RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--6
गतान्क से आगे..........
राजेश: (धीरे से कन्धा हिलाते हुए) करीना…करीना…
करीना: (शर्माती हुई) हुं…
राजेश: अच्छा लग रहा है?
करीना: हुं…अब चलें, काफी देर हो गयी है।
राजेश: अभी चलते है, हाँ एक घंटे से ज्यादा हो गया। करीना, तुमने आज अपनी जवानी के दो मौसम देख लिये। दोनों मे से कौन सा मौसम तुम्हें ज्यादा पसन्द आया।
करीना: हुं…अंकल (झिझकते हुए) दोनों (शर्माती हुई राजेश की छाती मे मुँह छिपा लेती है।)
राजेश: अच्छा जी…हुं…पहले तो न नुकुर्… गलत काम्…वगैराह
करीना: अंक्……ल, मुझे चिड़ाओ मत्। मुझे आज सही मायने में अपनी जवानी का एहसास हुआ है।
राजेश: कोई बात नहीं, अभी भी तुम्हें बहुत कुछ सीखना और समझना है। मुझे तुम से प्यार हो गया है। (नग्न वक्षों को सहलाते हुए)
करीना: छि…आपको कोई प्यार-व्यार नहीं है।
राजेश: जब तुम पहली बार हमारे घर आयीं थी उस दिन से मैं तुम पर मर मिटा था। तुम आठ साल की थी।
करीना: अंकल देर हो रही है। घर चलें? (उठते हुए)
राजेश: एक शर्त पर, जब भी मैं बुलाऊँगा तो तुम आओगी। अगर वादा करो, तो अपने कपड़े ठीक कर लो।
करीना: वादा (शान्त हुए लिंगदेव को सहलाती हुई करीना खड़ी हो जाती है।)
राजेश: यह तुम्हारी याद में रात भर तड़पेगा, इस को मुँह में ले कर एक बार चूम लो।
करीना: अभी नहीं, कल इस को बहुत प्यार करूगीं।
(राजेश अपनी लुगीं को बाँध कर करीना की कमर में हाथ डाल कर उसके घर की ओर चल देता है। करीना के घर से कुछ दूरी पर बाँहों मे भर कर उसके होंठों को चूमता है। दरवाजे पर छोड़ कर अपने घर की ओर रुख कर लेता है।)
(राजेश खुशी-खुशी घर लौटता है। टीना दरवाजा खोलती है।)
टीना: पापा, इतनी देर कैसे लग गयी।
राजेश: (अन्दर आते हुए) लौटते हुए रास्ते में सलीम साहिब अपनी तीसरी बेगम के साथ मिल गये थे। रात को टहलने निकले हुए थे तो पकड़ लिया। (मुँह फुला के बैठी हुई मुमु की ओर देखते हुए) मुमु तुम्हारे बारे में रेहाना पूछ रही थी।
मुमु: (तुनक कर) मुझे सलीम साहिब से सख्त एलर्जी है। दो साल मे दो शादी, और तीसरी बीवी रेहाना अपनी लीना की उम्र की है। क्या कह रहे थे।
राजेश: कुछ खास नहीं, रेहाना को दिखा कर मुझे इस्लाम धर्म के फायदे बता रहे थे। जल्दी से खाना लगाओ, बहुत भूख लगी है।
(मुमु और टीना खाना लगाने रसोई में चली जातीं हैं। सब एक साथ खाना खाते है। थोड़ी देर टीवी देखने के बाद, मुमु और राजेश बेडरूम में चले जाते है।)
राजेश: कल से तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू हो रही है। सब तैयारियाँ हो गयीं।
मुमु: हूँ… क्या तैयारियाँ करनी थी, कुछ भी तो नहीं। बस तुम टाइम से कल घर आ जाना।
राजेश: तुम फिक्र मत करो, मै कल टाइम से आ जाउँगा।
(दोनों अपनी-अपनी नींद की दुनिया मे खो जाते है।)
(शाम होने जा रही है। राजेश की कार आ कर रुकती है। मुमु हाथ मे एक बैग लिये बाहर खड़ी हुई है। जल्दी से कार मे बैठती है।)
मुमु: तुम ने आज देर कर दी। मै आज पहले दिन ही लेट हो जाउँगी।
राजेश: अभी साढ़े-चार बजे है। तुम टाइम से पहले पहुँच जाओगी। देखो सँभल कर जाना।
(मुमु अनसुना किए कार ले कर चली जाती है। राजेश अपने घर के दरवाजे की ओर बढ़ता है। टीना दरवाजे पर खड़ी इंतजार कर रही है।)
टीना: पापा, आपने देर कर दी।
राजेश: क्या बात है, घर की सारी महिलाएँ एक स्वर में बोलती है।
टीना: मेरा कास्ट्यूम डौली आंटी के पास से ले कर आयें कि नहीं।
राजेश: इसका जवाब तब तक नहीं मिलेगा जब तक मुझे एक चुम्बन नहीं मिलेगा।
(टीना इठलाती हुई राजेश की ओर बढ़ती है और तपाक से उसके होंठों पर अपने होंठों की मोहर लगा देती है।)
टीना: अब तो बता दिजिए।
राजेश: (अपनी जुबान होंठों पर फेरता हुआ) इस तरह से काम नहीं चलेगा, खैर मुझे देर इसीलिए हुई कि मै डौली के पास हम दोनों का कास्ट्यूम लेने गया था।
टीना: (खुशी मे उछ्ल कर राजेश से लिपट जाती है) थैंक यू पापा।
राजेश: तुम जल्दी से चेंज कर लो, मै भी चेंज कर लेता हूँ।
(दोनों अपने-अपने कमरे मे जातें है। थोड़ी देर बाद टीना कास्ट्यूम पहने नीचे उतर के आती है और राजेश को न पा कर आवाज लगाती है और राजेश के बेडरूम की ओर बढ़ती है।)
टीना: पापा…पापा… (धीरे से दरवाजे को ढकेलती है। सामने राजेश उपर से नग्न और सफेद रंग की स्पान्डेक्स शार्टस पहने खड़ा हुआ था। बहुत टाइट होने की वजह से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे कपड़ा निचले शरीर से चिपक गया है। उसकी टांगों के जोड़ों पर बड़ा सा थैलीनुमा उभार सारी अन्दर की कहानी बयान कर कर रहा है। टीना भी अपने स्पान्डेक्स के कास्ट्यूम में ऐसा ही कुछ द्र्श्य राजेश को भी दिख रहा है। तंग लो-कट सफ़ेद चोली बामुश्किल स्तनों को ढक पाती हुई, कमर से कुल्हों तक नग्न और फिर निचले अंगों से चिपटा हुआ सफ़ेद हाफ-शार्ट, जो कि शरीर के कटावों को छुपाता कम और उभारता ज्यादा प्रतीत हो रहा है।)
राजेश: आओ बेटा, यह अब तुम्हें सोचना है कि ट्रेनिंग यहाँ करनी है या तुम्हारे कमरे में।
टीना: आप बताइए। जहाँ भी आप को ठीक लगे…। पापा लगता है कि कास्ट्यूम एक साइज़ छोटा है। सारा शरीर जकड़ा हुआ लग रहा है।
राजेश: क्या तुमने कुछ और भी अन्दर पहना हुआ है? इस कास्ट्यूम के नीचे कोई भी और वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, जैसे ब्रा या पैन्टी।
टीना: हाँ, मुझ से यह गल्ती हो गयी है, मै चेंज कर के आती हूँ। ऐसा करते है कि आज हम ट्रेनिंग मेरे कमरे मे कर लेते है।
राजेश: हाँ, यह ठीक है।
(दोनों कमरे से निकल कर, उपर की ओर टीना के कमरे की ओर बढ़ते है। चेंज करने के लिए टीना अपने बाथरूम मे चली जाती है। राजेश बेड के पास पड़े स्टूल पर बैठ जाता है। थोड़ी देर में टीना चेंज कर के बाथरूम के बाहर निकलती है। आज से पहले टीना ने अपने पिता को अधनंगी हालत में नहीं देखा था, बेचारी अपने-आप को राजेश की चौड़ी कसरती छाती को निहारने से रोक नहीं पायी। शर्माते हुए नजर झुकीं तो आँखों के सामने टाइट शार्टस में से कुछ जरूरत से ज्यादा फुला हुआ उभार देखने को मिला।)
टीना: (झेंप मिटाते हुए) पापा, क्या हम ऐसे ही…(एक बार फिर अपनी नजरें और ज्यादा फूलते हुए हिस्से पर टिकाते हुए)…ट्रेनिंग करेंगें?
राजेश: आओ बेटा मेरे पास बैठो।
टीना: (शर्माते हुए सामने पड़े हुए स्टूल की ओर इशारा करते हुए) पापा, यह स्टूल बहुत नजदीक है, बैठ्ने मे कठिनाई होगी।
राजेश: न बेटा, हमें एक दूसरे से सट कर बैठना है…तुम ऐसा करो कि मेरे दोनों पाँवों के बीच मे अपने पाँव रख लो…(ऐसा कहते हुए अपने दोनों पाँवो को खोल देता है, उभरा हुआ हिस्सा थोड़ा ज्यादा फूल कर मोटा हो जाता है)
(टीना सकुचाती हुई पास पड़े स्टूल बैठ जाती है। उसके घुटने अब उभरे हुए हिस्से से छू जाते हैं।)
राजेश: बेटा अब हम अपनी ट्रेनिंग शुरु कर सकते हैं। (इतना कहते हुए अपने हाथ टीना के पाँवो के उपर रख देता है) लेकिन एलन ने कुछ हिदायतें दी है (धीरे से अपने हाथों को घुटनों से सरकाते हुए जांघों तक सहलाता हुआ) पहली कि शरीर को जितना ज्यादा खुला रख सको उतना बेहतर है क्योंकि स्किन का आक्सीकरण अत्यन्त ही आवयश्क है, उसकी लालिमा, लचक और चमक को बरकरार करने के लिये शरीर को कम से कम कपड़ो से ढकना चाहिए। इस लिए ट्रेनिंग के दौरान तुम्हारे कपड़े कुछ और भी ज्यादा सारगर्भित हो जाएँगे। बेटा, मुझे उम्मीद है कि तुम्हें इसमें कोई आपत्ति तो नहीं?
टीना: (सहलाते हुए राजेश के हाथों के उपर अपने हाथ को रख कर) अगर ऐसा करने से मेरी स्किन को फायदा होता है, तो इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
राजेश: (टीना के चेहरे को अपने हाथों मे ले कर) तुम बहुत सुन्दर हो (धीरे से अपना हाथ सरकाते हुए, होंठों पर उँगली फिरा कर, हाथों को गरदन से कंधे तक खिसकाते हुए, दोनों ओर से सीने के साइड से स्लाइड करते हुए कमर पर रोकते हुए) खासतौर से साँचे मे ढला हुआ तुम्हारा शरीर। इस को मैन्टेन करने के लिए तुम्हारे को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
टीना: (अपने घुटनों को पीछे करती हुई) पापा, दूसरी हिदायत क्या है?
राजेश: (कमर पकड़ कर आगे की ओर खींचता है। एक बार फिर दोनों घुटने राजेश के उभरे हुए हिस्से के साथ जा टिकते है) बेटा, दूसरी हिदायत एक्सरसाइज के बारे में है। (अपने हाथों को टीना की दोनों जांघों पर रखते हुए) तुम्हारे को (सीने के उभारों की तरफ इशारा करके) इन को पुष्ट और बड़ा करना होगा। (टीना को खड़ा होने का इशारा करता है। टीना खड़ी हो जाती है, राजेश उसकी कमर पर हाथ रख कर उसे घुमा देता है।) तुम्हें कमर की एक्सरसाइज करनी है। (राजेश अपने हाथ गोल पुष्ट नितंबों पर फेरते हुए और धीरे से अपनी उंगलियों दरार में फिराते हुए) पर सबसे जरूरी एक्सरसाइज तुम्हारे नितंबों की है कि वह ज्यादा भारी न हो पायें। (फिर नीचे झुक कर जांघों के अन्दरूनी हिस्सों को प्यार से सहलाते हुए) जांघ और पिंडुली के अलावा (धीरे से अपनी उँगलियों को उपर खिसकाते हुए स्पान्डेक्स से ढकी कटिप्रदेश पर फिराते हुए) इसकी भी एक्सरसाइज जरूरी है।
टीना: (इस आकस्मिक हरकत से अचकचा कर दूर होती हुई) पापा…आप बड़े शैतान हो (और झेंप जाती है।)
राजेश: (खड़े हो कर पीठ किये टीना की कमर को पकड़ अपनी ओर खींचते हुए) पर सबसे जरूरी बात तो रह गयी है। (अपने नितंबो के बीच की दरार पर एक कठोर चीज का आभास होते ही टीना सिहर उठती है। लेकिन राजेश बेरोकटोक टीना को सटा कर अपने तन्नाये हुए हथियार को दरार पर रगड़ते हुए) एक्सरसाइज करने से पहले एक व्यक्ति को एक्सरसाइज के प्रयोजन से भलि-भांति परिचित होना चाहिए। (बात करते हुए राजेश बार-बार दरार पर उत्तेजना से फूले हुए लिंग को रगड़ते हुए) भारी वजन उठा कर तुम्हें कोई बाडी-बिल्डर तो नहीं बनना है। तुम्हें तो अपनी बाडी को और भी निखारना है और उसे मेन्टेन करना है। (राजेश अपनी हथेली को टीना के नग्न दुधिया पेट पर फेरता और कभी-कभी अपनी उँगली को नाभि पर फिराते हुए) अगर एक्सरसाइज का यह प्रयोजन है तो सारा ध्यान तुम्हें अपने शरीर में टाक्सिन को बनाने और उसे बाहर निकालने में लगाना पड़ेगा।
टीना: (लगातार आगे और पीछे से होते वार से अचम्भित) पापा…क्या यह तीसरी हिदायत बहुत जरूरी है?
राजेश: हाँ बेटा, एलन अंकल की स्पेशल एक्सरसाइज सिर्फ इसी प्रयोजन के लिए बनाई गयी है। तुम्हारी उम्र के लड़कों और लड़कियों के लिये यह बहुत जरूरी है। इस की विशेषता है कि इस एक्सरसाइज से व्यक्ति बाहुबली नहीं दिखता परन्तु बहुत फिट और आकर्षक हो जाता है। (टीना से अलग हो कर राजेश थोड़ा सा दूर खड़ा हो जाता है)
टीना: (घूम कर राजेश की ओर देखते हुए) हाँ डौली आंटी भी नाप लेते हुए कुछ ऐसा ही बता रहीं थी…तो एक्सरसाइज शुरु करें। (टीना की नजर फूले हुए और गुस्से में भन्नायें महीन स्पान्डेक्स में लिपटे हुए लिंगदेव पर जा टिकती है)
राजेश: ठीक है, पर एक वादा करना होगा कि जब तक कोर्स पूरा नहीं होता बीच में कोई न- नुकर नहीं करोगी।
टीना: (दोनों की आँखे मिलती है, टीना नजर चुराती है) वादा…।
राजेश: इसी बात पर मुझे एक चुम्बन दो ताकि हमारी डील पर मोहर लग जाये।
(टीना शर्माते हुए राजेश के होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लेती है। इधर राजेश की जुबान टीना के कमसिन होंठों को नापने में लग जाती है। राजेश अपनी बाहों में लिये टीना के होंठों को संतरे की फाँकों की तरह चूस कर गुलाबी से लाल कर देता है।)
राजेश: (अपनी उत्तेजना को काबू मे करते हुए) टीना अब हम शीशे के सामने खड़े हो कर पहली एक्सरसाइज करेंगें।
(राजेश और टीना फुल-साइज मिरर के सामने जा कर खड़े हो जाते है।)
(टीना का बेडरूम। राजेश और टीना फुल-साइज मिरर के सामने खड़े हुए हैं। टीना को अपने आगे खड़ा करके, राजेश पीछे से टीना की कमर में हाथ डाल कर खड़ा है। काम-उत्तेजना मे उसके लिंग का सिर फूल कर कुकुरमुत्ते की शेप बना कर शार्ट्स की इलास्टिक के बाहर निकलने को प्रयत्नशील हो रहा है।)
राजेश: पहली एक्सरसाइज शरीर को ढीला करने की है। अपने पंजों पर कूदना शुरु करो।
(टीना पंजो के बल कूदना शुरु कर देती है। आइने में देख रहे राजेश कि नजर टीना के सीने पर पड़ती है। बिना ब्रा के सहारे के, नारंगी-रूपी उन्न्त वक्ष हर जम्प पर सीने पर भूकंप लाते दिख रहे है। बार-बार उपर-नीचे होने से दुधिया गोलाईयों का निचला हिस्सा चोली के बाहर निकल आया है।)
राजेश: अब रुको। (टीना की तेज चलती हुई साँसों की वजह से सीने का उतार-चढाव और बाहर झांकती हुई गोलाइयाँ बड़ा उत्तेजक द्र्श्य प्रदर्शित कर रहे है।) थक गयीं क्या?
टीना: नहीं तो (आइने में बाहर झाँकती हुई गोलाइयाँ देख कर, शर्माते हुए जल्दी से चोली नीचे की ओर खींच कर ढक लेती है।)
राजेश: तो एक बार फिर से करो।
(एक बार फिर से वही द्र्श्य दोहराया जाता है। लेकिन इस बार टीना सँभल कर कुदती है। जब भी उछ्लने से चोली का निचला हिस्सा उपर खिसकने को होता, तुरन्त ही कूदना रोक कर टीना चोली को पकड़ कर ठीक कर लेती। राजेश सब कुछ जानते हुए भी चुप है।)
राजेश: टीना…तुम ध्यान नहीं दे रही हो। बार-बार क्यों रुक रही हो…(बड़ी भोली अदा से) अच्छा तुम्हारा सीना परेशान कर रहा है। तुम उसकी ओर ध्यान मत दो बस जल्दी से अपना रुटीन पूरा करो। हमें और भी एक्सरसाइज करनी है।
(टीना अब अपना सारा ध्यान जम्प्स पर केन्द्रित करती है। लगातार कूदने से आधी गोलाइयाँ बाहर आ जाती है। टीना के उभारों के सुडौलपन को राजेश अपनी आँखों से तौलता है। अचानक बायें उरोज का गुलाबी निप्पल कुछ क्षणों के लिए उदित होता है फिर छुप जाता है।)
राजेश: (कमर पर से हाथ हटा कर) बस अब कुछ देर आराम करो।
(टीना अपनी अस्त-वयस्त चोली को एक बार फिर से ठीक करती है।)
राजेश: बहुत अच्छे से कर रही हो बेटा। अब अपने पंजों पर स्थिर हो कर अपने शरीर को घुमाओ।
(टीना आदेशानुसार करती है। राजेश उसकी बाँहे पकड़ कर एक्सरसाइज करने मे मदद करता है। आमने-सामने होने की वजह से जब भी टीना एक ओर घूमती, महीन स्पान्डेक्स में उन्न्त गोलाईयाँ और उन पहाड़ियों की चोटियों पर इरेक्ट गुलाबी निप्पलों का आकार राजेश के दिल पर बिजली गिरा देता। राजेश ने कुछ देर टीना को यही एक्सरसाइज करने को कहा)
राजेश: बेटा अब आराम कर लो। अभी तक हमने शरीर के उपर के भाग की एक्सरसाइज की है, अब हम नीचे के भाग की एक्सरसाइज करेंगे।
टीना: ठीक है पापा, कैसे और किस तरह, आप एक बार दिखाओ।
राजेश: लेकिन इस से पहले एक चुम्मा तो बनता है, क्योंकि तुम ने अपना एक रुटीन पूरा कर लिया है।
(अब की बार पहल राजेश करता है। टीना को अपनी बाहों में लिये राजेश जुबान से कमसिन होंठों को नापने में लग जाता है और लगातार होंठों को संतरे की फाँकों की तरह चूस कर गुलाबी से लाल कर देता है। इधर टीना भी राजेश का भरपूर साथ देते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले कर कभी चूमती और कभी चूस लेती है। इधर राजेश भी पुरे जोश मे अपनी जुबान से टीना के गले की गहराई नापने मे लगा हुए है। दोनों उत्तेजना मे हाँफते हुए एक दूसरे से अलग होते है।)
राजेश: टीना तुम आईने की ओर रुख करो मै पीछे खड़े हो कर तुम्हारा साथ दूँगा। यहाँ पर पार्टनर को ज्यादा काम करना पड़ता है और इस एक्सरसाइज में पार्ट्नर की आवश्यकता होती है।
(टीना आईने की ओर मुख कर के खड़ी हो जाती है। राजेश पीछे से आ कर टीना की कमर पकड़ कर सट के खड़ा हो जाता है। दोनों की आँखे चार होती है, दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते है।)
राजेश: (पीछे से नाभि पर हथेली रख कर टीना को आगे झुकने का संकेत करता है) टीना अब तुम अपना वजन मेरे हाथ पर डालो और आगे की ओर झुक जाओ।
(टीना नीचे की ओर झुकती है और राजेश पीछे से पीठ पर दबाव डालता है। झुकने से टीना का पीछे का हिस्सा थोड़ा सा बाहर की ओर निकल कर राजेश के उभरे हुए हिस्से पर जा टिकता है। इधर राजेश अपने उत्तेजना से फुफकारते हुए लिंग को धीरे से एड्जस्ट करके गोल और सुडौल नितंबो के बीचोंबीच दरार मे अटका देता है। उधर टीना को भी राजेश की दो टागों के बीच में उस रहस्यमयी कठोर चीज का अब तक पूरा अन्दाजा हो चुका था। कड़कड़ाते लिंग का एहसास होते ही टीना की कमसिन जवानी धीमी आँच में सुलगने लगी थी।)
राजेश: बेटा अब मै पीछे से धीरे से धक्का दुँगा और तुम उतनी ताकत से मुझे वापिस धकेलना। इस एक्सरसाइज से तुम्हारी जाँघे और पिंडुलियाँ मजबूत बनेंगी।
टीना: (गर्म राड की लंबाई और कठोरता को महसूस करती हुई) हुं …
(राजेश धीरे से आगे की ओर धक्का देता है, टीना भी अपने पैरों पर जोर दे कर पीछे की ओर धक्का देती है। महीन कपड़े मे लिपटे हुए लिंगदेव दोनों नितंबों के बीच में घर्षण से उत्तेजना में फुफकारते हुए फूल के कुप्पा हो गये। सात-आठ धक्कों के बाद, अचानक राजेश टीना को छोड़ने का नाटक करता है। टीना अपना सन्तुलन रखने के लिए लड़खड़ाती है, लेकिन समय रहते राजेश सँभाल लेता है। लेकिन इस हड़बड़ाहट में राजेश की हथेली नाभि से सरक कर गुप्तअंग पर आकर ठहर जाती है।)
टीना: (उत्तेजना मे फूली हुई साँस लेते हुए) गन्दे पापा… जाइए मै नहीं करती। अगर मै गिर जाती तो…
राजेश: बेटा क्या कभी ऐसा हो सकता है। तुम्हें अपने पार्टनर पर पूरा विश्वास होना चाहिए की जब तुम अपना वजन उस पर डालों तो वह तुम्हें कभी भी गिरने नहीं देगा… क्या कुछ देर रेस्ट करना है?
टीना: (एक नये तरह के एहसास में डूबी हुई आवाज में)…अभी नहीं…
राजेश: मैं भी रेस्ट अभी नहीं चाहता…चलो फिर से करते हैं।
(एक बार फिर से राजेश धीरे से आगे की ओर धक्का देता है, टीना भी अपने पैरों पर जोर दे कर पीछे की ओर धक्का देती है। लिंगदेव तो नितंबों के बीच में घर्षण से फूल कर पहले से ही कुप्पा है और अब नये जोश से घिसने में लग गये। अबकी बार राजेश ने सीधे अपनी हथेली टीना के गुप्तअंग पर रख दी और धीरे से अपनी उँगलियों से योनिमुख को छेड़ने लगा। सारा वजन राजेश के हाथ पर डाल कर टीना भी वासना की आग में जलने लगी। सात-आठ धक्कों के बाद, अचानक राजेश टीना को एक बार फिर से छोड़ने का नाटक करता है। एक बार फिर टीना अपना सन्तुलन रखने के लिए लड़खड़ाती है, लेकिन समय रहते राजेश फिर से सँभाल लेता है।)
टीना: (फूली हुई साँसों से) आप गन्दे हो पापा… जाइए मै नहीं करती…बता कर छोड़ा करिए ताकि मै अपने आप को सँभाल लूँ…
राजेश: ठीक है…अबकी बार पहले बता दूँगा। थोड़ी देर आराम कर लेते है।
(दोनों अलग हो जाते हैं। राजेश वापिस स्टूल पर बैठ जाता है और टीना अपने बेड पर जाकर लेट जाती है। दोनों के मन में एक ही चाह है कि उफनते हुए जजबातों को शानदार निकासी मिल जाए। टीना का मासूम शरीर उत्तेजना से भभक रहा है, अजीब नशा उसकी आँखों में लाल-लाल डोरों के रूप में उतर आया है। राजेश सब कुछ जान कर भी अनजान बना है।)
क्रमशः
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