भी…यू आर वेलकम
राजेश: (मुस्कुराते हुए) सुबह तुमने मुझे शर्मिन्दगी से बचा लिया…अगर तुम्हारी नजर मेरी जिप पर नहीं पड़ती तो दफ़्तर में मेरा बहुत मजाक उड़ता।
टीना: पापा…यह तो इसकी खासियत है…हमेशा इसकी नजरें नीचे की ओर ही रहती है… और जाने क्या-क्या देख लेती है।
करीना: (झेंपते हुए) रहने दे…अंकल यह मजाक कर रही है। मेरी नजर तो अचानक पड़ गयी थी।
राजेश: कोई बात नहीं, आज ज्यादा कुछ नहीं देखा होगा…
टीना: नहीं पापा…(करीना पीछे से टीना की कमर नोचती है)…उई…क्या कर रही है…
करीना: नहीं अंकल…यह तो ऐसे ही बक-बक कर रही है…टीना प्लीज और कोई शैतानी मत कर ओर चुपचाप बैठ जा…
राजेश: टीना…इसने और क्या देख लिया…
टीना: कुछ खास नहीं परन्तु जो भी देखा था उसे बहुत अच्छा लगा…
राजेश: अच्छा भई, ऐसा क्या देख लिया जो करीना को बहुत अच्छा लगा…मुझे भी तो बताओ…ऐसी क्या चीज है मेरे पास करीना जो तुम्हें बहुत अच्छी लगी है…
(करीना का मुख शर्म से लाल हो गया और टीना के होंठों पर एक कुटिल मुस्कान तैर गयी। इसी बीच राजेश नें अपने घर के अहाते में लेजा कर कार खड़ी कर दी और टीना की ओर रुख किया)
राजेश: बेटा मुझे जल्दी से आफिस पहुँचना है…तुम उतरो यहाँ पर्…मै करीना को चोद…सौरी छोड़ कर शाम तक वापिस आता हूँ…
(टीना बाय कहती हुई घर के दरवाजे की ओर जाती है और राजेश कार को बैक कर वापिस सड़क की ओर मुड़ता है।…)
सीन-20
(सड़क पर आने के बाद राजेश कार को स्लो कर के एक पेड़ के नीचे ले जा कर खड़ी कर देता है।)
करीना: आपने कार यहाँ क्यों रोक दी…
राजेश: डार्लिंग अब तो आगे आ जाओ…वर्ना लोग मुझे तुम्हारा ड्राईवर समझेंगे…
करीना: (मुस्कुराते हुए) प्रिय मैं आगे आ गयी तो तुम ड्राईव किये बिना मानोगे तो नहीं…खैर (कहते हुए आगे की सीट पर आ कर बैठ जाती है)…अब बताइए कि क्या अब ड्राईव करेंगें…
राजेश: (अपनी ओर खींचते हुए) अब तो बहुत सारी ड्राईविंग करनी है… (कहते हुए कार को आगे बढ़ाता है)
करीना: प्रिय…आज आपका वह सिर ऊठा कर बाहर की हवा खा रहा था…
राजेश: वह कौन…(जिप खोल कर अपने सुप्त अवस्था में हथियार को बाहर निकाल कर करीना की ओर देखते हुए)…यह…
करीना: डार्लिंग…अब आफिस जाने की जल्दी नहीं है…
राजेश: पहले थी परन्तु अब नहीं है…मैं आफिस से आधे दिन की छुट्टी लेकर आया था…
करीना: अच्छा जी, क्या बात हो गयी…अगर मैं अपने आप घर चली जाती तो आप क्या करते…
राजेश: तुम्हारे को तुम्हारे घर से लेकर कहीं बाहर घुमाने ले जाता…क्यों अगर मैं बुलाता तो नहीं आती क्या…
करीना: हाँ…(राजेश के हथियार को सहलाते हुए) प्रिय तुम्हें तो पता है कि अब मैं तुम्हारे प्यार में पूरी तरह से पागल हो चुकी हूँ…
राजेश: कहाँ चले…तुम्हें देर तो नहीं होगी…कब तक घर पहुँचना है…
करीना: जहाँ भी ले चलो…सात बजे शाम तक…क्योंकि मेरी कोचिंग क्लास है…
राजेश: (खुशी से) ग्रेट्…आज तुम्हें मैं एक ऐसी जगह ले चलता हूँ कि तुम्हें लगेगा कि स्वर्ग में आ गयी हो…। अब दर्द तो नहीं है…
करीना: अगर हो भी तो क्या तुम मानोगे…
राजेश: प्रिय ऐसा फिर कभी न कहना…मेरे लिए तुम बहुमूल्य हो और तुम्हारी हल्की सी खरोंच भी मेरे लिए बहुत तकलीफदेह है…
करीना: (राजेश के गले लिपटते हुए) सौरी…मुझे मालूम है। उस रात को अपने गेस्ट रूम में जिस तरीके से आपने मुझे ट्रीट किया मै तो उसी दिन से आपकी हो गयी थी। अब दर्द तो नहीं है परन्तु जरा डर लगता है…
राजेश: (करीना के गालों को चूमते हुए) देखो अब कभी भी तुम्हें दर्द नहीं होगा…पहली बार सभी को इस दर्द को सहना पड़ता है बस उसके बाद जीवन भर का मजा है…करीना डार्लिंग जब तक हम उस जगह पहुँचते तुम इस को प्यार तो कर लो…
(करीना झुक कर अर्धसुप्त लिंगदेव को मुख मे ले कर जगाने में लग जाती है। राजेश का एक हाथ सरक कर स्कर्ट के अन्दर चला जाता है। करीना अपने होंठों से कुकुरमुत्तेनुमा सिर का अनावरण करती है और पंखुड़ियों से कोमल होंठों का स्पर्श पा कर लिंगदेव भी धीरे से अपना रौद्र रूप धारण कर लेते है। इधर राजेश की उँगली भी संतरें की फांको को खोल कर सख्त हुए बीज पर जोर आजमइश शुरू कर देती है। दोनों जिस्मों में बस लपटें नहीं निकल रहीं है बाकी वासना की आग में पूरे झुलस रहे है।)
राजेश: करीना तुम्हारें होंठों में तो जादू है…जैसे ही तुम्हारे होंठों का स्पर्श होता है मेरा फौलादी लौ…अंग पिघलने लगता है…आह्…ऐस्…से ही…
(करीना ने अपना पुरा ध्यान सिर्फ एक ही कार्य पर केन्द्रित कर रखा है। अपनी लपलपाती जीभ से सिर से लेकर पुरे गरदन तक की मालिश कर रही है और होंठों से सिर के उठे हुए भाग को घिस रही है। लिंगदेव के पोर-पोर की मालिश और लगातार सिर पर वार से तीसरी आँख खुलने को बेताब हो रही है। करीना का सिर पकड़ कर राजेश एक झटके के साथ नीचे की ओर दबा देता है जिस से पुरा नौ इंची हथियार मुख से होता हुआ गले तक धँस जाता है और करीना के गले की माँसपेशियाँ का कँपकँपाता स्पर्श लिंगदेव के सिर को जकड़ कर सोखने से सुबह से दबा हुआ ज्वालामुखी फट पड़ता है और बहुत देर से उबलता हुआ लावा करीना के गले में झरझरा कर बहने लगता है। इस प्रकार के विस्फोट का एहसास राजेश को अपने जीवन में पहली बार हुआ है। काफी देर तक लगातार बहने के बाद राजेश अपना शिश्न करीना के मुख से निकालता है। करीना अलग हो कर राजेश कि ओर देखते हुए अपने होंठों पर जुबान फिराती है।)
करीना: (राजेश को आँखे मूंदे और निढाल पड़े हुए देख कर)…अंकल क्या हुआ?
राजेश: (धीरे से आँख खोलते हुए) करीना आज का दिन मुझे हमेशा याद रहेगा…पहले एकाकार में जो स्तिथि तुम्हारी थी आज वह मैनें महसूस की है…हाँ अब पूरे होश में हूँ…चलो चलते है
करीना: प्रिय…यह तुम्हारा प्यार है…
(राजेश अपनी सीट को ठीक करता है और कार स्टार्ट करके आगे बढ़ाता है। कुछ देर के बाद अपने फार्महाउस पर पहुँचकर बन्द गेट के सामने ले जा कर रोकता है और हार्न बजा कर गेट खुलवाता है। कार को अपनी कोटेज के सामने लेजा कर रोकता है और फिर करीना को नीचे उतरने का इशारा करते हुए जल्दी से जा कर दरवाजे पर पड़ा ताला खोलता है। पीछे-पीछे करीना भी आकर खड़ी हो जाती है। दोनों काटेज के अन्दर प्रवेश करते है)
करीना: अंक…डार्लिंग यह किसकी जगह है…बहुत सुन्दर नजारा है…
राजेश: (करीना को अपने आगोश में ले कर) प्रिय्…यह किस की जगह नहीं है…यह सिर्फ चुदाई की जगह है। किस तो (करीना के होंठों पर उँगली फिराते हुए) कहीं पर भी कर सकते है…
करीना: यह चु…ई, क्या कहा था आपने…
राजेश: काम-क्रीड़ा को चुदाई कहते है। जो कि आज हम शाम के सात बजे तक यहाँ पर करेंगें। डार्लिंग… सबसे पहले…भूख लग रही है, तुम्हारा क्या हाल है…
करीना: जो आपने पिलाया है उस से तो मेरी भूख बढ़ गयी है…परन्तु यहाँ पर खाने का क्या इंतजाम है…
राजेश: यहाँ पर सब कुछ का इंतजाम है…तुम बोलो तो सही…
(दीवार पर लगी हुई बेल बजाता है। कुछ देर में एक देहाती सी नवयौवना आती है। करीना को स्कूल यूनीफार्म में देख कर ठिठक कर दरवाजे पर रुक जाती है। करीना भी उसको देख कर झेंप जाती है। दोनों एक दूसरे को आँखों से नापती है। जहाँ करीना अभी जिस्मानी परिपक्वता की ओर बड़ रही थी वहाँ नवयौवना का जिस्म अपने पूरे यौवन पर था। बदन पर छोटी सी लो कट चोली और लहराता हुआ लहँगा, गले मे एक चाँदी की हँसुली और नाक मे गोल सी नथ पहने हुए अपने उभरे हुए सीने को झीने से दुप्पटे से ढकती हुई करीना की ओर टिकटिकी लगा कर देख रही थी।)
राजेश: सुन्दरी…क्या हुआ। यह करीना है। और करीना यह सुन्दरी है। यह हमारे केअरटेकर की लड़की है। अन्दर आजा…
सुन्दरी: (झिझकते हुए अन्दर आ कर) काहे…बाबू बहुत दिनों में आए…(जरा आँखे मटकाती और मुस्कुराती हुई)…अब स्कूल की तितलियों का स्वाद लग गया है…
राजेश: (आँखे तरेरते हुए)…हाँ तेरी जुबान कैची की तरह चलती है। जल्दी से खाने का इंतजाम कर, हमें भूख लग रही है। जब तक खाना आता है…कुछ अभी पीने का इंतजाम कर… करीना, क्या पीना चाहोगी- हार्ड या सोफ्ट्…
करीना: (आँखों मे शैतानी भर कर)…हार्ड तो पी कर आई हूँ, कुछ सोफ्ट हो जाए।
राजेश: (सुन्दरी को आँख मार कर) इनके लिए कोक आन द राक्स और मेरे लिए वोद्का…जल्दी से ले कर आ।
(सुन्दरी मुस्कुरा कर इठलाती हुई बाहर निकल जाती है। राजेश अपनी ओर करीना को खींचकर सीने से लगा लेता है और धीरे से उसके होंठों को चूमता है। करीना भी उसका बड़े उत्साह से साथ देती है। दोनों अपने कार्य में लीन हो कर बेड पर लेट जाते है।)
राजेश: करीना…इस जगह का कभी भी टीना या उसकी मम्मी से जिकर नहीं करना। यह मेरी प्राइवेट जगह है। आज के बाद…हम यहीं पर मिला करेंगें।
करीना: यह सुन्दरी कैसी बातें करती है…क्या आपने इसके साथ भी…
राजेश: मै तुमसे झूठ नहीं बोलूँगा। हाँ मैनें इसके साथ भी कभी-कभी कर लेता हूँ। इसके बाप ने इसे अपनी पत्नी बना कर रखा हुआ है।
करीना: ओ गाड…इसके फादर ने…क्यों
राजेश: सेक्स एक जरूरत है। इसकी माँ नहीं है…जब यह दस साल की थी तब से यह अपने बाप के साथ उसकी दुलहन कि तरह रहती है।
करीना: वेरी स्ट्रेंज्…फिर आपके साथ कैसे…इसके बाप नें मना नहीं किया।
राजेश: छोड़ो यह सब…इसके बारे में फिर कभी बताऊँगा, आज हमारे पास समय कम है। जब कभी तुम एक दो दिन के लिए यहाँ पर रुकोगी तो विस्तार से इसकी कहानी सुनाऊँगा। (करीना के ब्लाउज के हुक खोलते हुए) तुम अपनी यूनीफार्म बदल लो और एक साड़ी लपेट लो। अगली बार मै तुम्हारे साईज के कपड़े ला कर रख दूँगा…
(दरवाजे पर हल्के से खंखारने की आवाज होती है। करीना जल्दी से अपने कपड़े ठीक करते हुए बेड से उतरती है। सुन्दरी हाथ में ट्रे लिए खड़ी हुई मुस्कुरा रही है।)
राजेश: आजा…बेड पर ही लगा दे।
सुन्दरी: (आँखे मटकाती हुई) आप नाह्क ही…आप आराम से लेटी रहो…(कहते हुए राजेश के करीब आ जाती है)
राजेश: सुन्दरी…तेरे पास कोई साड़ी है क्या, करीना कुछ देर कपड़े बदल कर आराम करेगी…
सुन्दरी: मेरे पास तो सिर्फ लहंगा और चोली है। एक दुपट्टा भी है। मालकिन तो इस दुपट्टे से भी काम चला लेंगीं। (बड़ी बेशर्मी से सुन्दरी अपने दुप्पटे को अपने सीने से उतार कर करीना की ओर फेंक देती है। राजेश की नजर उसकी चोली मे बाहर झाँकते हुए नग्न वक्षस्थल पर पड़ती है तो वह एक गहरी साँस लेते हुए धीरे से अपने हथियार को पकड़ कर दबाते हुए सुन्दरी को घूरता है)… आप अपना गला तर करिए मै खाना ले कर आती हूँ।
(राजेश कोक की बोतल करीना के हाथ में थमाता है। अपना ग्लास उठा कर वोदका का सिप लेता है।)
राजेश: कैसा लग रहा है…
करीना: बिलकुल घर जैसा…कुछ अजीब सा टेस्ट है…
राजेश: इसमें मैनें थोड़ी वोदका मिलवा दी है…इस की वजह से तुम्हारी टेन्शन थोड़ी कम हो जाएगी…(राजेश के हाथ एक बार फिर से करीने के जिस्म की हर गोलाई को नापने मे लग जाते है)
करीना: (धीरे से कोक का सिप लेती हुई) आप मुझसे सच में प्यार करते है कि सिर्फ मेरे शरीर को भोगना चाहते हैं…।
राजेश: (करीना के होंठों को चूमते हुए) करीना डार्लिंग तुम्हारा भोग तो मै झुरमुटों के पीछे कर चुका हूँ। आज तुम्हारा यहाँ पर होना मेरे प्यार की निशानी है…
करीना: (थोड़ी सी वोदका के सुरूर में) तो फिर हम किस का इंतजार कर रहे है…(कहते हुए अपना अधखुले ब्लाउज को खोलती हुई)…अब मुझसे यह दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही है।
राजेश: तुम से क्या…(हाथ में खाने की ट्रे लिए तभी सुन्दरी का आगमन)…सारा सामान मेज पर लगा दे और फिर तेरी छुट्टी…जब जरूरत होगी बुला लेंगें…
(सुन्दरी जल्दी से सारा सामान मेज पर लगा देती है और कमरे के बाहर अपने कूल्हे मटकाती हुई निकल जाती है। राजेश अपनी बाँहों मे ब्रा और स्कर्ट पहने करीना को उठा कर मेज पर ले आता है। राजेश मेज पर बैठी करीना की स्कर्ट के पीछे के हुक खोल कर नीचे सरका देता है और फिर अपने कपड़े भी उतार फेंकता है। पूरी तरह नग्न अवस्था में बेड के पास जा कर ड्रिंक्स की ट्रे उठा कर ला कर मेज पर रख देता है। करीना सिर्फ ब्रा और पैन्टी में खड़ी हो कर चुपचाप देखती है। राजेश कुर्सी पर बैठ कर करीना को अपनी गोदी में बिठाता है और फिर दोनों पुष्ट गोलाईयों को सहलाता है।)
राजेश: प्रिय…अब खाना खा लेते हैं क्योंकि अब आगे लम्बी रेस दौड़नी है…
करीना: हाँ, बिलकुल…
(थोड़ा दबता हुआ गेहुँआ रंग, तीखे नयन-नक्श, सफेद ब्रा में अधढके 38’ साइज के उन्नत और सुडौल उरोज, भरपूर कटाव लेती हुई कमर और वी-शेप कि सफेद रंग की काटन पैन्टी, करीना के अंग-अंग से कमसिन जवानी बेकरारी से मचलती हुई प्रतीत हो रही है। पूरी तरह से नग्न गोरा और बालिष्ट जिस्म, घुंघराले बालों के बीच में मोटे से पाईप की तरह बाहर लटकता हुआ अर्धसुप्त अवस्था में गुप्तांग, सब कुछ मिला कर राजेश कामदेव का स्वरूप लग रहा है। दोनों नये युगल जोड़े की तरह प्यार से एक दूसरे के साथ चुहल करते हुए खाना खाते है। बीच-बीच में अपनी ड्रिंक्स से सिप लेते है। खाने के बाद राजेश अपनी बाँहों मे भर कर करीना को बेड पर ले आता है।)
राजेश: डार्लिंग, अपनी-अपनी ड्रिंक्स अब बाट्म्स अप कर लेते है…नहीं ठहरो…ऐसे नहीं…
(राजेश ब्रा के हुक खोल कर करीना के पुष्ट उरोजों का अनावरण करता है। बची हुई वोदका को धीरे से बाँये स्तन पर उँडेलता है और बड़ी शीघ्रता से स्तनाग्र को अपने मुख में भर कर बहती हुई वोदका को पीने की कोशिश करता है। परन्तु पीता कम है, लेकिन स्तनाग्र को अपने मुख से सोखता ज्यादा है। ऐसा ही वह दाँयें स्तन के साथ दोहराता है। थोड़ी देर तक क्रमवार करीना के स्तनों के साथ खेलता है। हर्षोन्मत हो कर करीना की सिस्कारियाँ भी कमरे में गूँजने लगती हैं।)
करीना: प्रि…य… उह्…उह्…आ…आह्…यह क्य्…या क…र न न…हीं रहे
(राजेश सरकते हुए पैन्टी के सिरे में उँगलियॉ अटकाते हुए नीचे की ओर खींचता हुआ बाहर निकाल फेंकता है। केले जैसी चिकनी टांगों पर अपने होंठों की मौहर लगाता हुआ जांघो को चूमता हुआ योनिद्वार पर अपनी जुबान से ठोकर मारता है। अपनी उंगलियों से संतरे की फांकों सी होंठों को धीरे से खोल कर अकड़े हुए गुलाबी बीज को बची हुई वोदका से नहलाता है फिर उसको अपनी जुबान से चाट-चाट कर लाल कर देता। मोती सा सीप इस वार से रोद्र रूप लेकर फूल कर कुप्पा हो जाता है। करीना भावातिरेक हो कर राजेश का सिर पकड़ कर अपनी योनिमुख पर कस दबाती है और अपने अन्दर उफनते हुए ज्वालामुखी रोकने की कोशिश करती है। लेकिन राजेश है कि पूरी उघड़ी हुई दरार पर अपने मुख से वार पर वार किये जा रहा है)
करीना: नहीं…न…हीं, उह्…उह्…आ…आह्…यह क्य्…या क…र न न…हीं…
(करीना आनंदातिरेक की सारी हदें पार करती हुई एक झटके के साथ ढेर हो जाती है और फिर कई सारे हल्के झटके लेते हुए योनिमुख से प्रेमरस की वर्षा कर देती है। राजेश भी गिद्ध की तरह सहस्त्र्धारा पर टूट पड़ता है और प्रेमरस की एक-एक बूँद को वोदका की तरह गटक जाता है। करीना अपनी तेज चलती हुई साँसों को काबू में करती है और राजेश के सिर को अपनी गोद में रख कर उसके होठों को चूमते हुए अपने प्रेमरस का स्वाद चखती है।)
राजेश: जानेमन…कैसा लगा। आज मैं बहुत नशे में हूँ…पहले वोदका और उस पर तुम्हारे प्रेमरस का काकटेल…
करीना: (भावावेश में) स्वर्गिम…खुले आसमान में उड़ रही हूँ…अब मेरी बारी है…(कहते हुए राजेश के तन्नायें हुए हथियार को प्यार से सहलाती है और कुकुरमुत्ते से सुपाड़े को अपने मुख में भरती है।)
राजेश: जानेमन…इसको अपने मुख से अच्छी तरह नहला दो…(कहते हुए अपना आधा लिंग करीना के गले में धँसा देता है।)
(करीना लिंगदेव की गरदन को पकड़ कर सोखना आरंभ करती है। बहुत देर से उफनता हुआ लावा इस वार से धधक उठता है। राजेश धीरे से करीना को अपने से अलग करता है और अपने को शान्त करने का प्रयत्न करता है।)
क्रमशः
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