RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
फिर दोनो फर्श पर आ गये. तीनों का शरीर झगों से धड़ा हुआ था, बाहर भी काफ़ी देर तक तीनो एक दूसरे के शरीर के हर भाग को कभी हथेलियों से तो कभी झाग से रगड़ रहे थे.
फिर रजनी ने दोनो उपर के फवारे भी चालू भी कर दिया और दोनो हॅंड शवर भी चालू कर दिए. तीनों एक दूसरे पर हॅंड शवर के धार छोड़ते हुए काफ़ी देर नहाते रहे.
फिर शवर बंद कर तीनो उठे और फुर के मुलायम टवल से एक दूसरे के बदन पौंचने कर सुखाने लगे. तब रजनी ने आल्मिराह से एक खास बॉट्टेल निकली और ढेर सारा तेल पहले रणबीर के सिर पर फिर मालती के सिर पर और खुद अपने सिर पर अंडर वह बॉटल वापस रख दी. वह बहोट ही सुगंधित और चिकना तेल था. फिर तीनो एक दूसरे के शरीर मल मल के शरीर का हर भाग पर उस तेल की मालिश करने लगे. वह तेल बहोत ही चिकना और मालिस करते वक्त शरीर पर एक जगह हाथ टिक नही रहे थे.
"साली तेरी गांद का तो तेरे भतीजे ने कबाड़ा कर दिया है," रजनी ने तेल से मालती के चूतड़ के मालिश कर हुए खच से एक उंगल गांद के अंदर धकेलते हुए कहा.
"और तहकुराइन आप तो कहते है की ठाकुर साहेब का ठीक से खड़ा भी नही होता, फिर या क्या है?" इस बार रणबीर ने ठकुराइन की गांद मे उंगल देते हुए पूछा.
ये उस चिकने तेल का कमाल था की गंद के पर उंगल रख थोड़ा दबाते ही उंगल खच से अंदर चली जाती थी.
तीनो इस तरह के देर खुल के मज़ाक करते रहे और मज़ा लेते रहे.
फिर पाउडर के दो डिब्बे निकाले और एक दूसरे के शरीर पर इतना पाउडर छिड़का की तीनो सफेद नंगे उछलते कूदते भूत नज़र आ रहे थे. फिर पाउडर की मालिश कर के शरीरों पर ठीक से फैलाया गया. इन सब से रणबीर का लंड एक बार फिर तन गया था. रजनी ने देखा की मालती उसे मुट्ठी मे ले रही है. वह तो अभी अभी रणबीर से अछी तरह चुद चुकी थी पर मालती अभी भी प्यासी थी.
"अरे साली मुट्ठी मे क्या लेती है, अपने भोस्डे मे ले ना" ये कहते हुए रजनी ने रणबीर का लंड मालती की चूत से लगा दिया.
खड़े लंड को तो खुली चूत मिलनी चाहिए, वह अपने रंग मे आगया और नतीजा यह हुआ की मालती चुदने लगी.
रजनी उनके घुटनो मे बैठ गयी, जब चाची भतीजा खड़े खड़े चुदाई कर रह थे. रजनी भी मालती की चूत पर जीभ फिरा रही थी तो कभी रणबीर की गोतियाँ पर. काफ़ी देर चुदाई चलती रही और मालती और रणबीर ओह्ह्ह हहाई करते हुए एक साथ झाड़ गये.
इसके बाद सब उस बड़े कमरे मे आ गये. रणबीर अपनी ड्यूटी की ड्रेस पहन रहा था.
"तकुराइन कल तो ठाकुर साहेब शिकार से वापास आ जाएँगे"
"हां वह तो है. पर अपना रास्ता भी बीच बीच मे निकलता रहेगा."
मालती ने सारी पहन ली थी और वह रणबीर को ले कमरे से बाहर निकल गयी.
दूसरे दिन ठाकुर अपने लाव लश्कर के साथ वापास आ गया और सब कुछ पहले जैसा ही चलने लगा. उधर मधुलिका के आने के बाद उल्टी गिनती शुरू हो गयी. रणबीर को हवेली मे दूसरे काम करने वालों से पता चला की मधुलिका ठाकुर की पहली बीवी से थी. वह शुरू से ही बाहर रह के पढ़ रही थी
पहली इंग्लीश मीडियम स्कूल से हाइयर सेकेंडरी हॉस्टिल मे रह के पास की और बाद मे डॉक्टोरी पढ़ रही थी. अब पढ़ाई ख़तम करके आ रही थी.
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