Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:33 PM,
#71
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
हाय, मैं चेयर पर आराम से गर्दन पिछे लगाकर आंखें बंद करके बैठा था, तभी मेरे कानों में आवाज पड़ी। आवाज सुनकर मैंने आंखें खोली। अब अकेले होते ही गम और उदासी तो घेर ही लेते थी, इसलिए आंखें खोलते ही एक बूंद गालों पर लुढक गई।
हे, क्या हुआ ये आंसु कैसे, कोमल ने झुककर मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा।
मैंने रूमाल से आंसु साफ किये और खड़ा होकर कोमल को बाहों में भर लिया। मेरा धयान बॉस के केबिन की तरफ भी था कहीं वो बाहर ना आ जाये।
बस तुम्हें फिर से देखकर बहुत खुशी हो रही थी, और उसी खुशी में ये बेचारा आंसु कुर्बान हो गया, मैंने उसके कान के पास धीरे से कहा।
हेहेहे, कोमल हंसने लगी।
सुमित आंखें फाड़े हमारी तरफ देख रहा था। रामया और मनीषा भी हमें ही देख रही थी। मनीषा से मेरी आंखें मिली और मनीषा ने इशारों में पूछा कि कौन है। मैंने कोमल को खुद से अलग किया और तीनों से उसका इंट्रो करवाया। कोमल एक चेयर लेकर मेरे पास ही बैठ गई।
तुम कुछ उदास-उदास लग रहे हो, कोमल ने मेरे चेहरे की तरफ देखते हुए कहा।
नहीं तो, मैं क्यों उदास होउंगा, और अगर उदास होंगा भी तो तुम्हारे आने की खुशी में उदासी कहां ठहरेगी, मैंने मुस्कराते हुए कहा।
क्यों मेरे आने से ऐसी खुशी क्यों, कोमल ने आंखों की शैली मटकाने हुए कहा।
मेरी जान आ गई है, तो खुशी तो होगी ही, वैसे केवल मुझे ही नहीं, किसी और को भी बहुत खुशी हो रही है, मैंने आंख दबाते हुए कहा।
कोमल शरमा गई। फिर अचानक से बोली, ‘किसी और को किसको’।
खुद ही देख लो, कहते हुए मैंने कोमल का हाथ पकड़कर जींस के उपर से ही लिंग पर रख दिया।
कोमल ने एकदम घबरा कर हाथ हटा लिया और इधर उधर देखने लगी और फिर मेरी तरफ देखते हुए मुस्कराने लगी। उसके गाल लाल हो गये थे। अब शरम से या फिर लिंग को निहारने के लिए ये तो पता नहीं परन्तु आंखें बार-बार झुक रही थी।
फिर उसने एकदम से हाथ उठाते हुए मेरे कंधे पर एक मुक्का मारा। कोई देख लेता तो, बेशर्म।
सुमित का धयान हमारी तरफ ही था। वो कुछ शॉक्ड लग रहा था।
एक साल के लिए आई हूं, अब तो, खूब खातिर कर दूंगी इसकी भी, कोमल ने लिंग की तरफ देखते हुए कहा, जो जींस को फाड़ने की कोशिश में लगा हुआ था।
क्या बता कर रही है, बॉस ने तुझसे भी शादी कर ली क्या, मैंने चेहरे पर आश्चर्य के भाव लाते हुए कहा और कहकर मुस्कराने लगा।
जी नहीं, कोमल ने मेरे कंधे पर मुक्का मारा। जीजू ने तो नहीं, पर तुमने जरूर कर ली है, कहते हुए कोमल शर्मा गई और फिर वापिस नजरें उठाते हुए बोली, ‘कुछ एक्सपीरियंस हो जायेगा तो फिर बढिया नौकरी मिल जायेगी, वैसे भी शुरू में इतनी बढ़िया तो मिलेगी नहीं, तो उससे बढ़िया तो यहीं पर एक्सपीरियंस ले लूं ना, काम का भी और ‘काम’ का भी। बाद वाले काम पर उसने बोलते हुए जोर देकर कहा, जिससे मैं तुरंत समझ गया किस काम की बात हो रही है।

वैसे अपूर्वा नहीं आई आज, कोमल ने इधर उधर देखते हुए कहा।
अपूर्वा का नाम सुनते हुए एक टीस सी उठी और चेहरे पर आने की कोशिश करने लगी, पर मैंने उसे दबाते हुए मुस्कराने की कोशिश की। शायद कुछ हद तक सफल हो भी गया, क्योंकि कोमल को शायद अहसास नहीं हुआ।
उसने नौकरी छोड़ दी, मैंने मायूस होते हुए कहा।
क्यों, कोमल एकदम शॉक्ड हो गई।
सुना है कुछ दिनों बाद उसकी शादी है, मैंने बहुत ही मायूस आवाज में कहा।
मेरी ये बात सुनते ही कोमल एकदम से खुश हो गई।
बधाई हो, शादी में हमें भी याद रखियेगा, कहीं भूल ही जाओ, कोमल ने मुस्कराते हुए कहा।
तो आखिर तुमने उसके प्यार को स्वीकार कर ही लिया, मुस्कराते हुए कोमल ने कहा परन्तु बात खत्म करते करते उसके चेहरे पर हल्की सी मायूसी छा गई।
अपनी ऐसी किस्मत कहां यार, कहते हुए आंखें थोड़ी सी नम हो गई।
क्या बात करते हो, मतलब उसकी शादी तुमसे नहीं हो रही, कोमल कहते हुए थोड़ी सी उतेजित हो गई, जिससे ये बात थोड़ी जोर से कही। उसकी आवाज सुनकर सभी का धयान हमारी तरफ हो गया और सुमित तो अपनी चेयर से ही खडा हो गया।
बैठ जा, बैठ जा, क्यों भागने को हो रहा है, मैंने सुमित की तरफ हाथ करते हुए कहा।
वो थोड़ा सा झेंपते हुए वापिस बैठ गया। रामया और मनीषा का धयान अभी भी हमारी ही तरफ था। तभी बॉस अपने केबिन से बाहर आ गये।
क्या बातें हो रही हैं, बॉस ने हमारे पास आकर खड़े होते हुए कहा।
ऐसे ही, जनरल गॉसिप, कोमल ने बॉस की तरफ देखते हुए कहा।
चलो, घर छोड़ देता हूं, तुम्हें, थकी हुई होगी, बॉस ने कोमल से कहा।
बाय, कल मिलते हैं, कोमल ने कहा और खड़ी हो गई। बॉस और कोमल चले गये।
उनके जाते ही सुमित भागकर मेरे पास आया और कोमल वाली चेयर पर बैठ गया।
बॉस, क्या बात हो रही थी, लगता है कुछ चक्कर है, कैसे चिपक कर गले मिल रही थी, मुझे तो कुछ गड़बड़ लग रही है, सुमित बैठते ही शुरू हो गया।

मैं उसकी तरफ देखकर मुस्करा दिया।
और शादी की क्या बात हो रही थी, बॉस, हमें तो कुछ बताया भी नहीं कि शादी कर रहे हो, सुमित ने कंधे पर हाथ मारते हुए कहा।
शादी की बात सुनकर रामया और मनीषा भी हमारे पास आकर खड़ी हो गई।
हो रही हो तो बताउं ना, मैंने मुस्कराते हुए कहा।
देखो कैसे पूरी पलटन यहीं जमा हो गई शादी वर्ड सुनते ही, मैंने मनीषा और रामया की तरफ देखते हुए कहा।
वो कह तो रही थी कुछ शादी के बारे में, तो उसकी शादी हो रही होगी, पर मैंने सुना था, सुमित ने उतेजित होते हुए कहा।
वो अपूर्वा की शादी की बात हो रही थी, मैंने कहा।
ओह, तो इसलिए उसने नौकरी छोड़ दी, सुमित ने सोचते हुए कहा।
ये अपूर्वा कौन है, मनीषा ने पूछा।
वो पहले यही पर काम करती थी, अभी कुछ दिन पहले ही छोड़ा है, मैंने उन्हें बताया।
वैसे आप कब शादी कर रहे हो, मनीषा ने मुझसे पूछा।
पहले कोई लड़की तो पटे, तभी तो शादी करूंगा, मैंने उसकी तरफ आंख दबाते हुए कहा।
मनीषा एकदम से सकपका गई, मेरे आंख दबाने से और उसने रामया की तरफ देखा, वो मुस्करा रही थी।
लड़की तो पटी पटाई है, बस कोई पटाने वाला होना चाहिए, रामया ने मनीषा की तरफ देखते हुए कहा। मनीषा के गाल एकदम लाल हो गये।
क्या बात कर रही हो, मुझे तो पता ही नहीं, कौन है वो बदकिस्मत, मैंने चटकारा लेते हुए कहा।
बदकिस्मत ही है बेचारी, कब से पटी-पटाई बैठी है, और जिसके लिए पटी बैठी है उसको मालूम ही नहीं, रामया ने भी मनीषा की तरफ आंख दबाते हुए कहा।

तभी मेरा फोन बजने लगा। सोनल का था।
हाय, क्या चल रहा है, सोनल ने पूछा।
बस काम ही कर रहा हूं, मैंने कहा।
कब तक आ जाओगे-----
दो बजे तक आ जाउंगा, मैंने बताया।
ठीक है, जल्दी आना, दीदी तो चली गई है, और 5 बजे तक आने की कहकर गई है तो थोड़ा जल्दी आ जाना, सोनल ने कहा।
ओके, मैं जल्दी आ जाउंगा, मैंने कहा।
ओके, बाये, मुवाहहहहहहह,,, सोनल ने कहा।
ओके बाये, मैंने कहा और फोन रख दिया।
मैंने बॉस को फोन मिलाया और एक बजे घर जाने के लिए कह दिया। बॉस ने भी प्रमीशन दे दी।
हम कुछ देर तक और बातें करते रहे और मेरे जाने का समय हो गया। मैं साढ़े बारह बजे ही घर के लिए निकल गया। घर पहुंचकर सीधा उपर आया और बेड पर गिर गया। जोरों की भूख लगी हुई थी। सोनल को फोन किया और खाने के बारे में पूछा।
दो मिनट में ही वो खाना लेकर आ गई।
सुबह ऐसे ही चले गये बिना खाये, तैयार हो गया था खाना, सोनल ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा।
सुबह भूख नहीं थी, इसलिए ऐसे ही चला गया, मैंने कहा।
सोनल ने बहुत ही प्यार से मुझे खाना खिलाया। थोड़ा सा मैंने सोनल को भी खिलाया।

तबीयत ठीक है ना अब पूरी तरह से, सोनल ने पूछा।
एकदम, मैंने छाती चौड़ी करते हुए कहा।
सोनल ने बर्तन बेड से नीचे रखे और घुटने के बल खड़े होते हुए मेरी तरफ झुक गई और मेरे सिर को पकड़कर अपनी तरफ खिंचा और मेरे लबों को अपने लबों की कैद में ले लिया। मैं भी उसके लबों को चूसने लगा। सोनल मेरे उपर छाती गई और मैं पिछे की तरफ झुकता गया और आखिरकार मैं बेड पर लेट गया। सोनल के उभार मेरी छाती में दब गये। धीरे धीरे हमारे कपड़े उतर गये और हम एक दूसरे में समा गये। जब तूफान थमा तो दोनों ही बेहद थक चुके थे। सोनल कुछ देर तक वेसे ही मेरे उपर लेटी रही और फिर खड़ी होकर बाथरूम में चली गई। मैं भी खडा हुआ और बाथरूम में आ गया।
सोनल मेरी तरफ देखकर मुस्करा दी। हमने एक दूसरे को नहलाया और बदल को पौंछा। मैंने सोनल को अपनी बाहों में उठाया और बाहर ले आया। एक बार मैंने घड़ी की तरफ देखा साढ़े तीन बजे थे।
सोनल को मैंने बेड पर लेटाया और खुद भी बेड पर आ गया और उसके उपर लेट गया। फिर से हमारे लब जंग में शामिल हो गये थे। सोनल का तौलिया खुल चुका था और उसके नंगे उभार मेरी छाती में चुभ रहे थे। मैंने एक हाथ हम दोनों के बीच में डाला और उसके एक उभार को सहलाने लगा। सोनल मचलने लगी। मेरा लिंग उसकी योनि को रगड़ रहा था। थोडी ही देर में सोनल ने नीचे से अपने कुल्हे उठाने शुरू कर दिये। मैंने लिंग को उसकी योनि पर सैट किया और एक हल्का सा धक्का मारा। लिंग योनि को चीरता हुआ आधा अंदर समा गया। बाकी का बचा काम सोनल ने कर दिया। उसने नीचे से अपने कुल्हों को उपर उठाया और पूरा लिंग अंदर समा गया। मेरे साथ साथ कोमल भी नीचे से धक्के लगा रही थी जिससे लिंग पूरा अंदर तक टक्कर मार रहा था। जल्दी ही हम चरम पर पहुंच गये और मैं निढाल होकर सोनल के उपर लेट गया। सोनल मेरे बालों को सहलाती रही। मुझे हल्की हल्की नींद आनी शुरू हो गई थी। चार बजे के घण्टे से मैंने आंखें खोली, सोनल भी हल्की हल्की नींद में पहुंच चुकी थी। मैंने उसे उठाया और फ्रेश होकर कपड़े पहने। वापिस आकर हम बेड पर एकदूसरे को बांहों में भरकर लेट गये। कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे। सोनल बार बार मेरे होंठों को चूम रही थी। नीचे स्कूटी रूकने की आवाज आई तो सोनल उठकर बैठ गई।
शायद दीदी आ गई, सोनल ने घड़ी की तरफ देखते हुए कहा। हम उठे और बाहर आकर बैठ गये। थोड़ी देर बार नवरीत उपर आई।
ओह तो नवरीत थी, मैंने सोचा दीदी आ गई, कोमल ने कहा। नवरीत आकर हमसे गले मिली और हमारे साथ बैठ गई।
सोनल, नीचे से प्रीत की आवाज आई।
दीदी कब आई, सोनल ने चौंक कर उठते हुए कहा।
अभी मेरे साथ ही आई हैं, नवरीत ने कहा।

सोनल जल्दी से नीचे चली गई।
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही - by sexstories - 06-09-2018, 02:33 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,463,913 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,180 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,216,945 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,386 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,631,811 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,063,247 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,921,015 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,958,252 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,993,511 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,337 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)