RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
पूरा माहौल बहुत ही रोमॅंटिक लग रहा था. ऋतु के घुटने मानो जवाब दे
रहे थे. उधर करण उसकी गर्दन पर चूम रहा था और हर बार चूमते
हुए हॅपी बिर्थडे बोल रहा था. ऋतु पलटी और करण की तरफ मूह कर
लिया. कारण अभी भी उसकी गर्दन पर लगा हुआ था. ऋतु ने अपनी दोनो बाहें
करण के गले में डाल दी.
“थॅंक यू करण. यह मेरा सबसे अच्छा बिर्थडे हैं आज तक”
“एनीथिंग फॉर यू ऋतु.”
करण ने उसकी गर्दन पे चूमना रोका और उसकी आँखों में देखा. ऋतु की
आँखें कुछ डब दबा गयी थी. वो इस खुशी को समेट नही पा रही थी. करण
ने उसके चेहरे को अपने हाथों में ले लिया और धीरे से अपने होंठ उसके
होंटो की तरफ बढ़ा दिए. ऋतु तो जैसे उसकी बाहों में पिघल सी गयी
थी. उसने कोई विरोध ना किया. दोनो के होंठ मिले और ऋतु के शरीर में एक
कंपन सी हुई.
पहली बार वो किसी लड़के को चूम रही थी. उसे अपने पूरे बदन में ऐसी
सेन्सेशन महसूस हो रही थी जैसे बिजली का करेंट दौड़ रहा हो रागो में.
उसके और करण के होंठ एक हो चुके थे. करण उसके लबो को बहुत हल्के से
चूम रहा था. कारण ने थोडा लबो को खोलने की कोशिश की और नीचे वाले
होंठ को अपने दाँतों में दबाया.
ऋतु की पकड़ टाइट हो गयी… उसके लिए यह सब नया था लेकिन कारण इस गेम
का पुराना खिलाड़ी था…
रईस बाप की हॅंडसम औलाद..लड़कपन से ही इस खेल में आ गया था.
स्कूल में उसकी अनेक गर्लफ्रेंड्स थी. हर क्लास में वो नयी गर्ल फ्रेंड बनाता
था. उसके बाप ने उसे 9थ में मारुति ज़ेन गिफ्ट की थी जिसमे उसने बहुत
लड़कियों को घुमाया था और शहर की सुनसान सड़को पे उस गाड़ी के अंदर
बहुत हरकतें हुई थी. बाद में जब वो यूएसए गया एमबीए करने तो वहाँ अकेले
रहता था एक फ्लॅट लेके. उसके फ्लॅट को लोग ‘लव डेन’ कहते थे. वहाँ उसने
कई फिरंगी लड़कियों से अपने देसी लंड की पूजा करवाई थी.
इधर ऋतु भी अब किस में शामिल हो रही थी.. वो खुद भी अपने होंठ
खोल के करण को प्रोत्साहन दे रही थी. करण ने जीभ हल्के से उसके मूह
में घुसाई. हर ऐसी नयी हरकत पे ऋतु की उंगलियाँ करण की पीठ में
ज़ोर से धस जाती थी.. लेकिन जल्दी ही ऋतु खुद वो काम कर रही थी…
जल्दी सीख रही थी… दोनो एकदम खामोश खड़े हुए इस चुम्मा चाटी में
लगे हुए थे…
अब समय था की करण के हाथ अपना कमाल दिखाते. उसने हाथ उसके चेहरे
से हटा के उसकी गर्दन पे टिकाए.. लेफ्ट हॅंड से गर्दन के पीछे मसाज
करने लगा और उसका राइट हॅंड धीरे धीरे नीचे सरकता रहा ऋतु के
लेफ्ट बूब की तरफ. करण ने हल्के हाथ से उसे दबाया और उसके मम्मे के
चारों और सर्कल्स में उंगलियाँ दौड़ाने लगा. ऋतु यह सब बखूबी
महसूस कर रही थी लेकिन उसो भी इस सब में मज़ा आरहा था.. उसकी
आँखें तो किस करते समय से ही बंद थी. वो एक ऐसे समुद्रा में गोते
लगा रही थी जहाँ वो खुद डूब जाना चाहती थी.
करण ने अपने दोनो हाथ अब उसकी कमर पर उसके लव हॅंडल्स पे रख दिए
और उनको हल्के से सहलाने लगा. ऋतु के घुटनो ने जवाब दे दिया और वो
करण के उपर आ गिरी… कारण ने उसको संभाला और पीछे पड़े हुए ब्लॅक
लेदर के सोफा पे जाके बैठ गया और ऋतु को अपनी गोद में बिठा लिया.
ऋतु की आँखें बंद थी और बाहें करण के गले में. वो करण की गोद
में बैठी थी और उसको अपने चुतताड के नीचे किसी कड़क चीज़ का एहसास
हो रहा था.
करण ने कमीज़ के नीचे से अपना राइट हाथ कमीज़ के अंदर डाल दिया.. अब
वो ऋतु के मुलायम और स्मूद बदन को एक्सप्लोर करने लगा…. इस पूरे समय
दोनो किस करते जा रहे थे जो अब स्मूच में बदल गयी थी. ऋतु की टंग
और करण की टंग मानो एक हो गये हो.. करण किसी भूखे कुत्ते की तरह
अपनी जीभ लपलपा रहा था और ऋतु उसका पूरा साथ दे रही थी…
करण ने ऋतु को टेढ़ा किया ऐसे की ऋतु की पीठ उसकी छाती पे थी. करण
उसकी गर्दन पर अब भी किस कर रहा था और उसके दोनो हाथ अब ऋतु के
बूब्स पर थे वो हल्के हल्के उन्हे दबोच रहा था… ऋतु के मस्त 36 इंच के
बूब्स ने आज तक किसी पराए मर्द के हाथों को महसूस नही किया था. वो
भी मानो इस चीज़ से इतने खुश थे की ना चाहते हुए भी ऋतु अपने बूब्स को
आगे बढ़ा रही थी… करण ने कपड़ो के उपर से उसके बूब्स को पकड़ लिया..
ऋतु के मूह से एक आह छूट पड़ी… करण ने हाथ आगे बढ़ाए और नीचे
उसकी जाँघो को सहलाने लगा…
वो पूरा खिलाड़ी था.,.. उसको पता था की लड़की को गरम कैसे करना हैं
और कैसे उसके विरोध को तोड़ना हैं… अब करण अपनी अगला कदम बढ़ाने वाला
था और उसको मालूम था की विरोध आने ही वाला हैं… वो इसके लिए पूरी
तरह से तैयार था…
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