RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
रूम सर्विस --3
दोस्तों मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा रूम सर्विस का पार्ट -३ लेकर आपके सामने हाजिर हूँ
कब आँख लगी और कब सुबह हुई पता ही नही चला… सुबह ऋतु ठंड के मारे सिमट चुकी थी. उसके घुटने उसकी छाती पे थे और अभी भी उसने वोही टवल लप्पेट रखा था जो वो बाथरूम से ओढ़ कर आई थी. उसकी आँख खुली तो करण आस पास कहीं नही था. वो उठी और चादर लप्पेट के बाहर आई ड्रॉयिंग रूम में. वहाँ करण सोफे पे बैठा किसी से बात कर रहा था. उसने अब अपने बॉक्सर्स पहन लिए थे. उसके एक हाथ में सिगरेट और दूसरे में फोन था.
“शर्मा जी आप लीव आंड लाइसेन्स अग्रीमेंट बनवा दीजिए..”
………………….(फोन पे शर्मा जी को सुनता हुआ करण)
“यस.. नाम लिखिए ऋतु कुमार, आगे 22 हांजी …. इसे जल्दी से बनवा के एक घंटे के अंदर फ्लॅट पे भिजवाए. ”
………………..
“यह काम आप प्राइयारिटी पे कीजिए. थॅंक्स बाइ.”
तभी करण ने ड्रॉयिंग रूम के किनारे पे खड़ी ऋतु को देखा और मुस्कुराया.
“गुड मॉर्निंग ब्यूटिफुल ….कम हियर”
“गुड मॉर्निंग” और ऋतु करण की तरह बढ़ी
करण ने उसका हाथ पकड़ के उसे अपनी गोद में बिठा दिया…
“करण कल मेरी ज़िंदगी की सबसे यादगार रात थी”
“ऐसी कई और रातें हैं अभी हमारे बीच ऋतु” और कारण ने ऋतु के होंठो को चूम लिया
ऋतु मुस्कुराइ“किससे बातें कर रहे थे??”
“ऑफीस में लीगल सेल में रूपक शर्मा हैं ना… उनसे. कुछ काग़ज़ात बनवाने थे”
“किस तरह के काग़ज़ात”
“लीव आंड लाइसेन्स अग्रीमेंट… अब तुम उस हॉस्टिल में नही रहोगी… दिस ईज़ युवर न्यू हाउस.”
“लेकिन मैं यहाँ कैसे रह सकती हूँ …. यह तो बहुत ही आलीशान घर हैं.. मैं तो वहीं ठीक हूँ.. हॉस्टिल में”
“ऋतु तुम करण पाल सिंग की गर्लफ्रेंड हो… तुम उस हॉस्टिल में नही रह सकती… यह जगह तुम्हारे लिए सही हैं”
यह बात सुनकर ऋतु मन ही मन उच्छल पड़ी… करण ने उसे अपनी गर्लफ्रेंड कहा था.
“लेकिन करण मैं यहाँ इतने बड़े घर में अकेले .. मतलब .. कैसे रहूंगी”
“अकेले कहाँ मैं हूँ ना… मैं आता रहूँगा.” करण ने उसको अपने बाहो में भर लिया… ऋतु का तो खुशी का ठिकाना ना रहा
दोनो के कपड़े वहीं ड्रॉयिंग रूम में बिखरे पड़े थे. कारण की पॅंट शर्ट और ऋतु की सलवार कमीज़ ब्रा और पॅंटी…
“मैं कपड़े उठा लेती हूँ… यहाँ काब्से बिखरे पड़े हैं और मिस्टर शर्मा भी तो आ रहे हैं”
“रहने दो अभी… वो तो एक घंटे बाद आएँगे.”
“लेकिन उठाने तो हैं ही ना”
“एक घंटा हैं ना …अभी पहन के क्या करोगी… आओ ना…” कहते हुए करण ने ऋतु की शरीर पे लिपटी चादर की गाँठ खोल दी… ऋतु शरमाई और करण के गोड से उठकर बेडरूम की तरफ भागने की कोशिश करने लगी…
“बेडरूम में क्या रखा हैं ऋतु… यहीं कर लेते हैं ना”
“यहाँ??? ड्रॉयिंग रूम में”
“कहाँ लिखा हैं की ड्रॉयिंग रूम में सेक्स नही कर सकते”
“हहहे लिखा तो कहीं नही हैं”
“तो फिर आओ”
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