Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:13 PM,
#19
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--19
गतांक से आगे ...........
मैंने आंखों के इशारे से उसे हुक खोलने के लिए कहा, पर उसने अपने कंधे उचका दिये और मेरी तरफ जीभ निकाल दी। वो लगातार मेरी आंखों में ही देखे जा रही थी। कुछ बीयर का नशा और कुछ वासना की आग, उसकी आंखें एकदम लाल हो गई थी। अचानक सोनल ने अपना हाथ नीचे की तरफ करके मेरी जांघों पर ले आई और मेरी जींस का हुक ढूंढने लगी। परन्तु जब उसका हाथ मेरे नंगे लिंग से टकराया तो वो हैरान होकर थोड़ा उपर उठी और मेरी जांघों की तरफ देखने लगी। मेरे लिंग को तो तान्या ने पहले ही जींस और अंडरवियर में से आजाद कर दिया था।
सोनल मेरी तरफ देखकर मुस्कराई और अपना हाथ में मेरे लिंग को जकड़ते हुए वापिस से मेरे होठों पर टूट पड़ी। वो अपने हाथ से मेरे लिंग को दबा रही थी। लगातार किस की वजह से मेरे होंठ दर्द करने लगे थे।
तान्या ने अपना हाथ हमारी जांघों के बीच में डाल दिया और उसका हाथ मेरे लिंग को पकड़े हुए सोनल के हाथ से जा टकराया जो मेरे लिंग की जड़ों को छूने लगा। दो दो लड़कियों के हाथों को अपने लिंग पर महसूस करते ही मेरे लिंग ने स्वागत में दो बूंदे रस टपका दिया जो सोनल के हाथ पर लगकर गुम हो गया।
तान्या ने मेरी गोलियों को पकड़ा और हलका सा दबा दिया। मेरे पैर एकदम अकड़ गये और कमर उपर को उठ गई। थोड़ी देर मेरी गोलियों को दबाने के बाद तान्या ने अपना हाथ हटा लिया और सोनल की जींस का हुक खोलने लगी। तान्या का हाथ बार बार मेरे लिंग और सोनल के हाथ से टकरा रहा था। सोनल का हुक खोलने के बाद उसने अपना हाथ हमारे बीच में से निकाल लिया और अपने दोनों हाथों से पकउ़कर सोनल की जींस को उतारने लगी। सोनल ने अपने कुल्हों को थोड़ा सा उपर उठा दिया जिससे जींस आसानी से कुल्हों से नीचे पहुंच गई।
तान्या ने अपने हाथ सोनल के नंगे कुल्हों पर टिका दिए और मसलने लगी। सोनल और भी ज्यादा वहशीपने से मेरे होठों को काटने और चूसने लगी। अब मेरा लिंग सोनल की नंगी जांघों से टकरा रहा था। सोनल ने अपने हाथ को एडजस्ट करते हुए मेरे लिंग को उसकी योनि पर सैट कर दिया और उपर नीचे होकर मेरे लिंग को अपनी योनि पर सहलाने लगी। उसकी योनि से निकलते रस से मेरा लिंग एकदम गीला हो गया। मैंने भी अपने हाथ सोनल के नंगे कुल्हों पर रख दिये जो सीधे तान्या के हाथों पर जाकर टिके। तान्या ने मेरी तरफ देखा और मैंने उसकी तरफ आंख मार दी।
तान्या थोड़ा नीचे झुकी और सोनल के कुल्हों पर एक पप्पी दे दी। अपने नंगे कुल्हों पर किसी लड़की के होठों को महसूस होते ही सोनल के शरीर ने झटका खाया और उसकी योनि ज्यादा पानी बहाना शुरू कर दिया। उसकी योनि से निकलता पानी मेरी जांघों पर गिर रहा था और नीचे की तरफ जाकर मेरी जींस और अंडरवियर को भिगो रहा था। मैंने तान्या के हाथ को पकउ़कर अपनी जींस पर रखकर उसे नीचे करने का इशारा किया। वो मेरा इशारा समझ गई और मेरी जींस को पकड़कर नीचे खिसकाने लगी। मैंने अपनी कमर को उपर उठाया और उसने एक झटके में मेरी जींस घुटनों तक पहुंचा दी। वो पीछे की तरफ गई और सोनल की जींस को पकड़कर पेंटी के साथ ही उसके पैरो से अलग कर दिया और फिर मेरी जींस को भी अंडरवियर के साथ मेरे पैरों से निकाल कर साइड में रख दिया और फिर आगे आकर हमारे साइड में बेड पर बैड गई और कभी सोनल के कुल्हों को तो कभी साइड से मेरी जांघों पर हाथ फिराने लगी।
सोनल उसी तरह से अपनी योनि को मेरे लिंग पर रगड़ रही थी और मेरे लबों को काट और चूस रही थी। शायद आज मेरे लबों से सारा रस निकालने का प्लान बनाकर आई थी जो उन्हें छोड़ने का नाम ही नहीं ले रही थी। मैंने अपनी जीभ सोनल के मुंह में डाल दी और वो उसे चुसने लगी और अपनी जीभ मेरी जीभ से लड़ाने लगी। बहुत मजा आ रहा था।
अचानक तान्या ने अपनी उंगली सोनल के गुदा द्वार पर रखकर थोड़ी सी अंदर की तरफ दबा दी। सोनल आह करते हुए एकदम से अकड़ गई और कुछ मेरे लिंग की मसाज और कुछ तान्या का उसकी गुदा से छेउ़छाड़ वो सहन नहीं कर पाई और उसकी योनि ने ढेर सारा जूस मेरी जांघों पर निकालना शुरू कर दिया। उसने मेरे सिर को जोरों से पकउ़ लिया और मेरे लिंग पर अपनी योनि को जोर जोर से रगड़ने लगी। जोश में वो कुछ ज्यादा ही आगे हो गई और जब वापिस पिछे केा हुई तो मेरा लिंग सीधा उसकी योनि के अंदर फचाक से पहुंच गया। मेरा लिंग सीधा उसके गर्भाश्य से जाकर टकराया और के शरीर ने एक और झटका खाया और वो बहुत ही तेजी से मेरी लिंग को अंदर बाहर करने लगी। थोड़ी देर में उसका शरीर एकदम शांत हो गया और वो निढाल होकर मेरे उपर लेट गई। उसने अपने चेहरे को मेरे कंधे पर टिका दिया और जोर जोर की सांसे लेने लगी। उसके तेज धक्कों से मैं भी झड़ने के करीब पहुंच गया था, पर वो मेरे झडने से पहले ही निढाल होकर गिर पड़ी तो मैं अभी झडने से रह गया। मैं भी अभी झडना नहीं चाहता था क्योंकि सामने एक नई कली जो थी, उसको भी तो चखना था अभी।
मैंने करवट ली और सोनल को बेड पर लिटा दिया, उसने अपनी आंखें खोलकर मेरी तरफ देखा और फिर से अपनी आंखें बंद करके आराम से लेट गई।
मैंने तान्या की तरफ देखा वो बैड पर बैठी हुई हमें देख रही थी। मैंने एकबार सोनल की तरफ देखा वो आंखें बंद किए लेटी हुई हल्के हल्के मुस्करा रही थी।
फिर मैं वापिस तान्या की तरफ मुडा.

मैंने तान्या की तरफ देखा वो बैड पर बैठी हुई हमें देख रही थी। मैंने एकबार सोनल की तरफ देखा वो आंखें बंद किए लेटी हुई हल्के हल्के मुस्करा रही थी।
फिर मैं वापिस तान्या की तरफ मुडा और उसका हाथ पकउ़कर अपने पास खींच लिया। वो तो तैयार बैठी थी, बस हल्के से झटके में ही मेरे उपर आकर लुढक गई। मैंने उसके चेहरे को पकड़कर उपर उठाया और उसकी आंखों में देखते हुए उसके होठों पर अपने होंठ रख दिये। उसके होंठ लरज रहे थे। उसने अपनी आंखें बंद कर ली और अपने हाथ मेरे सिर के पिछे ले जाकर मेरे चेहरे को कस कर अपनी तरफ दबा लिया और मेरे होठों को काटने और चूसने लगी। उसने अपनी जीभ मेरे होठों पर फिराई और मेरे होठों के बीच में घुसा दी। मैंने अपने होठों को हलका सा खोला और उसकी जीभ सीधे मेरे मुंह में प्रवेश कर गई। मैंने उसकी जीभ को चूसना शुरू कर दिया। मेरे हाथ तो कब के उसकी चूचियों पर पहुंच चुके थे। उसकी चूचियों एकदम तनकर कड़क हो गई थी। कुर्ती के उपर से मजा न आने के कारण मैंने अपने हाथों से उसकी कुर्ती की किनारियों को पकड़ा और उसकी कुर्ती को उपर की तरफ खींच दिया। उसने अपने होंठ मुझसे अलग किए और अपने हाथ उपर कर दिये। मैंने उसकी कुर्ती उसके शरीर से अलग करके साइड में रख दी। कुर्ती के नीचे उसने बस गुलाबी ब्रा पहनी हुई थी। मैंने ब्रा के उपर से ही उसके स्तनों को पकड़ा और दबाने लगा। उसने वापिस मेरे होठों को जकड़ लिया और उन्हें अपने दांतों के बीच में लेकर चुभलाने और काटने लगी। मैं अपने हाथों को पीछे ले गया और उसके ब्रा के हुक को खोल दिया। हुक खुलते ही मैंने उसकी ब्रा को उतारकर एक तरफ रख दिया और अपने होंठ उसके पर्वत की तरह तने ही उभारों पर रख दिया। उसके मुंह से सिसकारी निकली और उसने अपने हाथ मेरे सिर पर रखकर अपनी छाती में दबाने लगी। मैंने अपनी जीभ उसकी घाटी में फिराई तो वो मचल गई और अपनी जांघों को आपस में रगड़ने लगी। उसके मुंह से लगातार आहहहहह ओहहहह सीइइइइ की आवाजें निकल रही थी। मैंने उसके दूसरे स्तन को हाथ में पकड़ लिया और उसके निप्पल को चुभलाने लगा। वो मछली की तरह तड़पने लगी और मेरे बालों में अपना हाथ घुमाने लगी। मैं अपना दूसरा हाथ उसकी कमर में ले गया और उसकी नंगी कमर को सहलाने लगा।
तान्या ने अपना एक हाथ मेरी जांघों में घुसा दिया और मेरे लिंग को सहलाने लगी। मैंने उसकी दूसरी चूची को अपने मुंह में ले लिया और उसके निप्पल पर हलके हलके काटने लगा। वो भी मेरे लिंग को जोर से दबाने लगी जैसे बदला ले रही हो। मैंने तान्या को घुटनों पर खड़ा किया और खुद भी खड़ा हो गया। मैंने जल्दी से तान्या की जींस को खोलकर उसके कुल्हों से निकाल दिया और फिर उसको सोनल के पास ही लिटा दिया और उसके पैरो को उपर करके उसकी जींस को पेंटी के साथ ही उसके शरीर से अलग कर दिया। अब मेरे सामने दो दो मदमस्त नंगी जवानी बेड पर लेटी थी। मैं तान्या की जांघों के बीच में आया और उसकी टांगों को दोनों तरफ फैला कर अपना मुंह उसकी योनि पर रख दिया। अपनी योनि पर मेरे महसूस करते ही उसकी गीली योनि ने जोरों से पानी बहाना शुरू कर दिया। उसका एक हाथ मेरे बालों में और दूसरा उसके स्तनों पर कहर ढा रहा था। मैंने अपने दोनों हाथों से उसके कुल्हों को पकड़ा और उसको उपर की तरफ उठा कर अपनी जीभ उसकी योनि की फांकों में घुसा दी। वो एकदम सिसक उठी और उसने अपनी कमर को और भी उपर उठा दिया जिससे मेरा मुंह उसकी योनि पर दब गया। उसका शरीर एकदम अकड़ा और उसकी योनि में से अमृत रस जोरों से बहने लगा। मैंने अपनी जीभ उसके रस में भिगोई, उसका स्वाद सोनल के जूस से कुछ ज्यादा अच्छा था। सारा रस निकलने के बाद वो भी सोनल की तरह निढाल होकर बेड पर धडाम से गिर पड़ी। मैंने फिर से अपनी जीभ उसकी योनि में घुसा दी और अपने हाथ उसके स्तनों पर कस दिये। थोड़ी ही देर में वो फिर से गरम हो गई। अब मैंने देर करना उचित नहीं समझा और मैं उठकर उसकी जांघों के बीच में आ गया और अपना लिंग उसकी योनि पर रगड़ने लगा। वो बार बार नीचे से अपने कुल्हें उठा कर मेरे लिंग को अंदर डालने का प्रयास कर रही थी पर मैं अंदर नहीं डाल रहा था। तान्या ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर मेरे लिंग को पकड़ लिया और अपनी योनि के द्वारा पर सैट करके नीचे से अपने कुल्हे उचका दिये, पर मैं भी उसके उपर उठने के साथ ही थोड़ा उपर हो गया, जिससे लिंग फिसल कर उसके दाने को कुचलता हुआ उसके पेट पर रगड़ गया। वो सित्कार उठी और अपने सिर को बेड पर इधर उधर पटकने लगी। फिर तान्या ने मेरी तरफ देखा और फुर्ती से मेरे हाथों को पकड़ कर मुझे अपने उपर खींच लिया और घुम कर मुझे अपने नीचे लेटा लिया। मैं उसकी फुर्ती देखकर हैरान रह गया। मेरे उपर आकर वो मेरी आंखों में देखकर मुस्कराई और मेरे लिंग को पकडकर अपनी योनि पर सैट कर दिया। उसने एक आह निकाली और धम से मेरे लिंग पर बैठ गई। मेरा आधा लिंग उसकी कुंवारी योनि को चीरता हुआ अंदर घुस गया और उसके मुंह से एक जोर की चीख निकल गई। वो एकदम कुंवारी थी। उसकी झीली फट गई थी और उसका गर्म खून मेरे लिंग से बहता हुआ नीचे को जा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि उसकी योनि ने मेरे लिंग को बुरी तरह जकड़ लिया है। मैं तो स्वर्ग में पहुंच चुका था। वो उसी स्थिति में बैठी रह गई, उसकी आंखों से झर झर आंसू निकल रहे थे। थोड़ी देर वो ऐसे ही बैठी रही और फिर उपर उठने लगी। मैं समझ गया कि अब ये बाहर निकाल देगी और सारा मामला गड़बड़ हो जायेगा। मैंने उसके हाथों को पकउ़ कर उसे अपने उपर खींच लिया। वो चिखती हुई मेरे उपर धड़ाम से गिर गई। मेरा लिंग थोउ़ा सा और उसकी योनि में घुस गया था। मैंने अपने दोनों हाथों को उसके कुल्हों पर कस दिया और अपने पैरों को बेड पर मोडकर रख दिया। वो मेरे लिंग को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी, पर मैंने उसके कुल्हों को नीचे दबा रखा था, जिससे वो सफल नहीं हो पा रही थी, दर्द की वजह से वो ज्यादा हिल ढुल नहीं रही थी।
उसकी चीख सुनकर सोनल उठ गई थी और अपना मुंह फाड़कर हमें देख रही थी।
मैंने अपने हाथों को उसके कुल्हों पर कसकर नीचे से एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लिंग पूरा का पूरा उसकी योनि में घुस कर उसके गर्भाश्य से जा टकराया। तान्या के मुंह से एक और चीख निकली और उसकी आंखूं से निकलते आंसूं मेरे गालों पर टपकने लगे। मैं कुछ देर के लिए रूक गया और उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसके आंसुओं को पीने लगा। मैं उसके उभारों को साइड में से पकड़कर सहलाने लगा। जल्दी ही उसका दर्द कम हो गया और वो अपने कुल्हों को हिलाने लगी। मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिये और उसके कुल्हों को पकड़कर थोड़ा उपर उठाया और लिंग को थोड़ा सा बाहर निकालकर एक और धक्का लगाया। वो फिर दर्द से तिलमिलायी।

उसकी हालत देखकर सोनल ने अपने हाथ उसकी कमर और कुल्हों पर फिराने शुरू कर दिये।
सोनल उठकर पीछे गई और नीचे लेटकर उसकी योनि पर अपनी जीभ रखकर सहलाने लगी। मुझे उसकी गीली जीभ अपने लिंग पर महसूस करके बहुत मजा आ रहा था। सोनल के इस हरकत ने जादू का काम किया और जल्दी ही तान्या मेरे उपर से उठते हुए मेरे छाती पर अपने हाथ रखकर मेरे लिंग पर बैठ गई। उसने मेरी आंखों में देखते हुए धीरे से अपने कुल्हों को उठ उठाकर मेरे लिंग को आधा बाहर निकाला और थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद फिर से मेरे लिंग पर बैठ गई। सोनल अब मेरी गोलियों को चाट रही थी। तान्या नीचे बैठी तो उसके कुल्हे सोनल के सिर पर जाकर लगे जिससे सोनल को प्रॉब्लम हुई और वो वापिस से हमारे साइड में आ गई। और तान्या के स्तनों को पकड़कर मसलने लगी।
सोनल के हाथ लगते ही तान्या ने अपने कुल्हों को उपर उठाया और फिर धम से नीचे बैठ गई। मेरा लिंग सीधा उसके गर्भ द्वार से टकरा रहा था। उसकी योनि ने पूरी तरह से मेरे लिंग को जकड़ा हुआ था, जिससे मैं जल्दी ही झडने के करीब पहुंच गया। मैंने तान्या को पकड़कर बिना लिंग को उसकी योनि से निकाले उसको बेड पर लिया दिया और उसकी टांगे अपने कंघे पर टिकाकर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिये।
तान्या के मुंह से बस आहहहहहहहहहहहह ओहहहहहहहहहहह इइइइइइइइइइइइइइइ सीइइइइइइइइइइ की आवाजें निकल रही थी। उसकी आंखें बंद थी।
मैंने जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिये। जल्दी ही मेरे लिंग ने उसकी योनि में अपने रस की बौछार शुरू कर दी। अपनी योनि में मेरे गर्म गर्म रस की बौछार महसूस करके वो उसका शरीर भी अकड़ गया और उसकी योनि ने अपना जूस निकालना शुरू कर दिया। पूरा रस निकाल कर मैं उसके उपर लेट गया और गहरी सांसे लेने लगा। तान्या ने अपने हाथों से मेरी कमर सहलाने लगी। थोड़ी देर में मेरा लिंग छोटा होकर बाहर निकल आया।
सोनल भी हमारे साइड में लेट गई और मेरी कमर को सहलाने लगी। ऐसे ही लेटे लेटे कब हमें नींद आ गई पता ही नहीं चला।
सुबह पांच बजे जब अलार्म बजा तो मेरी आंख खुली। मैं अभी भी तान्या के उपर ही लेटा हुआ था। तान्या और सोनल आराम से सो रही थी। सोनल का हाथ मेरी कमर पर था और तान्या का एक हाथ सोनल के सिर के नीचे और दूसरा मेरे और उसके बीच में।
मैं हल्के से सोनल का हाथ हटाकर बेड पर रख दिया और तान्या के उपर से उठकर अलार्म को बंद किया और बाथरूम में आ गया। मैंने खुद को साफ किया और एक बढ़िया सा बाथ लेकर जब बाहर आया तो तान्या उठ चुकी थी, सोनल अब भी सो रही थी। मैंने तान्या से इशारे से सोनल को उठाने के लिए तो उसने सोनल को उठा दिया। सोनल अंगडाई लेते हुए उठी और तान्या की तरफ देखकर मुस्करा दी। तान्या शर्म से मुझसे और सोनल से नजरें नहीं मिला पा रही थी। सोनल ने उसका चेहरा उपर किया और उससे पूछा।
सोनल: रात को मजा आया मेरी जान।
तान्या ने अपना चेहरा नीचे करते हुए सिर हिलाकर हां कहा।
सोनल ने टाइम पूछा तो मैंने सवा पांच बताया।
सोनल (जल्दी से उठते हुए): अब जल्दी से अपने कपड़े पहन ले, नहीं तो मम्मी उठ गई होगी ना तो फिर तुम्हारे घरवाले अलग ही मजा देंगे।
सोनल की बात सुनकर तान्या जल्दी से उठी और अपने कपड़े ढूंढकर पहन लिए। कपडे पहनकर सोनल मेरे पास आई मेरे गालों पर पप्पी देकर बायें कहती हुई तान्या के साथ नीचे चली गई।
मैंने अपने कपड़े पहने और बाहर छत पर आ गया।
क्रमशः.....................
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