RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
गाड़ी से उतरकर ऋतु सीधा रिसेप्षन पे गयी और पूछने लगी “जी मेरा नाम ऋतु हैं और मुझे पूजा जैन से मिलना हैं.”
“पूजा इस इन रूम नो 317. आप उसके साथ रूम शेर करने वाली हैं. पूजा ने मुझे आपके बारे में बताया था”
“थॅंक योउ”
“आप उपर चले जाइए. थर्ड फ्लोर पे लेफ्ट साइड में हैं रूम. फ्रेश हो जाइए .. मेस में नाश्ता लग चुक्का हैं. बाकी फॉरमॅलिटीस हम बाद में कर लेंगे”
ऋतु थर्ड फ्लोर तक अपना समान लेके गयी और रूम नो 317 ढूँडने लगी. मिल गया रूम. उसने दरवाज़े पे खटखटाया और अंदर से एक लड़की की आवाज़ आई “कम इन!!”
यह पूजा की आवाज़ थी. ऋतु झट से अंदर गयी और पूजा को बेड पे लेता हुआ पाया. वो कूदकर उसके गले लग गयी. पूजा भी बहुत खुश आ रही थी. उसकी पिछली रूमेट दीप्ति के जाने के बाद उसने हॉस्टिल इंचार्ज से बात करके ऋतु के लिए रूम बुक करवा लिया था.
ऋतु फ्रेश होकर पूजा के साथ नाश्ता करके रूम में वापस आई और दोनो ने ढेर सारी बातें करी.
ऋतु ने पूजा जो रेलवे स्टेशन पे हुए हादसे के बारे में बताया और राज शर्मा के बारे में भी.
पूजा ने ऋतु को सावधान किया “अरी पगली.. यह कोई तेरा पठानकोट थोड़े ही हैं. यहाँ ऐसे किसी पे भरोसा ना किया कर… तूने सुना नही हैं - देल्ही ईज़ दा रेप कॅपिटल ऑफ दा कंट्री. यहाँ के मर्दो को बस लड़की दिखनी चाहिए … सबकी लार टपकने लगती हैं.. एक नंबर के कामीने होते हैं यह… यह किसी को नही छोड़ते.. किसी को नही”
यह कहते हुए पूजा की आँखें डब डबा गयी… ऋतु ने इसका कारण पूछा तो वो हँसकर टाल गयी
पूजा “तू तक गयी होगी. चल थोड़ा आराम कर ले.”
ऋतु “ओके”.
पूजा “कल से तू जॉब सर्च करना शुरू कर… लेकिन आज सिर्फ़ आराम कर”
अगले दिन से ऋतु की अब सर्च चालू हो गयी. उसके पास सिर्फ़ एक बीए इंग्लीश और उसकी डिग्री थी. और कोई डिप्लोमा या क्वालिफिकेशन नही थी. लेकिन उसे यह खबर नही था की उसकी सबसे बड़ी डिग्री तो उसकी मादक जवानी थी
उसके सीने का उफान देख के अच्छे अच्छे लुंडो के टटटे शॉर्ट हो गये थे. कम से कम 36 इंच की चौड़ाई जो की चाहकर भी छुपती नही थी. उसपर पतली कमर 26 इंच. उसपे नितंभ का क्या कहना. पूरा बदन जैसे किसे साँचे में ढाल के उपरवाले ने तबीयत से बनाया हो.
उसकी मम्मी ने उसके लिए ढीले ढाले सूट सिलवाए थे और उसको तंग कपड़े पहनने से मना करती थी. लेकिन ऐसा योवन छुपाए ना छुपता… गुड पर मखी की तरह लड़के उसके चारो ओर मॅडराते थे… घर से कॉलेज के रास्ते में अक्सर कई नौजवान अपनी बाइक या कार में बैठकर उसके आने का इंतेज़ार करते थे.
उसकी आँखें मानो आँखें नही 1000 वॉट के दो बल्ब हो जिनसे की पूरा कमरा चमक उठे. उसके होंठ रसीले और भरे हुए थे. लंबे घने और सिल्की बाल. और सबसे कातिलाना थी उसकी स्माइल. उसकी स्माइल पे तो कॉलेज स्टूडेंट्स क्या प्रोफेस्सर्स भी मरते थे.
ऋतु ने अगले दिन से ही जॉब सर्च चालू कर दी.. अख़बार, एंप्लाय्मेंट न्यूज़, इंटरनेट सब तरफ से उसने जॉब की खोज की. उसका पहले इंटरव्यू लेटर आया एक इम्पोर्ट एक्सपोर्ट फर्म से. ऋतु को अगले ही दिन बुलाया गया था.
ऋतु वाइट कलर की सलवार कमीज़ पहन के गयी. मिनिमम ज्यूयलरी और फ्लॅट सनडल्स. बिल्कुल सीधी साधी वेश भूषा में बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसके बाल भी एक चोटी में गुथे हुए थे.
इंटरव्यू के लिए केयी लड़कियाँ आई हुई थी. एक से एक बन ठन कर. ऋतु का इंटरव्यू कंपनी के मालिक ने लेना था. ऋतु जब अंदर गयी तो वो बंदा सिगरेट पी रहा था. ऋतु को धुवें की वजह से खाँसी आ गयी. उसने तुरंत ही सिगरेट बुझा दी और सॉरी बोला. ऋतु ने सीट ली और अपनी फाइल आगे बढ़ा दी. मालिक ने फाइल को खोला लेकिन उसकी नज़रे फाइल पे कम और ऋतु पे ज़्यादा था. उसने ऋतु से उसकी होब्बीज पूछी .
“जी मेरी हॉबीज हैं कुकिंग एंड म्यूज़िक.”
“अच्छा आपको म्यूज़िक का शौक़ हैं… मुझे भी हैं. तो चलो एक गाना सूनाओ डियर. ” यह कहता हुआ वो अपनी सीट से उठा और ऋतु की चियार के पास ही टेबल पे आके बैठ गया.
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