Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:13 PM,
#22
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--22
गतांक से आगे ...........
होठों से भी पीओगे या बस नजरों से ही पीने का इरादा है, पूनम मुस्कराती हुई मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई।
मैंने अपने हाथ सीधे उसकी जांघों पर टिका दिये। पूनम में मुंह से हलकी आह निकल गई। मैं भी बेड पर बैठ गया और उसके पीछे की साइड से अपनी ठोडी उसके कंधे पर रख दी और अपने हाथ उसके पेट पर कस दिए। पूनम की सांसे एकदम तेज तेज चलने लगी और उसका पेट फडकने लगा। मैं अपने गालों को उसके गालों से रगड़ने लगा। वो कुछ शरमा रही थी। मैंने उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया और उसके गालों पर धीमी धीमी फूंक मारने लगा। ये फूंक मारने वाला आइडिया सोनल से आया, जब वो रात को लौटते वक्त मेरे कानों पर फूंक मार रही थी तो बहुत ही मजा आ रहा था।
पूनम की आंखें बंद होने लगी। उसने अपने हाथ मेरे हाथों पर रख दिए और मेरे हाथों को पकड़ लिया। मैंने कुछ देर अपने हाथों को ऐसे ही रखा और फिर से उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया। उसके पेट को सहलाते हुए ही मैंने उसके गालों पर अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी।
तभी दरवाजा खुला और सोनल अंदर।
पूनम को अंदर देखकर सोनल का मुंह खुला का खुला रह गया और वो मुझे घूरकर देखने लगी। सोनल के अंदर आते ही पूनम एकदम से खड़ी हो गई और कभी सोनल की तरफ तो कभी मेरी तरफ देखने लगी।
सोनल मेरी तरफ आंखें तरेरते हुए अंदर आ गई और दरवाजा बंद करके कुंडी लगा दी। सोनल के हाथ में एक कटोरी थी। मैंने उसकी तरफ आंखों से इशारा करके पूछा की ये क्या है।
सोनल (थोड़ा गुस्से में): तेल लाई थी गर्म करके, सोच रही थी थोड़ी मालिश करवा लूंगी, थकान उतर जायेगी। पर यहां तो और ही किसी की मालिश चल रही है।
सोनल की बात सुनकर पूनम ने अपनी नजरे नीची कर ली।
सोनल (बेड पर बैठते हुए, पूनम की तरफ देखते हुए): मेरी जान, मैं तुम्हें कोई खा नहीं जाउंगी, इतना घबरा क्यों रही हो।
पूनम ने सोनल की तरफ देखा, सोनल मुस्करा रही थी। सोनल की बात सुनकर पूनम के जी में जी आया।
पूनम: मुझे पता नहीं था कि आप आयेंगी, नहीं तो-----। ओके मैं चलती हूं, आप मालिश करवाओ।
और पूनम दरवाजे की तरफ चलने लगी।
सोनल ने जल्दी से आगे होकर उसका हाथ पकड़ लिया और खींचकर बेड पर बैठा दिया।
सोनल: अच्छा, बड़ी आई जाने वाली। चुपचाप बैठ जा यहां पर।
बेड पर बैठकर पूनम सोनल की तरफ सवालिया नजरों से देखने लगी।
सोनल: ऐसे क्या देख रही है, आज इसका कचूमर निकालेंगी दोनों मिलकर, बड़ा आया मुझे चबाने वाला। अब देखती हूं, कौन किसको चबायेगा।
सोनल की बात सुनकर मैं मुस्कराने लगा।
सोनल: हां, मुस्करा ले, मुस्करा ले। आज पता चलेगा तुझे। कल तो मैंने कुछ नहीं किया, नहीं तो कल ही पता चल जाता।
मैं: तो मना किसने किया था, अंदर डालने से पहले ही खल्लास होकर साइड में पसर गई। बेचारी तान्या ने ही मैदान संभाला।
तान्या का नाम सुनते ही पूनम ने हमारी तरफ आश्चर्य से देखा।
सोनल: अरे यार वो कल तान्या भी थी हमारे साथ।
पूनम: तो यहां पर पूरी मस्ती चलती है रात को। और कौन कौन आ चुकी है।
सोनल: अरे वो तो कल तान्या इधर ही रूक गई थी, इसलिए वो भी शामिल हो गई, नहीं तो हम दोनों ही होते हैं।
मैंने पूनम की कमर में अपना हाथ डाला और उसे पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया।
सोनल: हां, नया माल मिल गया, अब मेरी तरफ क्यों देखोगे।
मैंने अपना दूसरा हाथ सोनल की कमर में डाला और उसे भी अपनी तरफ खींचकर अपने जिस्म से चिपका लिया। मेरी इस हरकत से सोनल थोड़ा शरमा गई।
सोनल (मेरे कंधे पर मुक्का मारते हुए): छोड़ो बेशर्म कहीं के।
मैं: अरे कुछ करोगी, तभी तो छूटेगा। ऐसे क्या बिना हाथ लगाये ही छूट जायेगा।
मेरी बात सुनकर पूनम का चेहरा लाल हो गया और सोनल ने मेरी कमर में एक जोरदार मुक्का जमा दिया।
मैंने सोनल का हाथ पकड़ा और उसे बेड पर पटक दिया और उसकी जांघों पर बैठ गया। सोनल ने मेरी कमर में अपना हाथ डाला और एक झटके में मेरा तौलिया खोल दिया। तौलिया निकलकर सोनल की जांघों पर गिर गया और मेरा लिंग उछलकर बाहर आ गया।
मुझे लग रहा था कि जबसे मैंने सोनल के साथ सैक्स शुरू किया है तब से लेकर अब तक लिंग के साइज में काफी अंतर आ गया है। अब वह पहले से ज्यादा मोटा और शायद कुछ लम्बा भी हो गया है। मैंने कभी नापा तो नहीं, इसलिए साइज को पता नहीं, पर काफी लंबा और बड़ा है।
मेरा तौलिया खुलते ही पूनम की आंखें मेरे लिंग पर जम गई। मैंने अपने हाथ सोनल के उभारों पर रख दिये और उन्हें मसलने लगा। जब सोनल ने पूनम को ऐसे मेरे लिंग को घूरते देखा तो उसका हाथ पकउ़कर मेरे लिंग पर रख दिया। उसके हाथ का स्पर्श होते ही मेरे लिंग ने एक झटका खाया और मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ गया।
पूनम कुछ देर हाथ को वैसे ही रखे रही, फिर उसने मेरे लिंग को अपनी मुठ्ठी में भर लिया। कोमल कोमल हाथों में जाकर मेरा लिंग फूला नहीं समा रहा था। पूनम थोड़ा एडजस्ट हुई और बेड पर उपर पैर करके अच्छी तरह से हमारे पास होके आलथी-पालथी मारकर बैठ गई। उसने फिर से मेरे लिंग को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और उसकी खाल को पिछे करने लगी। जिससे चमकता हुआ गुलाबी सुपाड़ा बाहर निकल आया।
मेरे हाथ सोनल के उभारों को मसलने में बिजी थे। सोनल ने मेरे एक हाथ को पकड़ा और मेरी एक उंगली अपने मुंह में ले ली और चूसने लगी। उसके गरम मुंह में उंगली डालने में भी बहुत मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे लिंग को ही चूस रही थी। हमारी जांघों के बीच पड़ा तौलिया शायद पूनम को कुछ परेशान कर रहा था, उसने तौलियों को पकड़कर खींचकर बाहर निकालने की कोशिश की। पर वो मेरे नीचे दबा था। मैंने पूनम की तरफ देखा और थोड़ा सा उपर उठ गया। पूनम ने खींचकर तौलिया को एक तरफ रख दिया।
पूनम ने सोनल की तरफ देखा, वो तो आंखें बंद किए मजे से मेरी उंगली को लिंग सोचकर चूस रही थी। पूनम के होंठों पर मुस्कान तैर गई और उसने थोड़ा आगे होकर मेरे लिंग को फिर से पकड़ लिया और उसके सुपाड़े पर उंगली फिराने लगी। मजे के मारे मेरी आंखें भी बंद होने लगी। पूनम के हाथों का कमाल की मेरे सुपाड़ों पर प्रिकम की बूंदू चमकने लगी। पूनम ने उसे अपनी उंगली पर लगाया और मेरे पूरे लिंग पर मसल दिया। बहुत ही मजा आ रहा था। पूनम बहुत ही प्यार से मेरे लिंग को छेड़ रही थी। ऐसा लग रहा था कि मैं हवा में उड़ रहा हूं।
मैंने सोनल के निप्पल को अपनी दो उंगलियों के बीच भरा और जोर से भींच दिया। सोनल के मुंह से कराह और आनंद की मिली जुली सिसकारी निकली और उसने मेरी उंगली को और कसके चूसना शुरू कर दिया।

मैंने अपना हाथ सोनल के उभार पर से हटाया और पूनम के उभार पर रख दिया और हल्के हल्के उसे सहलाने लगा। पूनम के मुंह से एक सिसकारी निकली। सोनल ने अपनी आंखें खोलकर मेरे हाथ को देखा कि कहां गया और पूनम के उभारों पर पहुंचा देखकर वापिस अपनी आंखें बंद कर ली। मैं पूनम के उभारों को बारी बारी हलके हलके सहलाने लगा। मेरी इस हरकत से सोनल के शरीर में रह रहकर तरंगे सी उठ रही थी और उसकी मेरे लिंग पर पकउ़ बढ़ती जा रही थी। अब वो मेरे लिंग पर अपने हाथ को आगे पिछे चला रही थी।
मैंने पूनम की नाइटी को पकड़ा और उपर उठाने लगा, पर वो पूनम के नीचे दबी हुई थी। पूनम थोड़ी सी उपर को हुई और मैंने नाइटी को उसकी कमर तक खींच लिया। वो वापिस बैठ गई। मैंने धीरे धीरे करके एक हाथ से ही उसकी नाइटी को उसके शरीर से अलग कर दिया और बेड पर एक साइड में रख दी। फिर मैं अपना हाथ पिछे की तरफ ले गया और उसकी ब्रा के हुक खोलने की कोशिश करने लगा। पर एक हाथ से खुल नहीं पा रहे थे। मुझे परेशान होते देखकर पूनम ने अपने हाथ पिछे किए और हुक खोल दिया और वापिस से मेरे लिंग पर अपने हाथ की पकड़ बना ली। अब उसने अपना एक हाथ मेरी कमर पर कुल्हों के पास रख दिया था और धीरे धीरे सहलाने लगी थी। मुझे तो इतना मजा आ रहा था कि मुझे लग रहा था कि मैं अब गया। मैंने पूनम की ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया। अब वो बस एक पैंटी में बैठी थी।
मैंने वापिस अपना हाथ उसके उभारों पर टिका दिया और उसके निप्पल को चुभलाने लगा। वो मजे के मारे सिसकारियों निकाल रही थी और बड़बड़ा रही थी, आहहहहहह बहुत मजा आ रहा है। मजे के मारे उसने उसकी आंखें बंद हो चुकी थी।
मैंने अपना हाथ उसके सिर के पिछे किया और उसको अपनी तरफ खींच लिया। शायद वो समझ गई थी कि मैं क्या कर रहा हूं, इसलिए वो अपने घुटनों के बल खड़ी हो गई। उसकी आंखें बंद ही थी। मैंने उसके चेहरे को निहारा, बहुत ही प्यारी लग रही थी, वासना के कारण उसका चेहरा एकदम गुलाबी हो गया था। मैं कुछ देर तक उसके चेहरे में ही खो गया। जब मैंने कोई हरकत नहीं की तो पूनम ने अपनी आंखें खोली और मेरी तरफ देखा। मुझे इस तरह खुदकर को देखता पाकर उसने शरम से अपना चेहरा एक तरफ घुमा लिया। मैंने उसकी ठोडी को पकड़कर उसके चेहरे को घुमाया और धीरे धीरे अपने चेहरे को उसके चेहरे के पास ले जाने लगा। उसने हया से अपनी आंखें बंद कर ली। मैंने अपने होंठ उसके नाक की चोंच पर रख दिये। मेरे होंठ लगते ही वो सिहर गई। उसने अपने हाथ मेरे कंधों पर रख दिये। मैंने अपने होठों को उसके गालों पर फिराया, बहुत ही मजेदार अनुभव था, ऐसा लग रहा था कि मैं अपने होठों से मक्खन को छू रहा हूं। मैंने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके गालों को चाटने लगा। उसके हाथ मेरे बालों में हरकत करने लगे। फिर मैंने उसके रस भरे फडकते होंठों पर अपनी जीभ फिराई। मजे के मारे उसके होंठ थोड़े से खुल गये।
मैंने उसके उपर वाले होंठ को अपने होंठों में पकड़ लिया और चूसने लगा। हमारे होंठ मिलते ही वो बुरी तरह से मेरे नीचले होंठ को चूसने लगी। मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और उसके होंठों से निकलते रस का पान करने लगा। उसके हाथ मेरे सिर में फिर रहे थे। वो बार बार मेरे सिर को अपने चेहरे पर दबा रही थी। मैंने थोड़ी सी आंखें खोलकर सोनल की तरफ देखा, वो मेरी उंगली को अपने होठों पर फिरा रही थी और हमारी तरफ देखकर मुस्करा रही थी। मैं वापिस पूनम के लबों का रसपान करने में मशगूल हो गया। पूनम किस करने में पूरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि वो किस करने में माहिर है। सच बताउं तो मुझे अबसे पहले किस करने में इतना मजा नहीं आया था। मैं उसके होठों को चूसे ही जा रहा था और वो मेरे होंठों को। मेरे लिंग को खाली देखकर सोनल ने उसे अपने हाथों में दबोच लिया और उससे खेलने लगी।
सोनल एक हाथ से अपने उभारों के साथ खेल रही थी और दूसरे हाथ से मेरे लिंग के साथ खेलते हुए हमें मजे लेकर देख रही थी।
मैंने अपना एक हाथ सोनल के उभार पर रख दिया और मसलने लगा और दूसरा हाथ पूनम के सिर पर था ही। सोनल जोर जोर से मेरे लिंग को सहलाने लगी। मुझे लग रहा था कि मैं बस निकलने वाला हूं। मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि मैं अभी झडना नहीं चाहता था, मैंने सोनल के हाथ को पकड़ लिया और वैसे ही रहने दिया। सोनल ने मेरी तरफ देखा। पर मैं तो पूनम के लबों का रस चूसने में मशगुल था। कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ पूनम के उभारों पर रख दिया और उन्हें मसलने लगा। जैसे ही मेरा हाथ उसके उभारों पर पड़ा वो और भी ज्यादा वाइल्ड तरीके से मेरे होठों को चूसने लगी। मैंने उसके होठों पर अपने दांत गड़ा दिये और हलके हलके दांतों के बीच रगड़ने लगा। पूनम ने मेरी कमर में एक मुक्का जमा दिया। मैंने अपने दांत हटा लिये, परन्तु जैसे ही मैंने अपने दांत हटाये पूनम ने मेरे होठों पे अपने दांत गड़ा दिये और जोर से काटने लगी। मैंने उसकी चूची को हाथ में भर बुरी तरह भींच दिया। वो दर्द और वासना से सीत्कार उठी और मेरे लबों को छोड़ दिया। हमारी सांसे उखड़ी हुई थी। हम गहरी सांसे लेने लगी। मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा, उसके होठों पे थोड़ा सा खून लगा हुआ था।
सोनल ने मौके का फायदा उठाया और पूनम का हाथ पकड़कर उसे बेड पर गिरा दिया और मुझे अपने उपर खींच लिया। और मेरे होठों को अपने होठों में कैद कर लिया। पूनम के काटने की वजह से मेरे होंठों में दर्द हो रहा था। पर सोनल के रसीले होंठों के रस के लालच ने दर्द को भुला दिया। मैं अब सोनल के नीचे वाले होंठ को चूसने लगा और और सोनल मेरे उपर वाले होंठ को। वो अपनी आंखें खोल कर मुझे देख रही थी। उसके हाथ मेरी कमर में घुम रहे थे। अचानक मुझे अपनी कमर में तीन हाथ महसूस हुये। मैंने पूनम की तरफ देखा। वो हमारे साइड में लेटकर अपने एक हाथ से मेरी कमर सहला रही थी। मैं वापिस सोनल के होठों को रस पीने लग गया। पूनम ने मेरी कमर सहलाते हुए अपना हाथ मेरे कुल्हों पर ले गई और मेरे कुल्हों को सहलाने लगी। अचानक वो उठी और मेरे उपर आकर लेट गई।

बेचारी सोनल तो दोनों के नीचे दब गई। पर उसने मेरे होठों को नहीं छोड़ा। पूनम की गीली पैंटी मुझे अपने कुल्हों पर महसूस हो रही थी। पूनम ने अपने हाथ नीचे की तरफ किये और अपनी पैंटी को अपने कुल्हों से खींचकर निकाल दिया। अब उसकी पैंटी उसकी जांघों में अटकी हुई थी। उसके बूब्स मेरी कमर में रगड़ खा रहे थे। वो धीरे धीरे हिलने लगी और अपनी जांघों को मेरे कुल्हों पर ओर अपने बूब्स को मेरी कमर पर रगड़ने लगी। उसकी योनि से निकलता गर्म पानी मेरे कुल्हों पर गिर कर भिगो रहा था। वो वासना में बहुत ही ज्यादा डूब गई थी। उसने अपने गाल भी मेरी कमर पर रगड़ने शुरू कर दिये। पूनम ने अपने हाथ मेरी कमर में से लेते हुए हमारे बीच में ले आई और सोनल की चूचियों को सहलाने लगी। जब उसके हाथ सोनल की चूचियों पर पड़े तो सोनल के शरीर ने एक झटका खाया। और शायद उसकी पैंटी और ज्यादा गीली हो गई थी। सोनल से हम दोनों का वजन सहन नहीं हो पा रहा था, वो मेरे कंधों पर हाथ रखकर मुझे उठाने की कोशिश करने लगी। मैंने अपना एक हाथ पिछे ले जाकर पूनम की कमर में डाल दिया और दूसरी तरफ पलट गया। अब पूनम मेरे नीचे बेड पर और मैं उसके उपर पीठ के बल लेटा हुआ था। सोनल करवट लेकर मेरी तरफ लेट गई। पूनम ने मेरे पेट पर अपने हाथ कस दिये और मेरे नीचे से निकलते हुए मुझे दोनों के बीच में लेटा दिया। उसने मुझे इस तरह से पलटा था कि मेरा मुंह अब पूनम की तरफ था।
पूनम ने अपना एक हाथ मेरी कमर में डाला और मुझे अपनी तरफ खींचकर मुझसे चिपक गई। मेरा लिंग सीधा उसकी योनि पर जाकर टकराया और हम दोनों के मुंह से आह निकल गई। उसके उभार मेरी छाती में दब गये। उसके कड़े निप्पल मुझे चुभ रहे थे। मैंने उसके होठों पर एक पप्पी दी और पलटी मारकर उसके उपर आ गया। अब पूनम मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर। मैंने सोनल की तरफ देखा वो मुस्कराते हुए हमारी ही तरफ देख रही थी।
पूनम नीचे से अपने कुल्हे उठाकर मेरे लिंग पर अपनी योनि को रगड़ने लगी। मैं हाथ को हमारी जांघों के बीच ले गया और अपना लिंग उसकी योनि की फांकों के बीच में सैट कर दिया। मेरा लिंग उसकी योनि की फांको को खोलकर पूरी तरह उसकी योनि के उपर सेट हो गया और मेरा सुपाड़ा उसके क्लिट को रगडने लगा। पूनम मस्ती में सिसकारी भरने लगी। अब मैं भी धीरे धीरे अपने लिंग को उसकी योनि पर रगड़ रहा था। मेरा सुपाडा उसकी क्लिट को बुरी तरह मसल रहा था, जिससे उसकी योनि ने पानी बहाना शुरू कर दिया। पूनम के हाथ मेरे कुल्हों पर थे और नीचे की तरफ दबा रहे थे। मेरे होंठ उसके होठों का रस पी रहे थे। वो तेजी से अपने कुल्हे उठाकर मेरे लिंग पर अपनी योनि रगड़ने लगी। अचनाक उसके कुल्हें हवा में उठे और उपर से उसने मेरे कुल्हों पर अपने हाथों का दबाव बढ़ा दिया। उसका शरीर अकड गया था और उसने मेरे होठों पर अपने दांत गड़ा दिये, उसकी योनि से पानी का सैलाब बह निकला। थोड़ी देर में वो निढाल होकर बेड पर गिर गई। और जोर जोर से सांसे लेने लगी। मेरे होंठों से खून निकल आया था। पूनम आंखें बंद करके शांत होकर लेटी थी।
क्रमशः.....................
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