RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--8
गतान्क से आगे..........
राजेश: (दोनों हाथों मे करीना का चेहरा ले कर) शर्माओं नहीं। आज मेरी बहुत सालों की तमन्ना पूरी होने जा रही है। कई बार जब तुम हमारे घर आती थीं तो मैं छिप कर तुम्हारी सुन्दरता को निहारता था। बेध्यानी में तुम्हारे अंग-अंग से इश्क करने लगा हूँ (कहते हुए होंठों पर उंगली फिराता है) तुम्हारे कोमल पंखुड़ियों से होंठों की गुलाबीपन को अपने होंठों से सोख लूँगा, (पल्कोँ को चूमते हुए) हिरनी सी चंचल आँखों से आँख मिलाता हूँ तो झील की गहराई में डूब जाता हूँ…
करीना: (हिचकिचाते हुए) अंकल, जो भी कल हुआ और आज हो रहा है, यह ठीक नहीं हो रहा है…
राजेश: क्यों…(करीना की पीठ पर प्यार से हाथ फिराते हुए) सच बताओ, आज सारे दिन में कल रात के हमारे एकाकार के बारे कुछ भी नहीं सोचा? मुझसे झूठ मत बोलना…आज इसीलिए तुम ने नीचे कुछ नहीं पहना। है न?
करीना: (राजेश के सीने पर सिर रख कर) हूँ…(सिर हिला कर हामी भरी)… अंकल, आज सारा दिन कल रात की बात को सोचते हुए निकला है। मुझे बहुत डर लग रहा है कि किसी को पता चल गया तो क्या होगा।
राजेश: अरे पगली, मेरी नन्हीं गुड़िया। मैं आज पुरे दिन तुम्हारे अंग-अंग के बारे मे सोच-सोच कर रोमांचित होता रहा (कुर्ते के उपर से ही एक स्तन को मुहँ मे भर कर और फूले हुए निप्पल को होंठों मे लेकर कुछ देर चूस कर)… तुम आज नाहक ही परेशान हुई। (राजेश हाथ फिराते हुए पीठ पर कुर्ते के हुकों को एक-एक कर के खोलते हुए)…तुम्हें पता है कि मै तुम्हें टीना जितना ही प्यार करता हूँ।
करीना: (सिसकारी भर कर) अंकल नहीं करो न्…
राजेश: (गिड़गिड़ाते हुए) मान जाओ न्…क्या कल तुम्हें कोई परेशानी हुई थी। आज मेरे प्यार करने से तुम्हे असीम सुख मिलेगा और हमारा प्यार और भी प्रगाड़ हो जाएगा।
करीना: अंकल, मैं आपसे सब से ज्यादा प्यार करती हूँ। पर डर लगता है कि …
राजेश: आज तुम्हारे जीवन की वह रात है कि इन पलों को तुम सारे जीवन अपने दिल में सँजोए रखोगी… मेरी बात मान जाओ (करीना को अपने आगोश में लेकर कभी कान पर चूमता, तो कभी होंठ पर, कभी निशाने पर स्तन होते और कभी खड़े हुए दो निप्पल्स होते)…
करीना: अं…कल न…हीं करो… न्… (बार-बार के राजेश के वारों से करीना के जिस्म के भीतर हलचल बढ़ा दी थी)
(दोनों जिस्म कामोत्तेजना के ज्वर से जल रहे है।)
राजेश: तुम्हें इस एक आँख वाले अजगर (मुठ्ठी में लिए तन्नाये हुए लिंगदेव को दिखाते हुए) का स्वाद लेना है और फिर तुम्हारे इस (योनिच्छेद को उंगलियों छेड़ते हुए) मुख को इस को पूरा निगलना है।
करीना: (अपने हाथ मे लिंगदेव को पकड़ कर बड़े अचरज से) अंकल यह तो बहुत बड़ा और मोटा है, यह कैसे मै निगल पाउँगी?
राजेश: बेटा, तुम अपने इस मुख की प्रतिभा से अनजान हो। यही क्यों, बल्कि तुम्हारे पास दो और मुख है जो इस को निगलने में पूरी तरह सक्षम हैं। (धीरे से कुकुरमुत्ते सा सिर उघाड़ते हुए लिंग की इशारा करते हुए) खैर अब इसको निगलने के लिए तैयार हो जाओ?
करीना: क्या यह ऐसे ही रहेगा… (अपनी मुठ्ठी में लेकर जैसे दिखाया था वैसे फ़ोरस्किन को उतारते हुए) अरे यह खाल तो अपने आप नीचे सरक जाती है…
राजेश: बेटा यह ऐसे ही सिर उठाये खड़ा रहेगा जब तक कि इसके अन्दर का लावा उफ़न के बाहर नहीं आ जाता। आज मुझे तुम्हारें (एक बार फिर योनिच्छेद को उंगलियों छेड़ते हुए) इस मुख का इस्तेमाल करना है। तो आओ, आज इस सुहानी रात में तुम्हारी निखरते हुए यौवन के मुख पर अपनी मौहर लगा दूँ।
(करीना को नीचे लिटा कर बालोंरहित कटिप्रदेश और योनिमुख को अपनी उंगलियों से टटोलने में लग जाता है। राजेश की उँगलियों सरका कर जुड़ी हुई संतरे की फाँकों को अलग करती है। राजेश की उंगली योनिच्छेद में जगह बनाती अकड़ी हुई घुन्डी पर जा टिकती है। करीना की योनि तो आग से पिघल कर बह रही है।)
करीना: .उई...माँ….अँ.क.…ल…उफ.उ.उ.ल..न्हई…आह.....
(राजेश अपनी उंगली से घुन्डी का घिसाव जारी रखता है। अपने होठों की गिरफ्त में करीना के होंठों को ले लेता है। एक हाथ से कभी उन्नत उरोजों पर उँगलियॉ फिराता और कभी दो उँगलियों मे निपल को फँसा कर तरेड़ता, कभी एक कलश को अपनी हथेली मे छुपा लेता और कभी दूसरी को जोर से मसक देता। करीना भी असीम आनंद में लिप्त होती जा रही हैं।)
राजेश: (करीना के निचले होंठ को चूसते और धीरे से काटते हुए) करीना…करीना…
(राजेश करीने के नग्न जिस्म को अपने शरीर से ढक देता है। राजेश अपने तन्नायें हुए लिंग मुठ्ठी में लेकर योनिमुख पर टिका देता है। जलती हुई सलाख एहसास होते ही करीना के मुख से एक सिसकारी निकल जाती है। राजेश प्यार से संतरे की फाँकों को खोल कर घुन्डी को दबाते हुए सरकते हुए योनिच्छेद के मुख पर लगा कर ठेलता है। संकरी और गीली जगह होने की वजह से फुला हुआ कुकुरमुत्तेनुमा सिर फिसल कर जगह बनाते हुए अन्दर घुस जाता है।)
करीना: …उ.उई.माँ..अँ.उ… उक.…ल…उफ.उ.उ.ल..न्हई…आह.....
(राजेश अपनी जुबान से करीना के होंठों को खोल कर उसके गले की गहराई नापने लगता है। लिंगदेव अपना सिर अटकाए शान्ति से इन्तजार करते है कि योनिच्छेद इस नये प्राणी की आदि हो जाए। धीरे-धीरे आगे पीछे होते हुए सिर का घिसाव अन्दर तक करीना को विचलित कर देता है। बेबस करीना इस नये वार से हतप्रभ है। इधर योनिच्छेद मे फँसे हुए लिंगदेव अपने सिर की जगह बन जाने के बाद और अन्दर जाने मे प्रयासरत हो जाते है। उधर उत्तेजना और मीठे से दर्द में तड़पती करीना के होंठों को राजेश अपने होंठों से सीलबंद कर देता है। बार-बार हल्की चोट मारते हुए राजेश जगह बनाते हुए एक भरपूर धक्का लगाता है। आग में तपता हुआ लिंग प्रेम रस से सरोबर हो कर सारे संकरेपन को खोलता हुआ और करीना के कौमर्य को भंग करता हुआ जड़ तक जा कर फँस जाता है। करीना की आँखें खुली की खुली रह गयी और मुख से दबी हुई चीख निकल गयी।)
करीना: उ.उई.माँ..अँ.उफ…मररउक.…गय…यईई…उफ..नई…आह..ह..ह.
राजेश: (पुरी तरह अपने लिंग को जड़ तक बिठा कर) शश…शशश्…करीना…करी…ना
करीना: अंक…ल निका…उ.उई.माँ..अँ.उफ…मररगय…यईई…निक्…उफ..लि…ए…आह..ह..ह.
राजेश: शश…श…बस अब सारा कष्ट खत्म, बस आगे आनंद ही आनंद…।
(करीना की योनि ने भी राजेश के लिंग को अपने शिकंजे मे बुरी तरह जकड़ रखा है। योनि की गहराई नापने की कोशिश मे करीना की योनि में कैद लिंगदेव भी अपने फूले हुए सिर को पूरी तरह निचुड़ा हुआ पा रहे है। क्षण भर रुक कर, राजेश ने करीना के नितंबो को दोनों हाथों को पकड़ कर एक लय के साथ आगे-पीछे हो कर वार शुरु करता है। एक तरफ लिंगदेव का फूला हुआ नंगा सिर करीना की सुरंग को खोल हुआ आगे बड़ता है और फिर वापिस आते हुआ कुकुरमुत्ते समान सिर छिली हुई जगह पर रगड़ मारते हुए बाहर की ओर आता। लिंगदेव गरदन तक बाहर आते ही एक बार फिर से अन्दर का रास्ता तय करने लग जाते है। करीना की योनि भी अब इस प्रकार के दखल की धीरे-धीरे आदि हो गयी थी।)
राजेश: (गति कम करते हुए) करीना अब दर्द तो नहीं हो रहा है…
करीना: हाँ …बहुत दर्द हो रहा है…
राजेश: (रोक कर)… ठीक है मै फिर निकाल देता हूँ… (और अपने को पीछे खींचता है)
करीना: (अपनी टाँगे राजेश की कमर के इर्द-गिर्द कस कर लपेटते हुए) …न…हीं, अभी नही…
राजेश: अगर मजा आ रहा है तो …
करीना: अंकल प्लीज्…
(राजेश भी एक शातिर खिलाड़ी है। उसे यकीन है कि एक बार तेरह वर्षीय करीना को कामसुख से परिचय हो गया तो वह हमेशा के लिए उसकी बन कर रहेगी। थोड़ी देर की रेलमपेल के बाद राजेश के जिस्म मे लावा खौलना आरंभ हो गया और धीरे-धीरे वह अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका था। ज्वालामुखी फटने से पहले एक जबरदस्त आखिरी वार ने उसके लिंग को कमसिन योनि की गहराईयों मे उतर कर गरदन तक जा कर अन्दर धँस गया। इस वार को करीना बरदाश्त नहीं कर पायी और मीठी सी पीड़ा और रगड़ की जलन आग मे घी का काम करते हुए धनुषाकार बनाती हुई झरझरा कर बहने लगी। उसकी आँखों के सामने तारे नाँचने लगे और एकाएक राजेश के लिंग को गरदन से जकड़ कर योनिच्छेद ने झट्के लेते हुए दुहना शुरु कर दिया। इसका एहसास होते ही सारे बाँध तोड़ते हुए लिंगदेव ने भी बिना रुके लावा उगलना शुरु कर दिया। करीना की योनि को प्रेमरस लबालब भरने के बाद भी राजेश अपने लिंग को फँसाये रखा और नई-नवेली संकरी योनि का लुत्फ लेता रहा। खुले आसमान के नीचे झुरमुटों के बीचोंबीच एक तेरह वर्षीय हसीना के साथ कामक्रीड़ा का एहसास एक स्वपनिल परिकल्पना मात्र लग रहा था।
राजेश: करीना, हमें घर से निकले हुए तीन घंटे हो गये है। रात का एक बज गया है। जल्दी से कपड़े पहन लेते है और फिर सोचते है कि अब क्या करना चाहिये?
(राजेश अपना कुर्ता और लुगीं पहनता है। करीना अपना कुर्ता तो पहन लेती है परन्तु सलवार पहनने में तकलीफ़ होती है। राजेश उसकी परेशानी को समझते हुए, सलवार पहनने में मदद करता है। करीना एक कदम बढ़ाती है तो उसके मुख से एक सिसकारी निकल जाती है।)
राजेश: करीना…क्या चलने में तकलीफ हो रही है?
करीना: (रुआँसी आवाज में) अंकल, हर कदम पर एक टीस उठती है…मुझसे चला नहीं जाएगा।
राजेश: मेरी प्यारी गुड़िया को मैं गोद मे लेकर छोड़ कर आऊँगा। पर अगर किसी ने देख लिया तो क्या कहूँगा… ऐसा करते है कि वापिस मेरे घर पर चलते है। सब सो रहें होगें, तुम्हारे लिए मै गेस्ट रूम खोल दूँगा तुम वहाँ सो जाना। कल सुबह तक तुम्हें आराम हो जाएगा फिर दफ्तर जाते हुए मै तुम्हें कार से घर छोड़ दूँगा।
करीना: (हिचकिचाते हुए) पर घर पर मम्मी से क्या कहूँगी…टीना से क्या कहूँगी?
राजेश: (मुस्कुराते हुए) तुम उसकी चिन्ता छोड़ दो। खाना खाने के बाद जब मै रसोई में सामान समेटने गया था तो मैनें तुम्हारी मम्मी से फोन पर कह दिया था कि देर होने पर रात को करीना हमारे घर पर रुक जाएगी और सुबह घर छोड़ देंगे…इसलिए आज रात को तुम्हारा कोई घर पर इन्तजार नहीं करेगा।
करीना: (गुस्से से राजेश के सीने पर मुक्के मारते हुए) अंकल्…आप बड़े वो हो…इसका मतलब है कि आप पहले से जानते थे कि…(शर्माती हुई)…जाईए मै आपसे कुट्टी…
राजेश: (हँसते हुए) मेरी गुड़िया…नाराज हो गयी…(इतना कह कर करीना को अपने सीने से लगा लिया और होंठ चूम लिये)… तुम कभी मेरे से नाराज न होना नहीं तो मै मर जाउँगा…
करीना: (झट से राजेश के होंठों पर उँगली रखती है)…अंकल कभी भी ऐसी बात मत कहना। मै आपसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूँ।
(राजेश इस अदा से भावुक हो कर करीना को गोदी में उठा कर अपने घर का रुख करता है। दोनों नये युगल जोड़े की तरह फुसफुसाते हुए राजेश के घर पर पहुँचते है। दरवाजे को बिना आहट के खोल कर घर में प्रवेश करते है। राजेश एक बार फिर से गोदी में उठाए करीना को गेस्ट रूम के बेड पर ला कर बिठा देता है।)
राजेश: बेटा, तुम आराम करो मै तुम्हारे लिये हल्दी वाला दूध गर्म करके ले आता हूँ।
करीना: नहीं अंकल रहने दिजीये, आप नाहक ही परेशान हो रहे है…
(राजेश अनसुना कर के रसोई में जा कर दूध को गर्म करता है और उसमे हल्दी मिला कर करीना के पास वापिस आ जाता है। करीना बिना कुछ बोले दुध पी लेती है और बड़ी प्यार भरी नजरों से राजेश को निहारती है।)
राजेश: (करीना के निकट आ कर प्यार से सिर पर हाथ फिराते हुए) करीना तुम अगर कुर्ता और सलवार उतार कर टीना का नाइट गाउन पहन लो तो आराम से सो सकोगी। मै अभी ले कर आता हूँ…(कह कर जाता है और उलटे पाँव प्रेस किया गाउन लेकर आता है)
राजेश: जो प्यार और मोहब्बत मुझे तुमसे मिला है उसके बदले मे जो भी मै कर रहा हूँ वह कुछ भी नहीं है…चलो कपड़े उतार कर गाउन पहन लो।
राजेश: मुझ से कैसी शर्म, मैनें तो तुम्हारा अंग-अंग देख रखा है। ऐसी कौन सी तुम्हारी चीज है जिसको मैनें देखा और छुआ नहीं है…
करीना: वह सब आपने तारों की छाँव में देखा था, यहाँ पर लाइट में मुझे शर्म आती है… कमरे का दरवाजा भी खुला है…
(जल्दी से जा कर दरवाजे की चिटखनी लगाता है और वापिस आकर करीना को अपनी बाँहों मे लेकर खड़ा करता है। फिर धीरे से उसका कुर्ता उतारता है। पुष्ट उरोजों को हाथ में लेकर सहलाता है, और खड़े हुए निप्पल को अपनी उंगलियों में फँसा कर तरेड़ता है। फिर कुछ सोच कर करीना को गाउन पहना देता है। इस बीच करीना अपनी सलवार को उतार देती है और बेड की ओर जाती है। राजेश की निगाह करीना के चेहरे पर पीड़ा की लकीरों पर पड़ती है। देख कर राजेश भावुक हो उठता है। एक बार फिर से गोदी में उठा कर बेड पर लिटा देता है। बालरहित कटिप्रदेश पर नजर पड़ते ही राजेश हतप्रभ रह जाता है। करीना का योनिमुख डबलरोटी की तरह सूज कर फूल गयी है। दोनों का मिक्ष्रित प्रेमरस योनिच्छेद पर सूख कर जम चुका है और थोड़ा जो बाहर रिस कर आया, वह दोनों जांघों पर धारी बनाता हुआ सूख चुका है। राजेश बाथरूम से गुनगुने पानी का एक मग ले कर आता है और साफ रुमाल को भिगो कर हल्के हाथ से योनिच्छेद और उसके आसपास की सिकाई करता है। थोड़ी देर सिकाई करने के बाद जांघों तक पौंछ कर साफ करता है। पूरे समय करीना सिर्फ टुकुर-टुकुर सारे कार्यकलाप को ताकती है पर कुछ नही बोलती।)
राजेश: अब तुम सो जाओ… (और बाहर जाने लगता है)
करीना: (राजेश का हाथ थाम कर)…अंकल थैकस…क्या थोड़ी देर मेरे पास लेट जाँएंगे तो मुझे जल्दी नींद आ जाएगी…
राजेश: क्यों नहीं… (कह कर करीना के पास लेट जाता है। करीना भी राजेश के सीने में मुँह से छिपा कर लिपट जाती है। राजेश धीरे से करीना के बालों में उँगलियों को फिराता है और प्यार पीठ को सहलाता है। करीना को बाँहो मे लिए, थकान से चूर राजेश की भी आँख लग जाती है…)
(सुबह छ: बजे राजेश कि घड़ी का अलार्म बजता है, राजेश गेस्ट रुम से बाहर आ कर सोफे पर सो जाता है। कुछ देर के बाद राजेश ड्राइंगरूम में दफ्तर जाने के लिए तैयार हो कर गेस्ट रूम की ओर रुख करता है। बेड पर अर्धनग्न हालत मे करीना गहरी नींद में सो रही है। करवटें बदलने से नाईट गाउन सिमट कर पेट पर इकठ्ठा हो गया है। उपर का हुक खुलने से एक स्तन बाहर झांक रहा है और करीना का जननांग लाली लिए रात की कहानी बयान कर रहा है। राजेश कुछ देर करीना की कमसिन जवानी को निहारता है फिर झुक कर तपाक से एक बोसा योनि पर जड़ देता है। करीना कसमसाती हुई नींद में करवट बदल कर सीधी लेट जाती है।)
राजेश: करीना…करीना…उठो दस बज गये हैं…
करीना: (आँखे झपकाती हुई बैठते हुए)…हुँ…अंकल्…
राजेश: बेटा मुझे दफ़्तर जाना है। अगर अभी और सोना चाहती हो तो सो जाओ बाद में तैयार हो कर अपने घर चले जाना…
करीना: (बाँहे बढ़ा कर राजेश के गले में डालते हुए)…आई लव यू…
राजेश: (करीना के होंठों पर अपने होंठों की मौहर लगा कर)… बेटा…आई लव यू टू… अब कैसा हाल है…
करीना: अंकल सारा बदन टूट रहा है…एक बार मुझे कस कर रात की तरह बाहों में लेकर भींच दें तो शायद मेरी पीड़ा कम हो जाएगी…
राजेश: (झुक कर करीना को उठाता है और अपने आगोश में लेकर कस कर जकड़ लेता कि हड्डियों के चटकने की आवाज सुनाई देती है) अब बताओ नीचे का क्या हाल है…
करीना: (शर्मा कर आँखे झुका लेती है)…ठीक है…
राजेश: एक बार चल कर देख लो…
(करीना बेड से उतर कर बाथरूम में जाती है और कुछ देर बाद मुँह-हाथ धो कर अपने सलवार कुर्ते मे बाहर आती है। राजेश उसके चेहरे पर एक नई नवेली दुलहन की सुहाग रात के बाद की आभा देख कर खुशी से फूला नहीं समाता है।)
करीना: अंकल…क्या देख रहे हैं।
राजेश: काश्…मुझे तुम… कुछ नहीं। चलें…
करीना: हाँ चलिए… (कह कर बाहर की ओर दोनों रुख करते हैं।
(राजेश और करीना कार में बैठ कर सड़क पर आ जाते है और करीना के घर की ओर मुड़ जाते है।)
करीना: अंकल क्या अभी तक आंटी या टीना में से कोई भी नहीं जागा, कोई दिखाई नहीं दिया…
राजेश: हाँ, अभी तक सब सो रहे है…करीना एक बात कहूँ तो मानोगी…
करीना: हाँ, क्यों नहीं मानूँगी…कल के बाद मैं आपकी हर बात मानूँगी कह कर तो देखिये।
राजेश: मै चाहता हूँ कि जब हम अकेले हों तो तुम मुझे अंकल न कह कर प्रिय या डार्लिंग कहा करो।
करीना: अच्छा प्रिय…लेकिन फिर आप भी मुझे प्रियतमा या डार्लिंग कहेंगें (दोनों खिलखिला कर हँस पड़ते है)…प्रामिस
राजेश: गाड प्रामिस्…अच्छा अब कब मिलोगी? मेरे ख्याल से तुम्हें दो दिन का आराम कर लेना चाहिए क्योंकि डार्लिंग तुम्हारे को सामने पा कर मै अपने आप को रोक नहीं सकूँगा…
करीना: डार्लिंग (गालों पर चुम्मा जड़ते हुए) आपको मेरा कितना ख्याल है। मुझे आपकी याद आयेगी तो इन दो दिन हम फोन पर तो बात कर सकते है न्…
(बातें करते हुए राजेश ने करीना के घर के सामने कार रोक कर और करीना को उतार कर अपने दफ़्तर की ओर बढ़ गया। कल की हसीन रात की कल्पना करते हुए और कमसिन करीना के बारे मे सोच-सोच कर मुस्कुराते हुए राजेश ने अपना रास्ता तय किया। द्फ़्तर पहुँच कर अपने काम मे लग गया।)
सीन-16
(शाम हो रही है। राजेश की कार आ कर रुकती है। मुमु हाथ मे एक बैग लिये बाहर खड़ी हुई है।)
राजेश: बाहर कैसे खड़ी हो, कहीं बाहर जा रही हो?
मुमु: तुम ने आज देर कर दी। मै आज लेट हो जाउँगी।
राजेश: क्यों…
मुमु: मेरी आज डौली से फोन पर बात हुई थी और उसने बताया कि एलन ने मेरा ट्रेनिंग का प्रोग्राम इस तरह बनाया है कि पहले हफ्ते रोज, दूसरे हफ़्ते चार बार, और तीसरे हफ्ते से तीन बार। चौथे हफ्ते रिव्यु करने के बाद बताएगा कि फिर रेग्यूलर कितने दिन मुझे जाना होगा।
राजेश: तो तुम ने फोन कर दिया होता तो मै जल्दी आ जाता…
मुमु: किया था पर तुम मीटिंग मे थे तो मैने द्रिष्टि को बता दिया था कि मीटिंग के बाद मुझसे तुम बात कर कर लेना, उसने बताया नहीं क्या…
राजेश: हाँ कुछ कहा तो था पर उसकी बात मेरे दिमाग से उतर गयी…अब क्या करोगी…
मुमु: मैं जा रही हूँ…
राजेश: अभी साढ़े-पाँच बजे है। देखो सँभल कर जाना।
(मुमु अनसुना किए कार ले कर चली जाती है। राजेश दरवाजे पर खड़ी टीना की ओर बढ़ता है………।)
टीना: पापा, क्या आज की कास्ट्यूम ले कर आयें?
राजेश: (अपनी जुबान होंठों पर फेरता हुआ) इस तरह से काम नहीं चलेगा, मुझे मेरा टैक्स चाहिए। पर कोई बात नहीं मै एक साथ ले लूँगा। मै दोनों का कास्ट्यूम ले कर आया हूँ।
टीना: (खुशी मे उछ्ल कर राजेश से लिपट जाती है) थैंक यू पापा।
राजेश: तुम जल्दी से चेंज कर लो, मै भी चेंज कर लेता हूँ।
(दोनों अपने-अपने कमरे मे जातें है। थोड़ी देर बाद टीना कास्ट्यूम पहन कर नीचे उतर के आती है और राजेश के बेडरूम की ओर बढ़ती है।)
टीना: पापा…पापा… (धीरे से दरवाजे को ढकेल कर अन्दर आते हुए)…मेरे ख्याल से यह कैसा कास्ट्युम है…
(सामने राजेश उपर से नग्न और सफेद रंग की बड़ी महीन स्पान्डेक्स की वी-शेप का स्पेशल टाइप का कच्छा पहने हुए जिसमे से उसका लिंग सिर उठा कर एक पाइप कि भाँति बाहर की ओर निकला हुआ है। आठ इंच लम्बे और तीन इंच मोटे पाइप पर बड़ी महीन स्पान्डेक्स कि परत जो कि एक कान्ड्म पहने लिंग के भाँति दिख रहा है। यह सब देख कर टीना असमंजस में एक चादर ओढ़े अवाक् खड़ी रह जाती है। लेकिन राजेश को दिखाने के लिए गुस्से से अपनी ओढ़ी हुई चादर को हटा देती है। तंग लो-कट सफ़ेद ब्रा जो बामुश्किल स्तनों को ढक पाती हुई, कमर से कुल्हों तक नग्न और फिर निचले अंग से चिपटा हुआ सफ़ेद वी-शेप की पैन्टी, बहुत महीन सफ़ेद रंग की नाईलोन की बिकिनी पहने खड़ी देख कर राजेश का मुख खुला ही रह जाता है।)
राजेश: (बात को संभालते हुए) क्या खराबी है इस कास्ट्यूम मे…
टीना: पापा…पापा…क्या यह मै पहन कर आपके साथ एक्सरसाइज करूगीं…?
राजेश: क्यों नहीं कर सकती…मै भी तो इतने अजीब से कास्ट्यूम में तुम्हारे साथ एक्सरसाइज करूँगा…
टीना: (झेंपती हुई) आप भी न्…
राजेश: (बात बदलते हुए) बेटा…मेरे पास आओ और मेरा टैक्स दे दो…फिर हम आगे की बात करेंगे।
(टीना शर्माते हुए राजेश के नजदीक आती है। राजेश प्यार से टीना को अपनी ओर खींच कर आगोश में ले लेता है। बेचारी टीना हवा में झूल जाती है। टीना के काँपते हुए अधरों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर अपना टैक्स वसूलता है। कभी कोमल होठों को चूमता है और कभी उनकी लाली को सोखने की कोशिश करता है। कभी अपनी छाती को टीना की छातीयों पर रगड़ता है और कभी अपने उठे हुए हथियार को टीना की झूलती हुई टांगों के बीच मे फँसा कर आगे पीछे होता है। बार बार अर्धनग्न सुडौल स्तनों पर रगड़न और नीचे महीन पर्दे से ढकी अनछुई योनि पर कठोर हथियार का घिसाव माहौल को उत्तेजक बना देता है। राजेश की गहरी साँसे और टीना की सिसकारियाँ वातारण को और भी कामुक बना देती है। अपने आप को संभालते हुए राजेश धीरे से टीना को अपने से अलग करता है और जमीन पर खड़ा कर देता है।)
क्रमशः
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