RE: Dost ki Maa ki Chudai दोस्त की नशीली माँ
खैर हम अपनी कहानी पर आते हैं।
तो वो बोला- बेवकूफ हो का बे? मेरा फोन तो ओन है।
मैंने बोला- फिर झूट बोले?
तो बोला- सच यार… अभी रुक और उसने अपने फोन से कॉल की ओर देखा मेरा नंबर वेटिंग पर आ रहा है।
मैंने बोला- हम्म आ तो रहा है पर मिल क्यों नहीं रहा था?
वो बोला- होगा नेटवर्क का कोई इशू…
मैं बोला- चल छोड़, यह बता मैं आ रहा था तो सोच रहा हूँ बाहर से कुछ ले आऊँ खाने पीने के लिए?
वो बोला- रहने दे यार, माँ खाना बना ही रही है।
तब मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी जो रूचि की थी पर मुझे यह तब मालूम पड़ा जब उसने खुद विनोद से फोन लेकर हेलो कहा, बोली- अरे आप हो कहाँ? आये नहीं अभी तक?
मैंने बोला- पास में विनोद हो तो थोड़ा दूर हटकर बात करो, जरूरी बात करनी है।
वो बोली- अच्छा!
और फिर कुछ रुक कर बोली- वैसे आप लाने वाले क्या थे?
मैं बोला- जो तुम कहो?
तो वो बोली- खाना तो बन ही गया है, आप थम्स-अप लेते आना, खाने के बाद पी जाएगी।
साथ बैठकर कहती हुई वो विनोद से दूर जाने लगी और उचित दूरी पर पहुँच कर मुझसे बोली- हाँ बताओ, क्या जरूरी बात थी?
मैं बोला- मेरे दिमाग में एक प्लान है जिसे सुनकर तुम झन्ना जाओगी और सबके साथ रहते हुए भी हम साथ में वक़्त गुजार पाएंगे।
तो वो बोली- लव यू राहुल, क्या ऐसा हो सकता है?
मैं बोला- क्यों नहीं, अगर तुमने साथ दिया तो!
फिर वो बोली- अरे, मैं क्यों नहीं दूंगी साथ… पर अपना प्लान तो बताओ?
मैंने उसे अपना प्लान सुना दिया तो वो बहुत खुश हुई और मारे ख़ुशी के उछलने सी लगी थी और मुझसे कहने लगी- जल्दी से आ जाओ, अब मुझे तुम्हारी जरूरत है। क्या प्लान बनाया… मास्टर माइंड निकले तुम तो!
कहते हुए बोली- अब और देर न करो, बस जल्दी से आओ।
मैंने बोला- बस अभी आया!
और फ़ोन काट दिया।
अब आप लोग सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा प्लान मैंने बनाया जिससे मेरी चूत इच्छा आसानी से पूरी हो सकती थी, वो भी सबके रहते हुए?
फिर मैं उठा और विनोद के घर की ओर चल दिया और कुछ ही देर में मैं उसके घर के पास पहुँच गया, उसके अपार्टमेंट के पास एक बेकरी की शॉप थी जहाँ से मैंने रूचि के लिए थम्स-अप की बड़ी बोतल ली और अपार्टमेंट में जाने लगा।
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