RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
इंतज़ार करते हुए थोड़ी देर ही हुई थी कि कम्मो आ गई और मुस्कराते हुए बोली- वो दोनों भी आपके पास आने के लिए राज़ी हो गई हैं। वैसे उनकी मर्ज़ी बहुत थी लेकिन वो बन रही थीं कि कोई उनसे ख़ास तौर से कहे तो वो जाएँ।
मैंने कम्मो से पूछा- क्या तुमने अपनी तरफ से पूछा या फिर उन दोनों ने खुद ही पहल की?
कम्मो फिर मुस्कराई और बोली- वो ऐसा है छोटे मालिक, मुझको इतना तो ख्याल है कि हम नहीं चाहते कि उनसे ज़बरदस्ती की जाए। मैंने उनसे पूछा कि वो कब वापस जा रही हैं तो वो दोनों बोली कि उनको लेने आने वाले भाई का फ़ोन आया था कि वो परसों आएंगे तो वे दिन और ठहरेंगी। मैंने उनसे कह दिया कोई बात नहीं जब तक वो चाहे वो ठहर सकती हैं।
मैं बोला- फिर उन्होंने क्या कहा?
कम्मो बोली- उनको आप से अकेले में मिलने की बहुत इच्छा है। मैंने कहा कि वो आज रात आ सकती हैं मिलने के लिए अगर उनकी मर्ज़ी है तो!
दोनों ने कहा कि वो आएँगी आज रात ज़रूर।
मैंने कहा- क्या तुमने उनको बता दिया कि मिलने पर क्या संभव है?
कम्मो बोली- साफ़ साफ़ तो नहीं बताया लेकिन इतना ज़रूर पूछा कि क्या वो कुंवारी हैं? दोनों ने कहा कि ‘नहीं उनकी तो सील टूटी हुई है।’
हम यह बातें कर ही रहे थे कि दरवाज़ा जो खुला था थोड़ा खटका और फिर वो दोनों अंदर आ गई।
मैंने बड़ी गरम जोशी से कहा- आइये आपका ही इंतज़ार कर रहे थे हम दोनों !
दोनों काफी शरमा रही थी और उनकी सुन्दर फुलकारी साड़ियाँ बहुत ही सुंदर लग रही थी उनके शरीर पर!
कम्मो ने कोक की बोतलें मंगवा के रखी हुई थी, वो उनको पीने को दी और फिर बातों ही बातों में कम्मो ने उनसे पूछ लिया कि क्या वो किसिंग के लिए या फिर चुदाई के लिए आई हैं?
दोनों ने सर नीचे किये ही कहा कि जैसा सोमू जी कहें वो उनको मंज़ूर है।
मैं बोला- तो फिर देर काहे की आइये शुरू करें।
मैं उन दोनों के पास गया और उनको अपने आलिंगन में ले लिया और फिर मैंने उनको लबों पर एक एक गर्म चुम्मी जड़ दी।
पहले रेवा को और फिर सांवरी को लबों पर चूमने और चाटने लगा और उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके गोल और सॉलिड मुम्मों को दबाने लगा।
दोनों ने आँखें बंद की हुई थी लेकिन मैं समझ रहा था कि उनको बहुत आनन्द आ रहा था।
अब कम्मो ने आगे बढ़ कर उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिए।
सब से पहले रेवा के कपड़े उतारे और वो बहुत ही खूबसूरत जिस्म वाली लड़की लग रही थी, उसके उरोज उन्नत और सॉलिड थे और एकदम मस्त सफेदी लिए हुए थे।
मैं सांवरी के कपड़े उतारने लगा और उसके ब्लाउज को उतारते ही उसके सॉलिड सांवले मम्मे जम्प करके सामने आ गए।
सांवरी का जिस्म सांवला ज़रूर था लेकिन निहायत ही सेक्सी और आकर्षण वाला जिस्म था।
जब मैंने उसका पेटीकोट नीचे किया तो उसके काले चमकीले बालों से भरी हुई चूत एकदम आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी।
उधर कम्मो भी रेवा को नग्न कर के मेरे सामने ले आई।
अब कम्मो मेरे कपड़े उतारने के लिए आगे बढ़ी तो रेवा ने उसको रोक दिया, स्वयं आगे आकर मेरे कुर्ते को उतार दिया और जैसे ही उसने मेरा कुरता उतारा, मैंने झुक कर उन दोनों का अभिवादन किया।
और फिर जब उसने मेरा पजामा उतारा तो मैंने अपने खड़े लंड के साथ फिर एक बार झुक कर दोनों का अभिवादन किया ठीक उसी तरह जैसे कि रेवा ने नदी किनारे अपने कपड़े उतारते हुए किया था।
रेवा यह देख कर झेंप गई लकिन मैं बड़ा ही आनन्दित महसूस कर था।
मैंने रेवा को उसके लबों पर चूमना शुरू कर दिया अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल कर उसकी जीभ से खेलने लगा।
उधर कम्मो ने सांवरी को पकड़ रखा था और उसको लेकर पलंग की ओर बढ़ रही थी और उसको लिटा कर उसके मुम्मों और चूतड़ों को छेड़ रही थी।
मेरा एक हाथ रेवा की चूत में गश्त लगा रहा था और उसकी मुलायम चूत के बालों में ऊँगली चलाते हुए कभी कभी उसकी भग पर भी उंगली चला रहा था।
रेवा की चूत एकदम गीली हो चुकी थी, मैंने उसको अपनी बाहों में उठा लिया और उसकी चूत को लंड के सामने लाकर उसकी चूत में अपना लोहे के समान लंड घुसेड़ दिया। एक ही धक्के में लंड पूरा का पूरा अंदर घुस गया और मैंने उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उसको लंड के ऊपर आगे पीछे करने लगा और साथ में अपने मुंह में उसके मुम्मों के गोल चूचुकों को चूसने लगा।
रेवा ने अपने बाहें मेरे गले में डाल रखी थी और वो झूला झूलते हुए चुद रही थी।
अब मैंने एक उंगली रेवा की गांड में भी डाल दी जिससे वो बहुत भड़क उठी और तेज़ी से मेरे हाथों के झूले में आगे पीछे होने लगी और जल्दी ही अपनी गर्दन को एकदम पीछे कर के ज़ोर से हुंकार भरती हुई झड़ गई।
जैसे ही उसकी चूत से ढेर सारा पानी छूटा, वो कांपती हुई मेरे जिस्म से चिपक गई।
मैंने उसको ले जाकर पलंग पर लिटा दिया और वहीं लेटी हुए सांवरी के साथ दूसरी तरफ जा कर लेट गया।
अब कम्मो उठ कर रेवा के पास आ गई और उसके जिस्म को पौंछने लगी और उसकी चूत में से निकल रहे रस को साफ़ करने लगी।
इधर मैंने सांवरी की टांगों में बैठ कर उसकी चूत में हाथ डाला तो वो कम्मो ने पूरी तरह से तैयार कर रखी थी। उसके होटों पर एक गर्म चुम्मी जड़ते हुए मैंने अपने खड़े लंड को सांवरी की चूत के ऊपर रख दिया और एक हल्का सा धक्का मारा और लंड सारा का सारा अंदर चला गया।
मैं अब बड़े धीरे धीरे सांवरी की फैली हुई टांगों के बीच चूत के अंदर गए लंड को आगे पीछे करने लगा।
सांवरी की टांगों को मैंने हवा में उठा दिया था सो उसको बड़े ही हल्के और कभी तेज़ धक्कों से इत्मीनान से चोदने लगा।
वो भी हर धक्के का जवाब दे रही थी और अपनी चुदाई में पूरी तरह से सहायक बन रही थी, उसके छोटे मगर सॉलिड मुम्मे मेरी छाती से चिपके हुए थे और बाद में मैं उनके चूचुकों को अपने मुंह भी ले रहा था और गोल गोल चूस रहा था।
थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि सांवरी जल्दी ही छूट जायेगी, मैंने धक्कों की स्पीड बहुत ही तेज़ कर दी और उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर मैं बहुत ही गहरी स्ट्रोक्स मारने लगा जो पूरी उसकी चूत के अंत तक जा रही थी।
जब वो हाय-हाय करने लगी तो मैंने उसकी कमर को कस कर अपने हाथों में ले कर बहुत ही तेज़ स्पीड से उसकी चुदाई शुरू कर दी।
वो जल्दी ही ‘उफ्फ मेरी माआआआ मैं गई…’ कहती हुए छूट गई। तब उसने अपनी बाहों में मुझको पूरी ताकत से बाँध लिया और कमर से मुझको अपनी कैद में ले लिया।
मैं ज़रा भी नहीं हिल सकता था जब तक सांवरी पूरी तरह से स्खलित नहीं हो गई।
उसके बाद ही उसने मुझको अपनी लोहे के समान गिरफ़्त से आज़ाद किया, उसके ऊपर से उठने से पहले मैंने उसको एक भाव भीनी चुम्मी दी उसके लबों पर और उसके मुम्मों को चूमते हुए मैं उसके ऊपर से उठ गया।
कम्मो ने इशारे से मेरी नज़र उसकी चूत में से निकले पानी की तरह दिलाई जो उस वक्त बिस्तर की चादर के ऊपर पड़ा हुआ था।
कम्मो बोली- वाह, कमाल की छुटास है सांवरी की चूत की, ऐसी मैंने कभी न देखी ना सुनी थी इससे पहले!
रेवा भी आ गई और सांवरी की चूत से निकले पानी को देख कर वो भी हैरान थी।
सांवरी चुप रही और कुछ नहीं बोली और ना ही हम में से किसी ने इस बात को दुबारा उठाया।
कम्मो बोली- क्यों लड़कियों, अब क्या मर्ज़ी है तुम दोनों की?
रेवा और सांवरी एक साथ बोली- एक बार और कर देते सोमू जी तो मज़ा आ जाता!
कम्मो बोली- आप दोनों तो कल रात भी रुक रही हो ना, कल फिर तुम्हारा काम कर देंगे छोटे मालिक। क्यों छोटे मालिक?
मैं बोला- हाँ हाँ क्यों नहीं, अगर दोनों की यही इच्छा है तो कल फिर इनको मज़ा दे देंगे।
कम्मो बोली- चलो तो फिर आप कपड़े पहनो और मैं आपको आप के कमरे में छोड़ आती हूँ।
दोनों कपड़े पहनने लगी और मैं उनको बड़ी हसरत से देखता रहा क्यूंकि रेवा और सांवरी दोनों ही सुंदर शरीर की मालकिन थी और उनकी टाइट चूतों को चोद कर बड़ा आनन्द आया था।
जाने से पहले दोनों ही मेरे पास आईं और मेरे खड़े लंड को चूम कर जाने लगी तो मैंने रोक दिया और उनको होटों पर एक मस्त चुम्मी देकर कहा- कल फिर आप का स्वागत करेंगे हम सब!
यह कह कर वो चली गई।
कम्मो कहने लगी- अभी तो रात के 11 बजे हैं, आप कम से कम दो और लड़कियों का काम कर सकते हैं। क्यों छोटे मालिक?
मैं बोला- मुझको तो कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन कम्मो डार्लिंग क्या यह सब मम्मी के जागते हुए संभव है क्या? अभी हमने रिस्क लिया था लेकिन रिस्क बार बार लेना उचित होगा क्या?
कम्मो बोली- शायद आप ठीक कह रहे हैं छोटे मालिक, मैं उनको कह आती हूँ कि और किसी का यहाँ आना सम्भव नहीं आज!
मैं बोला- कम्मो डार्लिंग उनमें ऐसी कौन है जिसको खुश करना ज़रूरी है अभी? सब तो चुद चुकी है एक दो बार कम से कम, ऐसा करो उन सबको यहाँ बुला लेते हैं और खूब मस्ती करते हैं सब मिलकर, क्यूँ यह ठीक है ना? जो बहुत गर्म हो जायेगी उसको चोद भी देंगे हम सब मिल कर, क्यों यह ठीक है ना?
कम्मो एकदम खुश हो गयी और बोली- मैं उनको बुला लाती हूँ. साली कुछ की चूत में तो बहुत ही खुजली होवत है रे!
मैं बोला- तो इन सब का लाइए ना, हम खुजली मिटावन का ही तो काम करते हैं न!
कम्मो ज़ोर से हंस दी और लड़कियों के कमरे में चली गई।
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