Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
06-09-2018, 02:12 PM,
#14
RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही
बैंक की कार्यवाही मजे लेकर आई--14
गतांक से आगे ...........
तभी सोनल के मुंह से तेज सिसकारी निकली
आहहहहहहहह-हहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह हहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहहह मैं गईइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ
और मुझे मेरे लिंग पर उसका गर्म जूस महसूस हुआ। उसका गर्म जूस को अपने लिंग पर महसूस होते ही मेरे लिंग ने भी उसकी योनि में पिचकारियां मारनी शुरू कर दी। मेरी पिचकारियों को महसूस करके सोनल ने दोबारा से जोरदार चीख मारी
ओआओहहहहहहहहहोाहहाहहहहहहहहहहहहह माइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ गोडडडडडडडडडडडडडडड, मुझझझझझझझझझझझझझझझझण्े लगगगगगग रहहहहहहहहहहा हैह किकककककककक तुम्हाराााााााााााााााा जूसससससस सीधा मेरे गर्भ में जा रहा है
और सोनल की योनि ने और भी ज्यादा पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
मैं उसके अंदर खाली होकर निढाल सा होकर उसके उपर लेट गया और हांफने लगा। चरम आनंद के कारण मेरी आंखें बंद थी। मैंने अपना चेहरा सोनल के बूब्स पर रख दिया और आराम से लेट गया।
सोनल ने अपना एक हाथ मेरी कमर में रखा और सहलाने लगी तथा दूसरे हाथ से मेरे बालों से खेलने ली।
तभी हल्के से दरवाजा खुला हम दोनों चौंक कर उठ गये।
दरवाजे पर पूनम खड़ी खड़ी मुस्करा रही थी।
पूनम: ओ तो ये बात है, लगता है पूरी रात बहुत मजे हुये हैं, यहां पर।
सोनल: तततत तुमममम यहहहाां कैससससे?
पूनम: अब इतनी तेज तेज सिसकारियां निकालोगी तो मैं तो क्या पूरा मोहल्ला आ जायेगा।
पूनम की बात सुनकर सोनल शरमा गई और अपना चेहरा मेरी छाती में छुपा लिया।
पूनम ने मेरी तरफ आंख मारी और वापिस चली गई। मैंने सोनल को अपने से अलग किया और उसके होंठो पर एक प्यारी सी पप्पी दी और उठने लगा।
सोनल ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
सोनल: अब क्या होगा! क्हीं पूनम ने किसी को बता दिया तो।
मैं: अरे तुम्हारी सहेली है, ऐसे थोड़े ही किसी को बतायेगी।
सोनल: वो तो बस थोड़ी बहुत दोस्ती है, ज्यादा कुछ नहीं है।
मैं: अरे नहीं बतायेगी। (और ये कहकर मैं बाथरूम में घुस गया)
सोनल भी उठी और मेरे साथ ही बाथरूम में आ गई। उसके योनि से हमारा मिला जुला रस निकल कर जांघों पर बह रहा था।
मैंने शॉवर चालू किया और सोनल को अपनी बाहाें में भरकर शॉवर के नीचे आ गया।
यहां मैंने सोनल को और सोनल मुझे नहलाया। और नहाकर बाहर आ गये।
बाहर आकर मैंने टाइम देखा तो 7 बजने वाले थे।
सोनल: मम्मी उठ गई होंगी, अगर मेरे रूम में जाकर देख लिया तो आज तो बैंड बज जायेगी।
और जल्दी से अपनी नाइटी और पेंटी उठाई और पहन ली।
मैं: इस तरह नीचे जाओगी। आंटी ने देख लिया कि तू इस ड्रेस में उपर गई थी तो तेरी बढ़िया खिंचाई होगी।
सोनल: अब क्या करूं, और कुछ है भी तो नहीं।
मैं: रूको, मैं देखता हूं।
और मैं बाहर आ गया। पूनम अपनी छत पर ही टहल रही थी।
मैं पूनम के पास गया और उसे सारी बात समझाई और एक पजामी लाने को कहा।
पूनम ने मेरे गालों पर चिकोटी काटी और मुस्करा कर नीचे चली गई, पजामी लाने के लिए।
कुछ ही देर में पूनम पजामी ले आई और मुझे दे दी। पजामी देते हुए पूनम ने मेरे हाथ के दबा दिया पर मैंने ज्यादा धयान नहीं दिया और अंदर आ गया।
मैंने पजामी सोनल को दी और बाहर आते हुए कहा, जल्दी से बाहर आ जाओ।
मैं जैसे ही बाहर निकला मुझे सीढ़ीयों में से किसी के उपर आने की आवाज सुनाई दी।
सोनल पजामी पहनकर बाहर आ गई और मेरे पास आकर खड़ी हो गई। मैंने उसकी तरफ देखा तो उसके बूब्स नाइटी में से साफ साफ दिखाई दे रहे थे।
मैंने उसे कहा जल्दी से बाथरूम में घुस जाओ, शायद आंटी आ रही है उपर।
सोनल: तो क्या हुआ, कपडे तो पहने हुए हैं।
मैं (उसके बूब्स को पकड़ते हुए): तुम्हारे पर्वत साफ दिखाई दे रहे हैं बाहर से।
सोनल भाग कर बाथरूम में घुस गई और तभी आंटी उपर आई।
आंटी: गुड मॉर्निंग बेटा!
मैं: गुड मॉर्निंग आंटी! आज सुबह सुबह उपर।
आंटी: वो बेटा सोनल आई क्या उपर।
मैं: हां आंटी वो बाथरूम में है।
आंटी: ठीक है बेटा, नीचे अपने रूम में नहीं थी तो सोचा कहीं उपर ना गई हो इसलिए देखने आ गई थी।
इतना कहकर आंटी सोनल को आवाज लगाती हुई कि सोनल बेटा जल्दी नीचे आजा खाने की तैयारी करनी है, और आंटी नीचे चली गई।
आंटी के नीचे जाते ही मैंने सोनल को बाहर बुलाया और सोनल जल्दी से नीचे चली गई।
साथ वाली छत पर पूनम सारा नजारा देखकर हंसे जा रही थी।
मैं अंदर आकर बाथरूम में घुस गया और फ्रेश होके नाश्ता बनाने की तैयारी करने लगा।
मैं नाश्ता बनाते समय बहुत ही महीन पजामी और बनियान पहनता हूं, जिससे ज्यादा गर्मी न लगे।
मैंने थाली में आटा डाला और गूंदने लगा। तभी पूनम मेरे रूम में आई और ओह, नाश्ते की तैयारी चल रही है कहती हुई रसोई में आकर मेरे पास खड़ी हो गई।
मैं: हाय! क्या हाल हैं।
पूनम: हाय! बस ठीक ही हैं।
मैं: क्यों क्या हुआ।
पूनम: अब इतना गर्म सीन देखकर हाल कहां ठीक रहते हैं। (और थोड़ा सा मेरे पास होकर मेरे कंधें पर हाथ रखकर खड़ी हो गई।
मैं: लगता है गरम सीन देखकर आप भी गरम हो गई हैं।
मैंने आटा लगा दिया था और गैस पर तवा रखकर जार से घी निकालने लगा।
पूनम: चलो आज मैं अपने हाथ के परोंठे खिलाती हूं।
मैं: अरे नहीं मैं बना लूंगा, आप क्यों परेशान होती हो।
मुझे थोड़ा ये भी डर था कि कहीं सोनल उपर ना आ जाये, खामखां इसे मेरे साथ देखकर उल्टा सीधा सोचेगी।
पूनम (गैस के पास आकर खड़े होते हुए): इसमें परेशान होने की क्या बात है।
मैं: ओके, ठीक है, जैसी आपकी मर्जी। (और वहीं पर पूनम के पास खड़ा होकर उसे नाश्ता बनाते हुए देखने लगा।
पूनम रोटी बेलते वक्त कुछ ज्यादा ही हिल रही थी, जिससे वो बार बार मुझसे टच हो रही थी। उसने ब्लैक पाजामी और व्हाईट टीशर्ट पहनी हुई थी।
अब मुझे भी उससे टच होने में मजा आने लगा था, इसलिए मैं कोई चीज उठाने के बहाने उससे टच होने लगा।
मैं पूनम के लैफ्रट साइड खड़ा था। मैं उसके पीछे से उसके कुल्हों पर अपनी जांघे रगड़ते हुए दूसरी साइड गया। मेरे इस तरह उसके कुल्हों से सटकर जाने के कारण मेरे शरीर में एक तरंग दौड़ गई और मेरा लिंग सख्त होने लगा। दूसरी तरफ से एक कटोरी उठाकर वापिस से उसी प्रकार उसके कुल्हों पर अपनी जांघों को रगड़ते हुए फिर से लैफ्रट साइड में आ गया। मुझे उसके कुल्हें अपनी जांघों पर अच्छी तरह से महसूस हुए और वापिस आते समय तो ऐसा लगा जैसे मेरा लिंग उसके कुल्हों पर नंगा ही टच हो रहा है।
पूनम के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकली जिसे उसने अपने होठों को भींचकर अंदर ही दबा लिया।
मैं लैफ्रट साइड में आकर खड़ा हो गया। मेरी इस हरकत से मेरा लिंग एकदम तन गया था और अंडरवियर के अंदर एक बंबू बनाकर उछलने लगा। मैंने अपना मुंह पूनम की तरफ किया और अपना हाथ उसके कंधे पर रखकर अपना चेहरा अपने हाथ पर रख लिया और थोड़ा सा सरककर आगे को हो गया, जिससे मेरा लिंग उसके जांघों पर साइड में से टच होने लगा।
पूनम मंद मंद मुस्करा रही थी और नाश्ता बना रही थी। पूनम ने नाश्ता बना दिया और थाली को वासबेसिन में रख दिया। मैं रूम में आ गया और बैड पर बैठ गया। पूनम रूम में आई।
पूनम: नाश्ता तैयार हो गया है, खाकर बताना कैसा बना (और यह कहकर चली गई)।
मैं उठा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। नहाकर मैंने नाश्ता किया।
साढे आठ बजने वाले थे। मैंने कपड़े पहने और बाइक की चाबी लेकर रूम को लॉक करके नीचे आ गया। सोनल की स्कूटी वहां पर नहीं थी, इसका मतलब वो कॉलेज के लिए निकल गई थी।
मैंने भी अपनी बाइक स्टार्ट की और ऑफिस के लिए चल पड़ा।

ऑफिस पहुंचकर मैंने गेट खोला और अंदर आकर बाइक खड़ी कर दी। मैं सीधा ऑफिस में आ गया। अपूर्वा अभी नहीं आई थी। कामवाली अभी सफाई कर रही थी। मैं बाहर ही खड़ा हो गया और सफाई वाली के निकलने का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर में सफाई वाली सफाई करके बाहर आई।
मैं: आज इतनी देर कैसे हो गई।
कामवाली: जी वो मेमसाहब बाहर गई हैं तो उनके लिए खाना तैयार किया था पहले, तो इसलिए देर हो गई।
मैं: घर पर कोई है भी नहीं।
कामवाली: कोई नहीं है, साहब भी उनके साथ ही गये हैं।
तभी मेरा सैल की रिंग बजी। मैंने जेब से सेल निकाल कर देखा तो बॉस की कॉल थी। मैंने कॉल रिसीव की।
मैं: गुड मॉर्निंग बॉस।
बॉस: गुड मॉर्निंग। वो हमें किसी काम से बाहर जाना पड़ा है, तुम अगर चाहों तो छूट्टी कर लेना, अकेले बोर होओगे, अपूर्वा भी नहीं आयेगी आज।
मैं: अरे हों, बॉस मैं तो भूल ही गया था कि अपूर्वा आज नहीं आयेगी। ठीक है बॉस मैं कुछ देर काम करता लेता हूं, फिर अगर मन नहीं लगा तो चला जाउंगा।
बॉस: ठीक है।
और फोन कट गया।
कामवाली अभी भी मेरे पास ही खड़ी थी।
मैं (काम वाली से): आपका नाम क्या है?
कामवाली: जी, शुकन्तला।
मैं: सिर्फ नाम से ही शुकन्तला हो या वाकई में शुकलन्ता हो। (दोस्तों आपने दुष्यन्त और शुकन्तला के बारे में तो सुना ही होगा, शुकन्तला एक बेहद ही खुबसूरत राजकुमाीर थी और दुष्यन्त और शुकन्तला का आपस में प्यार हो गया था और शुकन्तला पूरी तरह पतिव्रता थी, ज्यादा जानकारी के लिए किताबें पढ़ लिजिए)
कामवाली: जी, मैं कुछ समझी नहीं।
मैं: शुकन्तला कौन थी, तुम्हें पता है।
कामवाली: जी नहीं, पर मेरा नाम शुकन्तला ही है।
मैं मुस्कराते हुए उसे देखता हुआ ऑफिस में आ गया। कामवाली हमारे बाथरूम की तरफ चली गई सफाई करने के लिए।
मैंने अंदर आकर अपना कम्प्यूटर चालू किया और चेयर पर बैठ गया। मैंने सोचा चलो मौका अच्छा है, कोई भी नहीं है तो rss ही खोल लेता हूं। मैंने मोजिला चलाया और rajsharmastories डॉट कॉम टाइप करके एंटर दबाया। परन्तु तभी पेज नोट फाउंड लिखा आ गया। मैंने दोबारा एंटर दबाया पर कोई फायदा नहीं हुआ। मैंने इंटरनेट कनेक्शन चैक किया तो इंटरनेट नहीं चल रहा था।
मुझे बड़ा गुस्सा आया तिकोना वालों पर (ऑफिस में तिकोना का ब्रॉडबैण्ड लगा हुआ है), आज ही तो मौका मिला था और आज ही सालों का इंटरनेट नहीं चल रहा था। मैंने तिकोना के कस्टमरकेयर पर कॉल लगाई और कम्पलेंट की तो उन्होंने कहा कि सर मौसम की वजह से थोउ़ी खराबी आई हुई है, थोडी देर में चालू हो जायेगा।
मैंने अपने मोबाइल को डाटा केबल के साथ पीसी से कनेक्ट किया और इंटरनेट कनेक्ट कर दिया।
अब 2जी में तो एक्सबी पर एक दो पेज खुलने में ही दस बीस मिनट लग जाती इसलिए मैंने फेसबुक का मोबाइल वर्जन ओपन किया और न्यूज फीड पडने लगा। मैंने अपने मोबाइल में से एक एमएमएस जो अभी नया ही आया था, मैंने अभी सही तरह से देखा नहीं था, उसे कम्प्यूटर में ट्रांसफर किया और कामवाली को देखा कहीं इधर ही तो नहीं है परन्तु वो सफाई करके दूसरी तरफ चली गई थी।
क्रमशः.....................
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RE: Antarvasnasex बैंक की कार्यवाही - by sexstories - 06-09-2018, 02:12 PM

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