RE: Hindi Sex Kahani हवस का जंजाल
अलीशा बोली,“कुछ नहीं रज़िया! ये कार्ड देने आया है!” फिर अलीशा मुझसे बोली,“आओ अंदर आ जाओ!” मैं अंदर गया और दोनों मेरे सामने सोफ़े पेर बैठ गयीं। कुत्ता भी एक तरफ बैठा था। दोनों ने सलवार-सूट पहना हुआ था। अलीशा ने आज भी वही लाल रंग के ऊँची पेंसिल हील के सैंडल पहने रखे थे लेकिन रज़िया ने आज काले रंग के ऊँची हील वाले सैंडल पहने हुए थे। वो दोनों मेरे सामने सोफे पर बैठी थीं फिर भी मुझे उनके मुँह से शराब की बू आ गयी। मैं सोच रहा था कि कैसी औरतें हैं जो दिन में ही शराब पीना शुरू कर देती हैं।
मैं उन्हें कार्ड के बारे में बताने लगा। मैंने कार्ड निकाले तो वो अलीशा और उसके पति के कार्ड थे। मैं समझ गया कि ये घर अलीशा का है। मैंने पुष्टिकरण के लिये उसके पति के बारे में पूछा तो अलीशा बोली कि वो दुबई में काम करते हैं। मैंने उसके पति का कोई पहचान पत्र दिखाने को कहा तो दोनों औरतें अंदर की ओर जाने लगीं। रज़िया मुझसे बोली “तुम रुको हम अभी आते हैं!” वो अंदर चली गयीं। मैं अपने आप पर गुस्सा कर रहा था कि थोड़ा देर से आता तो आज फिर कुछ देखने को मिलता। हो सकता है ये दोनों अंदर कुछ कर रही हों पर मैं देखूँ कैसे।
तभी दोनों औरतें बाहर आयीं ओर अलीशा दरवाजे की तरफ़ गयी ओर उसने दरवाजा बंद कर दिया। मैंने पूछा कि “आपने दरवाज़ा क्यों बंद कर दिया?”
तो वो बोली,“ये टायसन (कुत्ता) बाहर भाग जायेगा इसलिये इसे बंद रखते हैं!”मैं रज़िया की ओर देख कर बोला, “आप कहाँ रहती हैं? आप के कार्ड भी दे दूँ!” वो बोली, “अभी जल्दी क्या है?”मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा कि ये हो क्या रहा है! एक दरवाज़ा बंद कर रही है ओर एक कह रही है कि ‘जल्दी क्या है’। दोनों फिर अंदर के कमरे में मुस्कुराते हुए चली गयीं। कुछ देर बाद अलीशा ने मुझे आवाज दी कि “अंदर आ जाओ… मैं अपने हसबैंड का आई-डी दिखा देती हूँ!” मैं सोचने लगा कि ये औरत अपने शौहर का पहचान-पत्र बाहर ला कर क्यों नहीं दिखा सकती जो मुझे अंदर बुला रही है।
मैं अंदर दूसरे कमरे में गया। पर्दा हटाया तो लगा कि मेरा दिल सीने से बाहर आ गया। मेरे दिल की धड़कन काफी तेज़ हो गयी और मुँह सूख गया। मैं सन्न रह गया था क्योंकि मेरे सामने दोनों औरतें नंगी थीं। सिर्फ़ ब्रा ओर पैंटी और ऊँची हील के सैंडल उनके बदन पर बचे थे। मैं अपनी जगह पर जम गया। वो क्या बोल रही थीं मेरा ध्यान नहीं था। मैं उनके नंगे बदन को आँखें फाड़े देख रहा था।
वो दोनों इठलाती हुई मेरे पास आयीं ओर मुझे पकड़ कर बिस्तर पर ले गयीं। मैं उन्हें बस देखता रहा। मैं कुछ कर नहीं पा रहा था। पिर उन्होंने मेरे हाथ ओर पैर बाँध दिये। फिर अलीशा ने मेरी शर्ट खोलनी शुरू की। वो एक-एक बटन धीरे-धीरे खोल रही थी जबकि रज़िया मेरी पैंट खोल रही थी। अब मेरे बदन पर सिर्फ़ अंडरवीयर थी। अलीशा ने मुझे छोड़ा और कुछ दूर जाकर अपनी ब्रा मेरी ओर देखते हुए उतारनी शुरू की। वो साथ में धीर-धीरे हिल रही थी जैसे नाच रही हो। मेरे देखते ही देखते उसने पैंटी भी उतार दी। मेरे सामने उसकी फूली हुई गुलाबी चूत थी जिस पर एक भी बाल नहीं था। क्या खूबसूरत नज़ारा था। फिर वो मेरे पस आयी और मेरे बदन को चाटने लगी जैसे कल कुत्ता चाट रहा था उनकी चूत को। रज़िया भी अब अपनी ब्रा ओर पैंटी उतार रही थी। मैं तो ये नज़ारा देख कर अपना आपा खो चुका था। रज़िया मेरे पस आयी ओर उसने मेरी कमर के नीचे के हिस्से को चूमना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड अब तक खड़ा हो चुका था और अंडरवीयर में उसका दम घुट रहा था। उसे बाहर आने की पड़ी थी। तभी रज़िया ने मेरी अंडरवीयर पकड़ी और धीरे-धीरे उतारने लगी।
दोनों रंडियों का भोग लिया मैंने
अलीशा मेरे होंठों पर किस करने लगी। फिर वो मेरे होंठ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। रज़िया ने मेरी अंडरवीयर उतारी और मेरी गोलियों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। एक हाथ से उसने मेरा लण्ड पकड़ रखा था जिसे वो धीरे-धीरे सहला रही थी। अलीशा ने मेरे होंठ चूसना बंद किया और फिर वो अपने बड़े-बड़े गोल मम्मे मेरे चेहरे पर घूमाने लगी। कुछ देर बाद वो अपने मम्मे की चूची मेरे होंठ के पस रख कर बोली, “चूस ना!” मैंने अपना मुँह खोला ओर उसकी चूची चूसने लगा। अलीशा “आआहहहहहहह ऊऊऊऊऊऊईईईईई अल्लाहहऽऽऽ” करने लगी। रज़िया मेरी गोलियों को मुँह से निकाल कर मेरे लण्ड को आईसक्रीम की तरह चाट रही थी। फिर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में रख लिया और उसे मुँह में अंदर-बाहर करने लगी। तभी दोनों ने एक दूसरे को देखा और कुछ इशारा किया और दोनों खड़ी हो गयीं और अपनी जगह बदल ली। अब अलीशा नीचे मेरे लण्ड को पकड़ेहुए थी ओर रज़िया मेरे सीने पर दोनों ओर पैर डाल कर बैठ गयी। उसके बैठते ही मुझे लगा कि कुछ गीला-गीला है। मैने देखा उसकी चूत से पानी गिर रहा था। वो मेरे मुँह पर झुकी और एक मम्मे की चूची मेरे मुँह में दे दी। मैं उसे चूसने लगा। वो भी “आआआहहहह ऊऊईईईई बहुत मजा आ रहा है अलीशाआऽऽऽ!” इसी तरह बड़बड़ाने लगी।
अलीशा मेरा लण्ड अपने मुँह में ले कर उसे चूस रही थी। मेरा लण्ड अब पानी छोडने वाला था। मैंने सोचा कि उसे बता दूँ। मैंने रज़िया का मम्मा मुँह से निकाला तो रज़िया ने फिर उसे मेरे मुँह में ठूँस दिया। मैं बोल नहीं पाया और मेरे लण्ड ने पानी छोड़ दिया। पर अलीशा को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा। वो अब भी मेरा लण्ड चूस रही थी। अब उसकी मुँह से ‘पच-पच’ की आवाज आ रही थी।
मेरा लण्ड धीरे-धीरे मुर्झाने लगा था जिसे अलीशा ने छोड़ा तो रज़िया ने झुक कर अपने मुँह में ले लिया। अलीशा अब मेरे सीने ओर पेट पर किस कर रही थी और साथ में चाट भी रही थी। मेरे लण्ड के झड़ने के कुछ देर बाद मैं सामान्य होने लगा। वो दोनों मेरे लण्ड ओर पूरे बदन को चाट रही थीं। मैंने अलीशा से कहा “आपने मुझे बाँधा क्यों?” वो बोली “हमने एक ब्लू-फिल्म में देखा था! और हमें डर था कि तुम भाग ना जाओ!”
मैंने उसे फिर कहा, “अब तो खोल दो… मैं कहीं नहीं भागुँगा!” दोनों ने मेरे हाथ और पैर खोल दिये ओर बगल में बैठ गयीं। मैं उठकर बैठा तो दोनों औरतें मेरे दोनों तरफ़ बैठी सिगरेट पी रही थीं ओर मेरे बदन को सहला रही थीं। मैंने देखा कि कुत्ता भी कोने में बहुत ही सुस्त सा बैठा देख रहा था। मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा था ओर मेरी हिम्मत भी बढ़ गयी थी। मेरा मन भी उनको चोदने का हो रहा था। मैंने अलीशा की दोनों टाँगें फैलायी ओर अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा तो वो बोली, “नहीं बिना कंडोम के ऐसे नहीं! कुछ हो गया तो?” उसकी बात सुनकर मैं रुक गया। मेरा लण्ड ओर मन उन दोनों को चोदने को हो रहा था और क्या करूँ ये सोच रहा था। फिर मैंने दोनों से कहा, “कंडोम तो इस वक्त मेरे पास है नहीं! तुम दोनों को चुदवाने की इच्छा नहीं हो रही है क्या?”
वो बोली, “इच्छा तो बहुत हो रही है… दो बार पानी भी गिर गया लेकिन क्या करें… जोखिम नहीं ले सकते!” रज़िया बोली कि “तू कल कंडोम ले कर आना… फिर चुदाई करेंगे! और हाँ इसी वक्त आना!” मैं बहुत मायूस हो गया और सोचने लगा कि ये दोनों तो मेरे जाने के बाद आपस में या फिर इस कुत्ते से अपनी इच्छा पूरी कर लेंगी और मुझे मुठ मार कर काम चलाना पड़ेगा।
मुझे निराश देख कर और मेरा खड़ा लण्ड देखकर उन दोनों ने एक दूसरे को आँखों ही आँखों में कुछ इशारा किया। अलीशा बेड पर कुत्तिया कि तरह झुक गयी और रज़िया ने मेरा लण्ड पकड़ कर अलीशा की गाँड के छेद पर रख दिया। मैं समझ गया और बोला कि “दर्द होगा तो?” अलीशा बोली, “थोड़ा सा तो होगा पर गाँड मरवाने का भी अपना ही मज़ा है! फिर भी तू धीरे से करना… तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही लंबा-मोटा है! और हाँ… मैं कितनी भी चींखूँ या छटपटाऊँ… तू रुकना मत!”
तब तक मैं उसकी गाँड में लण्ड घुसाने की शुरुआत कर चुका था और मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा उसकी गाँड में था। वो जोर से चिल्लायी, “अल्लाऽऽऽह!”मैंने उसके दोनों मम्मे पकड़ लिये ओर उसके ऊपर झुक गया और उसे उठने नहीं दिया। फिर मैंने उसके मम्म्मे जोर से दबाने शुरू किये और वो “आआआआहह ऊऊऊईईईई अम्मीईईईऽऽऽ” करने लगी। मैंने तभी जोर से लण्ड को झटका मारा और लण्ड आधा अंदर घुस गया। वो चींखी “आँआँईईईईई फट गयी रेऽऽऽ अम्मीईईई फाड़ डाला!” उसकी हिदायत के मुताबिक मैं रुका नहीं और मैंने झटके मारने शुरू किये तो वो भी शाँत हो गयी और मेरा साथ देने लगी। रज़िया सिगरेट के कश लगाती हुई हमें देख रही थी और अपनी चूत सहला रही थी।
कुछ देर बाद मैंने अलीशा की गाँड से लण्ड निकाला तो अलीशा फिर “आआआहहह ऊऊहहह” करने लगी। मैं रज़िया की तरफ़ गया तो रज़िया नखरा करते हुए बोली, “नहीं मुझे डर लग रहा है… मैं इतना बड़ा लण्ड अपनी गाँड में नहीं लुँगी!” उसकी आवाज़ में किसी डर या चिंता की जगह शोखी ज्यादा थी और आँखों में भी वासना ही भरी थी।
अलीशा बोली, “महारानी की तरह नखरे मत कर… मैंने भी तो करवाया और देख कितना मज़ा आया!”
“पर तू तो गाँड मरवाने में माहिर है…. आज तक कितने ही लण्ड ले चुकी है तू अपनी गाँड में!” रज़िया सिगरेट का धुँआ उड़ाती हुई बोली।
“तेरी गाँड भी कुँवारी नहीं है… पहले मरवायी है तूने भी!” अलीशा बोली, “और फिर इसका दर्द भी बहुत मीठा होता है!”
“ठीक है लेकिन ज़रा एहतियात से करना…. मेरी गाँड अलीशा मैडम की खेली-खायी गाँड की तरह नहीं है!” रज़िया शोखी से मुस्कुराती हुई तैयार हो गयी। अपनी सिगरेट ऐश-ट्रे में बुझा कर वो भी कुत्तिया बन गयी। अब उसकी गाँड मेरे सामने थी। मैंने पहले उसकी गाँड को अपने हाथों से सहलाया जिससे वो गरम होने लगी। फिर मैंने उसकी गाँड के मुँह पर अपना लण्ड रख कर धक्का दिया। उसकी गाँड का छेद थोड़ा छोटा था और लण्ड को जाने के लिये आसानी से रास्ता नहीं मिल रहा था। मैं अपने लण्ड को उसकी गाँड के छेद पर रख कर धीरे-धीरे जोर लगाने लगा और जैसे-जैसे मैं जोर लगाता, रज़िया मचल जाती। वो अपना सिर इधर-उधर हिलाने लगी थी। अपने होंठ उसने दाँतों में दबा लिये जिससे चींख ना निकले। अलीशा उठी ओर उसके सामने बैठ गयी और पैर फैला कर अपनी चूत रज़िया के मुँह के सामने पेश कर दी। अलीशा ने अपनी सहेली का सिर पकड़ा ओर उसका मुँह अपनी चूत पर ले गयी। रज़िया अब उसकी चूत चाटने लगी ओर अलीशा रज़िया के मम्मे दबा रही थी। अलीशा ने मुझे आँख मारी और मैं समझ गया कि ये लण्ड अंदर डालने को कह रही है।
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