RE: Samuhik Chudai सामूहिक चुदाई
एक दिन तो राज चुदाई के दौरान मुझसे पूछने लगा- डॉली, बताओ तो सही, अभी तुम्हारी चूत के अन्दर किसका लंड घुसा है?
मैं भी बिना ज़्यादा हिचक के बोली- राज, इस समय तो मेरी चूत जय के लंड का मज़ा ले रही है।
जल्द ही मैंने भी राज से पूछा- राज, तुम्हारा लंड किसकी चूत में है?
तो राज बड़े मज़े से बोला- ललिता की ललिता में है।
राज ने कुछ कहा नहीं पर यह ज़रूर महसूस किया कि जब मैं जय के साथ चुदाई की कल्पना करती हूँ, तो मेरा चुदाई में उत्साह और बढ़ जाता है और मैं राज से खूब ज़ोर से चुदवाती हूँ।
फिर एक दिन मैंने उससे कहा- तुम मुझे चोदते वक़्त यह कल्पना करते हो कि तुम ललिता को चोद रहे हो, तो क्यों नहीं चोदते समय मुझे ललिता कहकर ही पुकारो?
काफ़ी दिनों तक रोज़ हम लोग इस काल्पनिक दुनिया में एक-दूसरे को जय और ललिता के नाम से चोदते रहे। मैं उसे जय पुकारती और वो मुझे ललिता।
फिर लगभग आज से 5 साल पहले, एक दिन अचानक अंजाने में ही, जय और ललिता के साथ यह कल्पना हक़ीकत में बदल गई।
एक दिन जय और ललिता ने हमें रात को डिनर पर बुलाया।
हम उनके घर गए और वहाँ राज और जय ने साथ बैठ कर थोड़ी व्हिस्की पी। मैंने और ललिता ने भी थोड़ी सी ली।
तभी एकाएक जय ब्लू-फ़िल्मों के बारे में बात करने लगा, चूँकि उसे भी पता था कि हम दोनों ऐसी पिक्चर अक्सर देखा करते हैं।
जय ने राज से पूछा- क्या तुमने कभी कोई इंडियन ब्लू-फिल्म देखी है? ऐसी फिल्म देखने में बड़ा मज़ा आता है।
राज ने जय को बताया- अब ऐसी फ़िल्में अब धीरे-धीरे सभी जगह पर मिलने लगी हैं और हमने कुछ देखी भी हैं। ये ज़्यादा मज़ेदार होती हैं क्यूंकि साड़ी और पेटीकोट उठा कर भारतीय औरतों को अलग-अलग लोगों से अपनी ललिता चुदवाते देखने में अलग ही आनन्द आता है। जब भारतीय औरतें अपनी सुंदर सा मुँह खोल कर किसी का लंड चूसती हैं तो अपना लंड तो खड़ा हो जाता है।
राज ने जय को बताया- हमारी कार में एक वीडियो सीडी पड़ी है जो हम वापस लौटने वाले थे।
उसने कहा- अगर तुम चाहो तो उसे वापस करने के पहले देख सकते हो !
क्योंकि ललिता ने भी कभी भारतीय ब्लू-फिल्म नहीं देखी थी, जय ने उसे सुझाव दिया कि वे दोनों उसे अपने बेडरूम में देख लेंगे और हमारी वापसी पर लौटा देंगे।
राज ने उन्हें उत्साहित करते हुए कहा- हम दोनों तब तक कोई दूसरी हिन्दी फिल्म वही ड्राइंग-रूम में देखेंगे।
पर जय ने कहा- यह तो बदतमीज़ी होगी और चूँकि हम सब व्यस्क हैं, हम सब को ब्लू-फिल्म का आनन्द एक साथ उठाना चाहिए। हालाँकि राज और मुझे इसमें कोई इतराज़ नहीं था, पर ललिता कुछ शंका में लग रही थी।
उसके बाद ललिता के साथ मैं रसोई में गई और उसे हिम्मत दी कि नज़दीकी दोस्तों के साथ ऐसी फिल्म देखने में कोई हर्ज़ नहीं है।
हम रसोई से कुछ और ड्रिंक्स लेकर आए।
कुछ समय बाद ललिता ने हल्के से कह ही दिया कि उसे फिल्म देखने में कोई ऐतराज़ नहीं है।
राज बाहर जाकर कार से सीडी निकाल लाया जिसका नाम ‘बॉम्बे-फैंटेसी’ था।
हम सब उनके बेडरूम में चले गए। मैं और राज सोफे पर बैठ गए और जय और ललिता अपने बिस्तर पर।
जय ने लाइट बंद करके फिल्म चालू कर दी। हम लोगों ने ये फिल्म देखी हुई थी, जिसमें दो मर्द और दो औरत के एक ही बिस्तर पर चुदाई की कहानी थी।
हम शान्ति से सोफे पर बैठ कर जय और ललिता के भाव पढ़़ने की कोशिश कर रहे थे।
कमरे में टीवी की रोशनी के अलावा अंधेरा था।
कुछ देर में हमें लगा कि जय और ललिता गर्म हो रहे थे और उन्होंने अपने आप को कम्बल से ढक लिया था। ऐसा लग रहा था कि जैसे जय, ललिता के साथ चुदाई से पूर्व की हरकतों में मशगूल हो गया था।
|