Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
07-10-2018, 12:33 PM,
#10
RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
गतान्क से आगे.....................

जय ने जी भर के मेरे चूतड़ों को अपने हाथ से फैला कर, उनके अन्दर अपनी जीभ डाल कर खूब चूमा और चाटा।

फिर मैंने जय को मेरी पीछे से चूत के आस-पास चूमने को कहा, मैंने जय को अपनी जीभ से मेरी चूत को धीरे-धीरे चाटने को कहा।

जय बड़े आराम से मेरी चूत चाटने लगा।

थोड़ी देर चूत चटवाने के बाद मेरी चूत पानी छोड़ दिया और मैंने जय को अपनी बाँहों में जकड़ लिया।

इसके बाद मैंने जय को मेरे ऊपर चढ़ा कर अपना लंड मेरे मुँह के अन्दर डालने को कहा।

जय ने अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और मैं जय का लौड़ा बड़े आराम से अपने हाथों से पकड़ कर चूसने लगी।

मैं जैसे-जैसे जय का लंड चाट और चूस रही थी, वैसे-वैसे उसके लंड ने अकड़ना शुरू कर दिया।

जय अपने हाथों से मेरी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा।

थोड़ी देर में ही मेरे चूसने से जय का लंड तन्ना कर खड़ा हो गया..!

जब जय का लंड पूरा का पूरा तन गया तो उसने मुझसे बोला- अरे मेरी लंड की रानी, अब तो छोड़ दो मेरे लंड को… मुझे अब तुम्हारी चूत में अपना लंड पेलना और तुम्हें चोदना है… देखो ना मेरा लंड अकड़ कैसे खड़ा हो गया है.. यह अब तुम्हारी चूत में घुसना चाहता है… चलो अब चूत चुदवाने के लिए तैयार हो जाओ।

जय का बात सुन कर मैं जय का लण्ड अपने मुँह से निकाल कर जय से बोली- हाय मेरी चूत के राजा, जैसे तुम्हारा लौड़ा तन कर खड़ा हुआ है, वैसे ही मेरी चूत भी लंड खाने के लिए अपनी लार छोड़ रही है। मेरी चूत बहुत गीली हो गई है, अब मैं भी तुमसे अपनी चूत चुदवाना चाहती हूँ। चलो अब जल्दी से अपना यह मोटा सा डंडा मेरी चूत में घुसेड़ो और चूत को चोद-चोद कर फाड़ दो।

जय मेरी बातों को सुन कर मेरे ऊपर से नीचे उतर गया और मेरी टाँगों के बीच बैठ गया। टाँगों के बीच बैठने के बाद जय ने मेरी टाँगों को अपने हाथों से खोल कर मेरी चूत को खोला और अपना लंड मेरी चूत के दरवाजे पर रख कर एक धक्के से पूरा का पूरा लंड चूत के अन्दर घुसेड़ दिया।

मैंने भी अपनी टाँगों को जितना हो सका, खोल कर जय का लंड अपनी चूत में ले लिया, लेकिन जय के धक्के के साथ साथ मेरे मुँह से एक हल्की सी चीख निकल गई।

जय ने मेरी चीख सुन कर के पूछा- क्या हुआ, डॉली तुम्हारी चुदी-चुदाई चूत क्या फिर से फट गई? अरे अभी तो सिर्फ़ लंड चूत के अन्दर डाला है, अभी तो पूरी चुदाई बाकी है और तुम अभी से चीख रही हो?

मैं जय की बातों को सुन कर बोली- साले हरामी चूत के पिस्सू, ऐसे धक्का मारा जाता है? चुदक्कड़ बीवी के चोदू खसम, अबे यह तेरी बीवी की चूत नहीं है, कि जैसे मर्ज़ी चोद रहा है… साले आराम-आराम से चोद..!

फिर मैंने जय से प्यार से बोली- जय, ऐसे नहीं, धीरे-धीरे, अपने लंड को मेरी चूत से पूरा बाहर निकाले बिना, हल्के-हल्के धक्के मार कर, जी भर के सारी रात चोद कर मुझे मज़ा दो। ऐसे जल्दी-जल्दी से चोदने से क्या फायदा? तुम जल्दी झड़ जाओगे और मुझे भी मज़ा नहीं मिलेगा।

अब जय मुझे धीरे-धीरे चोदने लगा। थोड़ी देर तक धीरे-धीरे चोदने के बाद जय ने मेरी टाँगें पकड़ कर ऊपर फैला लीं और अपने लंड को मेरी चूत से पहले आधा निकालता फिर उसको मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ देता।

मुझे इस धीमी चुदाई से बहुत मज़ा मिल रहा था। मैं जय की कमर को अपने पैरों से पकड़ कर उसको अपनी चूचियों से चिपका लिया और अपनी कमर उठा-उठा कर जय का लंड अपनी चूत में पिलवाने लगी।

जय की इस धीमी चुदाई से मेरी चूत अब तक तीन बार पानी छोड़ चुकी थी, लेकिन चूत और चुदना चाहती थी।

थोड़ी देर जय मुझे धीरे-धीरे चोदने के बाद मुझसे से बोला- मेरी रानी, अब बहुत हो गया है.. अब मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदने दो। वैसे ललिता को मैं तो रोज़ ज़ोर-ज़ोर से चोदता हूँ और ललिता भी चुदते-चुदते ज़ोर-ज़ोर से चोदने के लिए बोलती है। अब तुम अपनी चूत संभालो और मैं तेज़ी से चोदता हूँ।

इतना कहने के बाद जय ने मेरी दोनों चूचियों को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया और अपनी कमर तेज़ी से उठा-उठा कर मुझे चोदने लगा।

अब मैं भी बहुत गर्म हो गई थी और मैंने भी जय को अपने दोनों हाथों और दोनों पैरों से पकड़ कर उससे चिपक कर जय की चुदाई का मज़ा लेने लगी।

थोड़ी देर मेरी चूत में लंड तेज़ी से पेलने के बाद जय का लंड मेरी चूत के अन्दर ठुमका मारने लगा और मैं समझ गई कि अब जय झड़ने वाला है।

वैसे मैं भी अब झड़ने वाली थी।

मैंने जय का मुँह खींच कर अपने चूचियों पर सटाते हुए जय से बोली- जय, जल्दी से तुम मेरी चूची चूसते हुए मुझे चोदो, मैं भी अब झड़ने वाली हूँ। चूची चुसवाते हुए चुदने से मैं बहुत जल्दी झड़ूँगी।

जय झट से मेरी एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।

मैं भी अपनी चूतड़ उचका-उचका कर जय के लंड से चुदवाने लगी।

थोड़ी देर में जय ने लंड तेज़ी से मेरी चूत में अन्दर तक पेल कर पानी छोड़ दिया और मेरी चूत को अपने पानी से भर दिया।

मैंने भी उसी समय अपनी चूत का पानी जय के लंड के ऊपर छोड़ दिया।

हम लोग इस चुदाई से बहुत ही थक गए थे और बिना चूत से लंड निकाले एक-दूसरे को अपने से चिपका कर सो गए।
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RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई - by sexstories - 07-10-2018, 12:33 PM

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