Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:14 PM,
#25
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--25
गतांक से आगे ...........
मैंने भी उसे हाय कहा और उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। वो सीधी मेरे सीधे से आकर चिपक गई। मैंने अपने हाथ उसकी कमर में डाले और उसको अपने शरीर के साथ चिपका लिया। अपूर्वा ने एक आह ली और अपने हाथ मेरी कमर में कस दिये और अपना चेहरा मेरे कंधे पर रख दिया।
अपूर्वा बार बार अपने हाथों को थोडा सा कस रही थी। उसकी गोलाइयां मेरे छाती में दब गई थी। तभी मुझे पहले कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आई तो हम अलग हो गये।
मैं: और कैसा रहा तुम्हारा टूर।
अपूर्वा: अच्छा था, बहुत मजा आया, मेरे मामा की लड़कियां भी आई हुई थी और बुआ के बच्चे भी आये हुए थे, काफी दिनों बाद सभी से मिली थी, बहुत ही अच्छा लगा। आप बताओ, आपके दिन कैसे बीतें, अकेले बोर हो गये होंगे ऑफिस में।
मैं: और क्या, यहां पर अकेला बैठा बैठा बोर होता रहा, और क्या करता? अब तुम तो मजे ले रही थी अपनी मौसी के घर पर।
गुड मॉर्निंग, बॉस ने हमारी तरफ आते हुए कहा।
गुड मॉर्निंग बॉस, हम दोनों ने एक साथ कहा।
हम अंदर ऑफिस में आ गये और अपने सिस्टम ऑन कर दिये। अपूर्वा अपनी चेयर पर बैठ गई।
बॉस: समीर वो तुम मैडम के साथ चले जाओ, उनकी सिस्टर आई हुई है, कल हम यहां पर थे नहीं तो वो अभी होटल में रूकी है। इधर जयपुर में पहली बार ही आई है, मैडम के मामा की बेटी है। तो तुम मैडम के साथ जाकर उन्हें ले आओ। मुझे अभी बैंक जाना है। गाड़ी ले जाना।
मैं: ठीक है बॉस।
बॉस: मैं अभी निकल रहा हूं, मैडम तैयार हो रही है, तुम चले जाना।
बॉस (अपूर्वा की तरफ घूमते हुए): और तुम्हारा वो काम पूरा हो गया अपूर्वा या बचा है?
अपूर्वा: बॉस अभी तो काफी बचा है, वो अगले दिन ही तो मैं चली गई थी, पर आप टेंशन मत लो, जल्दी ही पूरा हो जायेगा।
बॉस: गुड! दो चार दिन में ऑफिस भी खुल जायेगा, फिर उधर ही शिफ्रट हो जायेंगे।
और बॉस बाहर चले गये। मेरा सिस्टम चालू हो गया था, काम शुरू करने का तो कोई फायदा था नहीं, इसलिए मैंने फेसबुक खोल ली और न्यूजफीड देखने लग गया।
20-25 मिनट में मैडम आई, उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत ही हॉट लग रही थी। ब्लाउज पिछे से बस थोड़ा सा था, जिससे उनकी लगभग पूरी कमर नंगी ही थी। आगे से उनकी क्लीवेज काफी दिख रही थी। और पेट पर हल्का सा पारदर्शी कपडा। कुल मिलाकर एकदम पटाका लग रही थी।
मैंने मैम को गुड मॉर्निंग कहा, अपूर्वा ने हमारी तरफ देखा और उसने भी मैम को गुड मॉर्निंग कहा।
मैम: गुड मॉर्निंग, समीर चलो, वो होटल तक चलना है एक बार।
मैं: जी मैम।
और मैं चेयर से उठ गया। मैम ने गाड़ी की चाबी मुझे दी और हम बाहर आ गये। मैं गाड़ी निकालने गैराज में आ गया और मैम बाहर गेट पर जाकर खड़ी हो गई। मैंने गाड़ी बाहर निकाली और मैम आगे की सीट पर बैठ गई। होटल जयपुर से बाहर 20 किलोमीटर के आस पास दूर था। थोड़ी ही देर में हम हाइवे 8 पर पहुंच गये। हाइवे पर आते ही मैम थोड़ा सा मेरी तरफ सरक गई और अपना हाथ सीधा मेरी जांघ पर रख दिया। मैंने मैम की तरफ देखा वो सीधे देख रही थी। मैंने वापिस सामने देखने लगा। मैम का हाथ लगते ही मेरा लिंग एकदम तन कर फुफकारने लगा। मैम ने अपना हाथ धीरे धीरे मेरी जांघों पर फिराना शुरू कर दिया। वो बहुत ही हल्के हल्के मेरी जांधाों को सहला रही थी। मैंने अपना एक हाथ उनके हाथ पर रख दिया और उनकी तरफ देखने लगा। मैम ने मेरी तरफ देखा और मुझे अपनी तरफ देखता पाकर मुस्करा दी और आंखों से सामने देखने का इशारा किया। मैं भी मुस्करा दिया और सामने देखने लगा। मैंने गाड़ी की स्पीड थोड़ी कम कर ली। होटल अब 5 मिनट की दूरी पर ही थी, पूरे रस्ते मैडम ऐसे ही मेरी जांघों पर अपना हाथ फिराती रही और कभी मेरे लिंग को अपनी मुठ्ठी में भरकर दबा देती।
मैम ने पर्स से अपना सैल निकाला और फोन मिलाया, घंटी गई, मैम ने स्पीकर ओन करके फोन डेस्कबोर्ड पर रख दिया। पांच-छः घंटी जाने के बाद दूसरी तरफ से फोन उठाया और एक प्यारी सी, स्वीट सी हैल्लो की आवाज कानों में घुल गई।
मैम: हैल्लो! हां कोमल, मैं बस पहुंचने वाली हूं, तुम तैयार हो ना।
कोमल: क्या, आप आ रही हो, अरे मेरी मां, मैं तो सोच रही थी कि आप शाम को आओगी, तो मैं तो आ गई जयपुर घूमने, यहां से जयपुर घुमाने के लिए टूर जा रहा था तो मैं भी आ गई।
मैम: ओह हो, तू भी ना किम्मी, अब मैं यहां तेरे इंतजार में बैठी रहूंगी।
कोमल: तो क्या हुआ दी, होटल में रोज-रोज थोड़े ही ठहरने को मिलता है, अच्छा सुनो अब आप आ गई हो तो मैं थोड़ी देर में यहां से निकलती हूं, तब तक आप मेरे रूम में वेट कर लेना।
मैम: हां, तेरे रूम में वेट कर लेना, जैसे मेरे को चाबी देकर गई है।
कोमल: तो काउन्टर पे ही तो है चाबी, वहीं से ले लेना।
मैम: हां, मैं जाकर चाबी मांगूगी और वो चुपचाप जी मैम जी मैम करके चाबी दे देंगे, आई बड़ी काउंटर की बच्ची। तू जल्दी आ जा, तब तक मैं दूसरा रूम लेती हूं।
कोमल: ओके मैं आधे-एक घंटे में निकल लूंगी यहां, से अब आप रूम ले ही रहीं हैं तो फिर कुछ देर तो रूकना ही चाहिए ना उसमें। मैं जल्दी आ जाउंगी तो ऐसे ही पैसे खराब जायेंगे।
मैम: ठीक है, पर तू ज्यादा देर मत करियो।
कोमल: ओके दी, (और उसने फोन काट दिया)।
मैम (मेरी तरफ देखते हुए): मेरे मामा की लड़की है, बहुत शैतान है, इलाहाबाद से है। अभी ग्रेजुएशन पूरी की है।
मैं: मतलब आपसे काफी छोटी है।
मैम: मुझसे तो पंद्रह साल छोटी है, अभी 19 की ही हुई है।
मैं: तो इसका मतलब आप अभी 34 की हुई हैं। पर बॉस तो चालीस से उपर के हैं।
मैम: हां वो तो 43 के हो जायेंगे इस साल। 9 साल बड़े हैं मुझसे। वो टाइम ही ऐसा था कि ये सब नहीं देखा जाता था शादी करते वक्त। और फिर यें तो सैटल थे, अच्छा कमाते थे तो पिताली ने शादी कर दी।
हम होटल पहुंच गये। मैम ने एक रूम बुक करवाया और हम रूम में आ गये। दरवाजे से अंदर होते ही मैम ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अंदर खींच लिया और मेरे बावलों की तरह मेरे गालों को चूमने लगी।
मैंने उन्हें खुद से दूर किया।
मैं: मैम! ये आप क्या कर ही हैं।
मैम ने फिर से मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे बालों में हाथ फेरते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी। मैं उन्हें तड़पाने के लिए उन्हें खुद से दूर हटाने की झूठी-मूठी कोशिश कर रहा था। मैम ने मेरे हाथों को पकड़ा और अपने कुल्हों पर सैट कर दिया और फिर से मेरे होंठों को चूसने लगी। मैम मुझे खींचते हुए बेड की तरफ ले जाने लगी। मैंने चलते चलते दरवाजे को हाथ मारा, पर वो पूरा बंद नहीं हुआ, हल्का सा खुला रह गया।
मैम मेरे होंठों को चूसते हुए मुझे बेड तक ले गई और मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया। वो खड़ी खडी मुझे खा जाने वाली नजरों से देख रही थी। मेरा पप्पू तो पहले ही मैदान में आ चुका था और अपीन जंजीरे खुलने की बाट जोह रहा था।
मैम ने अपना पल्लू नीचे गिरा दिया और पिछे हाथ करके अपने ब्लाउज का हुक खोलकर निकाल दिया। अब वो केवल ब्रा में खड़ी थी। मैम ने ब्लाउज को एक तरफ फेंक दिया। पुशअप ब्रा में कैद मैम के उभार कहर ढा रहे थे। मैं घूरकर मैम के उभारों को देख रहा था। मैम नीचे झुकी और मेरी बेल्ट को खोल दिया और जींस का हुक खोलकर घुटनों तक सरका दी। मेरा लिंग झटका खाकर बाहर आ गया और मैम को सलामी देने लगा।
मैम एकटक मेरे लिंग को देखती रही।
हाय,,,, कितना सोहना लंड है तेरा, और ये कहते हुए मैम ने अपने होंठों को मेरे लिंग के सुपाड़े पर टिका दिया। उन्होंने अपनी जीभ निकाली और मेरे लिंग से निकली प्रिकम की बूंदों को चाट गई। मेरे शरीर में सिहरन दौड़ गई। मैं आराम से बेड पर लेटा था। फिर मैम ने अपनी ब्रा भी उतार दी और उनकी चूचियां झूलने लगी। उनकी तेज सांसों के साथ उनकी चूचियां भी उपर नीचे हो रही थी। शायद वासना के कारण उनकी चूचियां तन कर कड़ी हो गई थी, वो थोडी सी भी नहीं लटकी हुई थी।
फिर मैम ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिये और साइड में गिरा दी। मैम मेरे उपर लेट गई और मेरे गालों और होंठों को चूमने लगी। मेरा लिंग उनके पेट पर हरकत कर रहा था, उनके उभार मेरी छाती पर दब गये थे, बिल्कुल नरम, परन्तु तने हुए। मैंने अपना हाथ उनकी कमर पर रख दिया और सहलाने लगा।
हाय, आज तो बस तू मुझे जन्नत की सैर करा दे, बहुत दिनों से तेरे ही सपने देख रही थी मैं, मैम ने मेरे गालों पर अपने दांत गड़ाते हुए कहा।
मैंने अपने हाथ साड़ी के अंदर डाल कर उसके कुल्हों को मसलने लगा। मैम मेरे होंठों को काटने लगी और अपनी चूचियों को मेरी छाती पर रगड़ने लगी। मैम अपना एक हाथ नीचे ले गई और हमारे बीच में डालकर मेरा लिंग पकड़ लिया।
क्या शानदार लंड है तेरा, और ये कहते हुए वो नीचे को सरक गई और मेरा पूरा लिंग एकदम से अपने मुंह में भर लिया। मेरा लिंग उनके गले में जाकर अटक गया। फिर मैम ने मेरे लिंग को बाहर निकाला और फिर से पूरा मुंह में गटक लिया। लिंग जैसे ही अंदर जाता मैम की जीभ उसके चारों तरफ घूमने लगती। वो इतने अच्छे तरीके से चूस रही थी और कुछ उनके मुंह की गर्मी, मुझे लग रहा था कि आज तो मैं दो मिनट भी मैदान में नहीं टिक पाउंगा।
फिर उन्होंने मेरे लिंग को पूरा मुंह के अंदर लिया और अंदर ही रखे हुए जीभ फिराने लगी। मैं तो मजे से पागल ही हुआ जा रहा था। मुझे खुद पर कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल हो गया था। मेरी कमर बार बार हवा में उठ रही थी और मेरे मुंह से आहह ओहहह की आवाजें निकल रही थी।
और फिर जिसका मुझे डर था वहीं हुआ, मैंने अपना रस मैम के मुंह में उडेलना शुरू कर दिया। जैसे ही मैम ने मेरे रस की बौछार अपने मुंह में महसूस की उन्होंने अपने होंठों को और भी जोर से मेरे लिंग पर कस दिया और सारा रस पीने लगी। आठ-दस पिचकारियां छोड़ने के बाद मैं शांत हो गया और बेड पर कमर रखकर तेज तेज सांसे लेने लगा। आज तक मुझे इतना मजा नहीं आया था जितना आज मैम ने मेरे लिंग को चूस कर दिया था। मेरा लिंग छोटा होना शुरू हो गया। पर मैम ने उसे मुंह से नहीं निकाला और चूसती रही, और इसका परिणाम यह हुआ कि मेरा लिंग फिर से अंगडाई लेने लगा। मेरे लिंग को फिर से मैदान में आते देखकर मैम की आंखों में चमक आ गई। वो खड़ी हुई और अपनी साड़ी उतार कर एक साइड में रख दी।
मैं देखकर हैरान रह गया कि उन्होंने नीचे पेटीकोट नहीं पहना हुआ था, बस पेंटी ही थी। उनका पेट एकदम सपाट था और जांघें भरी हुई थी। उन्होंने फिर अपनी पेंटी में अपने अंगूठे फसाये और उसे निकाल दिया। उनकी योनि उनकी जाघों के बीच में छुपी हुई थी। फिर मैम ने मेरी जींस को भी खींचकर निकाल दिया और मेरे उपर लेट गई। उन्होंने अपनी योनि को मेरे लिंग पर सैट किया और एक ही झटके में पूरे लिंग को गलप कर गई। मुझे लगा कि मेरा लिंग बाहर ही रह गया है तो मैंने अपना हाथ नीचे करके अपने लिंग केा सैट करने की कोशिश की। पर मेरा लिंग तो पहले से ही उनकी योनि के अंदर था।

मैं हैरान रह गया, मुझे लग ही नहीं रहा था कि मेरा लिंग किसी योनि में है। मैंने सवालियां नजरों से मैम की तरफ देखा, पर उनकी आंखें बंद थी और वो हलके हलके धक्के लगा रही थी। अचानक ही उनके धक्के बढ़ गये और उनका शरीर अकड़ने लगा। उन्होंने मेरे मुंह को अपने उभारों पर दबा दिया और तेज तेज धक्के मारने लगी। मुझे कुछ भी मजा नहीं आ रहा था। मैम के मुंह से लम्बी लम्बी सिसकारियां निकलने लगी और मुझे लगा कि कुछ चीज मेरे लिंग को जकड़ रही है। मैम के धक्के अब ज्यादा ही तेज हो गये थे और उन्होंने चार पांच और तेज धक्के मारे और मुझे मेरे लिंग पर गर्म गर्म पानी महसूस हुआ और उनकी योनि ने मेरे लिंग को बुरी तरह से जकड़ लिया। वो कभी मेरे लिंग को जकड़ लेती और कभी छोड़ देती। कुछ मैम का गर्म पानी और कुछ उनकी योनि की इस तरह की जकड़न के साथ तेज धक्के, मैं भी दूसरी बार झड गया और अपने पानी से मैम की योनि भर दी।
मैं मेरे उपर लेटकर तेज तेज सांसे लेने लगी और मेरे बालों को सहलाने लगी। वो मेरे चेहरे को चूम रही थी, चाट रही थी। उनकी योनि अभी भी मेरे लिंग को कभी जकड़ रही थी और कभी छोड़ रही थी। उनकी योनि की ये छोउ़ पकड़ मेरे लिंग को ढीला नहीं पड़ने दे रही थी। मैंने उन्हें पकड़ा और बेड पर पलट दिया और उनके उपर आ गया। मैम अपनी आंखें बंद करके शांत होकर लेट गई। मैंने नीचे होकर उनकी योनि को देखा, वो एकदम से फैली हुई थी, ऐसा लग रहा था कि कोई गुफा है। मैंने मैम की तरफ देखा, मेरे चेहरे पर सवाल देखकर मैम मुस्कराई।
मैम: तुम्हारे सर बिस्तर में ज्यादा देर टिकते नहीं हैं, कभी कभी तो दो तीन धक्कों में ही झड जाते हैं और एक बार झडने के बाद उनका फिर खड़ा ही नहीं होता, तो मैं प्यासी ही रह जाती हूं, इसलिए फिर मैं डिल्डो से काम चलाती हूं, और डिल्डो बहुत मोटा है तो इस कारण मेरी चूत इतनी चौड़ी हो गई है। अब तो हर रोज डिल्डो मेरी चूत की प्यार बुझाता है तो इसलिए ये हमेशा ऐसे ही खुली रहती है।
इतना कहकर मैम ने मेरा हाथ पकड़कर अपने उपर खींच लिया और मुझे अपनी बाहों में कस लिया।
पर आज तेरे साथ मैं जल्दी ही झड गई, सच में तेरे साथ बहुत मजा आया, और मैम ने नीचे हाथ करके मेरे लिंग को फिर से अपनी योनि पर सैट कर दिया। मेरा लिंग सिकुडा हुआ था तो मैम अपनी योनि को मेरे लिंग पर रगड़ने लगी और उनकी योनि की गर्मी से वो जल्दी ही फिर से तन कर खड़ा हो गया। चूंकि मैडम ने लिंग को अपनी योनि पर सैट कर रखा था, इसलिए जैसे जैसे मेरा लिंग खड़ा होता गया, वैसे वैसे ही उनकी योनि में घुसता गया और पूरा तन कर उनकी योनि में गर्भ पर ठोकरे मारने लगा। मुझे बस मेरा लिंग अंदर उनके गर्भ से टकराता हुआ ही महसूस हो रहा था, बाकी लग नहीं रहा था कि मेरा लिंग किसी योनि में घुसा हुआ है। मैंने अपने लिंग को बाहर खींचा और एक जोर का धक्का मारा, मैम के मुंह से आह निकल गई और वो अपने कुल्हों को नीचे से उछालने लगी। मैंने आठ दस धक्के लगाये पर कोई मजा ही नहीं आ रहा था। मैंने अपना लिंग बाहर निकाल लिया और मैम के पैरों को उठाकर अपने कंधों पर रख लिया और अपने लिंग को उनके पिछे के छेद पर सैट कर दिया। मेरे लिंग को पिछे के छेद पर लगते ही मैम सिहर गई और अपने पैर मेरी कमर में डाल कर कसकर जकड़ लिये। मैंने थोड़ा सा धक्का लगाया तो मेरा लिंग का सुपाड़ा उनके छेद में घुस गया। मैम थोड़ा सा कसमसाई और फिर अपने कुल्हों को नीचे की तरफ धक्का दे दिया। मेरा पूरा लिंग उनके अंदर घुस गया। उनकी पिछे का छेद कुछ टाइट था तो अब मुझे भी मजा आ रहा था और मैंने तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिये। मैम बार बार अपनी गांड को सिकोड रही थी जिससे मुझसे सहन नहीं हुआ और थोड़ी देर में ही मैं फिर से झड गया, मेरा वीर्य अपने अंदर महसूस करते ही मैम का शरीर भी अकड़ गया और उनकी योनि ने भी पानी निकालना शुरू कर दिया। मैं उनके उपर लेट गया और अपना चेहरा उनकी चूचियों पर रख दिया।
हम ऐसे ही लेटे रहे। मुझे हलकी हलकी नींद आने लगी थी कि तभी मैम का मोबाइल बजने लगा।
मैम ने देखा, कोमल का फोन था। मैम ने फोन रिसीव किया, कोमल वापिस आ चुकी थी, उसने अपना रूम नंबर बताया और हम फ्रेश होकर अपने कपड़े पहनकर कोमल के रूम की तरफ चल दिये।
क्रमशः.....................
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