RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
ऋतु ने समान बँधा और वहाँ से चल पड़ी. हॉस्टिल से बाहर आती ऋतु के हाथ से ड्राइवर ने सूटकेस लेकर गाड़ी की डिकी में डाल दिया. गाड़ी चल पड़ी स्वाती वर्किंग विमन’स हॉस्टिल से गुड़गाँव की उस हाइराइज़ बिल्डिंग कार्लटन एस्टेट की तरफ जहाँ 25थ फ्लोर पे ऋतु का नया फ्लॅट था.
ऋतु ने फ्लॅट में अपना सामान सेट कर दिया…. वो बहुत एग्ज़ाइटेड थी इस फ्लॅट में रहने में… एक तो फ्लॅट बहुत आलीशान था और दूसरे वो पहली बार इस तरहग अकेले रह रही थी… ऋतु किचन में गयी और देखा की किचन में खाने पीने की बहुत चीज़ें थी.. फ्रिड्ज में फल सब्ज़ियों से भरा हुआ था.. ऋतु ने अपने लिए लंच में थोड़ी सी खिचड़ी बनाई और सो गयी.. शाम को उसकी नींद खुली जब बेल बाजी. दरवाज़ा खोला तो बाहर करण था. वो अंदर आया और ऋतु से बोला
“फटाफट रेडी हो जाओ हुमको बाहर जाना हैं मार्केट तक”
“कुछ लेना हैं क्या?”
“हां कुछ चीज़ें लेनी हैं”
“मैं अभी तैयार होके आई”
ऋतु और करण निकल पड़े गुड़गाँवा में उद्योग विहार फेज़ 4 की तरफ जहाँ था सफ़दरजंग ह्युंडई का शोरुम. ऋतु को लगा की शायद करण को यहाँ काम होगा. कारण अंदर गया ही था की वहाँ का मॅनेजर आ गया.
“अर्रे करण साहिब आइए आइए वेलकम तो सफ़दरजंग ह्युंडई. कॅन आइ हेल्प यू सर?”
“मिस्टर बक्शी एक कार लेनी हैं ह्युंडई आइ10”
“ओक सर दिस वे प्लीज़ … कलर चूज़ कर लीजिए.. मॉडेल तो हमेशा की तरफ सबसे बेस्ट ही होगा. ”
“जी हां टॉप मॉडेल”
करण ऋतु की तरफ मुड़ा और प्यार से बोला. चलो अपना फेवोवरिट कलर चूज़ कर लो इन कार्स में से.
“मुझे गाड़ी नही चाहिए करण.”
“देखो ऋतु.. मैं तो चाहता हूँ कि तुम हमेशा मेरे साथ मेरी गाड़ी में ही घूमो लेकिन तुम्हे पता हैं की ऑफीस में लोग बातें करेंगे”
“हां लेकिन मैं गाड़ी का क्या करूँगी.”
“तुम घर से ऑफीस जाना और ऑफीस से घर और थोड़ा वक़्त हो तो हूमें भी घुमा देना अपनी गाड़ी में”
“लेकिन करण इस सब की क्या ज़रूरत हैं”
“अब बातें बंद करो और जल्दी से कलर चूज़ करो.”
ऋतु ने कलर चूज़ किया ‘ब्लशिंग रेड’. करण ने 1 लाख रुपये डाउन पेमेंट करवा दी और बाकी का पैसा एमी से देना तय हुआ. दोनो वहाँ से निकले और सीधा गये आंबियेन्स माल में. यहाँ उन्होने अनेक चीज़ों की शॉपिंग की, ऋतु के लिए. कपड़े, ज्यूयलरी, वॉचस, शू एक्सट्रा एक्सट्रा .
शॉपिंग करते करते रात हो गयी और दोनो ने एक शानदार रेस्टोरेंट में डिन्नर किया और फिर वापस आ गये फ्लॅट पे. वापस आके करण ने ऋतु को खीच कर अपने पास बिठा लिया सोफे पे और चालू हो गया. पहले उसके हाथ ऋतु के पूरे शरीर पे दौड़ने लगे और वो उसे चूमने लगा… कुछ देर तो ऋतु ने उसका साथ दिया… लेकिन
ऋतु के दिमाग़ में पूजा द्वारा कही गयी बात घर कर गयी थी – की करण उसे इस्तेमाल करके छोड़ देगा.
|