RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--7
गतान्क से आगे..........
राजेश: बेटा अब दुबारा से शुरु करते है। लेकिन अबकी बार टाक्सिन भी बनाने होंगे।
टीना: (ठुनकते हुए) पापा, मेरे शरीर मे तो टाक्सिन बन रहे थे परन्तु आपने बीच में रोक दिया था।
राजेश: सारी बेटा…तुम मुझे बता देती तो मै थोड़ी देर के बाद रेस्ट के लिए कहता। (कुटिल मुस्कुराहट) कम से कम बना हुआ सारा टाक्सिन बाहर निकल जाता तो अच्छा रहता।
टीना: पापा, अबकी बार…
राजेश: पूरा रास्ता तय करके ही थमेंगें… चलो चले
(राजेश के खड़े होने से उसका शिश्न ने अपने कुकुरमुत्ते नुमा सिर को शार्ट्स की इलास्टिक में से बाहर निकल दिया। मासूम टीना की नजर उस पर नजर पड़ी तो हतप्रभ खड़ी देखती रह गयी। जानते हुए भी राजेश ने टीना की बाँह थामी ओर आईने की ओर बढ़ते हुए कमर में हाथ डाल अपने से सटा लिया। टीना शर्माती हुई नीचे नजरें किये आईने की ओर बढ़ गयी।)
राजेश: बेटा, अबकी बार तुम्हें समझाने की जरूरत तो नहीं है। हमें वही करना है जो कि हमने पहले किया है। अबकी बार तुम जितना झुक सको, खुद झुको।
टीना: (नजरें चुरा कर एक बार फिर से कुकुरमुत्ते की आकार को निहारते हुए) ठीक है… (इतना कह कर टीना खुद ही झुक गयी)…
(अब की बार राजेश अपने आगे खड़ी टीना की कमर मे एक हाथ डालते हुए सीधे योनिमुख पर अपनी हथेली जमा देता है। दूसरे हाथ से अपनी शार्टस को नीचे कर के जकड़े हुए लिंग को आजाद कर देता है। बहुत देर से बंधे हुए लिंगदेव टीना के गोल और सुडौल नितंबों को देख कर फनफना के अजगर कि तरह लहरा कर झटके खाते हुए अपनी फिर से कठोरता धारण कर लेते हैं। राजेश अपने तन्नाते हुए लिंग को मुठ्ठी मे ले कर दोनों नितंबों के बीचोंबीच बनी दरार में अटका कर धीरे से आगे की ओर धक्का देता है, टीना भी अपने पैरों पर जोर दे कर पीछे की ओर धक्का देती है। इस नग्न घर्षण से राजेश का शिश्न-कलश फूल कर और भी कुप्पा हो गया है। महीन और चिकनी स्पान्डेक्स पर रगड़ खाते हुए लिंगदेव दोनों पाटों के बीच जगह बनाते हुए नीचे सरक कर अपनी पूरी लंबाई के साथ अटक जाते है।)
टीना: (इस अप्रत्याशित वार से अचकचा कर) पापा… यह क्या हुआ।
राजेश: बेटा कुछ नहीं हुआ। बस मैने तुम्हें ठीक से पकड़ने के लिये जगह बनाई है…
(इतना कह कर राजेश अब नये जोश से आगे-पीछे हो कर लिंग को नितंबो के बीच फँसा कर घिसने में लग गया। आगे से राजेश की उंगलियों ने अपना काम आरंभ कर दिया और योनिमुख को छेड़ने में लग गयी। सारा वजन राजेश के हाथ पर डाल कर टीना भी वासना की आग में जलने लगी और हर झटके का जवाब अपने झटके से देने लगी। एक ओर अनछुए कमसिन नितंबों के घर्षण का एहसास और दूसरी ओर बार-बार नई-नवेली सीलबन्द योनिद्वार के साथ की गयी छेड़खानी, राजेश के इतनी देर से उफनते हुए लावा को बाहर निकलने के लिये मजबूर कर दिया, और झटके लेते हुए सारा लावा बाहर उगल दिया। ऐसा ही कुछ हाल टीना का भी हुआ। एक तरफ भीषण कठोरता धारण किये कुकुरमुत्ता सा सिर पीछे से योनिद्वार पर अपनी पूरी लंबाई का एहसास कराता हुआ टकराता और दूसरी ओर से उँगलियों की बार-बार छेड़खानी ने टीना के अन्दर भी हलचल मचा दी। अपने जनानंग मे उठता हुआ तूफान टीना को चरम सीमा के पार ले गया और झटके के साथ सारा उफनता हुआ लावा उबल कर बाहर बहने लगा। दोनों अपना सन्तुलन न रख पाते हुए कारपेट पर गिर पड़ते हैं। राजेश ने अपने नीचे टीना को दबा कर अपनी साँसों को सन्तुलित करने में लग गया। उफ़नती हुई भावनाओं के शान्त होते ही टीना ने महसूस किया की नितंबों के बीच फँसी चीज पिचकारी के समान धीरे-धीरे झटके लेते हुए कुछ तरल पदार्थ निकाल रही है और उसकी कठोरता भी कम होती हुई लगने लगी।)
टीना: (कुनमुनाते हुए) पापा… पापा…
राजेश: (झपट कर अपने लिंग को शार्टस के अन्दर डाल कर) हाँ…बोलो…
टीना: पापा, आप बहुत भारी हो, मुझसे साँस नहीं ली जा रही। आप हटो…
राजेश: (अपने आप को पेट के बल लेटी टीना पर से हटा) क्यों भई… (टीना के कान को चूमते हुए) इतनी देर से जब तुम्हारा वजन मै उठा रहा था तो कुछ नहीं, पर तुम जरा सी देर भी मेरा वजन नहीं उठा सकीं। कैसी पार्टनर हो तुम?
टीना: (धक्का दे कर उठने की कोशिश करते हुए) पापा…(कुछ न सूझा तो)…आप बड़े भी तो हो…पापा मेरा सारा टाक्सिन बाहर निकल गया…हटो न…
राजेश: (अपना हाथ नीचे फिराते हुए) हाँ, बेटा तुम ठीक कह रही हो। (राजेश पेट के बल लेटी टीना को उलट कर सीधा कर देता है) ऐसा लगता है कि किसी ने नल खोल दिया है। (सफ़ेद महीन स्पान्डेक्स गीला होने के कारण पारदर्शी हो गया था, जिसमें दो जुड़े हुए होंठ के बीचोंबीच पतली सी दरार साफ विदित हो रही है। राजेश अपनी उंगली दरार के उपर फिराता है।) पूरा गीला पड़ा हुआ है।
टीना: (चिहुँक कर) पापा… क्या कर रहे हो…(एक बार फिर उठने की कोशिश करती है, फिर से राजेश उसे उठने नहीं देता)…पापा
राजेश: (वैसी ही आवाज में) टीना…(गीली उँगली को अपने होंठों पर फिराता हुआ और टीना को दिखाते हुए जुबान के अग्र भाग से चाटता हुआ)…वाह क्या जायका है तुम्हारे टाक्सिन का…
टीना: (सब कुछ भूल कर अचरज भरी निगाहों से देखती हुई) यय्…क्स्… यह क्या किया आपने…बहुत गन्दे हो आप्…
राजेश: (मुस्कुराते हुए) न बेटा…ऐसा नहीं बोलते। यह तो हमारे-तुम्हारे प्यार की देन है। एलन अंकल ने मुझे इसके बारे मे बताया था। (एक बार फिर से उंगली को प्यार की झील में डुबो कर निकालता है और अपने मुख में रख कर चूसता है)…इसके बारे मैं पूरी जानकारी ले कर अगली एक्सरसाइज के टाइम पर बताऊँगा।
टीना: यय्…क्स्… बहुत गन्दे हो आप्…
राजेश: (टीना को सहारा दे कर उठाते हुए) बेटा तुम कपड़े बदल कर तैयार हो जाओ। तुम्हारी मम्मी के लौटने का समय हो गया है। इन कपड़ों को छुपा कर मुझे दे देना, इनहें मै बाहर धुलवा दूँगा। कल का तुम्हारा कास्ट्यूम अलग होगा, मै लौटते हुए लेता आउँगा।
(टीना खड़ी हो कर नीचे नजर डालती है। अपनी शार्टस की पारदर्शिता और अन्दर से झांकती हुई योनि को देख कर शर्मा जाती है। सफेदी लिए पानी सा द्र्व्य धीरे-धीरे शार्टस से रिसते हुए जाँघो के अन्दरूनी हिस्से पर से फिसलता हुआ नीचे की बढ़ता हुआ देख कर झट से अपने हाथ से पौंछती हुई बाथरूम की ओर भागती है।)
राजेश: टीना मै नीचे जा रहा हूँ। तुम जल्दी से आ जाओ।
(आज की कामयाबी पर राजेश मुस्कुराता हुआ टीना के कमरे बाहर निकल जाता है।)
टीना: (बाथरूम से चीखते हुए) अच्छा पापा।
(टीना अपनी चोली और शार्टस उतार कर आईने की ओर रुख करती है। सामने से अपने नग्न जिस्म को निहारती है। सीने की सुडौल गोलाईयाँ सारे गुरुत्वाकर्षण के नियमों को फेल करते हुए सिर उठाए उपर की दिशा में ताक रहें हैं और उनकी चोटी पर बैठे गुलाबी निप्पल तो फूल के खड़े हो गये है। गोरी कमर पर दो जगह टाइट कास्ट्यूम की लाल लकीरें बनी हुई है। टीना उन हिस्सों को रगड़ कर खून का बहाव ठीक करती है। गीले हुए योनिमुख पर उँगलियों को फेरती है और गीली उंगली को सूँघ कर और फिर चाट कर देखती है। कुछ न पता चलने से उत्सुकतावश एक बार फिर से अपनी दो उंगलियों में बचा-कुचा सफेद सा पनीला द्र्व्य इकट्ठा कर के उठा कर चाटती है। कुछ पता न चलने पर शावर के नीचे खड़े हो कर अपने अंग-अंग को धोती है, अपनी योनि के होंठों को हटा कर मुँह उठाती हुई कली को घिसती है और हैन्ड-शावर की धार से साफ करती है। सिर उठाते निप्पलों को रगड़-रगड़ कर बिठाने की नाकामयाब कोशिश करती है। थोड़ी देर पानी के सुख ले कर गाउन पहन कर बाथरूम से बाहर निकल आती है। सामने राजेश को बेड पर लेटा देख कर ठिठक जाती है।)
टीना: पापा आप्…गये नहीं…?
राजेश: बेटा एक जरूरी चीज रह गयी थी।
टीना: (थोड़ा चौंकते हुए)…क्या…
राजेश: मेरा चुम्मा, तुमने अपना दूसरा रुटीन पूरा कर लिया था।
टीना: (खिलखिलाती हुई) पापा…आप भी न्…वह तो मै बाद मे भी दे सकती थी।
राजेश: न बेटा, कल करे सो आज कर्…।
(टीना धम्म से बेड पर राजेश से लिपट कर उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लेती है। राजेश भी टीना को अपने आगोश में भर कर कोमल पंखुड़ियों से होंठों का लुत्फ लेता है। थोड़ी देर चूमने और चूसने का दौर चलता है।)
राजेश: तुम्हारी मम्मी आने वाली होंगी। मेरी बेटी मुझसे बहुत प्यार करती है। बेटा अब मै नीचे जाता हूँ।
(दोनों बिस्तर से उठते है। राजेश बाहर निकल जाता है। टीना कपड़े पहनने में लग जाती है। दरवाजे की घंटी बजती है। राजेश जाकर दरवाजा खोलता है। सामने मुमु और करीना खड़ी हुई है।)
(दरवाजे पर मुमु और करीना खड़ी हुई है। रात के आठ बज रहे है।)
राजेश: अ…रर…रे। मुमु, इतनी देर कैसे लग गयी। बहुत थकी हुई लग रही हो क्या बात है।
मुमु: (अन्दर आते हुए) भई ट्रेनिंग कर के आ रही हूँ, थकान तो होगी ही। (अपने बेडरूम की ओर रुख करती है।)
राजेश: और तुम करीना तुम, बहुत देर से आयी हो।
करीनाशर्माते हुए) अंकल, कोचिंग क्लास गयी थी। (हल्की सी नजर उठा कर) जरा टीना से जरूरी काम था। क्या टीना घर पर है?
राजेश: (मुस्कुराते हुए) हाँ, तुम तो टीना से मिलने ही आओगी…हम तो तुम्हारे दुश्मन जो हैं।
करीना: नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं। (नजरें झुकाए, पैरों से कारपेट को कुरेदते हुए) मै तो… आ…प से भी मिलने आई हूँ।
राजेश: (ठोड़ी को उठाते हुए) मै तो यहाँ हूँ। तुम नीचे देख कर किससे बात कर रही हो? (तपाक से करीना के होंठों पर अपने होंठों की मौहर लगा कर अलग खड़ा हो गया। करीना इस हरकत से डर के मारे सिहर उठी और जड़वत सी खड़ी रह गयी।) तुम्हें अपना कल किया वादा याद है न?
करीना: (झेंपती हुई) कौन सा?
राजेश: अच्छा जी, एक दिन मे यह हाल है तो जाने आगे क्या होगा। (दिखावटी गुस्से से) कोई बात नहीं, जब किया हुआ वादा याद आ जाए तो मुझसे बात करना। टीना उपर है…
(सामने से आती हुई मुमु को देख कर, करीना बिना कुछ बोलें तेजी से आगे बढ़ गयी और सीड़ीयों से टीना के कमरे की ओर रुख कर लिया)
मुमु: क्या आपके पास नींद की गोली है? थक गयी हूँ, सोना चाहती हूँ …
राजेश: अरे खाना तो खा लो, तुम एक्सरसाइज कर रही हो या डाईटिंग?
मुमु: एक्सरसाइज करने के बाद, मुझे इतनी तेज भूख लग रही थी कि मुझसे रुका नहीं गया। रास्ते में डोमिनोंस पड़ा, गाड़ी रोक कर तीन पिज्जा पैक करा लिये थे।
राजेश: क्यों भई, तुम एक्सरसाइज करो और फिर फास्ट फूड खाओ और खिलाओ।
मुमु: प्लीज, मै बहुत थक गयी हूँ और मुझे पता है कि आज मुझसे खाना नहीं बनेगा। मैनें तो कार ड्राईव करते अपने हिस्से का पिज्जा तो खा लिया। आप लोग आज पिज्जा से काम चला लो, कल तक मै कोई इस का हल निकाल लूँगी।
राजेश: नहीं तुम खाने की चिन्ता मत करो, नींद की गोली मेरे ब्रीफ़केस में से निकाल लो। मै और टीना आज पिज्जा से काम चला लेंगे।
मुमु: आप जा कर कार में से पिज्जा निकाल लाओ और ओवन मै रख दो ताकि गर्म रहे।
(इतना कह कर मुमु बेडरूम में चली गयी। राजेश कार की चाबी लेकर पिज्जा निकाल ने चला गया। पिज्जा ले कर लौटा तो देखा कि दोनों सहेलियाँ, टीना और करीना, बातें करती नीचे उतर कर बाहर जाने के लिये आ गयी है।)
राजेश: टीना… कहाँ चल दी तुम्हारी सवारी?
टीना: (पिज्जा के पैकिट देख कर खुशी से उछलते हुए) ग्रेट्…आज किस खुशी मे पिज्जा पार्टी दी जा रही है?
राजेश: तुम्हारी कामयाबी पर। करीना, आज तुम भी हमारी पिज्जा पार्टी को जौइन करो।
करीना: (हिचकिचाते हुए) नहीं अंकल, बहुत देर हो जाएगी। घर पर मम्मी फिकर करेंगी।
टीना: नहीं यार, मैं आंटी को फोन कर देती हूँ। तू हमारे साथ पार्टी एन्जोय कर।
(टीना फोन उठा कर करीना की मम्मी से बात करती है)
टीना: आंटी ने हाँ कर दी है। अब और तेरी न नुकर नहीं चलेगी। खाने के बाद हम तुझे घर छोड़ देंगे।
करीना: (राजेश की ओर देखते हुए) अंकल आप को नाहक ही परेशानी होगी।
राजेश: (मुँह बनाते हुए) अगर मुझे परेशानी होगी तो तुम्हें टीना घर छोड़ देगी। क्यों टीना?
टीना: हाँ, मै छोड़ दूँगीं। चलो अब झटपट पिज्जा गर्म करने के लिए रख देते है, बहुत भूख लग रही है।
(टीना की बेसब्री को देख कर सब खिलखिला के हँस पड़ते है। राजेश पिज्जा ओवन मे रखने चला जाता है। जब तक पिज्जा गर्म होता है, राजेश फोन पर कहीं बात करता है। टीना और करीना डाईनिंग टेबल पर सामान सजाती है। कुछ देर के बाद राजेश गर्म-गर्म पिज्जा टेबल पर लगा देता है। टीना बिना रुके करीना से बातें करती जाती है और राजेश चुपचाप पिज्जा खाता है। करीना भी बीच-बीच में जवाब देती है। पिज्जा खाने के बाद, टीना और करीना ड्राइंगरूम में आ कर सोफे पर जम जाती है। राजेश भी टेबल साफ कर के दूसरे सोफे पर आ कर बैठ जाता है।)
राजेश: टीना, पेट भरा कि नहीं। तुम्हारे लिए कुछ और बना दूँ।
टीना: मेरा तो पेट फट जाएगा। करीना ने तो सिर्फ दो स्लाइस ही लिये। बाकी सारा तो मैनें खाया है। शायद यह भूकी रह गयी।
राजेश: क्यों करीना क्या अच्छा नहीं लगा। घर जा कर मम्मी से खाना माँगा तो हमारी बड़ी बदनामी होगी कि हमने उनकी बिटिया को भर-पेट खाना नहीं खिलाया।
करीना: नहीं अंकल, ऐसी बात नहीं है। टीना झूठ बोल रही है मैनें तो बहुत खा लिया है अब हिलने की भी हिम्मत नहीं हो रही।
टीना: चल झूठी…
राजेश: बहुत रात हो गयी है। चलो तुम्हें घर छोड़ देता हूँ।
करीना: आप नाहक ही परेशान होगें, मै टीना के साथ चली जाउँगी।
राजेश: टीना, बेचारी करीना मेरे बारे मे कितना सोचती है। जाओ तुम इसको घर छोड़ आओ।
टीना: पापा, प्लीज आप छोड़ आइये। मैनें बहुत खा लिया है, जरा भी चलने की हिम्मत नहीं है।
राजेश: पर तुम्हारी सहेली तो मेरी परेशानी कि वजह से मेरे साथ जाने से मना कर रही है। मै कैसे छोड़ दूँ।
करीना: (झिझकते हुए) मैं अपने आप चली जाउँगी।
राजेश: (गुस्से से) ठीक है, तुम अकेली चली जाओ। (इतना कह कर दरवाजे की ओर बढ़ जाता है। टीना और करीना भौंचक्की सी देखती रह जाती है)
करीना: (डरते हुए) न्…न्हीं अंकल। मेरा यह मतलब नहीं था… प्लीज सौरी अंकल।
राजेश: (हँसता हुआ दरवाजा खोलता है) क्या तुम्हें लगता है कि मै तुम्हें इस रात में अकेले जाने दूँगा।
टीना: पापा, आप भी न्…हमें डरा दिया…
राजेश: जिनसे प्यार करते हो, क्या उस पर कोई गुस्सा कर सकता है। मै तो मजाक कर रहा था। बार-बार करीना कह रही थी कि वह चली जाएगी तो मैने सोचा कि इसे एक सबक दे दूँ। बस इस लिए…
टीना: मेरे अच्छे पापा…
राजेश: टीना, तुम सोने जाओ। मै करीना को घर छोड़ कर आता हूँ। आओ चले करीना…
(इतना कह कर राजेश दरवाजे के बाहर जाता है। टीना अपने कमरे की ओर रुख करती है। सिर झुकाए करीना बाहर आकर दरवाजे को बन्द कर के राजेश से कुछ दूरी बना कर पीछे-पीछे चल देती है। काफी रात हो गयी है, घुप अंधेरा है, कुछ दूरी पर बने हुए घरों की रौशनी छ्न कर बाहर थोड़ा सा उजाला कर रही है। दोनों आगे-पीछे चुपचाप बढ़ते चले जाते है। दोनों विचारमग्न है कि कौन चुप्पी तोड़ता है।)
राजेश: करीना…तुम मेरे साथ नहीं चलना चाहती तो मेरे आगे-आगे चलो…(रुक जाता है)
करीना: आप ही नाराज हो कर आगे-आगे चल रहे है। (दोनों अब साथ-साथ चलने लगते है)
राजेश: (करीना की कमर में हाथ डाल कर नजदीक खींचते हुए) तुम ही आज दूर भाग रही हो।
करीना: (सट के चलती हुई) नहीं तो…
राजेश: छोड़ो सारे गिला-शिकवे (कमर पर से हाथ सरका कर सीने की ओर बड़ाते हुए) अपना कल का वादा याद आया कि नहीं? (बायें स्तन को अपनी हथेली से ढकते हुए)…क्या ब्रा नहीं पहनी आज्…
करीना: (शर्म से दोहरी होते हुए दूर हटने का प्रयास करती है पर राजेश उठे हुए निप्पल को अपनी दो उँगलियॉ के बीच मे लेकर मसल देता है) उई…ई…ई म्…माँ
राजेश: (फिर प्यार से निप्पल को पकड़ कर धीरे-धीरे सहलाता फिर तरेड़ता, और कभी हथेली मे पुरा स्तन को ले कर दबा देता) क्या हुआ…तुम्हें अच्छा नही लगा क्या?…कुछ याद आया?
करीना: (शर्माते हुए) हूँ…
राजेश: तो क्या विचार, सामने वही पगडंडी आ रही है।
करीना: (चुपचाप चलती हुई) हूँ…
(पगडंडी के आते ही राजेश आस-पास देख कर करीना का हाथ पकड़ कर नीचे की ओर उतर जाता है। दोनों के दिल जोरों से धड़क रहे हैं। करीना कल रात की घटना को सोचकर रोमांचित हो रही है और साथ ही डर भी रही है। इधर राजेश झुरमुटों के पीछे पहुँच कर अपनी लुगीं को खोल कर जमीन पर बिछा कर उस पर लेट जाता है और अपने उपर करीना को खींच लेता है। अनायस आँखें मिलते ही, करीना झेंप कर नजरें झुका देती है।)
क्रमशः
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