Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:17 PM,
#38
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--38
गतांक से आगे ...........
उस पर मस्ती छाने लगी। उसको मस्त होते देखकर मैंने उसके हाथों पर अपने हाथ की पकड़ थोड़ी सी ढीली कर दी पर छोड़े नहीं।
मैं उसके होंठों को चूस रहा था, शायद मेरे होंठ में से खून निकलना बंद हो गया था। उसने भी मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया था।
उसने अपने हाथों को झटका दिया, मैंने ढीला पकउ़ा हुआ था इसलिए उसके हाथ छुट गये। उसने अपने हाथ मेरी कमर पर रख दिये और शर्ट को उपर करके मेरी कमर को बुरी तरह सहलाने लगी।
फिर उसके हाथ मेरे सिर पर आये और मेरे सिर को पकड़कर मुझे बुरी तरह किस करने लगी।
मेरे दोनों हाथ फ्री हो गये थे, इसलिए मैं उसकी पेंटी निकलने की कोशिश करने लगा। एक हाथ मैंने उसके कुल्हों के नीचे दिया और नीचे से उसकी पेंटी को सरका दिया और फिर आगे से भी सरका कर जांघों तक कर दिया। मेरा लिंग सीधे उसकी योनि पर टक्कर मारने लगा।
अचानक उसने मुझे पलट कर बेड पर लेटा दिया और मेरे उपर आ गई और मेरे सिर को पकड़ कर मेरे होंठों को चूसने और काटने लगी।
अब मैं निश्चिंत हो गया और आराम से उसकी टी-शर्ट को उसके शरीर से अलग करने लगा। एक एक करके उसके हाथों से मैंने टी-शर्ट को निकाल दिया, परन्तु जैंसे ही मैं उसके गले से निकालने लगा, वो एक तरफ लुढक गई और उठकर बेड से नीचे उतर गई और मुझे ठेंगा दिखाते हुए अपनी पजामी को उपर करके दरवाजे की तरफ भागी और दरवाजे पर जाकर अपनी टीशर्ट को पहने लगी।
मैं तुरंत उठा और इससे पहले कि वो टी-शर्ट पहनें उसको जाकर पिछे से पकड़ लिया और अपने हाथ उसके नंगे उभारों पर रख दिये। मेरा लिंग सीधा उसके कुल्हों की दरार में सैट हो गया। उसके मुंह से एक आह निकली और वो मेरे चंगुल से छूटने के लिए मचलने लगी।
वहीं खडे खडे मैंने दरवाजे की कुंडी लगा दी और उसे थोड़ा पिछे हटाकर उसके उभारों को अपने दोनों हाथों से मसलने लगा। मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर टिका दिये और उसके कुल्हों की दरार में अपने लिंग से हलके हलके धक्के मारने लगा।
उसकी टी-शर्ट को मैंने उसके जिस्म से अलग किया और एक तरफ फेंक दिया और फिर एक हाथ से उसकी पजामी को पेंटी के साथ नीचे सरका दिया और अपने पैरों से मसल मसल कर उसके घुटनों से नीचे तक पहुंचा दिया। फिर मैंने अपना एक पैर उपर किया और उसकी पजामी में फंसाकर उसके पैरों के पंजे तक निकाल दी।
मैंने अपना एक हाथ उसकी योनि पर रखा और अपनी उंगली उसकी योनि में फिराने लगा। वो मचल उठी और अपना चेहरा घुमाकर मेरे लबों पर अपने लब टिका दिये और अपने हाथ पिछे करके मेरे बालों में फिराने लगी और एक हाथ मेरी से मेरी गर्दन पकउ़ ली।
मैं इस जबरदस्ती में बहुत ही ज्यादा उतेजित हो गया था और मैं जोर जोर से उसके कुल्हों पर लिंग की ठोकरें मारने लगा। उसने अपने कुल्हों को पिछे की तरफ निकाल दिया, जिससे मेरा लिंग सीधा उसके गुदा द्वार पर जाकर टकराया।
उसके मुंह से तेज आहहह निकली और वो ओर जोर से मेरे लबों को चूसने लगी।
मैं अपने लिंग को उसके गुदा द्वार में घुसाने की कोशिश कर रहा था, पर ज्यादा टाइट होने के कारण अंदर नहीं जा रहा था।
मैंने अपने एक हाथ उसकी कमर पर रखा और उसके नीचे झुकाने लगा। मेरे हाथ के दबाव से वो नीचे झुकती चली गई और उसने झुक कर गिरने से बचने के लिए अपने हाथ सामने रखी टेबल पर रख दिये।
उसके इस तरह झुकने से उसकी योनि पिछे की तरफ निकल आई और मेरा लिंग अब उसकी योनि के उपर ठोकर मारने लगा। मैंने अपने एक हाथ लिंग को उसकी योनि द्वार पर एडजस्ट किया और एक जोर का धक्का मार दिया। मेरा लिंग उसकी योनि को चीरता हुआ सीधा उसके गर्भाश्य से जा टकराया। उसके मुंह से एक जोर की दर्द और आनंद की सिसकारी निकली और उसने अपनी कमर को पिछे की तरफ दबा दिया। मैंने अपना एक हाथ उसके उभार पर रखा और दूसरा उसके कंधे पर और जोर जोर से धक्के लगाने लगा। उसकी योनि रस से पूरी तरह से गीली हो गई थी, जिससे मेरा लिंग पूरा का पूरा बिना किसी परेशानी के अंदर जा रहा था। सोनल के मुंह से सिसकारियां निकल रही थी और वो अपनी कमर को बार बार पिछे की तरफ धक्का दे रही थी।
मेरी जांघें उसके नरम कुल्हों से टकराती तो मजे की एक लहर मेरे शरीर में दौड़ जाती और एक थप का संगीत उत्पन्न होता।
मैं बहुत ज्यादा गरम हो चुका था, और उसके अंदर की गर्मी को सहन नहीं कर पाया और मेरा लिंग और भी ज्यादा मोटा होकर अकउ़ गया, उसकी योनि ने मेरे लिंग को बुरी तरह जकड़ लिया और अपने रस की बौछार करनी शुरू कर दी।
मेरे लिंग की कठोरता, और मेरे गरम गरम रस को उसकी योनि भी सहन नहीं कर पाई और उसने भी अपना पानी बहाना शुरू कर दिया। मैं अभी भी तेज तेज धक्के लगा रहा था। जिससे मेरा और उसका रस एक पतली सी पिचकारी की धार की तरह बाहर की तरफ बैकफायर कर रहा था जो सीधा मेरी जांघों पर गिर रहा था।
मैंने अपनी जांघों को उसके कुल्हों से चिपका दिया और लिंग से रस की एक एक बूंद को उसकी योनि में टपकाने लगा।

सोनल का शरीर भी ढीला पड़ गया था और उसने अपना चेहरा टेबल पर रख दिया था और गहरी सांसे ले रही थी। मैं ऐसे ही उसकी कमर पर अपना चेहरा रखकर उसके उपर लेट गया। और हांफने लगा। अपने हाथों को मैंने नीचे लटका कर ढीला छोड़ दिया।
थोड़ी देर में मेरा लिंग छोटा होकर उसी योनि से बाहर आ गया। और मेरे लिंग के साथ साथ हमारा मिक्सचर भी उसकी जांघों पर से नीचे की तरफ बहने लगा। हम ऐसे ही आधे खडे आधे लेटे एक दूसरे से चिपके हुए थे।
कुछ देर बाद सोनल ने उठने की कोशिश की तो मैं उसके उपर से उठ गया और उसे अपनी बांहों में उठाकर बेड पर लाकर लेटा दिया और खुद उसके बगल में लेट गया। सोनल ने अपनी बांहें मेरे गलें में डाल दी और अपना चेहरा मेरी छाती पर रखकर मुझसे चिपक कर लेट गई।
हम ऐसे ही लेटे हुए थे, मुझे हल्की हल्की नींद आनी शुरू हो गई थी कि तभी दरवाजे पर खट-खट हुई।


आवाज सुनते ही सोनल एकदम से उठ कर बैठ गई।
अब ये कौन कबाब में हड्डी आ गया, सोनल ने बड़बड़ाते हुए कहा और ऐसे ही बाथरूम की तरफ भागी और अंदर जाकर दरवाजा बंद कर लिया, पर वो अपने कपड़े तो यही छोउ़ गई थी जो बेड पर ही अस्त व्यस्त पड़े थे।
मैंने उन पर चदद्र डाल दी और तौलिया लपेटकर दरवाजा खोला। सामने पायल खड़ी थी।
उसे देखते ही मेरे होश उड़ गये। उसने गुलाबी टी-शर्ट जो कि उसकी नाभि को उजागर कर रही थी और नीचे एक नीकर जो कि उसके घुटनों से उपर ही रह गई थी, पहनी हुई थी।
उसके मोटे मोटे उभार देखकर मेरी नजरें वही पर जम गई और मेरे पप्पू ने तौलियों के अंदर तम्बू बना दिया।
हाय, उसने मेरी नजरों का पिछा करते हुए कहा और जब पता चला कि मेरी नजरें कहां पर है तो थोउ़ा झेंप गई।
उसकी आवाज सुनकर मैं सपने से बाहर आया।
हाय, आप, इतना कहकर मैं इधर उधर देखने लगा कि "ाायद पूनम भी उसके साथ ही आई हो। परन्तु वहां पर उसके इलावा कोई नहीं था।
अगर आपको एतराज न हो तो मैं अंदर आ सकती हूं, उसने कहा और मेरे उतर का इंतजार किये बगैर ही आगे की तरफ बढ़ गई। मैं थोड़ा सा साइड में हो गया, परन्तु वो कुछ इस तरह से अंदर की तरफ आई की मेरा लिंग उसकी साइड से उसकी जांघों से टकरा गया। मेरी तो सांसे रूक सी गई।
सोनल अंदर बाथरूम में ही थी, कहीं वो ये सोचकर बाहर ना निकल आये कि जो था वो चला गया होगा, मैं बस यही सोच कर घबरा रहा था।
कमरा तो शानदार सजा रखा है आपने, इतना साफ सुथरा तो मेरा रूम भी नहीं रहता, वो मुस्कराते हुए बोली।
जी ऐसा कुछ नहीं है, वो तो बस ऐसे ही, मैंने दरवाजे के पास खड़े खड़े ही कहा।
फिर उसकी नजरें मुझ पर जम गई।
नाइस बॉडी, उसने मुस्कराते हुए कहा।
जी ये तो बस नेचुरल ही है, कभी जिम वगैरह नहीं गया तो इसलिए ज्यादा अच्छी नहीं है, मैंने शरमाते हुए कहा।
वो बेड पर बैठ गई, बैठने से उसकी टी-शर्ट ने उसके पेट को छुपा लिया परन्तु उसकी निकर से उसकी योनि का उभार प्रदर्शित होने लगा। वो बड़ी ही लापरवाही से पैरों को थोड़ा सा चौड़ा करके बैठी थी और नीचे लटके हुए पैरों को हिला रही थी और इधर उधर देख रही थी।
मैं बेड के पास गया और अपनी टी-शर्ट उठा कर पहन ली और फिर अपना अंडरविडर और कैपरी उठा कर बाथरूम की तरफ चल दिया।
अरे कोई बात नहीं, ऐसे ही अच्छे लग रहे हो, पायल ने मुझे आंख मारते हुए कहा।
पर मैं सीधा बाथरूम में घुस गया और अंदर जाकर दरवाजे की चिटकनी लगा दी। सोनल आराम से कमोड पर बैठी थी। मुझे देखते ही वो बुदबुदायी, कौन है?
पूनम की बहन है, मैंने हलके से कहा।
वो यहां क्या कर ही है, कहीं मेरे पिछे से तुमने उसको भी तो नहीं----- सोनल ने कहा।
अरे नहीं यार, पता नहीं क्या करने आई है, कहते हुए मैंने तौलिया खोल दिया और अंडरवियर पहनने लगा।
जैसे ही मैंने तौलिया खोला, सोनल ने मेरे लिंग को पकड़ लिया और मसलने लगी। मेरे मुंह से जोर की आह निकल गई।
क्या हुआ, बाहर से पायल की आवाज आई। शायद उसने मेरी आवाज सुन ली थी।
मरवाओगी तुम, छोड़ो, मैं उसे भगाता हूं, फिर कर लेना जो करना है, मैंने सोनल का हाथ अपने लिंग पर से हटाते हुए कहा।
मरवाउंगी, अरे जब उसे पता चलेगा कि उसके आने से पहले यहां क्या चल रहा था, तो उसकी चूत गीली हो जायेगी, और तेरा ये मोटा लंड लेने के लिए तड़पने लगेगी, सोनल ने खड़े होते हुए मेरे लिंग को अपनी योनि पर रगड़ते हुए कहा और अपने हाथ मेरी गर्दन में डाल कर मेरे होंठों पर एक किस ली।
मैंने उसे अपने से दूर किया और कपड़े पहनकर बाहर आ गया।
क्या हुआ था, पायल ने बाहर आते ही मुझसे पूछा।
मैंने उसकी तरफ सवालिया नजरों से देखा।
अरे वो आपकी आहह की आवाज आई थी, इसलिए पूछ रही हूं, उसने उतर देते हुए कहा।
नहीं कुछ नहीं, हाथ टूंटी से टकरा गया था, बस इसलिए आह निकल गई, मैंने बात को संभालते हुए कहा।
अरे दीदी, आप यहां पर बैइी हो, और वहां मैं आपको कहां कहां नहीं ढूंढ के आई, पूनम ने अंदर आते हुए कहा और मेरी तरफ देखकर मुस्कराई।
वो--- वो--- मैं उपर छत पर घूमने आई थी तो सोचा समीर का रूम देख लेती हूं, कैसा है, पायल ने थोड़ा हड़बड़ाते हुए कहा।
कैसा लगा, अच्छा है ना, पूनम ने चहकते हुए कहा।
काफी इम्प्रेसिव है, पायल ने तारीफ करते हुए मुंह बनाकर कहा।
चलो आपको पापा बुला रहे हैं, पूनम ने कहा।
चलो, कहते हुए पायल बेड पर से उठी गई।
कल आउंगी, सुबह, आज तो सही तरह से नहीं देखा है रूम, कल देखूंगी, कहते हुए वो और पूनम बाहर निकल गई।
मैं भी उनके पिछे पिछे बाहर आ गया और जब वो नीचे चली गई तो, मैं वापिस अंदर आया और बाथरूम में गया।
सोनल अभी भी कमोउ पर ही बैठी थी और अपनी कमर पिछे लगाकर आंखें बंद करके बैठी थी।
मैं आराम से उसके पास गया और झुककर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये।
उसने एकदम से आंखें खोली और मुझे देखकर अपने हाथ मेरे सिर पर रख दिये और मुझे किस करने लगी।

क्रमशः.....................
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RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही - by sexstories - 06-09-2018, 02:17 PM

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