Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:14 PM,
#23
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--23
गतांक से आगे ...........
सोनल ने मेरी कमर पर अपने हाथ रख दिये और सहलाने लगी।
मैं पूनम के उपर से उठने लगा तो पूनम ने मेरी कमर में अपने हाथ कस दिये और मुझे अपनी बाहों में भींच लिया और मेरे गालों को चूमने लगी। वो इतनी जल्दी फिर से तैयार हो गई थी और नीचे से अपने कुल्हें उठाकर मेरे लिंग को अपनी योनि पर रगड़ने लगी थी। मैंने भी अपने कमर को हिलाना शुरू कर दिया और उसकी योनि को कुचलने लगा। पूनम के पैर मेरी कमर के चारों तरफ लिपट गये थे। मैंने हाथ नीचे करके अपने लिंग को उसके योनि द्वार पर सैट किया और हल्का हल्का दबाव बढ़ाने लगा। पूनम ने नीचे से एक तेज धक्का मारा और मेरा सुपाड़ा उसकी योनि में जाकर फंस गया। पूनम के मुंह से चीख निकल गई। उसकी योनि ने मेरे सुपाड़े को अपनी दीवारों में भींच लिया था। ऐसा लग रहा था कि उसकी योनि मेरे लिंग को अंदर की तरफ खींच रही है। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और लिंग को थाड़ा सा पीछे करके एक जोर का झटका मारा। पूनम का शरीर अकड़ गया और मेरा लिंग दो इंच उसकी योनि में घुस गया। पूनम की आंखों से आंसू बहने लगे और उसके हाथ और पैर मेरी कमर पर बुरी तरह से कस गये। उसके नाखून मेरी कमर में गड़ गये थे, जिससे मुझे भी दर्द हो रहा था। मैंने फिर से अपने लिंग को थोड़ा सा पीछे खींचा और एक जोरदार धक्का मारा, मेरा लिंग उसकी झिल्ली को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा पूनम की योनि में समा गया। उसने मेरे कंधे पर अपने दांत गड़ा दिये और मेरी कमर में अपने नाखुन। उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। मैं थोड़ी देर ऐसे ही रहा और उसके बालों को सहलाता रहा। उसके उभार मेरी छाती के नीचे दबे हुए थे। सोनल ने उसके गालों पर अपने होंठ रख दिये और चूसने लगी। जब पूनम कुछ नोर्मल हुई तो मैंने अंदर रखे रखे ही मैंने अपने लिंग का दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया। फिर मैंने अपने लिंग को थोड़ा सा बाहर निकाला और आराम से आराम से थोड़ा सा अंदर करने लगा। मैंने पांच छः बार ऐसे ही किया। फिर मैंने लिंग को सुपाड़े तक बाहर निकाला और जैसे ही मैंने धक्का मारा, पूनम ने नीचे से अपने कुल्हें उठाकर एक तेज धक्का मारा और मेरा लिंग उसकी पूरी योनि को चीरता हुआ उसके गर्भाश्य से जाकर टकरा गया। पूनम के मुंह से दर्द व मस्ती भरी आह निकली और उसके दांत फिर से मेरे कंधो पर गड़ गये। मुझे दर्द तो बहुत हो रहा था, पर शायद जो दर्द उसे हो रहा था उसके सामने कम ही था। पूनम कुछ देर ऐसे ही लेटी रही और फिर धीरे धीरे नीचे से अपने कुल्हों को हिलाने लगी। इशारा पाकर मैंने अपने लिंग को बाहर निकाला और एक जोर का धक्का मारा। मेरा पूरा लिंग उसकी योनि में समा गया और उसके गर्भ द्वार को खोलने की कोशिश करने लगा। पूनम मस्ती भरी सिसकारियां निकालने लगी थी। अब उसका दर्द खत्म हो गया था और वो मेरे धक्कों के साथ अपने कुल्हें उठाकर धक्के लगा रही थी।

उसकी योनि इतनी टाइट थी कि मेरे लिंग को बुरी तरह जकड़ रखा था। मैं उसकी योनि के इस मुलायम और मस्त घर्षण को सहन नहीं कर पाया और मेरे लिंग ने उसके अंदर अपना रस निकालना शुरू कर दिया। मेरी गर्म गर्म रस की पिचकारी सीधे उसके गर्भ द्वार पर जाकर टकरा रही थी। मेरे गर्म वीर्य की बौछार होते ही उसका शरीर फिर से अकड़ गया और उसने चिल्लाते हुए योनि रस बहाना शुरू कर दिया। उसके कुल्हे हवा में उठ गये और उसके हाथों ने मेरे कुल्हों को नीचे की तरफ दबा लिया। मेरा पूरा लिंग उसकी योनि में समाया हुआ अपने रस की बौछार कर रहा था और साथ में उसकी योनि अपना पानी बहा रही थी। उसकी योनि कभी मेरे लिंग पर सिकुडती और कभी ढीली हो जाती, मानों मेरे लिंग में से एक-एक बूंद निचोड रही हो। उसकी योनि की इस हरकत ने मेरे लिंग को मैदान नहीं छोड़ने दिया और मेरा लिंग तुरंत ही फिर से तैयार हो गया। मैंने फिर से धक्के लगाने शुरू कर दिये। हमारे रस के कारण पच-पच की आवाजें आ रही थीं। उसकी सिकुडती और खुलती योनि के कारण मेरे लिंग पर बहुत ज्यादा घर्षण हो रहा था, जिससे बहुत ही मजा आ रहा था। थोउ़ी ही देर में उसने भी नीचे से अपने कुल्हों को उछालना शुरू कर दिया और जोर जोर से सिसकारियां निकालने लगी।
आहहहहहह ओर जोर ससससससससससससे बहुत मजा आ रहा हहहहहहहहहहहै, अगर पहले पता होततततततततततता किक इततततनाााा ममममजजजजजजजजा आययययययययेगगगगगा तततततततो नननननननाश्श्श्श्श्श्श्श्श्ता बबबबबबबबनननननननााययययययययययययया थ्थ्थ्थ्थ्थ्थ्थ्था उसससससससी दिन चुददददददददददददददववववववववववा लललललेतती, ओहहहहहहहहह माइइइइइइइइइ गोडडडडडडडड औररररररररररर जोरररररर से
वो अपने कुल्हों को पूरी तेजी के साथ उपर की तरफ उछाल रही थी। जैसे मैं अपने लिंग को बाहर की तरफ खिंचता वो नीचे से अपने कुल्हों को उछाल देती और मेरे धक्के के साथ ही उसके कुल्हे वापिस बेड पर पहुंच जाते, और मेरा लिंग सीधे उसके गर्भाश्य से जाकर टकरा जाता।
ओहहहहहहहहह मैं गइइइइइइइइइइइइइई और उसके हाथ मेरी कमर पर इतनी बुरी तरह कस गये कि मुझे सांस लेने में भी प्रॉब्लम होने लगी। उसकी चूचियां मेरे सीने में दबकर बुरी तरह से पिचक गई थी।
उसकी योनि ने तीसरी बार पानी बहाना शुरू कर दिया। उसके गर्म पानी को महसूस करके मैंने भी तेज धक्के लगाने शुरू कर दिये और मेरे लिंग ने भी उसकी योनि में रस की बौछार कर दी। मेरे रस की बौछार होते ही उसने मुझे और कस के भींच लिया, ऐसा लग रहा था कि मुझे ऐसे भींच कर ही मार देगी। थोड़ी देर में उसकी पकड़ कमजोर होेन लगी और वो हांफने लगी। मैं भी उसके उपर लेटे लेटे हांफ रहा था। थोड़ी देर में मेरा लिंग छोटा होकर उसकी योनि से निकल आया और हमारा मिक्स जूस बाहर निकलकर चददर को भिगोने लगा।
मैं बहुत ज्यादा थक गया था इसलिए हिलने का भी मन नहीं कर रहा था। मैं ऐसे ही अपनी आंखें बंद करके उसके उपर लेटा रहा। वो भी अपनी आंखें बंद करके अपनी सांसों को नॉर्मल करने की चेष्टा कर रही थी। उसके हाथ अभी भी मेरी कमर में ही थे, जिनसे वो हलके हलके मेरी कमर को सहला रही थी। ऐसे ही लेटे लेटे पता नहीं कब नींद आ गई।
मुझे मेरे कुल्हों पर हरकत महसूस हुई तो मेरी नींद खुली। मैं आंखें बंद किए किए ही समझने की कोशिश करने लगा कि पूनम के हाथ हैं या सोनल के। पर पूनम के हाथ तो मेरी कमर में थे। मैंने अपनी आंखें खोली और पूनम के चेहरे की तरफ देखा। बहुत ही प्यारा लग रहा था। वो चैन की नींद सो रही थी। उसके चेहरे पर अलग ही चमक और शांति झलक रही थी। सोते हुए भी उसके हाथ मेरी कमर पर ही कसे हुए थे, जैसे उसे डर हो कि मैं कहीं भाग ना जाउं।
फिर मैंने सोनल की तरफ देखा। वो पूरी नंगी हो चुकी थी। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। मुझे उठा हुआ देखकर वो मुस्कराई।
सोनल: खुद खुद मजे करके सो गये, मैं यहां पर तड़प रही हूं। अपनी उंगली से ही शांत होने की कोशिश की पर और ज्यादा आग लग गई।
मैंने अपनी आंखों के इशारे से पूनम के हाथों की तरफ इशारा किया। सोनल समझ गई और हलके से पूनम के हाथ मेरी कमर में से हटाकर आराम से बेड पर रख दिये।
मैं पूनम के उपर से उठा। उसकी योनि के उपर हमारा मिक्स रस जम सा गया था। मेरे लिंग पर भी सफेद सफेद पपड़ी सी जम गई थी।
मैं उठकर बाथरूम में गया और शॉवर ऑन करके नहाने लगा। सोनल भी मेरे पिछे पिछे बाथरूम में आ गई और बेल की तरह मुझसे लिपट गई।
सोनल मेरे पीछे आकर मुझसे लिपट गई और अपना एक हाथ मेरे पेट पर रख कर सहलाने लगी और दूसरे हाथ में मेरे लिंग को पकड़ लिया और मसलने लगी। उसकी नंगी चूचियां मेरी कमर में चुभ रही थी। उसके होंठ मेरी गर्दन और कंधों पर किस कर रहे थे। मैंने अपने हाथ पीछे करके उसके कुल्हों को पकड लिया और मसलने लगा। उसके मुंह से आहें निकलने लगी।
शॉवर का ठंडा पानी हमारे गर्म शरीर पर गिरकर आग में घी का काम कर रहा था। मैं बुरी तरह से उसके कुल्हों को मसलने लगा। उसने भी मेरे लिंग को कसकर पकड़ लिया और स्पीड से अपना हाथ चलाने लगी। मैंने अपनी गर्दन को पिछे की तरफ घुमाया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये। मेरे होंठ मिलते ही सोनल उन पर टूट पड़ी और चूसने व काटने लगी। पहले से ही तान्या ने मेरे होठों को काट रखा था इसलिए मुझे दर्द होने लगा। मैंने अपने होंठ उससे अलग किए।
मैं: प्लीज! दांत मत लगाओ, बहुत दर्द हो रहा है।
मेरी बात सुनते ही सोनल ने मेरे होठों पर अपनी उंगली फिराई और फिर से अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और बहुत ही आराम से अपने होंठों के बीच में लेकर चूसने लगी। उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। मैंने उसकी जीभ को चूसना शुरू कर दिया।
मैं घूम कर सीधा हो गया। मेरे सीधे होने से मेरा लिंग उसकी योनि पर जाकर सैट हो गया। मैंने अपने हाथों में उसके कुल्हों को पकड़ा और उसको थोडा सा उपर उठाकर वापिस नीचे कर दिया। मेरा लिंग सीधा उसकी योनि में घुस गया। उसके मुंह से आह निकली और वो अपने कुल्हों को आगे पिछे करके मुझे चोदने लगी। मैं भी अपने हाथों से उसके कुल्हों को दबाकर उसकी मदद कर रहा था। मैंने निप्पल पर अपने होंठ टिकाये और चुभलाने लगा और उसके उभारों पर अपनी जीभ फिराने लगी।
सोनल अपने कुल्हों को जोर जोर से आगे पिछे करने लगी, और उसका शरीर अकड़ने लगा। उसके मुंह से लगातार सिसकारियां निकल रही थी।
आहहहहहहहहहहहहहहहह पूराा अंदर डाल दो, क्या कर रहे हो,,,,, और जोर जोर से अपने कुल्हों को हिलाने लगी। मेरा लिंग पूरा उसके अंदर जाकर वापिस आ रहा था।
ओहहहहहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहहहहहहहहहसीदइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ समीरररररररररररर प्लीजजजजजजजजजजजज आहहहहहहहहहहहहहहहहह ओहहहहहहहहहह मैं गईइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ
और उसका शरीर अकड़ कर मेरे साथ चिपक गया, उसकी योनि ने अपना पानी बहाना शुरू कर दिया। उसका गर्म गर्म लावा मुझे अपने लिंग पर महसूस हो रहा था। उसके गर्म लावा को महसूस करके मेरे लिंग ने उसकी योनि के अंदर ही झटके लेने शुरू कर दिये।
झडने के बाद सोनल निढाल होकर मेरी बाहों में झुल सी गई। और अपने हाथ मेरी कमर में कसकर लपेट दिये। उसने अपना चेहरा मेरी छाती में रख दिया और गहरी सांसे लेने लगी। मैंने शॉवर को बंद किया और उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम से बाहर आ गया।
मैंने एक हाथ से बेड पर तौलिया बिछाया और सोनल को उसके उपर लेटा दिया। सोनल ने आंखे खोलकर प्यार से मेरी तरफ देखा और फिर अपनी आंखें बंद कर ली। सोनल का गोरा बदन पानी में भिगा हुआ कयामत ढा रहा था। मैंने खुद को पौंछा और बेड पर चढकर सोनल के उपर लेट गया। उसके गीले बदन का स्पर्श मेरे शरीर में सिहरन पैदा कर रहा था। मैं बैठ गया और अपने हाथ उसकी टांगो के पिछे ले गया और उसकी टांगों को उठाकर अपने कंधों पर रख दिया।
मेरा लिंग उसके गुदा द्वार पर जाकर टकराया जिससे सोनल के मुंह से जोर की सिसकारी निकली। मैं वैसे ही बैठा हुआ अपने लिंग को आगे पिछे करने लगा। मेरा लिंग उसके गुदा द्वार पर टक्कर मार रहा था।
सोनल के मुंह से मादक सिसकारियां निकल रही थी। उसने अपने हाथ अपने उभारों पर रखे और उन्हें बुरी तरह मसलने लगी। मैंने अपने लिंग को उसके गुदा द्वार पर रखकर थोडा सा अंदर की तरफ धक्का मारा। सोनल सिहर गई और मेरा लिंग उसके द्वार पर दबाव डालने लगा।
मैं उठा और बाथरूम में जाकर अपने पूरे लिंग पर तेल लगाकर थोडा सा तेल अपने हाथ में लेकर वापिस आ गया। सोनल मुझे देख रही थी और अपनी आंखों से ना का इशारा कर रही थी।
मैंने बेड पर आकर सोनल को उलटा होने को कहा, वो मना करने लगी। मैंने अपने तेल वाला हाथ सीधा उसके कुल्हों की दरार में ले गया और उसके पीछे वाले छेद पर तेल मसल दिया। सोनल कसमसा उठी। उसके शरीर में आनंद की लहरें उठने लगी। अच्छी तरह से तेल मसलने के बाद मैंने उसकी कमर को पकड़ा और उसके पेट कर बल लेटा दिया।
सोनल धीमी धीमी आवाज में कह रही थी ‘प्लीज पिछे नहीं, बहुत दर्द होगा’। पर मैंने उसकी बातों पर धयान नहीं दिया और अपना लिंग उसके कुल्हों और जांघों के बीच में सैट करके उसके उपर लेट गया। मेरा लिंग उसके छेद पर दस्तक दे रहा था। मैंने अपने कुल्हों को थोड़ा सा उपर उठाया और उसके छेद पर हल्का सा दबाव डाला। सोनल ने तकिया उठाकर अपने मुंह के नीचे रख लिया और बेड की चद्दर को जोरों से अपनी मुठठी में भींच लिया। मैं उसके छेद पर अपना लिंग रगड़ने लगा। उसकी सिसकारियां तकियें में घुट रही थी। मैं उसी तरह अपने लिंग को उसके छेद पर रगड़ता रहा। तभी अचानक सोनल ने अपने कुल्हों को उपर उठा दिया और दबाव के कारण मेरा सुपाडा उसके छेद में घुस गया। पर अगले ही पल सोनल को अपनी गलती का अहसास हो गया। दर्द के मारे उसका शरीर अकड़ गया और उसने चददर को और भी जोर से कस के पकड़ लिया।

मैंने अपने लिंग पर थोडा थोड़ा जोर देना शुरू कर दिया। सोनल ने अपने कुल्हों को वापिस नीचे कर लिया जिससे मेरा सुपाड़ा उसके गुदा द्वार से बाहर आ गया। सोनल ने सीधा होने की कोशिश की, पर मैंने उसको कसकर पकड़ लिया और उलटा ही लेटाये रखा और फिर से अपना लिंग उसके द्वार पर सैट किया और एक हल्का धक्का मारा, जिससे मेरा सुपाड़ा फिर से उसके छेद में घुस गया। सोनल ने अपना मुंह तकिये में दबा लिया और अपने दोनों हाथों से तकिये को दोनों साइड से पकड़ लिया। मैंने थोड़ा सा पिछे होके एक जोर का धक्का मारा और मेरा आधा से ज्यादा लिंग उसकी गुदा में समा गया। सोनल के मुंह से जोर की चीख निकली जो तकिये में घुट गई। मैं कुछ देर ऐसे ही रहा। जब सोनल को थोडा आराम पहुंचा तो मैंने अपने लिंग को फिर से थोडा सा बाहर खींचा और एक और जोर का धक्का मारा। मेरा पूरा लिंग उसके अंदर समा गया और मैं उसके उपर लेट गया। उसके कुल्हें एक दम गदेदार थे। मेरे लेटने से वो पिचक गये। सोनल ने तकिये को इतना कसके पकड़ा हुआ था कि उसके नाखून तकिये में घुस गये थे और तकिया फट गया था। मैं कुछ देर ऐसे ही उसके उपर लेटा रहा। थोड़ी देर में तकिये पर से सोनल की पकड़ कुछ कम हो गई और वो गहरी सांसे लेने लगी। मैंने अपने कुल्हों को उठाकर लिंग को थोडा सा बाहर निकाला और फिर आराम से अंदर डाल दिया। सोनल के मुंह से फिर से दर्द भरी सिसकारी निकली। मैं धीरे धीरे हल्के हल्के धक्के लगाने लगा। अब सोनल को मजा आने लगा था वो अपने कुल्हों को उछाल कर लिंग को अंदर लेने की कोशिश करने लगी।
उसे मजा लेते देख मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड बढा दी और तेज तेज धक्के मारने लगा। मेरा लिंग बुरी तरह से जकड़ा हुआ था उसकी गांड द्वारा। बहुत ही टाइट अंदर जा रहा था। मैं इतना ज्यादा घर्षण सहन नहीं कर सका और जल्दी ही उसकी गांड में अपना सारा रस निकाल दिया। मेरा रस अपनी गांड में महसूस करते ही सोनल का शरीर भी अकड़ गया और उसकी योनि ने भी पानी बहाना शुरू कर दिया। मेरे साथ ही उसका शरीर भी अकड़ गया और जल्दी ही हम शांत हो गये और गहरी सांसे लेने लगे। मेरे लिंग छोटा होकर बाहर निकल गया। मैं अभी भी उसके उपर लेटा हुआ था और सांसों को नॉर्मल करने की कोशिश कर रहा था।
सोनल थोडा कसमसाई तो मैं उसके उपर से उतरकर साइड में लेट गया। सोनल ने मेरी तरफ करवट ली और मेरी छाती में मुक्के मारने लगी।
सोनल: तुम बहुत जालिम हो, मेरे दर्द की थोड़ी सी भी परवाह नहीं की।
मैं: अरे मेरी जान! दर्द में ही तो असली मजा है, क्यों है ना।
सोनल शरमा गई और अपना चेहरा मेरी छाती में छुपा लिया। मैं उसके बालों में हाथ फिराने लगा और ऐसे ही कब हमें नींद आ गई पता ही चला।

टननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननननन
‘उं हूं’ मैं उंघते हुए उठा और अलार्म की तरफ हाथ बढ़ाया, पर मेरा हाथ लगकर अलार्म नीचे गिर गया।
मैं आंखों को मसलते हुए उठने लगा तो मेरे उपर पड़े हाथों की वजह से उठ नहीं पाया। अलार्म की आवाज सुनकर पूनम की आंख खुल गई।
मैंने आंखें खोलते हुए चारों तरफ का जायजा लिया। सोनल मुझसे आगे से चिपक कर सो रही थी और पिछे से पूनम मुझसे चिपकी हुई थी। पूनम का एक हाथ मेरे पेट पर था। उसका हाथ इस प्रकार रखा हुआ था कि उसकी कोहनी तो मेरे पेट पर थी और उसके हाथ का पंजा मेरी छाती पर था। उसके हाथ के ठीक नीचे सोनल का हाथ मेरे लिंग को छूता हुआ रखा हुआ था। दोनों का एक एक पैर मेरी जांघों पर था। पूनम का सिर मेरे हाथ पर कंघे के पास था और सोनल ने मेरे दूसरे हाथ को तकिया बना रखा था।
सोनल (नींद में बड़बड़ाते हुए): हूंहहहहहहूं, इस अलार्म को बंद करो ना जानूं।
पूनम ने अपने गाल मेरी छाती पर रख दिये और मेरे पेट को अपने हाथों से सहलाने लगी।
जब अलार्म बंद नहीं हुआ तो सोनल ने धीरे से आंख खोली।
सोनल: उंहहहहहहहहहहहहहहह, क्या टाइम हो गया।
मैं: पांच गये स्वीटू।
मेरी बात सुनते ही दोनों हसीनाओं एकदम उठकर बैड पर खड़ी हो गई।
क्रमशः.....................
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