RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
मैं तब घूमी और आराम से अपनी स्कर्ट को उपर उठाया और मेरे मोटे-मोटे चूतड़ जो ब्लॅक पैंटी में जकड़े हुए थे वो उसे दिखाए. और मैने धीरे से अपनी पैंटी नीचे की और अपने पूरी गान्ड नंगी कर दी......मैने मन में सोचा कि पक्का अब उसका लंड पत्थर की तरह तन गया होगा.......फिर मैने अपने दोनो हाथों से अपनी नर्म गान्ड को खोला. मैने उतनी चौड़ी की गान्ड जितनी कर सकती थी और उसमे फसाई हुई 2 चिट निकाली..हइईए मेरी गान्ड के टाइट छेद को देखकर उसके मूह में तो पानी आ गया होगा ना....यह सब करते हुए मेरा डर गायब हो चुका था और मुझे यकीन था कि अब सूपरिंटेंडेंट शायद पट जाएगा......फिर मैने पैंटी उपर कर ली और सर की चिट्स उनके हाथ में रखने लगी....मुझे यकीन था कि वो मुझे अब छोड़ देगा ....लेकिन
सूपरिंटेंडेंट - तुम यहाँ रूको मैं यह चिट्स लेकर ऑफीस जा रहा हूँ और फिर तुम्हारे उपर चीटिंग केस बनाएँगे.....
मे- नही सर प्लीज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़....सर ऐसा मत कीजिए सर..........
लेकिन वो साला बुड्ढ़ा मेरी आन्सर शीट और चिट्स लेकर रूम से बाहर निकल गया और मैं वहीं खड़ी उदासी में डूबी हुई रोने लगी....अब क्या होगा यार...
मैं चुप चाप चेयर पर बैठ गई और सोचने लगी कि अब तो मेरा कैरियर गया.मेरी कितनी बदनामी होगी. मोम-डॅड को क्या मूह दिखाउन्गी. हाए सब मेरी इन्सल्ट करेंगे. तभी सूपरिंटेंडेंट सिर आए और मुझे कहा
सूपरिंटेंडेंट - बेटा देखो, मैं तुम्हारी चिट्स लेकर ऑफीस में जाने वाला था लेकिन मुझे ख्याल आया कि शायद तुम्हे एक मौका दिया जाना चाहिए, क्यूंकी इससे तुम्हारा कैरियर ख़त्म हो सकता है
मुझे एक दम काफ़ी सुकून मिला और मैने कहा
मे- सर थॅन्क्स......सर प्लीज़्ज़ गिव मी वन चान्स सर.....नेक्स्ट टाइम मैं कभी चीट नही करूँगी.. आइ प्रॉमिस सर.
सूपरिंटेंडेंट - ठीक है मैं तुम्हे चान्स देता हूँ. लेकिन यह चान्स तुम्हे ऐसे नही मिलेगा
मे- सर प्लीज़ बताओ....कैसे मिलेगा चान्स.....सर आइ विल डू एनितिंग....
सूपरिंटेंडेंट - सोच लो फिर मुकरना मत नही तो मैं चिट्स लेकर चला जाउन्गा ऑफीस में
मे- सर मैने सोच लिया है....आप बॅस मुझे बोलिए....आइ विल डू एनितिंग
सूपरिंटेंडेंट - तो फिर मुझे खुश कर दो...बस इतना सा काम है
सर ने ऐसा कहा और मुझे आँख मार दी
मुझे तो थोड़ा शॉक लगा कि सर ने मुझे ऐसा कहा और वो भी इतने स्ट्रिक्ट सर ने.....ऐसा कैसे हो गया....
मे- सर ठीक है...लेकिन सर पक्का ना...अगर मैं आपको खुश कर दूं तो आप मुझे चान्स देंगे ना
सूपरिंटेंडेंट - बेटा चान्स भी दूँगा और एग्ज़ॅम में पास भी करवा दूँगा
मे- ओह सर थॅंक्स आ लॉट......सर आइ एम रेडी/
सूपरिंटेंडेंट - तो ठीक है बेटा अभी मैं उपर हॉल में जा रहा हूँ वहाँ तुम मेरे पीछे आ जाना 5-10 मिनट के बाद ताकि किसी को शक ना हो.
मे- यस सर....सर आप बहुत अच्छे हो....
सूपरिंटेंडेंट - आइ नो...तो चलो मिलते है रूम में
सर फिर उपर चले गये और मैं बहुत खुश हुई . मेरे मन से बहुत बड़ा बोझ उतर गया था और मैं चाहती थी कि सर को इतना खुश कर दूं कि वो बॅस देखते रह जाएँ.
मैं 7-8 मिनट के बाद उपर आ गई और मैने हॉल का डोर खोला तो वहाँ सिर्फ़ सर थे और कोई नही था. मैने डोर लॉक कर दिया अंदर से. उस हॉल में 2 विंडोस थी जो प्लेग्राउंड वाकई साइड प्रूफ थी इसीलिए हमे कोई देख नही सकता था.
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