RE: Long Sex Kahani सोलहवां सावन
'देह दर्शन '
मैं जोर से शर्मा गयी ,सुबह की बात याद कर के। भौजी भी न , पहले तो जबरदस्ती , ...दो ऊँगली मेरे पिछवाड़े हचक के पेल दीं ,चार पांच मिनट गोल गोल घुमाती रहीं फिर मेरे मुंह में जबरन डाल के मंजन कराया ,खूब रगड़ रगड़ के , और मुंह भी नहीं धोने दिया और अब ऊपर से कह रही हैं की , मैंने ,....
भौजी ने तबतक मुझे कस के अंकवार में भर लिया और तौलिए से मेरी देह रगड़ते पोंछते बोलीं ,
………..
" बोल तुझे ये तेरा जोबन कैसा लगता है , है न लौंडो को ललचाने के लायक , सारा गाँव मरता है इस पे , बोल है न दिखाने के लायक। "
मेरे गाल शर्म से गुलाल हो रहे थे , फिर भी मैंने हामी में सर हिलाया।
" अब बोलो ये बाला जोबना दिखाओगी की दुपट्टे में छिपा के रखोगी? " कामिनी भाभी ने फिर पूछा।
कल ही तो उन्होंने सिखाया था मैं चट से बोली , " अरे भौजी अब दुपट्टा अगर डालूंगी भी तो एकदम गले से चिपका के , आखिर ये जोबन दिखाने ललचाने की तो ही उम्र है। "
एकदम सही , और बोल तुझे मैं कैसी लगती हूँ ,
" बहुत प्यारी मस्त माल " चिढ़ाते हुए मैंने उन्हेंभींच के चूम लिया।
और भौजी ने देह का दर्शन समझाना शुरू कर दिया।
" देखो सब कितना ख्याल करते है दे, ह का , तेल फुलेल , लिपस्टिक ,पाउडर , गहना ,कपड़ा ,सब कुछ तो एहि देह को सजाने के लिए , जिसे देह अच्छी लगे , सुन्दर लगे ,... और जितना सुख है न सब इसी देह से है , चाहे स्वाद का मजा हो , चाहे अच्छी चीज देखने का मजा , छूने का मजा हो , सुनने का मजा हो सब तो इसी देह से , इसी देह को मिलता है। तो फिर देह को देखने में , दिखाने कौन शरम लाज। और जब ई शर्म लाज टूटती है न तभी असली मजा खुल के आता है। "
बात में भाभी के दम था , यहां आने तक मैं एकदम छुईमुई थी , कोई इधर उधर हाथ भी लगाता था मैं बिदक जाती थी। कोई लड़का सामने से गुजर भी जाता था तो बस मुझे लगता की कहीं मेरे कच्चे टिकोरों को तो नहीं , और मैं दुपट्टे से अच्छी तरह छोटे छोटे नए आये जोबन को , लेकिन पहले ही दिन भाभी के गाँव में जब सोहर हो रहा था तो सब लोग इतने खुल के गालियां गा रहे थे , मुझसे भी कम उमर की लड़कियां एक दम खुल के मजा ले रही थीं , और झूले पे तो कितनी भाभियों ने मेरे उभारों पे हाथ डाला, अंदर भी। रही सही झिझक मेरी सहेली चन्दा ने रात में जब वो मेरे पास सोई तब खत्म कर दी और फिर रतजगे , जब बिना उमर ,रिश्ते का लिहाज किये रतजगे में सबके कपडे उतरे और सबने खूब मजे लिए ,...
भाभी की बातें खाते समय भी जारी रही।
" सबसे बड़ा मजा जानती हो का है , ... "
" चुदाई ,... " खिलखिलाते हुए मैं बोली , अब मैं अपनी भौजी की पक्की ननद हो गयी थी।
" एकदम , हँसते हुए कामिनी भाभी बोलीं , और इसलिए की इसमें देखने का , चखने का ,छूने का , सुनने का सब मजा मिलता है। और असली चुदाई भी यही है जिसमें ई कुल हो। अच्छा एक बात बताओ , जब झड़ते समय तोहार भैय्या कटोरा भर रबड़ी तोहरी चूत में डलले रहलें तो मजा मिला था की नहीं ,
और जब तक मैं उनकी बात का जवाब देती भौजी ने दूसरा सवाल दाग दिया ,
" और जब तोहरे पिछवाड़े आपन पिचकारी से मलाई छोड़ले रहें तब ?"
मैं खिलखिला पड़ी , " अरे भौजी ई कौन पूछने की बात है। सबसे ज्यादा मजा तो ओहि टाइम आता है। और उस मलाई का स्वाद भी कितना मीठा होता है। "
मुझे गाँव के लड़कों की याद आ गयी , अजय , सुनील ,दिनेश सब ने अपनी मलाई चखाई थी।
" और उस मलाई का एक फायदा और है ? " कामिनी भाभी का क्विज टाइम चल रहा था।
कुछ देर मैंने सर खुजाया , सोचा ,फिर मेरी चमकी।
" अरे भौजी अगर उसको ,... ओहि से तो दुनिया चलती है। मरद देता है , औरत घोंटती है तभी तो केके हाँ केहाँ होता है स्रष्टि चलती है , उ तो अमरित है। " मैं भी कामिनी भाभी की तरह बोलने लगी थी। "
भौजी बड़ी जोर से मुस्कार्ईं , " तू और तोहार सारे खानदान वाली , मजा ले ले के लण्ड चूसती हो , उसकी मलाई गटकती हो , तो उँहा से निकलने वाली बाकी चीज में ,... और फिर अपने खुद की देह से निकली ,...काहें मुंह बिचकाती हो। "
मैं समझ गयी ,कामिनी भाभी का इशारा ,... सुबह भइया ने मेरे पिछवाड़े कटोरी भर मलाई निकालने के बाद अपना खूंटा मेरे मुंह में ,... मैं बहुत ना नुकुर कर रही थी , लेकिन भला हो भोजी और भैया का ,, जबरदस्ती उन्होंने ,... और उसके बाद भौजी ने मंजन भी ,...
मैंने ऐसा भोला सा चेहरा बनाई थी , जैसे मानो कह रही हो ऊप्स भाभी गलती हो गयी ,आगे से नहीं होगी। और भाभी ने गुरुज्ञान दे दिया ,
" अरे जउने देह से मजे ही मजे है , उससे निकलने वाली चीज भी ,... "
भौजी की बात में ब्रेक लग गया था क्योंकि वो एक दूसरे काम में लग गयी थीं , खाने के बाद।
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