Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
06-16-2018, 12:49 PM,
#36
RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
उधर मधुलिका अब उसके पूरे लंड को बड़ी मस्ती से चूस रही थी. वह उसकी बड़ी बड़ी गोटियों को हाथों से धीरे धीरे भीच रही थी.

"तो बेबी को बाहर कर लो ना, देखो रस से भीग गई है." मधुलिका ने अपने चूतड़ उचे उठा दिए जिससे रणबीर को पॅंट नीचे खिसकाने मे आसानी हो जाए.

रणबीर ने पॅंट और पॅंटी एक साथ ही उसकी टाँगो से निकाल दी.

वह उसकी टाँगे चौड़ी कर उसकी चूत पर झुक गया और जीभ के अग्र भाग से चूत को छेड़ने लगा. मधुलिका ने रणबीर के सर पकड़ के चूत पर दबा दिया.

"खा जाओ इसे... ऑश.. बहोट सताती है ये... ऑश चूवसू.... रणबीर इसे....."

रणबीर भूके शेर की तरह चूत पर पिल पड़ा. उसने पूरी चूत मुँह मे भर ली और माल पूवे की तरह उसे खाते हुए चूसने लगा. वा चूत के दाने पर हल्के दाँत भी लगा रहा था. मधुलिका पागल हो कहने लगी.

"तुम तो पक्के खिलाड़ी हो. ओह.. यह तरीका कहाँ से सीखा है तुमने.. कितनो को अपनी टाँग के नीचे से गुज़ारा है... ओह बेबी चूसो इसे और ज़ोर से.. पूरी मुँह मे ले लो... श" मधुलिका छट पटाने लगी.

अब वह रणबीर का लंड को हाथ मे पकड़ हिला रही थी. चुचियाँ उसकी छाती से रगड़ रही थी और जहाँ तहाँ चूमने लगी थी.

रणबीर चूत को पूरी तन्मयता से चूस रहा था, बीच बीच मे वह मधुलिका की गांद मे उंगल भी पेल देता था और वह चिहुनक पड़ती थी.

"रणबीर अब और कितना तड़पावगे.... इसको अंदर क्यों नही डालते..."

मधुलिका ने रणबीर का लंड पकड़ कर कहा.

"में तो इसी का इंतेज़ार कर रहा था की कब आपका हुकुम हो देखिए ना यह मेरा कितना बैचाईन हो रहा है." रणबीर मधुलिका की दोनो टाँगे फैला उनके बीच मे जगह बनाते हुए बोला.

"देखो धीरे धीरे डालना, आज से पहले मेने इसे कभी भी अपनी चूत मे लिया नही है. तुम्हारा वैसे भी जो मेने पढ़ा है उससे बड़ा है."

"आप बिल्कुल फ़िकरा ना करें मालकिन वाह ये तो मेरा नसीब है की मुझे एकदम कुँवारी चूत मिल रही है." रणबीर मधुलिका की रस से भरी चूत पर अपना लंड का सुपाड़ा टीका चुका था. वह कुछ देर चूत पर अपने एक दम खड़े हो गये लंड को रगड़ता रहा.

मधुलिका नीचे छट पटा रही थी और इंतेज़ार कर रही थी की कब लंड भीतर घुसेगा. वह मेडिकल की स्टूडेंट थी और सब बातों का पता था हालाँकि वह अब तक चुदी नही थी.

"हां मेरे बेबी ये अभी तक कोरी है.. यह तेरी गुरु दक्षिणा है.. देख आज तक में इसमे केवल मेरी उंगल ही घुसाती आई हूँ... तुम अपने मोटे भाले से कहीं इसे फाड़ ना देना... अब डालो इसे अंदर..."

रणबीर ने धीरे से लंड का सूपड़ा अंदर ठेला. मधुलिका की चूत कसी हुई थी. वह भली भाँति जानता था की यह मालती या सूमी जैसियों की चूत नही है जिसमे एक ही बार मे पेल दिया फिर चाहे सामने वाली कितना ही रोती चिल्लाति रहे इसलिए रणबीर पूरी सावधानी बरत रहा था.

वह काफ़ी देर लंड का सूपड़ा उसकी चूत के उपर या थोड़ा सा भीतर रगड़ते रहा. जब उसने देखा की मधुलिका की चूत रस छोड़ने लग गयी है और छट छट की आवाज़ आने लग गयी है तो उसने धीरे धीरे लंड अंदर ठेलना शुरू किया.

रणबीर कुछ लंड को भीतर घुसाता और फिर रुक जाता और लंड को भीतर ही हिलाके कुछ जगह बनाता और तब अंदर करता. मधुलिका रणबीर के होंठ चूस रही थी और आनंद के मस्ती मे सिसकारियाँ भर रही थी.

"ओह रणबीर तुम तो इसके भी गुरु हो. इतनी छोटी उमर मे ही तुमने तो सब कुछ सीख लिया. घुड़सवारी, बंदूक और अब चदाई. मुझे तुमसे इसकी कला भी सीखनी है. बोलो सिख़ाओगे ना."

"हां बेबी ये कला तो काम करके ही सीखाई जाती है. बोलो तुम तय्यार हो." ये कह कर रणबीर ने चूत के भीतर तीन चार हल्के धक्के मारे और लंड मधुलिका की चूत मे पूरा समा गया.

"ऑश रणबीर लगता है तुमने पूरा भीतर घुसा दिया है. तुमने तो अपना इतना बड़ा बड़े ही तरीके से अंदर डाला. मेरी कई सहेलियों ने मुझे बताया था की पहले बहोट दर्द होता है. में पीछले एक साप्ताह से तुमसे चुदवाने के लिए बेकरार थी और रातों को में दो दो उंगलियाँ इसके भीतर पेल पेल के इसको तुम्हारा लंड लेने के लिए बड़ा कर लिया है. हां रणबीर मुझे सीखाना और मेरी चूत मे कर कर के सीखाना मस्टेरज़ी तुम जब भी सिख़ाओगे में तुम्हारे आगे मेरी चूत खोल दूँगी. अब तो खुश हो ना."

"हां बेबी अब में तुम्हे इस तुम्हारे बड़े बाबा के डाक बंग्लॉ मे रोज़ सिखाउँगा." ये कह कर रणबीर मधुलिका को दना दान चोदने लगा.

मधुलिका जैसी कई कुँवारी चूत चोद के रणबीर पूरा मस्त था. उसने अपनी मुठियाँ मधुलिका के फूले चूतड़ पर कस ली थी और वह उन चूतडो को घूथ रहा था. मधुलिका गांद उछाल उछाल कर चुदवा रही थी.

"ओह मेरे बेबी तुम कितने अच्छे हो. में भी अब तुमसे रोज़ चुदवाउन्गि. ओह रणबीर अब मुझे कस कस के चोदो..ओह बहोत मज़ा आ रहा है. आज तो चाहे तुम इसको फाड़ ही दो.. तुमसे फदवाने भी मज़ा है.. ऑश बेबी मेरे मम्मे भी चूसो." मधुलिका ने रणबीर को बाहों मे भर लिया था और वह बड़बड़ाती जा रही थी और गंद उछाल रही थी. लंड पच पच करता हुआ उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था.

बाहर तेज बारसत हो रही थी और बिजली भी चमक रही थी, जिसकी चमक से कमरा रह रह के रोशनी से नहा उठता. इधर मधुलिका की चूत पर रणबीर का लंड की बिजली गिर रही थी.
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