RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
यह कहकर कुमुद चली गयी. ऋतु समझ गयी थी की “कस्टमर सॅटिस्फॅक्षन” किस चिड़िया का नाम हैं. कुमुद का लिहाज करके वो उस वक़्त कुछ नही बोली. लेकिन उसके दिमाग़ में एक अजीब सा असमंजस चल रहा था. क्या पैसो के लिए वो एक वैश्या बन सकती थी? क्या वो अपने पापा के लिए यह कर सकती हैं? उसके सामने यह बहुत ही बड़ा धरमसंकट था. उसे कुछ समझ नही आ रहा था. उसे कोई और सूरत नज़र नही आ रही थी जिससे वो अपने परिवार की ज़रूरतो को पूरा कर सके. उस रात ऋतु सो नही पाई. पूरी रात वो इसी बारे में सोचती रही और सुबह की पहली किरण के साथ ही उसने निश्चय कर लिया था. अगले दिन उसने होटेल जाके कुमुद मेम को अपना निश्चय बताया.
“गुड मॉर्निंग मेम”
“गुड मॉर्निंग ऋतु.. प्लीज़ सीट. आइ होप ऋतु तुमने मेरी बात पर अच्छी तरह से सोच लिया होगा.”
“जी मेम. मैने सोचा हैं लेकिन मैं एक कशमकश में हूँ. समझ नही आ रहा की जो मैने फ़ैसला लिया हैं सही हैं या नही.”
कुमुद ऋतु की बात को ताड़ गयी.
“देखो ऋतु… इतना मत सोचो… अगर फ़ैसला ले लिया हैं तो उसपर अमल करो… जितना सोचोगी उतना ही उलझन बढ़ेगी.”
“जी मेम”
“डॉन’ट वरी.. मैं हूँ ना. तुम्हे डरने की कोई ज़रूरत नही.”
“मेम लेकिन यह सब जब बाकी लोगों को पता चलेगा तो मेरी नौकरी… और मेरी रेप्युटेशन की ऐसी तैसी हो जाएगी.”
“ऋतु यह सब की चिंता मत करो.. मुझ पे छोड़ दो. यहाँ होटेल में बंद दरवाज़े के पीछे क्या होता हैं किसी को खबर नही. और तुम अकेली नही हो इस होटेल में जो यह सब करोगी. मेरा यकीन करो.”
“जी मेम”
“आज शाम को अपनी शिफ्ट के बाद मुझे यहीं ऑफीस में मिलना.. और हां अपने घर फोन कर दो की तुम आज डबल शिफ्ट कर रही हो इसलिए रात को घर नही आओगी.”
“ओके मेम”
ऋतु अपनी शिफ्ट में लग गयी. दिन भर उसके मन में एक अजीब सी बेचैनी थी. दिल और दिमाग़ दोनो उसको अलग तरफ खीच रहे थे. शिफ्ट ख़तम होते होते उसके सर में दर्द होने लगा और थकान महसूस होने लगी. वो फिर भी कुमुद के ऑफीस में गयी.
“मे आइ कम इन मेम”
“आओ ऋतु. मैं तुम्हारा ही इंतेज़ार कर रही थी. तुम सीधा जाओ हमारे नेचर स्पा में और वहाँ स्नेहा से मिलो. स्नेहा स्पा की इंचारगे हैं. मैने उससे बात कर ली हैं. वो तूमे स्पा में रिलॅक्स करवाएँगे. उसके बाद वेट फॉर मी इन्स्ट्रक्षन्स.”
“जी मेम.”
और ऋतु स्पा की और बढ़ी. स्पा पहुच के वो स्नेहा से मिली. स्नेहा 27 साल की एक लड़की थी जो देखने में बहुत खूबसूरत थी. वो ऋतु को चेंजिंग रूम में ले गयी और उसे एक रोब दिया पहनने को. उसके बाद ऋतु को ले जाया गया सॉना रूम में. सॉना के भाप ने जैसे ऋतु के दिमाग़ से रोज़मर्रा की तकलीफो को धुनबदला कर दिया. ऋतु को वहाँ बहुत रिलॅक्सेशन मिली.
सॉना के बाद स्नेहा ऋतु को लेके मसाज रूम में चली गयी. उसने ऋतु को एक टवल दिया और बोला की सिर्फ़ इसको लप्पेट के टेबल पे औंधे मूह लेट जाओ. स्नेहा रूम से बाहर चली गयी. इतने में ऋतु ने चेंज किया और लेट गयी टेबल पे. स्नेहा रूम में आई कुछ आयिल्स और क्रीम्स लेके. उसने ऋतु की अची तरह मसाज की. मसाज के बाद ऋतु का फेशियल किया गया. उसके बाद ऋतु की फुल बॉडी वॅक्सिंग की गयी. एक एक बॉल को बहुत बारीकी से सॉफ किया गया.
इतना सब होने के बाद ऋतु बहुत ही अच्छा और फ्रेश महसूस करने लगी थी. उसका सर दर्द और थकान गायब हो गये. अब ऋतु का मॅनिक्यूवर और पेदिकुरे करवाया गया. उसके बाद हेर आंड मेकप. अंत में स्नेहा ने ऋतु को एक ड्रेस दी और कहा की इसको पहन लो. ऋतु ने केवल एक रोब पहना हुआ था. उसने स्नेहा से पूछा.
“यह ड्रेस पेहन्नि हैं क्या?”
“हां ऋतु”
“ओके… लेकिन मेरी ब्रा और पॅंटी कहाँ हैं,,, वो दे दो.”
“डॉन’ट वरी.. उनकी ज़रूरत नही. सिर्फ़ यह ड्रेस पहन लो.”
ऋतु उस ड्रेस में स्टन्निंग लग रही थी. वो एक ब्लॅक कलर की कॉकटेल ड्रेस थी. उसके साथ ही ऋतु के लिए हाइ हील शूज भी थे. ऋतु को थोडा उंकोमफोर्टब्ल ज़रूर लग रहा था क्यूकी स्कर्ट के नीचे ना उसने पॅंटी पहनी थी और ना ही टॉप के नीचे ब्रा. एसी की ठंड के कारण ऋतु के निपल्स एकद्ूम एरेक्ट हो रखे थे. उस ड्रेस में ऋतु के शरीर की एक एक लचक बहुत शष्ट रूप से दिख रही थी. स्नेहा भी एक बार उसे देख के हैरान ही गयी.
कुमुद स्पा में आई और ऋतु से मिली. वो ऋतु में आए चेंज को देखकर खुश थी. ऋतु किसी फिल्म की हेरोयिन से कम नही लग रही थी. उसकी स्किन एकद्ूम सॉफ्ट और सुपल आंड उसके बाल अच्छी तरह से बँधे हुए थे. ऋतु की ड्रेस उसके फिगर को इस कदर निखार रही थी की देखने वालो के लंड खड़े हो जायें.
कुमुद ने स्नेहा को उसके काम के लिए सराहा और उसे रूम से जाने के लिए कहा. कुमुद अब ऋतु की तरफ मूडी और उसे कहा
“ऋतु तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो… आइ आम स्योर मिस्टर स्टीवन तुम्हे देख के बहुत खुश होंगे”
“मिस्टर स्टीवन… कौन हैं यह?”
“स्टीवन उस का एक बहुत बड़ा बिज़्नेसमॅन हैं जो की हर महीने दो महीने में इंडिया आता हैं. वो हमेशा हामरे ही होटेल में रुकता हैं.. वो भी प्रेसिडेन्षियल सूयीट में. वो हमेशा हमारे होटेल में रुकता हैं क्यूकी यहाँ उसकी ज़रूरतो का पूरा ख़याल रखा जाता हैं.”
“ओके”
“स्टीवन हमारे होटेल का बहुत ही इंपॉर्टेंट कस्टमर हैं. बहुत रईस और दिलदार. उसकी नज़र-ए-इनायत हुई तो तुम्हारे व्यारे न्यारे हो जाएँगे. ऋतु आज तुम्हारा इस काम में पहला दिन हैं. आइ होप तुम मेरी और स्टीवन की उमीदो पे खरी उतरॉगी.”
“आइ विल ट्राइ माइ बेस्ट मेम”
“रूम नो 137 में वो तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा हैं. गुड लक”
“थॅंक यू मेम”
दोस्तो इस पार्ट का एंड अब यही करता हूँ बाकी जानने के लिए रूम सर्विस का लास्ट पार्ट पढ़न ना भूलें
आपका दोस्त
राज शर्मा
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