RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
ओह... रणबीर खूब ज़ोर से मारो मेरी.... श... ऐसे ही ...रणबीर खूब ज़ोर से मारो मेरी... हाआँ ओह मे तो जाने वाली हूँ.. आज जी भर कर पानी छोड़ूँगी.....बहोत दिन से जमा हो रखा है.. वो सला जंगल मे शिकार का दीवाना है... घर का शिकार उसे कहाँ दिखता है... ये शिकार अब तेरा है रे...खूब मज़ा ले ले कर शिकार कर इसका... ओह मालती देख मेरा गिर रहा है.. " और ठकुराइन ख़ालास हो गयी.
ठीक उसकी समय रणबीर के भी लंड ने ठकुराइन की चूत को अपने वीर्या से भर दिया.
कुछ देर बाद मालती रणबीर को पहले वाले कमरे मे ले गयी, वहाँ रणबीर ने अपने कपड़े पहने और अपनी बदूक और गोलियों का पट्टा उठा अपने कमरे मे चला गया.
दूसरी रात रणबीर आधीर हो उठा. उसकी नज़रें बार बार हवेली की तरफ उठ जाती की कहीं मालती चाची आते हुए दीखाई दे जाए.
आख़िर वो करीब 10.30 के करीब आई. आज कोई बात नही हुई और रणबीर अपने आप उसके पीछे चल पड़ा.
आज मालती सीधे उसे उस कमरे मे ले गयी जो मधुलिका के लिए तय्यार हुआ था. रजनी पलंग पर एक नाइटी मे बैठी थी.
"आओ ठाकुर, मेरा मतलब ठाकुर के ख़ासमखास. क्यों हमारी याद ने कुछ बैचैन किया या नही?" ठकुराइन ने कहा.
"ठकुराइन में तो दो घंटे से हवेली की तरफ ही देख रहा था की कब मालती चाची आए और .....फिर इस जगह पर ले कर आए." रणबीर ने ठकुराइन के सामने झुकते हुए कहा.
"अगर ऐसी बात है तो हम तुम्हे ज़रूर इसका इनाम देंगे. पहले तुम यह सब वर्दी, बंदूक, उतार कर आराम से बैठो." ठकुराइन ने कहा.
रणबीर ने अपनी ड्यूटी का सब साजो सामान उतार कर एक खाली पड़ी कुर्सी पर रख दिया. अब वह बनियान और पॅंट मे था.
"अब इसे भी उतार दो. क्यों आज भी हमारी शरम आ रही है, अंदर कुछ तो पहना होगा? यदि नही पहना है तो भी चलेगा.' ठकुराइन हंसते हुए बोली.
"रजनिज़ी मेरा मतलब है ठकुराइन में लंगोट का साथ कभी नही छोड़ता." फिर रणबीर ने पॅंट भी उतार कर बाकी के कपड़ों के ढेर पर फेंक दिया. कमर मे लंगोट बहोत ही कस के बँधी हुई थी. उसके लंड का उभार लंगोट से सॉफ दीखाई पड़ रहा था.
ठाकुरानी ने एक हल्की सी सिसकी से होंठ काटे और कहा, "रजनिज़ी या फिर तुम चाहो तो केवल रजनी कह के भी बुला सकता हो, हम लंगोट का भी साथ छुड़वा देंगे. रजनी मल्टी की तरफ देख के हँसी और मालती ने भी मुस्कुरकर साथ दिया.
"रजनिज़ी आप मालिकिन हो. में तो आपका हुकुम का गुलाम हूँ."
"ऐसे ही हुकुम का गुलाम बने रहोगे तो इनाम भी पाओगे." रजनी ने इनाम शब्द पर ज़ोर देकर रणबीर की आँखों मे झँकते हुए कहा.
तभी रजनी पलंग से ये कहते हुए उठ खड़ी हुई की पहले हम स्नान करेंगे.
"चलो तुम दोनो भी मेरे साथ स्नान घर मे चलो."
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