RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
गतान्क से आगे......................
मैंने कमरे की चमकती रोशनी में जय के खड़े लंड को ललिता की चूत के रस से चमचमाते हुए देखा, उसका लंड राज से थोड़ा लम्बा रहा होगा, पर राज का लंड उससे कहीं ज़्यादा मोटा था।
राज भी ललिता को नंगी देख कर बहुत खुश था।
मुझे याद आया कि राज को हमेशा छोटे मम्मों और बड़े चूतड़ों वाली औरतें पसंद थीं।
मैंने जय को अपने नंगे जिस्म को भारी नज़रों से आँकता पाया और उसे शर्तिया मेरे भारी मम्मे और गोल-गोल भरे-भरे चूतड़ भा गए थे।
जय ने बिस्तर पर आकर ललिता की खुली जांघों के बीच झुकते हुए अपना लंड उसकी गीली चूत से फिर से भिड़ा दिया।
ललिता ने भी जैसे ही जय का लंड अपनी चूत के मुँह में देखा तो झट से अपनी टाँगों को ऊपर उठा दिया और घुटने से अपने पैरों को पकड़ लिया।
अब ललिता की चूत बिल्कुल खुल गई और जय ने एक ज़ोरदार झटके के साथ अपना लंड ललिता की चूत में डाल दिया।
यह देख राज ने भी अपना लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरी चूत के छेद से लगाया और एक झटके के साथ मेरी चूत के अन्दर घुसेड़ कर मुझे चोदने लगा।
जय हालाँकि ललिता को बहुत ज़ोर से चोद रहा था पर उसकी नज़र मेरी चूत पर टिकी हुई थी।
राज का भी यही हाल था और उसकी नज़र ललिता की चुदती हुई चूत पर से हट नहीं पा रही थी!
मुझे जय के सामने अपने पति के साथ चुदाई करने में बहुत मज़ा आ रहा था और अब मैं भी गर्म होकर अपनी कमर उचका-उचका कर राज का लंड अपनी चूत में डलवा रही थी। मेरे बगल में ललिता भी अपनी टाँगों को उठा करके जय का लंड अपनी चूत से खा रही थी।
पलंग पर चार लोगों के लिए जगह कम थी और हमारे जिस्म एक-दूसरे से टकरा रहे थे। ललिता का पैर मेरे पैर से और राज की जाँघ जय के जाँघ से छू रही थी।
थोड़ी देर तक मैं अपनी चूत चुदवाते हुए ललिता को देख रही थी और थोड़ी देर के बाद मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा कर ललिता का हाथ पकड़ लिया।
ललिता ने खुशी का इज़हार करते हुए मेरे हाथ को दबाया और अपनी कमर उचकाते हुए मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई।
यह देख जय ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे पेट, पर मेरी चूत से थोड़ा ऊपर रख दिया। मुझे जय का हाथ अपने पेट पर बहुत अच्छा लगा और मैंने जय से कुछ नहीं कहा।
जय की हरकत देख कर राज ने भी अपना हाथ ललिता की जाँघ पर उसकी चूत के पास रख दिया और ललिता की जाँघों को हल्के-हल्के से सहलाना और दबाने लगा। जय और राज की इन हरकतों से हम सब में एक नई तरह की चुदास भर गई और दोनों मर्द हम दोनों औरतों को ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया।
अचानक राज को हमारा वो वार्तालाप याद आया जिसमे हम किसी दूसरे जोड़े के साथ चुदाई की कल्पना करते थे, राज ने मुझसे पूछा- डॉली क्या तुम आज किसी नई चीज़ का आनन्द उठाना चाहोगी?
मैंने राज से पूछा- तुम्हारा क्या मतलब है राज? तुम और किस नए आनन्द की बात कर हो? अभी तो मुझे ललिता के साथ उसके पलंग पर लेट कर तुमसे अपनी चूत चुदवाने में बहुत आनन्द मिल रहा है।
तब राज मुस्कुराते हुए मेरी चूचियों को अपने हाथों से मसलते हुए बोला- आज जय से चुदवाने का मज़ा लेने के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है?
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