RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
मैं हँसते हुए अपने कमरे में आ गया और लाइट जलाई तो देखा कि पर्बती मेरे बिस्तर पर सर रख कर नीचे फर्श पर बैठे ही सो गई थी।
मैं अपने कपड़े बदल कर बाथरूम से बाहर निकला और उसको हल्के से जगाया और जब वो जगी तो मैंने उसको उठा कर उसकी धोती इत्यादि उतार कर पूरी नंगी कर दिया और स्वयं भी नंगा हो गया और उसको लेकर अपने बेड में लेट गया।
पर्बती का शरीर एकदम फ्रेश और जवान था क्यूंकि उसकी उम्र भी ज़्यादा नहीं थी और उसकी शादी में चुदाई भी बहुत कम हुई थी तो उसको चोदने का अपना ही कुछ अलग आनन्द था।
मैं उसके लबों को चूमने के बाद उसके गोल गुदाज़ मुम्मों को चूसने लगा और उसकी मोटी चूचियों को मुंह में रख कर गोल गोल घुमाना मुझको बहुत ही अच्छा लगता था।
साथ साथ मैं उसकी बालों भरी चूत के अंदर छुपी भग को भी हल्के से मसल रहा था और इस तरह कुछ ही समय में वो मुझको अपने ऊपर आने का न्योता देने लगी और मैंने उसको फ़ौरन घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया।
क्यूंकि पर्बती काफी अरसे से नहीं चुदी थी तो वो पहली बार बड़ी जल्दी ही झड़ गई लेकिन मैं आज उसको पूरा काम सुख देना चाहता था। मैंने उसको लिटा कर और स्वयं भी लेट कर उसके पीछे से अपना लंड उसकी फूली चूत में डाल दिया और फिर आहिस्ता चुदाई का माहोल बना दिया। जिसमें दोनों प्रतिद्वंदी बड़े आराम से एक दूसरे को काम सुख प्रदान करते हैं।
इस पोज़ के बाद मैंने पर्बती को अपने ऊपर बिठा लिया और वो ऊपर से मुझको चोदने लगी।
क्यूंकि ऊपर वाले पोज़ में चुदाई की लगाम औरत के हाथ में होती है, वो जैसे चाहे जिस स्पीड से चाहे अपने आदमी को चोद सकती है और स्वयं पूरा आनन्द ले सकती है।
पर्बती मुझ को आनंद से चोद रही थी और अभी तक कुल मिला कर 5-6 बार छूट जाने के कारण पूरी तरह से तृप्त और संतुष्ट हो चुकी थी लेकिन फिर भी वो अभी भी वो मुझ को ऊपर से पूरे जोश से चोद ही रही थी कि जाने कब मैं गहरी नींद में सो गया।
सुबह उठा तो पर्बती जा चुकी थी और मेरे रात के कपड़े भी मुझको पहना गई थी।
थोड़ी देर बाद कम्मो मेरे लिए चाय लेकर आई और हम दोनों ने मिल कर चाय पी। उसने बताया कि मम्मी पापा सुबह जल्दी चले गए थे।
मैंने कम्मो से पूछा- शूटिंग कब तक चलेगी? मेरे कॉलेज वापस जाने के दिन भी नज़दीक आ रहे हैं।
कम्मो बोली- मेरे ख्याल से 3-4 दिन और चलेगी शायद।
मैं बोला- कम्मो, तुम सारे खर्चे का हिसाब रूबी मैडम से कर रही हो ना? जितना भी दुकान वाले का हिसाब है वो साथ ही साथ निबटा दिया करो, नहीं तो बाद में सारा खर्च हम पर आ जाएगा।
नाश्ते के टेबल पर रूबी और मधु मैडम भी मिल गई और उन्होंने बताया कि आज कोई खास प्रोग्राम नहीं है शूटिंग का सो सब फ्री हैं जैसा चाहें वो कर सकते हैं।
मधु मैडम ने मुझसे पूछा- सोमू, यहाँ कुछ ख़ास चीज़ है देखने के लिए?
मैं बोला- कोई खास जगह या चीज़ तो नहीं है देखने के लिए यहाँ पर अगर आपकी मर्ज़ी हो तो हमारा घोड़ों का स्टड फार्म है यहाँ जो शायद आप देखना चाहें?
मधु मैडम बोली- स्टड फार्म क्या होता है?
मैं बोला- यहाँ हमारे फार्म में घोड़े और घोड़ियाँ पाले जाते हैं और कई दूसरी ज़मींदार अपनी घोड़ियों को हरा करवाने भी आते हैं।
मधु मैडम बोली- घोड़ियों को हरा कैसे किया जाता है? कभी देखा नहीं।
मैं बोला- पापा ने कुछ ख़ास नसल के घोड़े पाले हुए हैं जो सिर्फ घोड़ियों के साथ सेक्स करके उनके बच्चे पैदा करना का काम करते हैं।
मधु और रूबी मैडम दोनों साथ ही बोली- अच्छा एनिमल सेक्स? क्या हम देख सकते हैं? पहले कभी देखा नहीं।
मैंने कहा- हाँ, देख सकते है लेकिन पहले मुझको कन्फर्म करने दो अपने स्टड फार्म मास्टर से कि कोई घोड़ी आई हुई है हरी होने के लिए!
मैंने राम सिंह को पुछवा लिया और उसने बताया कि आज दो बाहर की घोड़ियों को हरा करना है और एक अपने फार्म की घोड़ी को भी हरा करना है और उसने कहा कि आप मेहमानों को ला सकते हैं यह दिखाने के लिए!
मैंने सब मैडमों को बता दिया और उन्होंने फैसला लिया कि वो सब डांसर्स को ले जाएंगी यह खेल दिखाने के लिए!
कॉटेज में लड़कियों से बात हो गई और वो सब यह देखने के लिए बहुत अधिक इच्छुक थीं।
मैडम की कार में दो तीन ट्रिप में सब लड़कियाँ स्टड फार्म पहुँच गई।
मैं और कम्मो भी उनके लिए लंच का सारा इंतज़ाम करके स्टड फार्म अपनी बाइक पर पहुँच गए।
राम सिंह ने नाश्ते पानी का इंतज़ाम कर रखा था सो सबने पहले जलपान किया और फिर राम सिंह हम सबको लेकर घोड़ों के अस्तबल ले गए जहाँ घोड़ियों के गर्भाधान की तैयारी चल रही थी।
सब लड़कियों को पता नहीं था कि क्या होने वाला है सो वो मेरे से पूछ रही थी कि क्या करेंगे ये लोग!
जब मैं बताने लगा तो सारी लड़कियाँ मुझ को घेर कर खड़ी हो गई और जब मैंने बताया कि घोड़े का 2-3 फ़ीट का लंड घोड़ी की चूत के अंदर घोड़ा डालेगा तो घोड़ी के बच्चा होने की सम्भावना बन जाती है।
तब हेमा धीरे से फुसफुसाई- कल जब तुमने हम सबके अंदर अपना लंड डाला तो क्या हमारे अंदर भी बच्चा होने की सम्भावना बढ़ गई थी?
मैं जानता था कि वो मेरी टांग खींच रही है सो मैंने भी उसी लहजे में धीरे से उसको बताया- हाँ, सम्भावना तो बढ़ जाती अगर मैं आप सबकी चूत में अपने लंड से वीर्य की पिचकारी मार देता तो? लेकिन आप सबने नोट किया होगा कि मेरा एक बूँद भी वीर्य नहीं छूटा था किसी की चूत में तो किसी को भी बच्चा होने की कोई सम्भावना नहीं है।
हम ये बातें कर ही रहे थे कि हमारा स्टार घोड़ा एक घोड़ी के पास लाया गया और वो पहले घोड़ी के चारों तरफ घूमा और फिर घोड़ी की चूत को सूंघा और फिर घोड़ी के पास गया और उसके मुंह के साथ कुछ देर छेड़छाड़ करने लगा और फिर वो वापस घोड़ी के पीछे आया और फिर उसकी चूत को सूंघा और फिर उसका लंड एकदम से खड़ा हो गया और वो एक झटके से घोड़ी के ऊपर चढ़ा और उसके 3 फुट लम्बे लंड को ज़ोर से घोड़ी की चूत के अंदर डाल दिया, कुछ पल आगे पीछे होने लगा और फिर उसने अपने लंड से ज़ोरदार पिचकारी वीर्य की छोड़ी और घोड़ी की चूत को पानी से भर कर वो नीचे उतर आया।
इसी तरह दूसरी घोड़ी भी तैयार कर के लाई गई और उस पर दूसरे घोड़े को चढ़ाया गया और वैसे ही उसका भी पानी छूट कर घोड़ी की चूत को पानी से भर गया।
मैंने लड़कियों को ध्यान से देखा कि सबके चेहरे कामुकता की गर्मी से लाल हो रहे थे और 2-3 अपने दुपट्टे को आगे करके अपनी ऊँगली से अपनी भग को सहला रही थी।
मेरे आगे खड़ी हुई तीन चार लड़कियाँ अपने चूतड़ों को मेरे लंड के साथ जोड़ कर हल्के से रगड़ा लगा रही थी और इस काम में मैं उनकी पूरी सहयता कर रहा था, एक के साथ रगड़ लगा कर दूसरी के पीछे शिफ्ट हो रहा था और तीसरी के चूतड़ों को हाथ से सहला रहा था।
जब बाकी लड़कियों ने इस खेल के आनन्द को समझा और मेरे आगे पीछे होने लगी तब तक दो घोड़ियाँ हरी हो चुकी थी और बाकी एक घोड़ी रह गई थी, उसके पीछे जब घोड़ा खड़ा हुआ तो वो बहुत ही बिगड़ रही थी और पास आने वाले घोड़े को लातें मार रही थी।
इस घोड़ी के लिए राम सिंह खुद भी अंदर चला गया और धीरे धीरे कुछ अस्फुट शब्द बोलते हुए बिगड़ी घोड़ी के बालों को सहलाने लगा और उसके कान में कुछ बोलने लगा और थोड़ी देर में ही वो घोड़ी कुछ शांत हो गई।
अब वो मस्त काला घोड़ा घोड़ी के चारों तरफ घुमा और फिर अपना बहुत ही बड़ा लंड निकाल कर घोड़ी के ऊपर चढ़ गया। कुछ देर वो आगे पीछे हुआ और फिर अपने वीर्य का फव्वारा छोड़ता हुआ नीचे उतर आया।
मेरे आगे खड़ी लड़कियों तो अब इतनी अधिक कामातुर हो चुकी थी कि वो अपनी गांड मेरे लंड के साथ खूब रगड़ रही थी और मैं भी सब के चूतड़ों को अपने पैंट में छुपे लंड से हरा पीला कर रहा था।
उधर दोनों मैडमों को कम्मो समझा रही थी और मैंने नोट किया कि रूबी मैडम तो खुले आम अपनी ऊँगली अपनी चूत में डाले कम्मो के साथ सट्ट के खड़ी थी।
इधर डांसर लड़कियों के साथ हम सब वापसी चल पड़े और तब मैंने उन लड़कियों से पूछा कि क्या उन्होंने कभी नदी में नहाने का आनन्द लिया है?
सब बोली- नहीं… लेकिन जुहू बीच में समुद्र में बहुत बार नहाई हैं।
मैंने पूछा- क्या नदी में स्नान करने की इच्छा है किसी की?
सब बोली- हाँ इच्छा तो है पर यहाँ नदी कहाँ है जिसमें नहाया जा सके?
मैं बोला- जहाँ शूटिंग हुई थी ना, उसी नदी में नहा सकते हैं अगर सबकी मर्ज़ी हो तो!
जूली बोली- अरे सोमू, उसमें तो पानी ही नहीं है ज़्यादा। नहा कहाँ सकते है उसमें?
मैं बोला- जगह है जहाँ आप सब अच्छी तरह से नहा सकती है सारे कपड़े उतार कर… आप सब की मर्ज़ी हो तब ही प्रोग्राम बन सकता है?
सब बोली- सोमू बनाओ प्रोग्राम नहाने का, हम तैयार हैं।
थोड़ी देर में कम्मो हमारी तरफ आती हुई दिखाए दी, मैंने उससे पूछा- ये लड़कियाँ नदी में नहा सकती है क्या?
और साथ ही कम्मो को आँख भी मार दी।
कम्मो बोली- हाँ, एक जगह है जहाँ गाँव वाली औरतें भी नहाती हैं, ये सब वहाँ नहा सकती हैं अगर इनकी मर्ज़ी हो तो!
सब डांसर्स तैयार हो गई और कॉटेज में जाकर सब अपने नहाने वाले कपड़े बदल कर आ गई और कम्मो उनको कार में ले गई और वहीं उतार दिया जहाँ गाँव वाली औरतें नहा कर जा चुकी थी।
सबको वो जगह बड़ी पसंद आई और वो और भी खुश हुई जब उनको कम्मो ने बताया कि यहाँ गाँव के मर्दों का आना सख्त मना है तो वो बगैर किसी प्रॉब्लम के यहाँ खुले आम नहा सकती हैं, अगर चाहें तो पूरी नंगी भी नहा सकती हैं।
मैं अपनी बाइक पर बैठ कर अपनी पुरानी झाड़ी में छुपने वाली जगह पर आ गया और बाइक को थोड़ी दूर छुपा कर पार्क कर आया और जा कर अपनी ख़ास जगह में बैठ गया।
मैं वहाँ टाइम पास करने के लिए 6 कोका कोला की बोतलें भी साथ ले आया था।
जब मैंने झाड़ी का पर्दा हटा के देखा तो डांसर्स सब नहाने के लिए तैयारी कर रही थी, दो लड़कियों को कम्मो मेरी वाली झाड़ी की तरफ ला रही थी।
मैं समझ गया कि कम्मो ज़रूर उनको पेशाब करवाने ला रही होगी और वही हुआ, उसने दोनों को बताया कि वो झड़ियों की तरफ मुंह करके पेशाब कर सकती हैं।
कम्मो ने उनको यकीन दिलाया कि यहाँ कोई भी आदमी नहीं आ सकता सो वो चाहें जितना बेशर्म हो कर सब कुछ कर सकती हैं।
दोनों ने अपने चारों और देखा और फिर सलवार को ढीला कर के पेशाब करने बैठ गई।
क्यूंकि वो सब मेरे सामने ही हो रहा था, मैं उनकी यह सेक्सी हरकत देख रहा था।
दोनों लड़कियों को मैंने डांस करते हुए देखा था लेकिन वो मेरे से चुदाने के लिए अभी तक नहीं आई थी। वो शायद कमरा नम्बर 7 की लड़कियाँ थी लेकिन दोनों काफी सुडौल और सुन्दर थी। दोनों की चूत पर काले बालों की गहरी घटा छाई हुई थी और उनके पेशाब की धार उसी बालों भरी गुफा से निकल कर काफी दूर तक जा रही थी।
दोनों बातें भी कर रही थी जो मुझको साफ़ सुनाई दे रही थी।
जो लड़की लाल रंग की सलवार कमीज पहने थी वो बोली- क्यों नीलू, क्या आज रात सोमू हमको फक कर पायेगा कि नहीं? बड़ी खुजली हो रही है चूत में यार!
नीलू बोली- देख सोनल, आज नहीं तो कल बारी आ ही जायेगी, ज़रा सब्र कर यार! वैसे लड़का है बड़ा ही सेक्सी, मैं तो चूम चूम कर साले को आधा कर दूंगी।
सोनल बोली लड़का है बड़ा ही किमामी, साले की नशीली आँखें और ज़ोरदार लंड कमाल का है।
जल्दी ही दोनों पेशाब कर के चली गई।
उनके जाने के बाद झाड़ी के बाहर नदी की तरफ देखा तो सब लड़कियाँ पानी में अठखेलियाँ कर रही थी और एक दो ने तो अपनी कमीज उतार रखी थी और अपने नंगे मम्मों के साथ आपस में खूब चूमा चाटी कर रही थी और खूब छेड़छाड़ का माहौल बना हुआ था।
थोड़ी देर बाद देखा कि कम्मो झाड़ी की तरफ आ रही है और मेरे सामने बैठ अपनी साडी ऊंची करके पेशाब करने लगी और साथ ही बोली- क्यों छोटे मालिक, सब ठीक चल रहा है ना?
मैं बोला- सब ठीक है कम्मो रानी, मेरे दिल और मेरे लंड की मल्लिका, वो जो लाल रंग की सलवार पहने लड़की है न, उसका नाम सोनल है, उसको चुदाई की बहुत इच्छा है, वो जल्दी चुदना चाहती है मुझसे! तुम उसको यहाँ ले आओ प्लीज और कहना कि सोमू बुला रहा है।
कम्मो हंस के बोली- वाह छोटे मालिक, आप और आपका यह लंडम चूत के बेहद भूखे हो, अभी लेकर आती हूँ साली सोनल को!
तब तक मैं बाहर का नज़ारा देख रहा था, कुछ लड़कियों ने पतले सफेद कुर्ते और साथ में सफेद पजामी पहन रखी थी तो उनके कुर्ते भीगने के बाद एकदम से पारदर्शी हो चुके थे और सफेद पजामी से उनकी चूत के काले बालों की एक झलक भी यदा कदा नज़र आ जाती थी।
कुल मिला कर बड़ा ही मन मोहक और लंड दोहक दृश्य था। मोटे और गोल मुम्मे और गोल उभरे हुए चूतड़ों की तो भरमार थी जिधर देखो उधर ही वो दिख रहे थे।
दो चार लड़कियाँ कुछ अधिक कामातुर हो चुकी थी, वो आपस में खूब छेड़छाड़ और पकड़म पकड़ाई में लीन थी।
कम्मो हंस के बोली- वाह छोटे मालिक, आप और आपका यह लंडम चूत के बेहद भूखे हो, अभी लेकर आती हूँ साली सोनल को!
तब तक मैं बाहर का नज़ारा देख रहा था, कुछ लड़कियों ने पतले सफेद कुर्ते और साथ में सफेद पजामी पहन रखी थी तो उनके कुर्ते भीगने के बाद एकदम से पारदर्शी हो चुके थे और सफेद पजामी से उनकी चूत के काले बालों की एक झलक भी यदा कदा नज़र आ जाती थी।
कुल मिला कर बड़ा ही मन मोहक और लंड दोहक दृश्य था। मोटे और गोल मुम्मे और गोल उभरे हुए चूतड़ों की तो भरमार थी जिधर देखो उधर ही वो दिख रहे थे।
दो चार लड़कियाँ कुछ अधिक कामातुर हो चुकी थी, वो आपस में खूब छेड़छाड़ और पकड़म पकड़ाई में लीन थी।
कुछ देर बाद मुझको बाहर से किसी के खांसने की आवाज़ आई तो मैंने झाड़ी से नदी की साइड वाली खिड़की फ़ौरन बंद कर दी और तभी कम्मो और सोनल अंदर आ गई।
सोनल झाड़ी वाली जगह को देख कर बड़ी खुश हुई और आते ही मुझ से लिपट गई और बोली- वाह!!! क्या बात है सोमू यार, क्या जगह है यह छुपने के लिए और सब कुछ करने के लिए!!
मैं मुस्कराते हुए बोला- जगह तो अच्छी है लेकिन क्या तुम सब कुछ करवाने के लिए तैयार हो?
सोनल बोली- सच बताना सोमू, तुमको कैसे पता चला कि मैं सब कुछ करवाने के लिए तड़प रही हूँ?
मैं बोला- मैं तो स्टड फार्म में ही तुमको देख कर जान गया था कि यह एक लड़की है जो सब कुछ करवाने के लिए तड़प रही है। क्यों ठीक है ना? तुमने घोड़ा जब घोड़ी पर चढ़ा तो तुम्हारा हाथ तुम्हारी पुसी पर ही था और तुम छुप कर आनन्द ले रही थी। क्यों सच है ना?
सोनल थोड़ी शरमाई और हाँ में सर हिला दिया।
तब कम्मो बोली- अरे तुम दोनों जल्दी करो ना… नहीं तो बाहर नदी पर सोनल को सब खोजने लगेंगे।
मैंने सोनल को खींच कर अपने पास ले लिया और ताबड़तोड़ उसके लबों पर चुम्मियों की बारिश कर दी और हाथों से उसके मोटे गोल मुम्मों को भी मसलने लगा।
सोनल ने भी देर लगये बगैर मेरे लंड को पैंट से निकाल कर सीधा अपने मुंह में ले लिया और खूब जोश से उसको चूसने लगी।
कम्मो ने इशारा किया कि हम जल्दी करें तो मैंने सोनल को उठाया और उसकी गीली सलवार को नीचे खिसका दिया, उसकी बाहर से गीली चूत को थोड़ी देर चाटा और फिर उसको उठा कर झाड़ी के सहारे थोड़ झुका कर खड़ा कर दिया और पीछे से अपने खड़े लंड को उसकी चूत में घुसेड़ दिया और धीरे धीरे उसको पूरा का पूरा अंदर डाल कर हल्के धक्के मारने शुरू कर दिए।
मैं सोनल की एकदम गोरी गांड और उसके रेशमी चूतड़ों को मसल रहा था और जैसे ही मैं अपने हाथ उसकी फड़कती चूत के अंदर डाल कर उसकी भग को रगड़ने लगा तो सोनल तेज़ी से आगे पीछे होने लगी और मैंने भी धक्कों की स्पीड और तेज़ कर दी।
सोनल इतनी अधिक कामातुर हो चुकी थी आज सुबह घोड़ों की चुदाई देख कर कि वो जल्दी ही पानीपत की पहली लड़ाई में धराशयी हो गई और ‘मैं मरी रे… मैं गई रे…’ कहते हुए मेरे लंड के साथ आकर चिपक गई।
लेकिन मैंने नोट किया कि सोनल अभी भी एक बार और चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी।
लेकिन कम्मो ने उसको उठा दिया और वो मुझको गर्म चुम्मी देकर चली गई और अपनी सहेली नीलू को भेजने का वायदा कर गई।
थोड़ी देर बाद कम्मो नीलू को लेकर भी आ गई।
मैंने सब से पहले नीलू को एक कामुक जफ्फी मारी और उसके होटों को थोड़ी देर चूमा और फिर उसके गोल गुदाज़ मम्मों को चूसने लगा और झुक कर एकदम सिल्की पेट को चूमता हुआ अपनी जीभ को उसकी बेहद गीली चूत पर टिका दिया।
मैं उसकी भग को मुंह में लेकर गोल गोल चूसने लगा और वो कामुक होती हुई अपने चूतड़ों को उठा कर मेरे मुंह से बार बार जोड़ रही थी।
नीलू मेरे बालों को पकड़ कर कभी मेरे मुंह को चूत पर दबा रही थी और कभी वो मुंह को हटाने की कोशिश कर रही थी।
जब मैंने महसूस किया कि नीलू चुदाई के लिए एकदम बेकरार है तो मैंने उस को नीचे लिटा कर अपनी पैंट को नीचे खिसका कर अपना लौड़ा निकाल कर उसकी चूत के मुंह पर रखा और एक ही धक्के में लंडम पूरा का पूरा उसकी चूत में चला गया।
फिर शुरू हुई नीलू की चुदाई जिसमें लंड को पूरा बाहर निकाल कर पूरा अंदर डालने का क्रम शुरू कर दिया।
और जब नीलू नीचे लेटी हुए बहुत तिलमिलाने लगी तो मैंने तेज़ स्पीड से उसको चोदना शुरू कर दिया और अपने दोनों हाथों को उस के चूतड़ों के नीचे रख कर गहरे धक्के मारना चालू कर दिया।
नीलू गहरे धक्कों से जल्दी ही स्खलित हो गई और वो जब छूट रही थी तो उसकी जांघों ने मेरी कमर को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया।
जाने से पहले नीलू ने एक टाइट जफ्फी मार कर बहुत ही प्यारा सा थैंक्स मुझको किया।
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