RE: Sex Kahani ह्ज्बेंड ने रण्डी बना दिया
चार्ली मेरे चुचों को चूसते हुए कभी निप्पलों को ज़ोर से दबाता या कभी दोनों चुचों को एक साथ पकड़ के ज़ोर से हिलाने लगता। नीचे मेरी चूत को रिची मुँह में भरकर चूसते हुए काट लेता, कभी वो जाँघ को.. तो कभी चूत को काट रहा था.. और ऊपर चार्ली मेरी चूची.. पेट को बुरी तरह काट और नोंच रहा था।
मुझे मजा आने की जगह दर्द हो रहा था, मैंने चिल्लाते हुए कहा- प्लीज.. बंद करो ये खेल.. प्लीज़ मैं मर जाऊँगी.. प्लीज़ अहह… सिसि.. द..दर्द हो रहा है।
लेकिन चार्ली और रिची को जैसे सुनाई ही नहीं दे रहा था, चार्ली मेरे चुचों से होते हुए गरदन को चूमते हुए मेरे होंठों को मुँह में लेकर चूसने लगा, उसने मेरी चूचियाँ मसकते हुए दाँतों से कसकर मेरे होंठ को काट लिया।
मैं दर्द से सीत्कार कर उठी- आहह आ..
मैंने दर्द की अधिकता से उसका मुँह पकड़ कर अपने होंठों से हटा दिया.. तो उसने मेरे निप्पलों को काट लिया।
मैं जोर से चीख पड़ी- अहहह..आहसीई.. प्लीज़ मुझे दर्द हो रहा है.. प्लीज़ समझने की कोशिश करो.. आह प्लीज़ अहहहह..
फिर वो मुझे छोड़ कर खड़ा होकर अपने कपड़े खोलने लगा।
इधर रिची मेरी चूत की चटाई चालू रखे हुए था, रिची की चूत चुसाई से मुझे थोड़ा मजा आ रहा था।
तभी मेरा ध्यान चार्ली पर गया, चार्ली ने अपनी पैंट खोली और उसे उतार कर फेंक दी। जैसे ही चार्ली ने अपना अंडरवियर नीचे किया.. मैंने चार्ली का लण्ड देखा, मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं, मैं पलक झपकाना भूलकर चार्ली का लण्ड देख रही थी। चार्ली का लण्ड स्प्रिंग की तरह बाहर निकल कर लटक रहा था।
मैं देख कर हैरान थी। उसका लंड कम से कम 9 इंच का तो था। एकदम गोरा.. और मोटा लंड निकाल कर वो मेरी तरफ बढ़ा। वो मेरे नजदीक आकर अपने लण्ड को मेरे होंठों पर फिराने लगा.. और मैंने भी मस्त होकर लण्ड को देख कर चार्ली का लण्ड मुँह में ले लिया।
उधर नीचे रिची भी चुसाई बंद करके अपने कपड़े उतार कर अपने लण्ड को मेरी चूत में रगड़ने लगा।
तभी मेरा ध्यान रिची के लण्ड पर गया। जैसे दोनों के जुड़वां लण्ड हों.. एक सी ही बराबरी के मोटे.. लम्बे.. दोनों लण्ड को देखकर मेरी बुर पानी छोड़ने लगी।
उसके बाद क्या बताऊँ दोस्तो.. रिची ने अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया। उसका मोटा लंड देखकर तो मैं हैरान हो गई थी। बड़ा ही जबरदस्त लण्ड मेरी चूत पर टिका हुआ था।
एक मेरे मुँह में घुसा था। फिर रिची ने दो-तीन बार लंड को मेरी चूत पर रगड़ कर एकदम से जोर से धक्का लगा दिया। उसका पूरा हलब्बी लंड मेरी चूत में समाता चला गया।
मेरे मुँह से आवाज निकली- आह्ह्ह्हह्ह सीई..
मैंने दर्द सहते हुए कसकर दाँतों को जकड़ लिया.. और मेरे मुँह के अन्दर चार्ली का लण्ड था.. जिस पर मेरे दाँत लग गए। चार्ली कसकर चिल्लाया।
चार्ली के लण्ड का ध्यान आते ही मैंने मुँह खोल दिया।
फिर चार्ली मुझे गाली देते हुए लण्ड को मेरे गले तक डाल कर मेरे मुँह में आगे-पीछे करने लगा।
उधर रिची तेज-तेज धक्के पर धक्के लगा कर लंड को मेरी चूत में पेल रहा था। इधर चार्ली मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरे मुँह में अपना लण्ड ठोक रहा था। रिची मेरे चूतड़ों को पकड़ कर जोर-जोर से धक्के दे रहा था। मैं लण्ड चूसते हुए चुदवाती रही और रिची चोदता रहा। फिर मेरी चूत ने अचानक पानी छोड़ दिया।
रिची के लण्ड के हर धक्के का स्वागत करते हुए मैं बड़ी जोर से चुदवा रही थी, ‘फचफच..’ लंड अन्दर-बाहर हो रहा था।
मेरी चूत रिची के हर शॉट पर मेरे मुँह से आवाज निकालने लगी ‘अहह.. अह्ह्ह सीसीईईई आहहह.. की मदमस्त आवाज मेरे मुँह से निकलने लगी।
‘आआहआसी.. सी..सीआह..’ करके मैं चुद रही थी और चार्ली का लण्ड भी चूस रही थी। दोनों तरफ के मजे पाकर मैं झड़ने लगी और रिची भी मेरी झड़ती चूत पर धक्कों की रफ्तार तेज करके मेरी चूत में पानी निकाल कर शान्त हो गया।
अभी तो चुदाई शुरू हुई थी पूरी रात मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ने वाली थीं।
रिची के गर्म वीर्य को चूत में लिए हुए चार्ली के लण्ड को चूस रही थी, कभी सुपारे को तो.. कभी चार्ली के अंडकोषों को मुँह से चूस रही थी, चार्ली मेरी चूचियाँ मींज रहा था।
रिची मेरी चूत से लण्ड खींच कर नीचे उतर गया और तभी चार्ली मेरी चूची व पेट को सहलाते हुए अपना हाथ मेरी चूत की तरफ ले जा गया, वो मेरी चूत को सहलाते हुए लण्ड चुसवाता जा रहा था।
रिची के वीर्य से भरी हुई चूत को मींजते हुए चूत में दो उंगली डाल कर चूत मसकते हुए चार्ली भी मेरे मुँह में पानी छोड़ने लगा.. उसने अपने सारे वीर्य को मेरे मुँह में डाल दिया और लण्ड को मेरे होंठों से नीचे तक मेरी चूचियों पर रगड़ने लगा।
मैं चार्ली के लण्ड से निकले हुए पानी को गटक गई। उन दोनों मुझे उसी हालत में लेकर बिस्तर पर अगल-बगल लेट गए। मेरी बुर से अभी भी रिची के लण्ड का पानी बह रहा था और मुँह में होंठों पर थोड़ा बहुत चार्ली का वीर्य लगा था। मेरे शरीर पर काटने के निशान दिख रहे थे। मेरे साथ हुई बेदर्द चुदाई से मैं बिल्कुल थक गई थी.. पर अभी वो दोनों वैसे ही भूखे दिख रहे थे।
काफी देर रिची और चार्ली की बाँहों में पड़ी रही, जितनी देर रही.. दोनों ने एक भी पल के लिए मेरे शरीर को राहत नहीं लेने दी। रिची और चार्ली के हाथ मेरे पूरे बदन पर चूत पर.. चूची.. चूतड़.. हर जगह फिर रहे थे।
रिची और चार्ली ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया।
एक बार फिर दोनों के लण्ड मेरी चुदाई करने के लिए पूरे तैयार थे। उसी पल चार्ली मुझे घोड़ी बना कर मेरे पीछे से चूतड़ों को और पीठ को चूमने लगा, पूरे चूतड़ और छेद के साथ रिची के वीर्य से सनी चूत को चार्ली चाटते हुए मेरी गाण्ड मारने की तैयारी कर रहा था।
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