RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
उन सबके कमरे दूसरे फ्लोर पर ही मेरे कमरे के साथ लगे हुए थे तो उन लड़कियों को वहाँ लाने में कोई ख़ास वक्त नहीं लगा।
सबने अपनी अपनी नाइटी पहन रखी थी, सबने आते ही मुझको जफ्फी मारी और मैंने भी उनके मुम्मों और चूत को हाथ लगाया।
एक भाभी और 4 अनब्याही कन्याएँ आ धमकी और सब मेरे इर्द गिर्द घूम रही थी।
कम्मो ने पूछा- अब आप कैसे क्या करना चाहती हैं?
सबसे तेज़ रिया ही थी, वो बोली- चुपके चुपके और शांत ढंग से हम एक गेम खेलते हैं… ताश के पत्ते बांटे जाएंगे हम सबमें, जिसका पत्ता सब से कम नंबर का होगा उसको अपनी नाइटी उतारने होगी, इसके बाद जब सबकी नाइटी उतर जायेगी तो फिर हम तय करेंगी कि कौन सी लड़की पहले चुदेगी सोमू से! ठीक है ना?
कम्मो बोली- मेरे ख्याल से हम ऐसे ताश के पत्ते खेलते हैं जिसका पत्ता सब से बड़ा निकलेगा, उसको पहले चोदा जाएगा और इसी तरह हम यह तय कर लेते हैं कि किसकी बारी कब! क्यों यह ठीक नहीं क्या? इससे छोटे मालिक को भी वक्त मिल जाएगा आराम के लिए?
सबने कहा- हाँ हाँ यह ठीक रहेगा।
ताश के पत्ते बंटने लगे और जब सबने अपने पत्ते खोले गए तो जूही भाभी नो.1 पर थी और प्रेमा न. 2 पर और इसी तरह ही बाकी सबका नंबर लग गया।
कम्मो ने कहा- जूही भाभी और प्रेमा अपनी नाइटी उतार दें और बाकी भी सब अपनी अपनी नाइटी उतार दें और सब आपस में प्यार करना शुरू कर दें। छोटे मालिक के पास इतना वक्त नहीं होगा कि हर किसी लड़की को तैयार करें सो आप सब अपनी अपनी साथिन के साथ लग जाओ, चूमो, चाटो और खूब आनन्द लो लेकिन ध्यान रहे कि कोई भी शोर नहीं होना चाहिए।
मैं बोला- कम्मो रानी, मैं चाहता हूँ कि आज सब लड़कियाँ मिल कर या फिर बारी बारी मेरा रेप करें। एक समय में कम से कम दो लड़कियाँ मुझ पर पीछे से हमला करेंगी और फिर मेरा रेप करेंगी। मेरे हाथ बाँध दिए जायें ताकि मैं किसी को रोक नहीं सकूँ। क्यों यह खेल कैसा रहेगा सुंदरियों?
सब लड़कियाँ और भाभी चहक उठी और कम्मो ने फैसला किया कि सब अपनी अपनी बारी से दो दो कर के मुझको रेप करेंगी।
सबसे पहले कम्मो ने मेरे हाथ एक दुपट्टे से बाँध दिए और फिर मुझको नंगा करके खड़ा कर दिया और सबसे पहली टोली जिस में जूही भाभी और प्रेमा शामिल थी, ने मिल कर मुझको पीछे से पकड़ा और मुझ को खींचते हुए बेड पर ले गई।
जूही भाभी मुझको बेतहाशा होटों पर चूमने लगी और उनके मोटे मुम्मे मेरी छाती में धंसे जा रहे थे लेकिन मैं उनको हाथ नहीं लगा सकता था।
उधर प्रेमा ने मेरे लंड को अपने कब्ज़े में किया हुआ था और वो उसको ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी।
अब भाभी ने अपनी पोजीशन प्रेमा के साथ बदली और वो मेरा लंड चूसने लगी और प्रेमा मेरे सारे चेहरे को चुम्मियों से गीला करने में लगी हुई थी, वो भी बार बार अपने मुम्मों को मेरी छाती से रगड़ रही थी।
थोड़ी देर में ही जूही भाभी मेरे ऊपर बैठ सी गई और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर जल्दी जल्दी ऊपर नीचे होने लगी। उसकी आँखें मेरी आँखों पर टिकी हुई थी और वो ऐसे व्यवहार कर रही थी कि मेरे द्वारा किये हुए सारे ज़ुल्मों की सजा मुझको अभी दे देना चाहती थी।
इस कश्मकश में जूही भाभी बहुत ही जल्दी ही छूट गई और कंपकपाती हुई मेरे ऊपर लेट गई और तब कम्मो ने उसको मेरे ऊपर से उठाया और प्रेमा ने जल्दी से उसका स्थान लेने के लिए आगे आने लगी।
फिर कुछ सोच कर उसने मुझ को पलंग पर से उठा दिया और कहने लगी कि वो खड़ी होकर चुदवाना चाहती है, मुझको सहारा देकर उसने उठाया और खुद पलंग पकड़ कर झुक कर खड़ी हो गई और मैंने उसके पीछे खड़े होकर अपने अकड़े लंड को उसके चूतड़ों पर रख दिया और प्रेमा ने हाथ डाल कर उसको चूत के मुंह पर रख कर कहा- धक्का मारो मेरी सरकार!
मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड एकदम गीली चूत में फटाक से घुस गया। जैसे ही मेरा गर्म लोहे के समान सख्त लंड प्रेमा के अंदर गया तो वो एकदम से तिलमिला उठी।
मैंने भी बड़ी तेज़ धक्काशाही शुरू कर दी और अपने बंधे हाथों को प्रेमा के चूतड़ों पर रख कर बड़ी तेज़ स्पीड से चुदाई शुरू कर दी क्योंकि मैं चाहता था कि वो जल्दी ही झड़ जाए तो तीसरी चूत से मिलन हो जाये।
प्रेम की टाइट चूत में भी जल्दी ही हरकते उल अंसार होने लगी और वो जल्दी ही हाय हाय करती हुई झड़ गई।
झड़ते वक्त उसकी चूत में सिकुड़न होने लगी और उसकी चूत मेरे लंड को दोहने की कोशिश करने लगी लेकिन आखिर में चूत को ही हारना पड़ा।
जैसे ही प्रेमा झड़ी, उसी वक़्त दो और लड़कियाँ आ गई और मुझसे चिपट कर मुझको चूमने और चाटने लगी। उनमें से एक रिया थी और दूसरी सुधा थी।
रिया नीचे बैठ कर मेरे गीले लंड को चूसने लगी और सुधा मेरी छाती के छोटे निप्पल को चूसने लगी। सुधा के ऐसे करने से मुझको बहुत गुदगुदी हो रही थी लेकिन मैं भी हँसते हुए उछल कूद रहा था।
मैंने बंधे हाथों से ही सुधा के सॉलिड बूब्स को छूना शुरू कर दिया और अपने मुंह को नीचे कर के उनके निप्पल को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा और अपने लंड को भी रिया के मुंह में आगे पीछे करने लगा।
अब रिया उठी और पलंग पर घोड़ी बन गई, मैं भी उसके पीछे बैठ गया और अपने लंड को चूत के मुंह पर रखा और एक धक्के में पूरा का पूरा अंदर कर दिया।
रिया पूरे जोश में थी, वो शुरू से हर धक्के का जवाब डबल धक्के से दे रही थी और मेरी इस चुदाई को पूरी तरह से एन्जॉय कर रही थी क्यूंकि उसको पता था कि कल वो सब अपने अपने घरों में चले जाएँगी।
रिया की तेज़ी की वजह से वो जल्दी ही छूटने के कगार पर पहुँच रही थी लेकिन मैं रिया को काफ़ी चाहने लगा था तो मैं अपनी स्पीड धीरे कर देता था जिसके कारण रिया का छूटना भी रुक जाता था।
यह सब कम्मो की तेज़ नज़रों से नहीं छुप सका, उसने मेरे कान में कहा- मालिक जल्दी कीजिये, अभी लाइन में और भी हैं।
मैंने फिर अपनी स्पीड तेज़ कर दी और अंतिम क्षणों में इतने तेज़ धक्के मारे कि रिया जल्दी ही स्खलित हो गई और ज़ोर से मेरे लंड से अपने चूतड़ों को चिपका दिया और काफी कांपती रही कुछ देर तक!
सुधा रिया के हटने की इंतज़ार कर रही थी और जैसे ही रिया हटी तो सुधा मेरे से लिपट गई और मुझको बड़ी बेरहमी से चूमने लगी और मेरे सारे शरीर पर हाथ फेरती रही।
फिर उसने मुझको बिस्तर पर बैठा दिया और खुद अपनी टांगें चौड़ी कर मेरे सामने बैठ गई, अपनी टांगें मेरी दोनों तरफ करके खुद मेरे लंड की सीध में बैठ गई और मेरे बंधे हाथों को अपनी पीठ के पीछे ले गई जिससे हम दोनों छाती से छाती जोड़ कर बैठ गए।
अब उसने अपनी गीली चूत में मेरा लंड फिट किया और खुद ही धक्का मार कर लंड को पूरा अंदर ले गई।
मेरे बंधे हाथ सुधा की पीठ के पीछे थे, मैंने उनको उसके चूतड़ों के नीचे फिट किया और उनके सहारे सुधा मुझको सही मायने में चोदने लगी।
धक्कों की स्पीड अब पूरी सुधा के हाथ में थी, उसने पहले धीरे धीरे धक्कों से शुरू कर के तेज़ धक्कों की और बढ़ने लगी और मैं भी उसके गोल सॉलिड मुम्मों को चूसने में लगा हुआ था।
जब वो धक्कों की तेज़ स्पीड पकड़ने लगी तो मैंने अपनी एक हाथ की मध्य तर्जनी को उसकी गांड में डाल दिया। और वो तो अब इतनी तेज़ी से धक्के मारने लगी कि कुछ ही क्षणों में वो धराशायी हो गई और उसकी चूत ने मेरे लंड के रस को दूध की तरह दोहने का प्रयत्न शुरू कर दिया।
फिर वो बेइन्तेहा जोश से मुझसे चिपकी रही काफी देर तक और वो शायद अभी भी ना हटती अगर कम्मो उसको मुझको छोड़ने के लिए ना कहती।
अब कम्मो ने कहा- चुदाई में अब इंटरवल दिया जाता है, छोटे मालिक के बंधे हाथ खोल दिए जाएँ ताकि वो बाथरूम वगैरह जा सकें।
बाथरूम से आकर मैंने पूछा- कितनी और?
कम्मो बोली- अभी दो और हैं, अगर आप थक गए हैं तो इन दो को रात में चोद देना तो इस तरह सारी चुद जाएंगी।
मैंने कहा- यह ठीक है, इन चारों को अपने कमरे में छोड़ आओ और बाकी दो मेरे बिस्तर की शोभा बढ़ाती रहेंगी।
जब बाकी चारों कपड़े पहनने शुरू कर ही रही थी तो मैंने कहा- इन सबका ब्यूटी कांटेस्ट कर लेती ना लेकिन वो तन्वी भाभी, रेवा और सांवरी भी नहीं हैं तो रहने दो।
सबने अपने नाइटी पहननी शुरू कर दी और थोड़ी देर में वो सब अपनी नाइटी पहन कर तैयार हो गई जाने के लिए। जूही भाभी और बाकी सब लड़कियों ने मुझको जाने से पहले भाव भीनी चुम्मियाँ और टाइट जफ्फी मारी और मेरा शुक्रिया अदा किया और कहा- सोमू यार, तुम तो कमाल की चीज़ हो, तुम जैसा लड़का हमने आज तक नहीं देखा जिसका लंड हमेशा ही खड़ा रहता है? ऐसे कैसे हो सकता है यार?
मेरी जगह कम्मो ने जवाब दिया- ऐसा है भाभी जी, मैंने छोटे मालिक को बड़ी छोटी उम्र से पाला है और मैं इनके साथ काफ़ी समय से हूँ। मैं इनको बहुत अच्छी तरह से जानती हूँ, इनको एक मेडिकल प्रॉब्लम है जिसके कारण ज़रा सा भी कोई इनके लंड को छूता है तो वो तुरंत खड़ा हो जाता और काफी समय वो ऐसे ही खड़े रहता है चाहे वो इसका इस्तेमाल करें या ना करें।
डॉक्टरों से भी चेक करवाया था लेकिन वो यही कहते हैं कि यह बिमारी लाइलाज है। वैसे छोटे मालिक अगर ना चाहें तो भी इनके खड़ा लंड से वीर्य डिस्चार्ज नहीं होता। आप सब ने नोट किया हो गा कि आप सब की चुदाई करते समय छोटे मालिक के लंड से कोई वीर्य नहीं निकला आप किसी की भी चूत में!
यह इस बात की गारंटी है कि इनके द्वारा चुदाई एकदम सेफ है और किसी भी लड़की या औरत को कभी कोई नुक्सान नहीं होने देते अगर उसकी स्वयं की मर्ज़ी प्रेग्नेंट होने की ना हो तो!
भाभी बोली- अच्छा ऐसा है क्या? मुझ को पहले बतला नहीं सकते थे क्या? उफ्फ्फ मेरे से कितनी बड़ी गलती हो गई।
कम्मो बोली- क्या गलती हो गई भाभी?
भाभी बात छुपाते हुए बोली- कुछ नहीं, लड़कियो, तुम अपना काम करवा चुकी हो, जाओ यहाँ से, जल्दी करो कहीं कोई ना आ जाए यहाँ।
तभी सब लड़कियाँ कपड़े पहनने लगी जल्दी जल्दी और फिर कम्मो उन सबको छोड़ने के लिए उनके साथ चली गई।
अब सिर्फ जूही भाभी ही रह गई और वो मुझको बड़ी प्यार भरी नज़रों से देखने लगी और धीरे धीरे वो मेरे निकट आने लगी, पास आकर मुझसे लिपट गई और मेरे होटों पर प्रगाढ़ चुम्बन देने लगी।
मैं भी भाभी की चूत पर छाई काली ज़ुल्फ़ों के साथ खेलने लगा और उसके मस्त गोल और मोटे स्तनों को मसलने लगा। मैंने मज़ाक में पूछा- क्यों भाभी, अभी और चुदवाने की इच्छा है क्या?
भाभी मेरे गले में बाहें डालते हुए बोली- यार सोमू, कम्मो ने पहले नहीं बताया कि तुम मुझको गर्भवती बना सकते हो, नहीं तो मैंने अभी तक तुमसे गर्भ धारण कर लिया होता।
अब मैं समझा कि जूही भाभी क्यों रुक गई थी, बाकी लड़कियों के साथ नहीं गई थी।
जब कम्मो वापस आई तो दरवाज़ा थोड़ा भिड़ा हुआ था, उसको खोल कर वो कमरे के अंदर आ गई।
जूही भाभी ने झट उसको घेर लिया और शिकायत के लहजे में बहभी बोली- कम्मो बहन, बता देती तो मैं भी सोमू से प्रेग्नेंट होने की कोशिश करती ना! तुम तो जानती हो मेरा पति तो एकदम निकम्मा है साले से कुछ नहीं होता। यह मौका था कि मैं सोमू से गर्भ धारण कर लेती?
भाभी यह कहते हुए एकदम से रोने लगी और तब कम्मो ने उसको मुश्किल से चुप करवाया।
कम्मो बोली- भाभी, अब तो कुछ नहीं हो सकता, आप तो कल वापस जा रही हो ना?
भाभी बोली- अगर मैं कल रुक जाऊँ तो कुछ हो सकता है क्या?
कम्मो भाभी को लेकर एक कोने में चली गई और उससे कुछ पूछताछ करने लगी और फिर वापस आकर कहने लगी- छोटे मालिक, भाभी गर्भ के लिए तैयार है, आप उसको आज रात दो तीन बार चोद दो तो शायद यह भी गर्भवती हो जाए, कोशिश कर देखने में क्या हर्ज है?
मैं बोला- कोई हर्ज नहीं, पर अभी भाभी को मेरे साथ सोना पड़ेगा?
भाभी बोली- वो तुम्हारी मम्मी ने तो यह कमरा मुझको और एक लड़की को सोने के लिए दिया था और तुम्हारे साथ रूम शेयर करने के लिए भी कहा था।
कम्मो बोली- तो फिर ठीक है छोटे मालिक, आज रात को आपको चोदेंगे और आगे आपकी किस्मत है कि आप गर्भवती हो जाती हो या नहीं!
मैंने कहा- कम्मो तुम को भी यहाँ सोना पड़ेगा आज की रात और मैं छोड़ूंगा नहीं तुमको भी!
कम्मो हँसते हुए बोली- मत छोड़ना मुझको और भाभी को भी!
पर्बती की ना और बाद में मेरी भी ना
मैंने कहा- कम्मो, तुमको भी यहाँ सोना पड़ेगा आज की रात और मैं छोड़ूंगा नहीं तुमको भी!
कम्मो हँसते हुए बोली- मत छोड़ना मुझको लेकिन भाभी का काम कर दो, वरना वो बच्चा कहाँ से लाएगी अपने जीवन में!
मैं बोला- भाभी की मुराद तो पूरी करनी ही है लेकिन उनसे पूछ लो की उनका पति वापस जाने पर चोद सकेगा क्या?
भाभी बोली- वो साला अफीमची है तो मैं उसको जाते ही घेर लूंगी और जैसे भी होगा, उससे चुदवा लूंगी।
कम्मो बोली- तो फिर उतारो नाइटी और शुरू हो जाओ!
मैं तो तैयार था ही और जल्दी से भाभी को जफ्फी मारी, उसके सुंदर होटों पर एक हॉट किस करते हुए मैं उसको जल्दी ही बेड पर ले गया और उधर कम्मो ने भी अपने कपड़े उतार दिए और वो भी चुदाई के मैदान में कूद पड़ी!
जूही भाभी को उस रात मैंने 3 बार चोदा और हर बार मैंने उसकी चूत मैं अपना गाढ़े वीर्य की पिचकारी छोड़ी जो उसके गर्भदानी के अंदर तक चली गई होगी, ऐसा मेरा अनुमान है।
हर बार भाभी की चूत को कम्मो ने गर्भ वाली पोजीशन में रखा ताकि उसको गर्भ ठहरने की पूरी उम्मीद बनी रहे।
जब भाभी थक कर गहरी नींद में सो गई तो मैंने कम्मो की एकदम गीली चूत को भी चोदा और उसका दो बार छुटाया और साथ में यह वायदा भी ले लिया कम्मो से की अगली रात में वो निम्मो और पर्बती को भी घेर कर लाएगी मेरे पास!
कम्मो बोली- हाँ, कल तक तो सारे मेहमान चले ही जाएँगे तो वो खाली होंगी दोनों। निम्मो को तो आपने पहले ही चोद रखा है, पर्बती है जो नई है. उसका भी कुछ जुगाड़ करती हूँ, आप निश्चिन्त रहे छोटे मालिक।
रात को हम दोनों काफी देर बाद सोये लेकिन सोने से पहले मैंने कम्मो से पूछा कि यह भाभी गर्भवती हो पायेगी कि कह नहीं सकते।
कम्मो ने विश्वास दिलाया कि सवेरे तक वो बता देगी कि उसका कुछ काम हुआ या नहीं अन्यथा उसको लखनऊ शहर में बुला लेंगे और वहाँ इतमीनान से इन को गर्भवती कर देना।
अगले दिन जाने से पहले सब लड़कियाँ मुझ से मेरे कमरे में मिलने आयी और मुझ को बहुत ही हॉट जफ्फी मारी चुम्मियाँ भी ली और थैंक्स भी कहा।
सांवरी और रेवा जो बाद में जाने वाली थी, उनके भी भाई आ गए थे, वो भी सबके साथ सवेरे का नाश्ता पानी करके अपने अपने घरों के लिए चली गई थी।
लड़कियों से मिलने के बाद दोनों भाभियाँ भी आईं मुझसे मिलने और मेरा बहुत धन्यवाद करने लगी क्यूंकि कम्मो ने कन्फर्म कर दिया था कि वो दोनों भी प्रेग्नेंट हो चुकी हैं।
सब मेहमानों के जाने के बाद मम्मी और पापा और मैं बैठक में बैठे थे कि पापा जी बोले- वाह सोमू, तुम तो लखनऊ जाकर पूरे ट्रेंड हो गए कि कैसे मेहमानों का स्वागत करना है और कैसे उनका ध्यान रखना है… बहुत खूब सोमू, वेल डन!
मम्मी भी हँसते हुए बोली- तुमने लड़कियों का काफी अच्छा ख्याल रखा और सब तुम्हारी तारीफ़ कर रही थी। अच्छा कोई इनमें से पसंद आई तुमको अपनी दुल्हन के रूप में?
मैं एकदम से हैरान हो गया- क्या बात कर रही मम्मी जी? मैं और शादी अभी? कभी नहीं। अभी में तो कॉलेज के प्रथम साल में हूँ मम्मी जी! मुझ को कम से कम बी ए तो कर लेने दो फिर सोचना शादी का, क्यों पापा जी आपका ख्याल है?
पापा बोले- सोमू ठीक कह रहा है अभी इसको पढ़ने दो शादी की बाद में सोचेंगे।
आज कोई काम नहीं था, मैं पापा की बाइक लेकर अपने गाँव ही घूम आने की बात सोच ही रहा था कि कम्मो मेरे कमरे में आ गई और बोली- छोटे मालिक क्या करने का विचार है आज आपका?
मैं बोला- मैं सोच रहा था कि ज़रा गाँव ही घूम आते हैं! क्यों ठीक नहीं क्या?
कम्मो बोली- ठीक है, घूम आइये लेकिन मैंने पर्बती से बातचीत की है, वो कह रही थी हवेली में तो आपसे मिलना उसके लिए ठीक नहीं सो कहीं और जगह मिल लेते हैं?
मैं हैरान होकर बोला- वो ऐसा क्यों बोली?
कम्मो हँसते हुए बोली- उसको मम्मी जी का डर है, इसलिए! मैंने कहा भी कि मम्मी जी कभी ऊपर सोमू के कमरे में रात को नहीं जाती लेकिन वो अभी भी डर रही है।
मैं बोला- तो फिर क्या करें?
कम्मो बोली- आप उसको कॉटेज में क्यों नहीं मिल लेते आज लंच के बाद?
मैं बोला- तुमको भी तो वहाँ रहना ज़रूरी है ना तो तुम भी चलो!
कम्मो बोली- ठीक है मैं भी चल पडूँगी उसके साथ!
खाना खाकर कम्मो आ गई और कहने लगी- कैसे चलेंगे वहाँ?
मैंने कहा- बाइक पर चलते हैं, तुम दोनों पीछे बैठ जाना, क्यों ठीक नहीं क्या?
कम्मो बोली- ठीक तो है, पर यह गाँव खेड़ा है यहाँ मालिक और नौकरों के बीच फर्क रखा जाता है।
मैं बोला- ठीक है, मैं पहले चलता हूँ बाइक पर, तुम दोनों आ जाना पैदल।
मैं बाहर निकला और पापा की बाइक उठाई और थोड़े समय में कॉटेज पहुँच गया और चौकीदार को कोक की बोतलें और बर्फ लाने के लिए भेज दिया।
दस पंद्रह मिन्ट में वो दोनों भी पहुँच गई।
पर्बती दिखने में सुंदर थी, चाहे उसका रंग सांवला था लेकिन उसका जिस्म भरापूरा था और वो चाल में मस्तानी और आँखों से शराबी लग रही थी।
वो बिना कुछ बोले ही अंदर आ गई और कम्मो उसके पीछे आई।
दोनों को बिठा कर मैं अंदर घूमने लगा और फिर थोड़ी देर बाद चौकीदार कोकाकोला की बोतलें भी दे गया।
कम्मो ने बोतलें खोल कर हम सब के हाथ में दे दी।
फिर मैं बोला- क्यों कम्मो। आगे का क्या प्रोग्राम है?
कम्मो बोली- आप बोलो, क्या करना है। पर्बती से बात की थी लेकिन वो बोली कि छोटे मालिक तो लड़के लगते हैं वो पूरी तरह से मर्द नहीं हैं। अभी तो मैं चुप कर गई।
मैं हंस पड़ा- हाँ, पर्बती ठीक कहती है लेकिन एक बात तो है यह खाना बड़ा ही लज़ीज़ बनाती है इसमें कोई शक नहीं। बिल्कुल अपनी पारो की तरह… क्यों?
कम्मो बोली- हाँ छोटे मालिक, वो भी तो कहती थी ना कि आप तो अभी लड़के लगते हैं।
मैं बोला- वही तो, ऐसा करते हैं हम दोनों पर्बती को एक नमूना दिखाते हैं फिर उसके ऊपर छोड़ देते हैं जैसे वो चाहे, क्यों पर्बती?
पर्बती कुछ नहीं बोली और हम तीनों बैडरूम में चले गये। वहाँ कम्मो मेरे कपड़े उतारने लगी, जब वो मेरे कच्छे तक पहँची तो अपना मुंह पीछे कर लिया और फिर मेरे कच्छे को नीचे खींच लिया।
जैसे ही उसने कच्छे को उतारा मेरा लंड एकदम खड़े नाग की तरह उछल कर बाहर आ गया और कम्मो ने उसको अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी।
मैंने उसको उठाया और उसके कपड़े उतारने लगा जैसे कि पहले उसकी साड़ी को उतारा और फिर उसके हल्के नीले ब्लाउज को उतार दिया और एकदम सफ़ेद ब्रा से ढके मुम्मों को आज़ाद किया।
और अब मैंने उसके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया, उसका पेटीकोट झट से नीचे उतर गया, मैंने अपने मुंह को उसकी चूत पर छाई काली घटाओं में छुपा लिया और उसकी चूत में से निकल रही खुशबू को सूंघने लगा।
फिर मैं खड़ा हो कर उसके मुम्मों के चूचुकों को चूसने लगा और कम्मो का हाथ मेरे लौड़े से खेल रहा था।
हम दोनों पर्बती से बेखबर अपनी काम क्रीड़ा में लगे हुए थे और अब कम्मो खड़े होकर चुदवाने के लिए तैयार हो गई। मैंने उसको बिस्तर पर थोड़ा झुकाया और पीछे से अपने लम्बे लंड को उसकी गरम चूत में डाल दिया और फिर मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने में लग गया।
मेरे हाथ पीछे से कम्मो के मोटे और सॉलिड मुम्मों को मसलने में लगे हुए थे और कभी कभी उसके चूतड़ों पर भी हाथ की थपकी मार रहा था, कम्मो भी मेरे मूड को समझती हुई मज़े में चुदवा रही थी।
मैं अब उसको काफी गहरे धक्कों की चुदाई करने लगा था। मैंने महसूस किया कि कम्मो अपने छूटने की कगार पर पहुँच रही थी और अब मैंने उसकी बड़ी तेज़ चुदाई शुरू कर दी।
मेरी अंधाधुंध स्पीड के आगे मेरी गुरु कम्मो भी नहीं टिक सकी और अपने शिष्य से हार बैठी और जैसे ही उसका छूटा वो ज़ोर ज़ोर से काँपने लगी और मैंने उसको कस कर उसके चूतड़ों को अपने लंड के साथ जोड़ लिया।
जब वो छूट गई तो उसने मुझको अपने गले से लगा लिया और मेरे मुंह पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी।
जवाब में मैं भी उसको बार बार जफ्फी लगाने लगा और उसके गालों को चूमने लगा।
फिर हम दोनों थक कर पलंग पर एक दूसरे की बाहों में लेट गए।
तब मैंने पर्बती की तरफ देखा तो वो अपने एक हाथ को अपनी साड़ी के अंदर डाल कर चूत घर्षण कर रही थी।
मैंने और कम्मो ने पर्बती को पूरी तरह से इग्नोर किया और फिर हम दोनों अपने कपड़े पहनने लगे और वापस जाने के लिए तैयार हो गए।
तब पर्बती बोली- मेरा क्या होगा?
कम्मो बोली- तुम्हारा क्या होना है पर्बती? तुमने तो छोटे मालिक से करवाने के लिए इंकार कर दिया था, हम अब वापस चल रहे हैं।
पर्बती ने कहा- नहीं, मैंने दुबारा सोचा, मैं तैयार हूँ छोटे मालिक से करवाने के लिए!
मैं बोला- पर्बती, तुमने एक बार ना कर दी, मैं अब तैयार नहीं हूँ तुम्हारे साथ कुछ भी करने के लिए, चलिए कम्मो।
यह कह कर मैं बाहर निकल आया और अपने मोटर साइकिल की तरफ जाने लगा।
तब कम्मो मेरे पास आई और बोली- जाने दो छोटे मालिक, पर्बती से गलती हो गई है, उसको सुधारने दो ना!
मैं बोला- ऐसा नहीं कम्मो, मैं बिना किसी की मर्ज़ी के कुछ भी नहीं करता, पर्बती ने अपनी मर्ज़ी बता दी तो कहानी यहीं खत्म करो ना! अच्छा मैं चलता हूँ, तुम दोनों पीछे आ जाना।
यह कह कर मैं हवेली की तरफ चल दिया।
दोपहर के खाने के बाद मैं अपने कमरे में आराम कर रहा था और ना जाने कब मेरी आँख लग गई।
शाम की चाय लेकर कम्मो मेरे पास आई और कहने लगी- वो पर्बती बड़ी पछता रही है, आपसे माफ़ी माँगना चाहती है, आप मान जाइए ना प्लीज?
मैं बोला- ऐसा है कम्मो, मैं चाहता हूँ एक दो दिन उसको ज़्यादा घास मत डालो, उसके बाद देखेंगे! और हाँ, आज रात तुम और निम्मो आ जाना मेरे कमरे में!
कम्मो बोली- ठीक है छोटे मालिक, जैसे आप कहो! वैसे मेरी सलाह मानिए, पर्बती हमारे सारे राज़ जानती है, जैसे आपने उन मेहमान लड़कियों से कुछ किया, यह वो जानती है, हालांकि पूरी तरह से नहीं लेकिन थोड़ी बहुत तो जानती है। और फिर आज उसने हम दोनों को देखा है तो आप उसको माफ़ कर दीजिये और आज रात उसका काँटा खींच दीजिये।
मैं थोड़ी देर सोचता रहा और फिर बोला- ठीक है कम्मो डार्लिंग, जैसे तुम कहो वैसे ही कर लेंगे। और कोई नई लड़की या औरत आई है हवेली में?
कम्मो बोली- हाँ, आई तो है लेकिन वो सिर्फ दिन के काम के लिए है, रात को नहीं रहती यहाँ।
मैं बोला- कैसी है दिखने में? सेक्सी है क्या?
कम्मो अब हँसते हुए बोली- छोटे मालिक, आप भी न… कभी कभी सरकारी सांड की तरह व्यवाहर करते हो? अच्छी है देखने में और सेक्सी भी है और उसका पति भी यहाँ नहीं है, कई महीनों से वो आम भी पका हुआ है, तोड़ लेंगे कभी उसको।
मैंने कम्मो को जफ्फी मारते हुए कहा- वाह कम्मो रानी… अच्छा सुनो, उस दिन नदी पर एक बड़ी ही सुन्दर सांवली सी औरत नहा रही थी, उसके बारे में पता करो ना प्लीज!
कम्मो मुस्कराते हुए बोली- मैं उस दिन ही समझ गई थी कि आपकी नज़र इस काले हीरे पर ज़रूर पड़ेगी, मैंने उसके बारे में पूरा पता कर लिया है और समय आने पर उसको भी आपकी झोली में ज़रूर डाल दूँगी।
मैं इतना ज़्यादा खुश हो गया कि मैंने कम्मो को बाहों में भर कर एक ज़ोरदार किस उसके रसीले होटों पर जड़ दी।
उस रात पर्बती और निम्मो कम्मो के साथ आई और आते ही पर्बती ने मुझसे माफ़ी मांगी।
मैंने पर्बती से कहा- देखो पर्बती, मैं किसी भी औरत के साथ कोई ज़बरदस्ती नहीं करता और ना ही मैं अपने ज़मींदार साहिब के लड़के होने का नाजायज़ फायदा ही उठाता हूँ। आज तक जितनी भी औरतों या फिर लड़कियों से मेरे सम्बन्ध रहे है वो सब उनकी ख़ुशी और इच्छ से ही रहे हैं। जब कभी भी तुमको लगे कि तुमको किसी काम को करने की मर्ज़ी नहीं है तो खुल कर मुझसे या फिर कम्मो से कह दो और वो काम करने के लिए तुमको कोई मजबूर नहीं करेगा।
पर्बती बोली- आप ठीक कह रहे हैं छोटे मालिक, जैसा आप या फिर कम्मो बहन कहेंगी मैं वैसा ही करूंगी।
मैं बोला- तो आओ मुझको एक जफ्फी मारो और लबों पर गर्मागर्म चुम्मी दो।
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