RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--4
गतान्क से आगे..........
राजेश: टीना बेटे, क्या टाक्सिन बनने शुरु हुए…।
टीना: हुं…हूँ…हाँ पा…पा।
(अब टीना के होंठों को कब्जे मे ले कर, राजेश अपनी जुबान से कोमल पंखुडी से होठों की कोमलता का लुत्फ लेता है। धीरे से अपनी जुबान से टीना के मुख का जायज़ा लेता हुआ, टीना की कैंची सी चलने वाली जुबान के साथ लुकाछिपि खेलना शुरु कर देता है। टीना के लिये इस तरह की मौखिक-क्रीड़ा करने का पहला अवसर है। उत्तेजित टीना की आँखों में एक बार फिर से लाल-लाल डोरे तैरने लगते है। अजीब कश्मकश में मासूम टीना के स्तनों की घुन्डियों मे एक बार फिर से करन्ट प्रावाहित होना शुरु हो जाता है। नीचे लिंगदेव अपनी पूरी मस्ती में जांघिये से ढकी योनि पर रगड़ मारना शुरु कर देते हैं।)
टीना: .उ.अ.पा.आह….पा…अ.उउआ.आह.…पापा…
राजेश: (और थोड़ा सा जकड़ते हुए) टाक्सिन बन रहे है, है न्…
(एक बार फिर से चुम्बनों की बारिश, योनीमुख पर लगातार पड़ती ठोकर और बार-बार पिसते हुए स्तन, उत्तेजित टीना को बरसने के लिए मजबूर कर देते है। एक ही क्षण में टीना का बदन काँपते हुए झटके लेता है और फिर निढाल पड़ जाता है। उत्तेजना का मारा राजेश सब कुछ समझते हुए प्यार से लिपटी हुई टीना को धीरे से अलग करता है और गोदी मे उठा कर सोफे पर लिटा देता है।)
राजेश: टीना, तुम थोड़ा आराम कर लो। तुम्हारे शरीर में मेरे प्यार के कारण काफी टाक्सिन बन गये थे और अच्छा है कि बाहर निकल गये। मै तुम्हारे लिए गर्म दूध का गिलास ले कर आता हूँ। बहुत फायदा करेगा।
टीना: नहीं पापा। मुझे नहीं…(अचानक टीना की नजर पाजामे मे तन्नाये लिंगदेव पर पड़ती है और झेंप जाती है।)
राजेश: क्या हुआ? (जान कर भी अनजान बनते हुए)
टीनाआँखे झुकाए) कुछ नहीं। आप मुझसे बहुत प्यार करते है।
राजेश: क्यों पूछ रही हो?
टीना: नहीं, मै बता रहीं हूँ।
राजेश: थैंक्यू बेटा। तुम मेरी सबसे प्यारी बेटी हो।
टीना: मम्मी आने वाली होंगीं। (उठते हुए) मै अपने कमरे मे कपड़े बदलने जा रही हूँ।
राजेश: ठीक है। मैं मार्किट से सब्जी ले कर आता हूँ, तुम दरवाजा बन्द कर लो। अन्दर आने के लिये मेरे पास चाबी है।
(राजेश के जाने के बाद टीना दरवाजा बन्द कर के अपने कमरे मे जाती है। कमरा बन्द कर के गुनगुनाते हुए अपने कपड़े उतारती है। जमीन पर पड़ी अपनी पैन्टी को गीली देख कर उठाती है और छू कर देखती है कि पेशाब तो नहीं है। पर पैन्टी के उपर लगी तरलता में कुछ चिपचिपापन महसूस करती है। हैरानी में सूंघ कर देखती है और कुछ ज्ञात न होने पर धोने के लिये डाल देती है। शावर को चला कर नीचे खड़ी हो कर स्नान करती है। घंटी बजती है)
टीना: आ…ती हुँ।
(दरवाजा खुलने की आवाज आती है। फिर राजेश और मुमु की आवाजें सुनाई देती है।)
राजेश: आज बहुत थकी हुई लग रही हो?
मुमु: हाँ, एलन के साथ जरा सी ट्रेनिंग की थी। आदत नहीं है तो थकान हो गयी है।
राजेश: आज बाहर से खाना मँगवा लेते है। जल्दी सो जाना तो आराम आ जाएगा।
मुमु: हाँ, यही ठीक रहेगा।
राजेश: पसंद आया। क्या सोचा?
मुमु: बहुत अच्छा है। मैनें तो एनरोल करा लिया है। कल डौली कासट्यूम का नाप लेने आएगी।
राजेश: चलो अच्छा है। अगले हफ्ते से तुम्हारी ट्रेनिंग शुरु हो जाएगी।
मुमु: पर तुम्हें उस टाईम पर यहाँ टीना के पास होना पड़ेगा क्योंकि उसे घर पर अकेला नहीं छोड़ा जा सकता है।
राजेश: तुम उसकी चिन्ता छोड़ दो। हम बाप-बेटी यहाँ पर ऐश करेगें।
(दोनों अपने-अपने काम में लग जाते है।)
सीन-7
(दोपहर का समय, मुमु ड्राइंगरूम में बैठी हुई है। डौली के आने का इंतजार कर रही है। अभी कुछ देर हुई है खाना खा कर टीना अपने बेडरूम में सोने चली गयी है। घंटी बजती है, मुमु उठ कर दरवाजा खोलती है। डौली का आगमन्।)
डौली: हाय मुमु। आज बड़ी रौनक है चेहरे पर, क्या बात है?
मुमु: हैलो। सब तुम्हारे फिट्नेस केन्द्र की कृपा है। एक ही दिन मे शरीर में हल्कापन आ गया। आओ बैठो।
डौली: (सोफे पर बैठ कर) बहुत अच्छे। आज जरा जल्दी में हूँ फिर कभी आराम से बैठ कर गप्पें मारेंगे। लीना और टीना कहाँ है? काफी दिन हुए उन्हें देखे।
मुमु: तुम तो बिजनस-वुमन हो गयी हो इस लिए हमेशा जल्दी मे ही रहती हो। जरीन की किट्टी पार्टी में भी तुम आयीं और गयी जैसे ही थी। लीना अपने स्कूल के ट्रिप पर काश्मीर गई हुई है और टीना खाना खा कर सोने गई है।
डौली: मुमु सेन्टर पर कोई नहीं है। कुछ मेम्बर्स को ट्रेनिंग करते छोड़ कर आ रहीं हूँ और तुम ने तो देखा है की हमेशा कोई न कोई आता-जाता रहता है। चलो यार, बातें करते हुए तुम्हारा नाप भी ले लेते हैं।
मुमु: कहाँ पर चलें, यहीं पर या बेड-रूम में?
डौली: जहाँ पर तुम्हें ठीक लगे क्योंकि तुम्हें बिलकुल निर्वस्त्र होना पड़ेगा। बेडरूम ही ठीक रहेगा।
(मुमु और डौली मास्टर बेडरूम की ओर जातें है। बेडरूम की भव्यता को देखकर डौली के मुख से सीटी निकल जाती है। विशाल बेड, बारह इचं का डनलप का गद्दा, मुलायम फ़्लोर कार्पेट, आलीशान वार्डरोब, फुलसाईज मिरर की ड्रेसिंग टेबल, बेड के ठीक सामने की दीवार पर फुल वाल-मिरर और अत्यन्त माड्रन सुख सुविधा चीजों से सुसज्जित, बेडरूम न लग कर एक अरब के शैख का हरम लग रहा है।)
डौली: क्या… बात है, तुम और राजेश तो इस कमरे का उप्युक्त लाभ उठाते होंगें।
मुमु: राजेश को तुम अच्छी तरह जानती हो। कभी-कभी तो जैसे कमरे मे भूकंप आ जाता है। मेरी तो कुछ सुनते ही नहीं। रात-रात भर में पूरा शरीर तोड़-मरोड़ कर रख देते है।
डौली: यार तू तो बड़ी लकी है कि तेरा आदमी अभी भी तेरे उपर मुग्ध है। आजकल ऐसे मर्द कहाँ मिलते है, दो बच्चों के बाद तो जैसे सारी जवानी काफुर हो जाती है और बीवी तो बस घर की गाय बन कर रह जाती है।
मुमु: मैं तो रोकती रह जाती हूँ कि दो जवान बेटियाँ है कुछ तो शर्म करो, पर उन पर तो जैसे हमेशा कोई वासना का जुनून हावी रहता है।
डौली: तुम तो… खैर आज मै जल्दी मे हूँ। नाप लेने के लिये तुम्हें कपड़े उतारने पड़ेंगें।
(मुमु अपनी साड़ी और ब्लाउज उतार कर एक तरफ रखती है। डौली ललचायी निगाहों से काली जालीदार ब्रा में से बाहर झाँकते गोरे पुष्ट उरोज, नितंबों की गोलाईयाँ और पैन्टी में बालोंरहित योनि को घूरती है।)
मुमु: अब नाप ले लो।
डौली: (मुमु की दायें वक्ष को अपने हाथ में ले कर ब्रा को खींचते हुए) इस को कौन उतारेगा? चलो मै तुम्हारी मदद कर देती हूँ।
(धीरे से डौली फ्रंट ओपेनिंग ब्रा का हुक खोल देती है। दोनों पुष्ट गोल वक्ष नग्न हो कर डौली के सामने उदित हो गये, मुहँ चिड़ाती बादामी रंग की उठी हूई घुन्डीयों चुमने और चूसने को आमन्त्रित करने लगीं। डौली पैन्टी के दोनों साइड के इलास्टिक मे अपनी उँगलियॉ फँसा कर नीचे की ओर खींचती है। पैन्टी जैसे किसी केले के छिलके की तरह नीचे उतरती जाती है। उत्तेजना में एसी कि ठंढक के बावजूद भी कुछ पसीने की बूँद डौली के माथे पर उभर आयीं।)
डौली: हाँ, अब ठीक है।
(अपने पर्स में से नापने की टेप निकाल कर सारे साईज लिख कर नोट करती है। कभी-कभी धीरे से मुमु के उरोजों को हाथ मे लेकर सहलाती है और कभी सिर उठाए बादामी बुर्जीयों को अपनी दो उंगलियों के बीच में ले कर तरेड़ती है। मुमु को भी अब इस नपाई करने के तरीके में मजा आने लगता है। डौली नीचे झुक कर पैरों की लंबाई और जाँघों की चौड़ाई नापती हुई अपनी उँगलियों को मुमु के योनिमुख पर फिराती है और चिपके हुए होठों को खोल कर गहरे बादामी रंग के बीज को घिसती है। एक सिसकारी भरती हुई मुमु पीछे की ओर हठ जाती है।)
मुमु: क्या कर रही हो……?
डौली: छुपे हुए खजाने को देख कर मै रोक नहीं पायी। अगर मेरे पास थोड़ा और समय होता तो तुम्हारा रेप आज निशचित था।
मुमु: (हसँती हुई) क्या आज तक किसी औरत ने किसी औरत का रेप किया है।
डौलीहसँती हुई) अभी तुम इस मामले में बहुत नादान हो। अब तो हफ्ते में तीन दिन मिला करेंगें, कभी किसी दिन औरत को ट्रेनिंग पार्टनर ले लेना। ऐसी हसीन चीज को शायद ही कोई बिना तृप्त किये छोड़ेगा।
मुमु: (मुस्कुरा कर) छोड़ो भी, नाप ले लिया?… एक बात बताओ कि नाप की ऐसी क्या जरूरत है, मैं अपने कपड़े पहन कर ट्रेनिंग नहीं कर सकती।
डौली: हाँ, नाप तो हो गया। ट्रेनिंग के लिये विशेष कपड़ों की जरूरत होती है। कुछ अंगों को कसाव (आँख मारते हुए) और कुछ अंगों को ढीलापन चाहिए, यह कोस्ट्यूम इन सबका ख्याल रखता है।
मुमु: यार, तुम्हें तो हर चीज में शैतानी ही सूझती है। यह कपड़े कब तक तैयार हो जाएँगें?
डौली: दो दिन में, पर तुम चाहो तो मेरे साथ कल से ट्रेनिंग कर सकती हो…(कुछ मुस्कुराते हुए) क्योंकि मैं बिना कपड़ों के एक्स्र्साईज करती हूँ।
मुमु: (अपने कपड़े पहनते हुए हँसती है) एलन की संगत में तुम बहुत बेशर्म हो गयी हो।
(दोनों बेडरूम से बाहर आ जाती है। उपर से टीना सीड़ीयों से नीचे उतरती हुई दिखती है।)
डौली: हैलो टीना। कैसी हो?
टीना: हाय आन्टी। फाईन, आप कब आई?
डौली: थोड़ी देर हो गयी, तुम्हारी मम्मी के कोस्ट्यूम के लिये नाप लेने आयी थी।
टीना: क्यों मम्मी आपको फिट्नेस सेन्टर की मेम्बरशिप मिल गयी? यह तो कमाल हो गया। आंटी मेरे को भी आपका सेन्टर जौइन करना है। स्वीटी कैसी है, वह भी तो वहाँ जाती होगी?
डौली: नहीं बेटा, स्वीटी तो अपने घर पर ही ट्रेनिंग करती है। मुमु, अपनी बेटी को बुरी नजर से बचाना, बहुत जल्दी जवान हो गयी है। अपने उठान पर है और सुन्दर भी होती जा रही है। राजेश से कहो की टीना के लिये टाईम निकालना शुरू कर दे नहीं तो इसका बचपना नहीं जाएगा।
मुमु: यही तो मै भी कहती हूँ पर वो है कि बिजनिस मे हरदम उलझे रहते हैं। लेकिन अबकी बार मैनें उनसे वादा लिया है कि जब मैं फिट्नेस सेन्टर जाऊँगी तो वह घर पर टीना का ख्याल रखेंगें।
डौली: अच्छा यार मै चलती हूँ, बहुत देर हो गयी है। परसों से ट्रेनिंग शुरू करना। फिट्नेस सेन्टर पर ऐसे ही आ जाना, अपना कोस्ट्यूम भी ट्राई कर लेना और एक्स्र्साईज भी शुरू कर देना।
मुमु: ठीक है, परसों से मेरी ट्रेनिंग शुरु। (दरवाजे पर आ कर) बाय-बाय्।
टीना: बाय आन्टी।
डौली: बाय-बाय्।
(माँ और बेटी एक दूसरे को देखती है और अपने-अपने काम मे लग जाती हैं। मुमु रसोई में चली जाती है और टीना टीवी देखने मे मग्न हो जाती है।)
सीन-8
(शाम का समय, राजेश और मुमु ड्राइंगरूम में बैठे हुए टीना के आने का इंतजार कर रहे हैं। टीना पड़ोस के शर्माजी की लड़की करीना के साथ खेलने गयी हुई है। घंटी बजती है, मुमु उठ कर दरवाजा खोलती है। करीना और टीना का आगमन्।)
करीना: हैलो आंटी, हैलो अंकल्।
मुमु और राजेश: (दोनों एक स्वर मे) हैलो बेटा।
राजेश: शर्माजी कैसे है।
करीना: ठीक हैं अंकल, पापा तो टूर पर बाहर गये हुए है। आंटी मुझे पता चला है कि आप परसों से फिट्नेस सेन्टर जाना शुरू कर रहीं है?
मुमु: हाँ बेटा, वजन बढ़ता जा रहा है। थोड़ी एक्स्र्साईज शुरू कर देनी चाहिए।
टीना: मै भी जौइन करना चाहती थी, पर मम्मी है कि मानती नही।
मुमु: (थोड़ी कड़ी आवाज में) अब इस टापिक पर ‘नो डिसकशन’। डौली ने भी तो स्वीटी के बारे मे बताया था।
करीना: (मुमु और टीना की तकरार सुन कर) आंटी मै टीना को छोड़ने आयी थी, अच्छा मै चलती हूँ।
टीना: मम्मी मैं गेट तक करीना को छोड़ कर आती हूँ।
राजेश: फिर बेटा तुम टीना को गेट पर छोड़ने आ जाना। रात भर यही कार्यक्रम चलता रहेगा। इस बार मै करीना को छोड़ कर आता हूँ जिस से इस बेचारी को दुबारा तकलीफ नहीं करनी पड़ेगी। (टीना मुँह बनाती है)
राजेश: मुमु तुम खाना लगाओ मै करीना को छोड़ कर आता हूँ।
(राजेश खड़ा हो कर करीना के साथ घर के बाहर जाता है। रास्ते में अपनी पैनी निगाहों से करीना को निहारता है। करीना भी टीना की हम-उम्र परन्तु कद-काठी से ज्यादा विकसित, गोल चेहरा, हल्का गेहुआँ रंग, तीखे नैन-नक्श, भारी सीना और नितंब, बेबाक और चंचल, हर तरह से एक आकर्षक व्यक्तित्व। ब्रा न होने के कारण, हर पग पर हिचकोले लेते हुए वक्ष और टाईट जींन्स में एक लय में हिलते हुए नितंब, राजेश के दिल पर बिजली गिरा रहे थे।)
राजेश: और बेटा छुट्टियओं मे क्या चल रहा है। सिर्फ खेल-कूद या थोड़ी पढ़ाई भी कर रही हो?
करीना: अंकल मैने साईँस की कोचिंग क्लास जौइन करी हुई है।
(बात करने में करीना का ध्यान बँटने से एक पाँव मे ठोकर लगी तो वह लड़खड़ाई, झट से राजेश ने संभालने के लिये अपना हाथ बढ़ा कर पकड़ने की कोशिश करी। लेकिन सब इतनी जल्दी हुआ कि राजेश का हाथ बाँह को पकड़ने के बजाय करीना की उन्नत छाती से जा टकराया। राजेश ने करीना को अपनी बाँहों मे जैसे-तैसे संभाला और बाँये वक्ष को जानबूझ कर अपनी हथेली मे लेकर सहलाने लगा जैसे कि दर्द कम करने की कोशिश कर रहा हो। नादान करीना शर्म के मारे दोहरी होती जा रही, पर राजेश टी-शर्ट में से झाँकती हुई बुर्जी को अपनी दो उंगलियों के बीच में ले कर बड़े प्यार से धीरे-धीरे खींचने का क्रम जारी रखे हुए था। इस नये एहसास ने करीना को अन्दर तक गुदगुदा दिया।)
करीना: (शर्माते हुए) अंकल अब ठीक है।
राजेश: (बाँये वक्ष को सहलाते हुए और खड़ी हुई बुर्जी पर चिकोटी भरते हुए) बेटा अगर खून जम गया तो कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।
करीना: उई…ई, अब ठीक है अंकल (धीरे से अपने को छुड़ाते हुए)।
(राजेश ने पीछे से अपनी बाँहों का सहारा दे कर करीना को खड़ा किया और एक बार फिर से जानबूझ के दाँये और बाँये वक्ष को दोनों को अपने हाथों मे भर कर धीरे-धीरे दबाने का कार्यक्रम जारी रखा। अब तक राजेश का हथियार भी अपने पूरे जोश मे आ चुका था और पीछे से जींन्स में कसे नितंबों की खाई में जोर आजमाइश कर रहा था। दोनों के दिलों की धड़कन अनजाने भय से बढ़ी हुई थी पर दोनों ही उत्तेजित अवस्था मे अपनी-अपनी प्यास बुझाने मे व्याकुल थे। अंधेरी सुनसान पगडण्डी पर कमसिन करीना के शरीर मे हलचल मची हुई थी और राजेश पर तो जैसे नई कली को चखने का भूत सवार था। अचानक एक आहट सुन कर दोनों छिटक कर अलग हो गये।)
राजेश: (झेंपते हुए) तुम अब ठीक हो। अपने पाँव पर चल सकती हो।
करीना: (शर्म से अधमरी हुई जा रही) हुं…
राजेश: तो फिर चलो, देर हो रही है। घर पर इंतज़ार हो रहा होगा।
(इतना कह कर दोनों चुपचाप करीना के घर की ओर चल पड़ते है। राजेश करीना को दरवाजे पर छोड़ कर कुछ बोले बिना वापिस अपने घर की ओर चल देता है। घर पर मुमु और टीना डाईनिंग टेबल पर बैठ कर इंतजार कर रहे है।)
मुमु: इतनी देर कैसे लग गयी।
राजेश: करीना रास्ते में गिर पड़ी थी, थोड़ीसी चोट लगने के कारण देर हो गयी। घबराने की बात नहीं है, सब ठीक है। घर पर छोड़ कर आ रहा हूँ। भूख लग रही है चल कर खाना लगाओ।
(मुमु रसोई में चली जाती है।)
टीना: पापा क्या ज्यादा चोट लग गयी।
राजेश: नहीं बेटा, मैने वक्त रहते उसे संभाल लिया था।
टीना: (आशवस्त हो कर) आज डौली आंटी नाप लेने आयी थी। आपकी एलन अंकल से कोई बात हुई?
राजेश: (मुख पर उँगली रख कर चुप रहने का ईशारा करता हुआ) हाँ मेरी बात हुई थी। रात को तुम्हारी मम्मी के सोने से बाद मै तुम्हारे कमरे आ कर बताऊँगा।
मुमु: खाना मेज पर लग गया है। तुम दोनों आ जाओ।
(सब मिल कर खाना खाते है। सारा परिवार टीवी के प्रोग्राम बैठ कर देखते है।)
मुमु: बहुत रात हो गयी, मुझे नींद आ रही है, बेटा टीवी बन्द करो और सोने जाओ। मै तो सोने जा रही हूँ।
(राजेश टीवी बन्द कर के अपने बेडरूम की ओर बढ़ता हुआ टीना को आँखों से इशारा करता है। टीना झट से उठ कर अपने कमरे में चली जाती है। मुमु भी रसोई का काम समेट कर बेडरूम की ओर रुख करती है। राजेश सोने का नाट्क करता है। मुमु भी नजदीक लेट जाती है। एक बार राजेश को हिलाती है पर कुछ प्रतिक्रिया न देख कर करवट ले कर सो जाती है। थोड़ी देर के बाद, राजेश लुगीं पहने दबे पाँव टीना के कमरे की ओर रुख करता है। टीना इंतजार मे जाग रही है।)
राजेश: बेटा तुम अब तक जाग रही हो।
टीना: आपने ही तो कहा था कि ट्रेनिंग के बारे मे रात को मेरे रूम मे आ कर बताएँगे।
राजेश: (टीना के साथ लेटते हुए) हाँ, आज मै एलन से मिला था। (टीना के गले में हाथ डाल कर राजेश अपने कंधे का सिरहाना देते हुए टीना के बदन को अपने से सटाते हुए) एलन का कहना है कि फिट्नेस सेन्टर पर बच्चों को ट्रेनिंग करना मना है। (टीना ठुनकती है और राजेश उसके केश में प्यार से उंगलियों फिराता है) एलन बता रहा था कि स्वीटी को भी फिट्नेस सेन्टर मे ट्रेनिंग करना मना है।
(राजेश प्यार से पुचकारता है और अपने बाँह में टीना को और कस के जकड़ लेता है। दोनों एक दूसरे के बदन के कटावों को महसूस कर रहे है। राजेश अपनी हथेली को टीना के अर्धनग्न नितंबो फिराता है।)
राजेश: लेकिन कभी ऐसा हुआ है कि जो मेरा बेटा कहे और मै न करूँ। मैने इस मुश्किल का हल भी निकाल लिया है।
(इस खुशी में टीना अपने पारदर्शी हाफ़ नाईट-गाउन में बिना ब्रा और झीनी सी पैन्टी पहने राजेश से और चिपट जाती है। टीना का यौवन नीले रंग के नाईट लैम्प और उभर कर राजेश के दिल पर बिजली गिरा रहा है। टीना की गोल-गोल सख्त उरोज और उन पर सिर उठाती गुलाबी गगनचुम्बियाँ राजेश के शरीर को घायल किये जा रही है।)
टीना: पापा ज्यादा सस्पेंस मत बढ़ाओ।
राजेश: मैने सोचा है कि जब तुम्हारी मम्मी फिट्नेस सेन्टर चली जाए, तुम घर पर ही ट्रेनिंग कर लिया करो। मैने एलन को पैसे दे कर राजी कर लिया है कि वह अपनी कुछ एक्स्र्साईज मुझे समझा देगा, शाम को वो सारी एक्स्र्साईज मै तुम्हें बता दूँगा और तुम कर लिया करना। तुम्हारी मम्मी भी खुश और तुम भी खुश्।
(अब तक राजेश के हाथ अपना जादू दिखाने में मस्त है। हल्के हाथ से पैन्टी को नितंबो की दरार मे सरकाते हुए और नग्न हिस्सों को धीरे-धीरे सहलाते हुए, राजेश के होंठ कुछ पल के लिये टीना के होंठों को अपने कब्जे में ले लेते है।)
टीना: (कसमसाती हुई)…पापा, घर पर पार्टनर कहाँ से लाऊँगी।
(शाम को करीना के साथ हुआ हादसा और अब अधखिली कली के शरीर की चुभन और खुशबू, राजेश की मचलती हुई भावनाओं को और भी ज्यादा भड़का दिया, लुगीं मे छुपे राक्षस ने लहरा कर सिर उठा दिया।)
राजेश: बेटा अगर ठीक समझो तो मुझ बूढ़े को अपना पार्टनर बना लेना। ट्रेनिंग मे तुम्हारा साथ दे कर मै भी थोड़ा शरीर से फिट हो जाउँगा।
टीना: (जरा हिचकिचाते हुए) क्या मै किसी और को अपना पार्टनर नहीं बना सकती? आप के साथ ट्रेनिंग करने मे मुझे शर्म आती है।
राजेश: (मायुसी के अंदाज मे) हाँ भई, जवान लोगों को बूढ़े नहीं पसन्द आते। ठीक है तुम्हारा सोचना।
टीना: ऐसी बात नहीं है। आप तो बहुत हैडंसम हो लेकिन मुझे लगता नहीं कि हम दोनों ट्रेनिंग ठीक से कर पाएगें क्योंकि हम दोनों के लिए यह पहला अवसर है।
राजेश: कोई बात नहीं, मै एलन को जा कर बता दूँगा कि हम उसका कोर्स नहीं कर सकेगें। लेकिन दिये हुए पैसे वह वापिस नहीं करेगा। मुझे सीधे दो लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।
टीना: पापा मेरे लिए आपने इतना खरचा कर दिया। (अपने शरीर को राजेश के हाथों मे ढीला छोड़ देती है। हिलने से उसके अर्धविकसित उरोज राजेश की छाती पर घिसाव करते है जिस से उसकी छोटी-छोटी गुलाबी घुन्डियां सिर उठाने लगती है।)
क्रमशः
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