RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
डांस वाली लड़कियाँ और वो काला हीरा
अगले दिन सुबह कोई 10 बजे के करीब एक मिनी बस हवेली के बाहर आकर रुकी और उसमें से 10-12 लड़कियाँ निकली।
रूबी मैडम ने उनका स्वागत किया।
फिर हम सब उनको लेकर कॉटेज की तरफ चल दिए उसी मिनी बस में!
वहाँ कम्मो और उसकी काम वालियाँ पहुँच चुकी थी और किचन में नाश्ता इत्यादि की तैयारी चल रही थी।
कम्मो उन सबको लेकर उनके कमरो में पहुँचा आई, सिर्फ दो लड़कियाँ जिनको कमरा नहीं मिला, उनके बारे में इंतज़ाम करना बाकी था, तो उनको एक कमरे नुमा स्टोर रूम में टिका दिया और सबको लेकर नाश्ता के लिए डाइनिंग टेबल पर ले आई थी।
जैसे ही नाश्ता खत्म हुआ, रूबी उन सबको लेकर बैठक में आ गई और उनको काम समझाने लगी।
वहीं पर उसने सबको मुझ से मिलवाया और बताया कि मैं वहाँ के ज़मींदार का लड़का हूँ और सारे काम का मैनेजर भी हूँ।
अब मैंने सब लड़कियों को ध्यान से देखा तो उनमें से सबकी सब लम्बे कद बुत की थी और काफी सुन्दर और सुडौल शरीर की मालिक थी। एक ख़ास बात जो मैंने नोट की, वो सब एक जैसी ही लम्बी थी, सबकी हाइट 5’5″ फ़ीट से ऊपर ही थी।
एक दो मुझ से बार बार नज़र मिला रही थी और बात करने की कोशिश कर रही थी।
आते जाते एक दो से तो हाथ से हाथ टकराए थे और मैंने उनको सॉरी भी बोल दिया था।
एक उनमें से बहुत चुलबुली थी, वो मेरे पास वाले सोफे पर आकर बैठ गई और बोली- हेलो मैनेजर साहब, मेरा नाम जूली है, आपका क्या नाम है?
मैंने उसको और बाकी लड़कियों को अपना नाम बताया तब जूली बोली- क्यों मिस्टर सोमू, क्या तुम कॉलेज में हो क्या?
मैं बोला- हाँ, मैं कॉलेज के फर्स्ट ईयर में हूँ, आप कहाँ तक पढ़ी हैं?
जूली बोली- मैंने बी ए किया हुआ है, और ये सब लड़कियाँ भी कॉलेज कर चुकी हैं।
मैं बोला- बॉम्बे शहर तो, कहते हैं, बहुत बड़ा है, क्या यह सच है?
जूली बोली- बॉम्बे बहुत बड़ा शहर है सारे इंडिया में, तुम्हारा लखनऊ तो कुछ भी नहीं उसके मुकाबले में!
इतने में रूबी मैडम भी आ गई और बोली- चलो नाश्ता हो गया है तो डांस की तैयारी करनी शुरू करें। अपने कपड़े भी चेंज कर लो जल्दी से!
सब लड़कियाँ जल्दी से अपने कमरों में चली गई और मैं भी रूबी मैडम से कह कर अपने घर आ गया।
नहा धोकर मैं फिर कॉटेज में जाने लगा तो मधु मैडम आ गई और बोली- सोमू यार, वो कार तो बिजी है, तुम मुझ को कॉटेज छोड़ आओ।
मैं बोला- आइए मैडम, मैं वहीं जा रहा हूँ अपनी बाइक पर, आप भी चल सकती हैं मेरे साथ!
जब बाइक चलाई तो मैडम मेरे से चिपक कर बैठ गई और उसके सॉलिड मुम्मे मेरी पीठ से चिपक गए और मैं थोड़े तेज़ चला कर ब्रेक मार रहा था जिससे मैडम के मुम्मे और भी चिपके रहे मेरी पीठ से!
कॉटेज पहुँच कर मैंने मैडम को याद कराया- मैडम याद है न वो आपका वायदा?
मैडम बोली- कौन सा वायदा सोमू?
मैं भी मैडम की आँखों में आँखें डाल कर बोला- वही, जो लड़की अच्छा डांस नहीं करेगी, उसको मुझसे फ़क करवाओगे आप?
मैडम ज़ोर से हंस दी- बड़ी तेज़ यादाश्त है यार तेरी। मैं ज़रूर फक करवाऊँगी लेकिन उससे पहले ही वो तुझ को घेर लेंगी और तुझको नहीं छोड़ेंगी, ख़ास तौर से तेरी फकिंग कैपेसिटी देख कर! देख लेना!
हम दोनों अंदर चले गए और मैडम उनको निर्देश देने में बिजी हो गई।
थोड़ी देर तो मैं मैडम को देखता रहा कि वो रूबी को और डांसर्स को क्या आदेश दे रही हैं, फिर मैं घूमता हुआ किचन में चला गया जहाँ फुलवा और उसकी सहयोगी खाना बनाने में लगी हुई थी।
कम्मो भी पहुँच चुकी थी, वो उनको जहाँ भी ज़रूरत होती थी, मदद कर रही थी।
सबको देखते हुए मेरी नज़र उस काले हीरे पर पड़ी जो अभी कुछ रसोई का काम कर रही थी।
उसने मेरी तरफ देखा और हल्के से मुस्करा दी।
कम्मो हमारी आँखों की इशारेबाजी देख रही थी, वो मेरे पास आई और बोली- आप पीछे स्टोर में चलिए, मैं आपके हीरे को लेकर आती हूँ।
मैं टहलते हुए स्टोर में गया और वहाँ पड़े हुए सामान को देख ही रहा था कि कम्मो काले हीरे को लेकर आ गई।
आते ही कम्मो बोली- छोटे मालिक, इससे मिलो, यह है देवकी!
मैं बोला- अच्छी सुन्दर है यह देवकी तो, इसकी शादी हो चुकी है क्या?
कम्मो बोली- हाँ छोटे मालिक, हो तो चुकी है लेकिन इसका पति बाहर गया हुआ है नौकरी के सिलसिले में, तो यह अभी दो साल से अनछुई है।
मैंने देवकी से पूछा- कब गया था बाहर तेरा पति?
देवकी शर्माती हुई बोली- यही कोई 2 साल पहले और तबसे लौट कर ही नहीं आया है।
मैं बोला- तो तू दो साल से अछूती है क्या?
वो और भी शरमाते हुए बोली- हाँ छोटे मालिक, क्या करें किस्मत ही खराब है ससुर!
कम्मो बोली- क्यों देवकी, छोटे मालिक तुझ को अगर अभी हरा कर दें तो तैयार है क्या?
देवकी शर्म से और सांवली हो गई और कुछ बोले बगैर सर को हाँ में हिला दिया।
कम्मो बोली- छोटे मालिक, आप देवकी को लेकर छत पर चले जाओ, मैं आती हूँ आपके पीछे।
मैंने देवकी को आगे आगे चलने को कहा और खुद उसके पीछे सीढ़ियाँ चढ़ने लगा।
ऊपर पहुँच कर देखा, वहाँ एक छोटा सा कमरा बना हुआ है जिसमें एक दीवान नुमा बेड बिछा हुआ था।
जैसे ही हम कमरे में पहुंचे मैंने देवकी का मुंह अपनी तरफ करके पूछा- क्यों देवकी, तुम तैयार हो ना?
देवकी शरमाई, लेकिन बोली कुछ नहीं।
मैंने फिर पूछा- बोलो देवकी, तैयार हो अपनी चूत चुदवाने के लिए?
देवकी ने फिर हामी में सर हिला दिया।
तब मैंने कहा- ऐसे नहीं देवकी, बोलो हाँ या ना?
देवकी ने अपनी साड़ी के पल्लू में छुपा कर धीरे से बोला- हाँ छोटे मालिक।
जैसे ही उसने हाँ बोला, मैंने उसको पकड़ लिया और उसकी साड़ी का पल्लू उसके मुम्मों के ऊपर से हटा दिया, उसके ढीले ब्लाउज को ऊपर करके सांवले लेकिन सॉलिड और मोटे मुम्मे बाहर आ गए, मैं उनको चूसने लगा।
साथ ही मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी धोती ऊँची करके उसकी चूत पर काले बालों में से साफ झलकते चूत के होटों को मसलने लगा।
उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी, मैंने अपनी पैंट ढीली करके अपने खड़े लौड़े को निकाला और उसको देवकी के हाथ में दे दिया।
देवकी खुश हो गई लंड को हाथ में लेकर और फिर मैंने बिना कुछ भी देर किये उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और उसकी टांगों को चौड़ा कर के धीरे धीरे धक्के मारने लगा।
उसकी चूत एकदम से टाइट थी क्यों कि वो दो सालों से इस्तेमाल नहीं हुई थी और मेरे लौड़े को पाकर चूत और भी निहाल हो गई थी।
मैंने उसके सांवले लेकिन मोटे चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर ज़ोरदार चुदाई शुरू कर दी और जैसा कि मुझको उम्मीद थी, देवकी जल्दी ही झड़ गई और ज़ोर ज़ोर से हाय हाय करने लगी।
तब मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और उसकी चूत के पानी के पूरी तरह से झड़ जाने तक अपने लंड को अंदर डाल कर बैठा रहा।
जब मैं उठने लगा तो देवकी ने मुझ को कसके जफ्फी मारी और मेरे होटों पर एक चुम्मी भी दे दी।
पहले मैंने देवकी को नीचे भेज दिया और फिर 5 मिन्ट बाद मैं भी नीचे आ गया।
जैसे ही मैं हाल में पहुँचा वहाँ मुझ जूली मिल गई और पूछने लगी- कहाँ थे आप?
मैंने कहा- मैनेजर हूँ ना, सब इंतज़ाम देखने पड़ते हैं। बोलो, कोई काम था मुझसे?
जूली बोली- तुम ज़रा आना मेरे कमरे में, कुछ काम है।
मैं उसके पीछे चल दिया और जब हम उसके रूम में पहुँचे तो उसने झट से कमरे का दरवाज़ा बंद कर लिया और मुझको एकदम अपनी बाहों में ले कर बहुत ही टाइट जफ्फी मारी।
फिर उसने अपने गरम होंट मेरे होंटों पर रख दिए और एक बहुत ही कामातुर जफ्फी मारी।
मैं थोड़ा घबरा कर बोला- यह क्या कर रही हो जूली?
जूली बोली- मैं तुमको फक करना चाहती हूँ।
मैं बोला- अच्छा! फक करना चाहती हो तो आओ फिर, देख क्या रही हो?
जूली बोली- क्या तुम नहीं चाहते मुझको फक करना?
मैं बोला- चाहता तो बहुत हूँ लेकिन क्या यह उचित समय होगा? बाहर तुम्हारी मैडम है, वो कहीं पकड़ ना लें, इसका डर नहीं है क्या?
जूली बोली- डर तो है पर क्या करें फिर?
मैं बोला- इन दोनों को जाने दो। फिर मैं तुमको जितना तुम चाहोगी उतना फक कर दूंगा।
जूली बोली- ठीक है अभी हम सिर्फ छेड़छाड़ कर लेते हैं.
मैं बोला- ठीक है लेकिन तुम्हारी रूम पार्टनर भी तो आ सकती है ना?
जूली बोली- आने दो साली को, उसको भी लंड चाहिए और वो भी गाँव का मज़बूत लंड!
फिर उसने पैंट से मेरा लौड़ा निकाल कर देखना शुरु किया, जूली हैरानी से बोली- अरे यह तो खड़ा है… कितना बड़ा होगा यह?
मैं बोला- यही कोई 7 इंच से कुछ ज़्यादा है।
अब मैं भी जूली के चूचे मसलने लगा, उसके मुम्मे काफी गोल और सॉलिड लग रहे थे। उसने फ्रॉक ड्रेस पहनी हुई थी और उसका फ्रॉक
केवल उसके घुटनों तक ही था।
मैंने भी झट से उसके ड्रेस के नीचे अपना एक हाथ डाल दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा।
अब जूली बैठ कर मेरे लंड को लपालप चूसने लगी और मैं भी उसके मुम्मों को उसकी फ्रॉक से बाहर निकाल कर सहलाने लगा।
थोड़ी देर में मुझको लगा कि किसी ने कमरे का दरवाज़ा खोला और चुपचाप हम को देख रही है।
मैंने झट मुड़ कर देखा तो वो एक गोरी सी लम्बी लड़की वहाँ खड़ी थी और हमको बड़े ध्यान से देख रही थी।
जूली बोली- आओ सैंडी, देखो गाँव का छोकरा है कितने मोटे कॉक के साथ!
मैंने सैंडी की तरफ देखा, वो काफी गोरी और सुडौल बदन वाली लड़की थी, उसने भी फ्रॉक पहन रखा था।
सैंडी बोली- यह तो सोमू है, यहाँ का मैनेजर… इस के साथ क्या कर रही है जूली? ज़मींदार साहिब का लड़का है यह, पकड़ी गई न, तो
वो लोग तुझको छोड़ेंगे नहीं।
मैं बोला- रिलैक्स गर्ल्स, यहाँ कोई नहीं पकड़ता किसी को और मुझ को तो पकड़ने की किस में हिम्मत है! अच्छा अब बताओ क्या सैंडी
भी फक करेगी मुझको?
जूली ने सैंडी से पूछा- क्यों सैंडी, क्या मरजी है? फक करना है इसको?
सैंडी बोली- अरे इस छोटे से छोकरे को क्या फक करना है जूली। तू भी ना हर किसी से फक करवाने के लिए तैयार हो जाती है?
जूली ज़ोर से हंस पड़ी और सैंडी को कहा- इधर तो आ सैंडी, तेरे को कुछ दिखाना है!
सैंडी बड़ी बेदिली से जूली के पास गई और बोली- क्या री? क्या दिखाना चाहती है?
जूली मेरा खड़ा लौड़ा निकाल कर सैंडी को दिखाने लगी। सैंडी मेरा खड़ा लंड देख कर अचरज में पड़ गई और उसको अपने हाथ में लेती
हुई बोली- यह असली है या नकली है?
मैं बोला- जूली सैंडी, तुम दोनों फैसला करो, नहीं तो मैं तो जा रहा हूँ।
और यह कह कर मैं अपने लौड़े को पैंट के अंदर डाल कर पैंट के बटन बंद करने लगा।
यह देख कर जूली मेरे लंड को फिर से निकाल कर उसको चूसने लगी।
सैंडी भी उसके पास आई और बोली- जूली, प्लीज थोड़ा मुझको भी चूसने दे न प्लीज!
मैंने कहा- सैंडी मैडम, यू आर नोट परमिटेड टू टच इट! जब तुमको मेरे लंड पर विश्वास नहीं तो प्लीज इसको हाथ मत लगाना। आओ
जूली हम फक करें!
मैं अब जूली को डीप किस करने लगा और साथ में उसके चूतड़ों को सहलाने लगा और फिर उसकी पैन्टी को नीचे खिसका कर उसको
बेड पर झुका कर मैं उसको पीछे से चोदने लगा।
सैंडी भी नज़दीक आकर सारा तमाशा देखने लगी। मेरा लौड़ा कैसे जूली की चूत में अंदर बाहर हो रहा था, यह सैंडी देख रही थी और
अपनी ऊँगली पैंटी के ऊपर से अपनी चूत पर चला रही थी।
मैंने जूली के दोनों नंगे चूतड़ों को कस कर अपने हाथों में पकड़ा हुआ था और पूरे जोश-औ-खरोश के साथ उसकी चूत चुदाई में मग्न
था।
सैंडी ना जाने कब मेरे पीछे आकर मेरे अंडकोष से खेलने लगी लेकिन मैं बेखबर हुआ धक्के मारने में लगा हुआ था। जब मैंने महसूस
किया कि जूली अब झड़ने के करीब है तो मैंने धक्कों की स्पीड बेइंतहा बढ़ा दी, चंद ही मिनटों में जूली के शरीर की सिहरन एकदम से
तेज़ हो गई और वो बहुत ही जल्दी ‘ओह माय गॉड…’ कहती हुई झड़ गई।
वो बेड में पूरी तरह से झुक गई और मैं भी उसके ऊपर पसर गया।
फिर मैं उठा और अपने लंड को पैंट के अंदर कर के कमरे के बाहर जाने लगा तो सैंडी मेरे सामने आ गई और बोली- मेरा भी कर दो न
प्लीज सोमू?
मैं बोला- नहीं सैंडी, आज नहीं, फिर कभी सही… टेक केयर, बाई जूली!
मैं वहाँ से निकल कर बैठक में आ गया और देखा कि डांस का रिहर्सल चल रहा था और किसी का तो ध्यान नहीं था लेकिन अपनी
कम्मो ने मुझको सवालिया निग़ाहों से पूछा कि कहाँ थे अब तक?
मैंने भी हाथ के इशारे से बता दिया कि सब ठीक है।
जूली और सैंडी भी आ गई थी कमरे में।
ज़्यादातर लड़कियों ने कमीज और चूड़ीदार पजामी या फिर सलवार पहन रखी थी रिहर्सल के टाइम और उन सबके मुम्मे खुले हुए थे
उनकी कमीज़ों में, उनका हिलना और उछलना डांस के स्टेप्स के साथ मुझ को बड़ा ही आनन्द दे रहा था।
काला हीरा यानि देवकी भी डांस देख रही थी और एक बार जब हमारी नज़र मिली तो मैंने उसको हल्के से आँख मार दी और यह देख
कर देवकी की बांछें खिल उठी थी।
जब डांस चल रहा था तो उनमें से कुछ लड़कियाँ अपनी बारी की इंतज़ार कर रही थी और उन में से तीन लड़कियाँ, मुझको लगा, धीरे
धीरे मेरे सामने आकर खड़ी हो गई थी।
मैंने कोई ख़ास ध्यान नहीं दिया लेकिन जब वो आहिस्ता से मेरे नज़दीक आने लगी तो मुझको शक हुआ कि कहीं ये मेरे पास तो नहीं
आना चाहती हैं?
अब मैंने महसूस किया कि उन दोनों ने अपने चूतड़ मेरे आगे जोड़ दिए थे और वो बहुत ही धीरे से मेरे लंड को टच करने की कोशिश
कर रही थी।
अब मैं भी अपनी कमर को उनके चूतड़ों के साथ घिसने लगा और मेरा लंड जो फिर खड़ा हो गया था वो उनको टच कर रहा था।
मैंने दोनों को ध्यान से देखा, दोनों ही काफी लम्बी और सुडौल शरीर वाली थी। उन्होंने भी वो डांस वाली ड्रेस पहन रखी यानि सलवार
कमीज, वो भी बहुत ही टाइट।
मैं उनके चूतड़ों पर हाथ रख कर धीरे से उनको सहलाने लगा और वो दोनों यह देख कर और भी करीब आ गई।
अब मैंने अच्छा मौका देख कर बोला- मैं हूँ सोमू, आप लोगों का मैनेजर, इस कॉटेज में अगर कोई भी प्रॉब्लम हो तो बताना ज़रूर।
दोनों ने पीछे मुड़ कर मेरी तरफ देखा और अपना हाथ बढ़ा दिया मुझसे मिलाने के लिए!
मैंने भी उनसे हाथ मिलाया और तभी उनमें से एक लड़की ने मेरे हाथ में हल्की सी खुजली कर दी और मैं समझ गया कि ये दोनों तो
तैयार हैं।
उनमें से ज़्यादा सुन्दर लड़की ने कहा- मेरा नाम सुनंदा है और इसका नाम रागिनी है और हम दोनों ही डांसर हैं।
मैंने भी उनके कान के पास मुंह ले जाकर कह दिया- आप दोनों बहुत सुन्दर और काफी स्मार्ट लग रही हो।
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