RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
शाम को 5 बजे सब घर जाने लगे. ऋतु ऑफीस में ही बैठी हुई कुछ
काम करके का नाटक करने लगी. 5 बजकर 10 मिनट पे ऋतु के डेस्क पे एक फोन
आया.
“हेलो”
“हाई .. करण हियर”
“हेलो करण”
“जल्दी से बाहर आओ … आइ आम वेटिंग फॉर यू.”
“अभी आई”
बाहर जाके ऋतु ने देखा एक चमचमाती हुई बीएमडब्ल्यू कार खड़ी थी. करण बाहर
निकला और ऋतु से हाथ मिलाया और खुद जाके उसके लिए दरवाज़ा खोला कार
का. ऋतु अंदर बैठ गयी. वो पहले कभी इतनी बड़ी गाड़ी में नही बैठी
थी. बीएमडब्ल्यू तो छोड़ो वो तो कभी होंडा सिटी या फ़ोर्ड आइकान में तक नही बैठी
थी.
करण गाड़ी में बैठा और ऋतु की और देखकर हल्के से मुस्कुराया. गाड़ी
चल पड़ी एनएच 8 पे दिल्ली की तरफ.
सुबह की ऋतु, और अभी की ऋतु में कुछ परिवर्तन नज़र आ रहा था. ऋतु
ने आँखों में काजल और चेहरे पे हल्का सा मेक अप कर लिया था. खुशी के
मारे उसके चेहरे पे एक चमक भी थी.
“सो ऋतु .. व्हेअर आर यू फ्रॉम?”
“सर मैं पठानकोट को बिलॉंग करती हूँ”
“फिर वही…. तुम्हे बोला ना की मुझे सिर्फ़ करण कहकर बुलाओ”
“ओह सॉरी” कहकर ऋतु हस दी. करण तो मानो उसकी हँसी में खो गया. और
बातें करते करते गाड़ी मूड गयी मौर्या शेरेटन होटेल के अंदर.
ऋतु ने होटेल को देखा और समझ गयी की यह ज़रूर 5 स्टार होटेल हैं… उसने
धीरे से करण से कहा
“करण यह तो कोई फाइव स्टार होटेल लगता हैं”
“हां .. इस होटेल में मेरा फेवोवरिट रेस्टोरेंट हैं - बुखारा”
“लेकिन वो तो बहुत महनगी जगह होगी”
“अरे तुम क्यू फिकर कर रही हो… अपनी फेवोवरिट एंप्लायी को अपने फेवोवरिट
रेस्टोरेंट में ही तो लेके जाउन्गा”
यह सुनकर ऋतु शर्मा गयी…और नीचे देखने लगी… ना चाहते हुए भी उसके
होंठो पे हल्दी की मुस्कान आ गयी और उसके गोरे गोरे गालों की सुर्खी थोड़ी
और बढ़ गयी…. करण यह देख कर हस पड़ा और उसे कहने लगा
“माइ गॉड!!! यू आर ब्लशिंग!!!” और ज़ोर से हसणे लगा.
“करण आप भी ना…”
“मैं भी क्या ऋतु??”
“कुछ नही” और नीचे देख के शर्मा गयी
दोनो रेस्टोरेंट में गये और आमने सामने बैठे.. ऋतु पहली बार ऐसे
किसी रेस्टोरेंट में गयी थी… उसकी आँखें तो बस पूरे रेस्टोरेंट को
निहार रही थी… मानो इस छावी को अपने मन में बसा लेना चाहती हो.
कारण ने खाना ऑर्डर किया और साथ ही ऑर्डर की कुछ रेड वाइन. जब वेटर
वाइन डालने लगा तो ऋतु ने करण की और देख कर कहा “मैं नही पीती
करण”
“अर्रे यह तो सिर्फ़ रेड वाइन हैं”
“इससे कुछ नही होता”
“लेकिन करण हैं तो यह शराब ही”
“ओह कम ऑन ऋतु .. मैं कह रहा हूँ ना कुछ नही होता… और यह तो वाइन
हैं.. डॉन’ट वरी.. ट्रस्ट मी”
और वेटर ने ऋतु का ग्लास भी भर दिया. दोनो ने ग्लास टकराए
“टू युवर फर्स्ट सेल” कारण बोला.
“थॅंक यू करण”
खाना बेहद लज़ीज़ था… घर से बाहर आने के बाद ऋतु ने पहली बार इतना
अच्छा खाना खाया था… स्वाती वर्किंग विमन’स हॉस्टिल का खाना बस नाम का ही
खाना था.
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