RE: Sex Chudai Kahani सेक्सी हवेली का सच
"मज़ा आ रहा है?" उसने अपना सवाल दोहराया और हाथ ज़बरदस्ती पायल की टाँगो में घुसकर उसकी चूत की मुट्ठी में पकड़ लिया. इस बार पायल से भी बर्दाश्त नही हुआ.
"आआआआआआअहह मालकिन. बहुत अच्छा लग रहा है. क्या कर रही हैं आप?" वो हल्के से चिल्लाई
"तुझे जवान कर रही हूँ" रूपाली ने जवाब दिया और पायल को अपनी तरफ घुमाया "तुझे जवानी के मज़े लेना सीखा रही हूँ"
अब पायल और रूपाली एक दूसरे की तरफ चेहरा किए खड़ी थी. पायल की कमर दीवार से लगी हुई थी. दोनो की आँखें मिली और एक पल के लिए एक दूसरे को देखती रही. रूपाली ने पायल के चेहरे को गौर से देखा. उसकी आँखों में वासना के डोरे सारे नज़र आ रहे थे. रूपाली आगे बढ़ी और अपने होंठ पायल के होंठों पर रख दिया. उसका एक हाथ पायल की चूचियों पर और दूसरा सरक कर उसकी चूत पर पहुँच गया.
रूपाली ने पायल के होंठ क्या चूमे के पायल उसकी बाहों में आ गिरी. उसने अपनी दोनो बाहें रूपाली के गले में डाली और उससे लिपट गयी. रूपाली समझ गयी के उसका काम बन चुका है. वो पायल के पूरे चेहरे को चूमने लगी और चूमते हुए गले पर और फिर पायल की चूचियों पर आ गयी. एक हाथ अब भी पायल की चूत रगड़ रहा था. पाया की दोनो टाँगें काँप रही थी और उसकी आँखें बंद थी. दोनो हाथों से उसने अब भी रूपाली को पकड़ा हुआ था. रूपाली ने उसका एक निपल अपने मुँह में लिया और चूसने लगी और थोड़ी देर बाद यही दूसरे निपल के साथ किया.
"बहुत मज़ा आ रहा है?" उसने फिर पायल से पुचछा
पायल ने सिर्फ़ हां में सर हिलाया.
रूपाली पायल से अलग हुई, उसका हाथ पकड़ा और उसे बाथरूम से लेके बेडरूम में आ गयी.
बेडरूम में लाकर रूपाली ने पायल को धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दिया. पायल कमर के बल बिस्तर पर जा गिरी और सामने खड़ी नंगी रूपाली को देखने लगी. सर से पावं तक.
"क्या देख रही है?" रूपाली ने अपना एक हाथ अपनी चूचियों पर और दूसरा अपनी चूत पर फिराया "तेरे जैसा ही है. ये दो बड़ी बड़ी चूचियाँ तेरे पास हैं और मेरे पास भी हैं. जो तेरी टाँगो के बीच है वही मेरी टाँगो के बीच में भी है बस तुझपर से ये बाल हटाने है. फिर तेरी जवानी खुलकर सामने आ जाएगी" रूपाली ने पायल के चूत पर उगे हुए बाल की तरफ इशारा किया. शर्मा कर पायल ने अपने एक हाथ से अपनी चूत को छुपा लिया.
रूपाली मुस्कुरा कर बिस्तर पर चढ़ि और पायल के नज़दीक आई. पायल का हाथ उसकी चूत से हटाकर उसने फिर अपना हाथ रख दिया और चूत सहलाने लगी.
"टांगे खोल. पूरी फेला दे" उसने पायल से कहा और इस बार बिल्कुल उल्टा हुआ. रूपाली को उम्मीद थी के पायल मना कर देगी पर पायल ने फ़ौरन अपनी टांगे खोल दी. उसकी चूत खुलकर रूपाली के सामने आ गयी.
रूपाली उठकर पायल की टाँगो के बीच आ गयी और उसकी चूत देखने लगी. ज़िंदगी में पहली बार वो अपने सिवा किसी और औरत की चूत देख रही थी.
"कोई आया है आज तक तेरी टाँगो के बीच में?" उसने पायल की चूत सहलाते हुए कहा. पायल ने आँखें बंद किए हुए इनकार में सर हिलाया
"कोई बात नही. मैं सीखा दूँगी" रूपाली ने कहा और पायल की चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी. पायल जोश में अपना सर इधर उधर करने लगी. रूपाली थोड़ा आगे को झुकी और किसी मर्द की तरह पायल पर पूरी तरह छा गयी. वो पायल के उपेर लेट गयी और उसके होंठ फिर से चूमने लगी. इस बार पायल ने भी जवाब दिया और उसने अपने उपेर लेटी रूपाली को कस्के पकड़ लिया. दोनो एक दूसरे के होंठ चूमने लगी.
"काफ़ी जल्दी सीख रही है" रूपाली ने कहा और नीचे होकर पायल की चूचियाँ चूमने लगी. उसने अपने हाथ से पायल का एक हाथ पकड़ा और लाकर अपनी छाती पर रख दिया
"दबा इसे. जैसे मैं तेरे दबा रही हूँ वैसे ही तू मेरे दबा" उसने पायल से कहा और पायल ने भी फ़ौरन उसकी चूचिया दबाने लगी
"किस्में ज़्यादा मज़ा आ रहा है? अपने चुसवाने में या मेरे दबाने में?" उसने पायल की चूचियाँ चूस्ते हुए कहा
"आआआआहह मालकिन. दोनो में" इस बार पायल ने फ़ौरन जवाब दिया
रूपाली थोड़ी देर तक पायल की दोनो चूचियों को एक एक करके चूस्ति रही और नीचे से अपनी चूत पायल की चूत पर रगड़ने की कोशिश करती रही. थोड़ी देर बाद वो उठकर पायल के उपेर बैठ गयी. टांगे पायल की कमर के दोनो तरफ थी जैसे कोई मर्द किसी औरत को बैठकर चोद रहा हो. वो आगे को झुकी और अपनी छातियाँ पायल के मुँह से लगा दी
"चूस इन्हें" उसने पायल से कहा. पायल ने भी उसकी छातियाँ ऐसे चूसनी शुरू कर दी जैसे काब्से इसी का इंतेज़ार कर रही हो
"तुझे पता है जब मर्द किसी औरत के साथ सोता है तो क्या करता है?" उसने पायल से पुचछा
पायल ने उसकी चूचियाँ चूस्ते हुए हां में सर हिलाया
"क्या करता है?" रूपाली ने अपने दोनो हाथों से पायल का सर पकड़ रखा था और उसे अपनी चूचियों पर दबा रही थी
"यही जो आप कर रही हैं मेरे साथ." पायल ने रूपाली का निपल अपने मुँह से निकालकर कहा और दोबारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी
"आआआहह "रूपाली के मुँह से निकला. उसने अपना एक हाथ पायल की चूत पर रखा "अरे पगली मैं पुच्छ रही हूँ के यहाँ क्या करता है"
"पता है मुझे" पायल ने कहा "माँ ने बताया था एक बार"
"किसी मर्द ने किया है कभी तेरे साथ ऐसा" रूपाली ने पुचछा तो पायल ने इनकार में सर हिला दिया
"तेरा दिल नही किया कभी करवाने का?" रूपाली ने पुचछा तो पायल ने फिर इनकार में सर हिलाया
"अब तक तो नही किया था कभी"
"अब कर रहा है?" रूपाली ने मुस्कुराते हुए पुचछा तो पायल ने भी शर्माकर मुस्कुराते हुए हां में सर हिला दिया
"तो चल आज मैं ही तेरे लिए मर्द बन जाती हूँ" कहते हुए रूपाली पायल के उपेर से हटी.
रूपाली पायल के उपेर से हटी और फिर उसकी टाँगो के बीच में आकर उसकी चूत सहलाने लगी
"यहाँ पर मर्द अपना लंड घुसाता है" उसने पायल से कहा "लंड जानती है किसी कहते हैं?"
पायल ने हां में सर हिलाया तो रूपाली मुस्कुराने लगी
"जानती सब है तू" कहते हुए रूपाली ने अपनी एक अंगुली धीरे से पायल की चूत में घुसा दी
"आआअहह मालकिन." पायल फ़ौरन बिस्तर पर उच्छली. कमर पिछे को खींचकर उसने रूपाली की अंगुली चूत में से निकल दी
"दर्द होता है" पायल बोली
"पहले थोडा सा होगा पर फिर नही. अब सीधी लेटी रह. हिलना मत वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा" रूपाली ने पायल को हल्के से डांटा और फिर उसकी दोनो टांगे खोल ली.
थोड़ी देर चूत पर हाथ रॅगॅड्कर उसने अपनी बीच की अंगुली पायल की चूत में धीरे धीरे घुसा दी. अपने दूसरे हाथ से वो अपनी चूत रगड़ रही थी
"दर्द होता है मालकिन" पायल फिर बोली
"बस थोड़ी देर. फिर नही होगा" कहते हुए रूपाली ने अपनी अंगुली आगे पिछे करनी शुरू कर दी. नतीजा थोड़ी ही देर में सामने आ गया. जो पायल पहले दर्द से उच्छल रही थी अब वो ही आअहह आअहह करने लगी.
"मैने कहा था ना के मज़ा आएगा" रूपाली ने कहा "और करूँ या निकल लूँ?"
"और करिए" पायल ने आहह भरते हुए कहा
रूपाली ने तेज़ी से उसकी चूत में अंगुली अंदर बाहर करनी शुरू कर दी और अपना दूसरा हाथ अपनी चूत पर तेज़ी से रगड़ने लगी. अचानक उसकी नज़र सामने घड़ी पर पड़ी और उसने अपनी अंगुली पायल की चूत से निकाल ली. पायल ने अपनी आँखें खोलकर उसकी तरफ देखा
"क्या हुआ मालकिन?" उसने रूपाली से पुचछा
"अरे पागल एक मर्द का लंड मेरी अंगुली जितना थोड़े ही होता है. असली मज़ा लेना है तो या तो लंड से ले या लंड जैसी किसी चीज़ से ले" रूपाली बिस्तर से उठते हुए बोली
"मतलब?" पायल ने पुचछा. उसने उठने की कोई कोशिश नही की थी. बिस्तर पर वैसे ही टांगे हिलाए पड़ी थी
"मतलब ये" रूपाली ने टेबल पर रखे हुआ एक खीरा उठाया. यही वो चीज़ थी जो वो थोड़ी देर पहले किचन में ढूँढ रही थी.
"आप ये डालेंगी? ये तो बहुत मोटा है" पायल ने आँखें फेलाते हुए कहा. उसकी टांगे भी डर से अपने आप बंद हो गयी
"कोई कोई लंड इससे भी मोटा होता है. वो कैसे लेगी?" कहते हुए रूपाली ने पास रखे हेर आयिल की बॉटल उठाई और पूरे खीरे पर आयिल लगा दिया. वो फिर बिस्तर पर चढ़कर पायल के नज़दीक आई और उसकी टाँगें खोलने की कोशिश की
"नही मालकिन" पायल ने कहा "बहुत दर्द होगा"
"अरे हर औरत को होता है. मुझे भी हुआ था पहली बार पर फिर मज़ा आता है. चल अब टांगे खोल" कहते हुए रूपाली ने ज़बरदस्ती पायल की टांगे खोल दी
वो फिर पायल की टाँगो के बीच आ बैठी और खीरा उसकी चूत पर रगड़ने लगी. पायल ने फिर अपनी आँखें बंद कर ली थी. थोड़ा देर ऐसे ही रगड़ने के बाद रूपाली ने थोड़ा सा खीरा पायल की चूत में डालने की कोशिश की. पायल फ़ौरन पिछे को हो गयी
"आह" पायल करही "दर्द होता है"
"चुप कर और टांगे खोल और हिलना मत" रूपाली ने उससे कहा और दोबारा खीरा डालने की कोशिश की. थोड़ी देर ऐसे ही कोशिश करने के बाद जब पायल ने खीरा चूत में डालने नही दिया तो रूपाली बिस्तर से उठकर अपनी अलमार तक गयी और अपने 3 स्कार्फ उठा लाई.
"तू ऐसे नही मानेगी" कहते हुए वो फिर पायल के करीब आई और उसे बिस्तर से बाँधने लगी.
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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