RE: Porn Chudai Kahani तीन देवियाँ
तीन देवियाँ पार्ट -5
गतान्क से आगे..................
सुबह जब ऋतु ऊपेर आई तो अनु शॉल ओढ़े सीधी लेटी पैर फैलाए सोई पड़ी थी. ऋतु अनु के कमरे मे आ गई और बोली दीदी उठो बोहोत देर हो गई है मेम साब और साहेब नाश्ते पे इंतेज़ार कर रहे है तो अनु टॅस से मस्स नही हुई. ऋतु करीब आ गई और हाथ लगा के अनु को जगाने की कोशिश करने लगी पर अनु नही उठी तो ऋतु ने अनु के बदन से चदडार खेच ली उउफफफफ्फ़ दीदी तुम तो अभी तक नंगी सोई पड़ी हो और यह क्या तुम्हारी तो माहवारी ( मेनास ) चालू हो गई है उठो दीदी सारी बेडशीट खराब हो गयी है और इस पे खून लगा हुआ है तो अनु हददबाड़ा के उठ बैठी और देखा के बेडशीट पे तो सच मे खून पड़ा हुआ है तो उसको एक ही मिनिट के अंदर रात की चुदाई की सारी दास्तान याद आ गयी और उसके मूह पे एक अनोखी सी मुस्कान आ गयी और वो धीरे से मुस्कुराने लगी. उसने एक सेकेंड के अंदर फ़ैसला कर लिया के ऋतु को कुछ नही बताना है इसी लिए उसने कहा अरे हा मुझे तो पता भी नही चला के आज मेरा दिन है ( मतलब के अनु की मेनास का दिन है ) और बोली के ऋतु यह बेडशीट उठा ले और लपेट के रख दे बाद मे धो देना. ठीक
है दीदी कहते हुए ऋतु ने बेडशीट को फोल्ड किया और वॉशिंग रूम मे ले गई. अनु जल्दी से उठ गई और बाथरूम मे घुस गई.
अनु नहा धो के फ्रेश हो के नीचे आ गई और सब के साथ नाश्ता किया और बता दिया के वो नेक्स्ट वीक अपने डॅडी के पास जाएगी और कॉलेज स्टार्ट होने के टाइम पे वापस आ जाएगी. अगले 7 दिन तक मैं अनु की जम्म के चुदाई करता रहा. अनु ने ऋतु से कह दिया था के उसके मेनास चल रहे है और वो उसके साथ कुछ नही कर सकेगी और रात को जब ऋतु उस से बातें करके और चूमा चॅटी और कभी तो ऋतु की चूत को चाट चाट कर खुद भी मज़ा लेती और ऋतु तो दीवानी हो जाती और चूत का पानी अनु को पिला के ही वापस नीचे चली जाती तो अनु स्टेरकेस का डोर अंदर से बंद कर देती ताके ऋतु अचानक फिर से ऊपेर ना आजाए और फिर हम अलग अलग पोज़िशन मे खूब चुदाई करते रहे और अनु खूब मज़े ले ले के चुदवाती रही. अनु जिसे मेल्स से नफ़रत थी अब मेरी और मेरे मूसल लंड की दीवानी हो चुकी थी और अपने पेरेंट्स के पास जाने के बाद भी तकरीबन डेली लेट नाइट मेरे मोबाइल पे कॉल किया करती और हम फोन सेक्स किया करते.
अब दोस्तो चलते है दूसरी हसीना की तरफ
ऋतु की चुदाई
मैं पहले ही बता चुका हू के ऋतु उमर मे काफ़ी छोटी थी पर उसका बदन बड़ा घाटेला था और उसके मस्त टाइट चुचियाँ गोल्फ बॉल जैसी छोटी और कड़क थी. कभी कमीज़ के अंदर ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति थी और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो चलते समय उसके चुचियाँ एक स्टाइल से डॅन्स करती दिखाई देती और मेरा लंड पॅंट के अंदर ही अंदर खड़ा हो जाता. ऋतु को तो मैं कब से चोदना चाहता था उसकी डॅन्स करती चुचियाँ और हिलते चूतदो को देख कर तो मेरा लंड बोहोत ज़ोर ज़ोर से फडकने लगता था पर कभी ऋतु को चोदने का मोका नही मिला था और साची बात तो यह है के उसको चोदने से डरता भी था क्यों के वो अभी बोहोत छोटी थी और अगर उसकी चूत फॅट गयी और उसने किसी को बता दिया तो एक नयी मुसीबत ही ना खड़ी हो जाए इसी लिए अभी डरता था पर अक्सर सोचता के कम से कम ऋतु से अपना लंड ही चुस्वा डालु और उसको अपने लंड की मलाई खिलाउ.
जैसा के अनु ने कहा था के ऋतु को मेरे और उसके के बारे मे पता नही चलना चाहिए तो मैं ने एक तरकीब सोची. अनु तो अपने मम्मी डॅडी के पास चली गई थी. मेरे मम्मी और डॅडी तो सुबह ही अपने ऑफीस चले जाते और मेरे एग्ज़ॅम्स भी ख़तम हो चुके थे और मैं घर पर ही रहता था. बरसात के दिन शुरू हो गये थे. कभी कभी बरसात होती थी कभी नही और कभी तेज़ होती कभी तो सिर्फ़ बूँदें ही पड़ के ख़तम हो जाती पर मौसम बोहोत ही अछा हो चुका था और ऐसे मौसम मे तो मेरे लंड मे बेचैनी कुछ और बढ़ गई थी. कॉलेज को छुट्टियाँ भी थी घर मे अकेला पड़ा रहता था.
उस दिन सुबह मे बारिश हो रही थे अभी धीमी गति से पड़ रही थी ज़ियादा तेज़ नही हुई थी. मेरे मोम और दाद दोनो सुबह ही ऑफीस को चले गये थे. थोड़ी देर मे ही काम वाली मासी आने वाली थी. मैं ब्रेकफास्ट कर के ऊपेर चला गया और अपने कमरे मे कंप्यूटर पे एक सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा देखते ही देखते बारिश बोहोत ही तेज़ी से होने लगी और बिजली भी बड़ी ज़ोर ज़ोर से कडकने लगी यह शाएद सीज़न की पहली ज़बरदस्त बरसात होने वाली थी मौसम बोहोत ठंडा हो गया था मुझे कॉफी पीने का मॅन करने लगा तो मैं स्टेरकेस पे आ गया और वही से नीचे पुकारने लगा के मासी एक कप गरमा गरम कॉफी तो भेज देना ऊपेर तो ऋतु नीचे से बोली के राज बाबू अभी मासी नही आई है अब पता नही इतनी तेज़ बारिश मे आती भी है या नही तो मैं ने कहा के तुम ही बना लाओ गरमा गरम कॉफी तो उसने कहा ठीक है और मैं ने साथ मे बोल दिया के अगर अभी तक मासी नही आई है तो नीचे का मेन डोर भी लॉक करदो उसने कहा ठीक है राज बाबू बंद कर देती हू और मैं ने ऊपेर से डोर लॉक करने की आवाज़ सुनी और इत्मीनान से अपने कमरे मे आ गया और खिड़की और डोर बंद कर के बैठ गया क्यों के ठंडी हवा चलना शुरू हो गई थी.
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