RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
लूसी और रेनू की सील तुड़वाई की तैयारी
अगले दिन जस्सी और जेनी मुझको कॉलेज की कैंटीन में मिल गई, उनके साथ दो वेल ड्रेस्ड लड़कियाँ थी जिनकी आयु शायद 18-19 वर्ष लग रही थी।
जेनी ने अपनी रूममेट से मिलवाया जिसका नाम लूसी था और दिखने में काफी सुंदर और स्मार्ट थी।
फिर जस्सी ने अपनी सहेली से मिलवाया जिसका नाम रेनू था वो भी काफी सुंदर और स्मार्ट थी।
दोनों का शरीर काफी भरा हुआ था और खिलता हुआ रंग रूप था।
मैंने कहा- तुमने दोनों को समझा दिया है कि क्या करना होता है और उन दोनों का पक्का इरादा है यह काम करवाने का? आप दोनों अच्छी तरह से सोच समझ लें क्योंकि एक बार तीर निकल गया तो वापस आना सम्भव नहीं है।
दोनों ने शर्माते हुए हाँ में सर हिला दिया।
मैंने सबके लिए कोक मंगवाया और कोक पीते हुए मैंने नोट किया कि दोनों ही मुझको चोर आँखों से देख रही थी जैसे कि नई नवेली दुल्हन अक्सर अपने होने वाले पति को देखती है।
क्यूंकि लंच ब्रेक के बाद मेरा कोई पीरियड नहीं था और जेनी और जस्सी की भी कोई क्लास नहीं थी सो हमने तय किया कि हम सब घर के लिए चल पड़ते हैं, वहीं बैठ कर कम्मो के सामने सब बातें होंगी।
हम सब दो रिक्शा में चल पड़े और दस मिन्ट में मेरी कोठी पहुँच गए।
चौकीदार राम लाल ने हम सबका स्वागत किया और हम सब अंदर बैठक में जा कर बैठ गए।
जल्दी ही कम्मो भी आ गई, बड़े प्यार से सब लड़कियों से मिली खासतौर से नई लड़कियों से!
कम्मो के साथ मैं रसोई घर में गया और पारो से पूछा कि इन दो नए मेहमानों के लिए खाना पूरा हो जायेगा?
पारो ने मुड़ कर मेरी तरफ देखा और बड़े प्यार से कहा- छोटे मालिक आप चिंता ना किया कीजिये, मैंने काफी खाना बनाया हुआ है, आपकी पसंदीदा कलमी कवाब भी है और पनीर मसाला भी है, आप फ़िक्र न करें।
मैं भी चलते चलते उसके मोटे और उभरे हुए चूतड़ों पर हाथ फेरना नहीं भूला।
बैठक में कम्मो रानी अपने काम में जुटी हुई थी, वो उन लकड़ियों से सब कुछ जानने की चेष्टा कर रही थी।
फिर वो उन दोनों लड़कियों को लेकर मेरे कमरे में चली गई और मैं और जस्सी और जेनी वहीं बैठ कर उन दोनों की वापसी का इंतज़ार करने लगे।
सबसे पहले जस्सी उठ कर आई और मेरी गोद में बैठ गई और जेनी भी उसकी देखा देखी आई और अपने मम्मे मेरे बाज़ू से रगड़ने लगी और जस्सी मेरे लौड़े को पैंट के अंदर ही पकड़ने की कोशिश करने लगी।
मेरा भी एक हाथ जस्सी की गर्दन में था और उसके लबों को चूमने की कोशिश कर रहा था और दूसरे से मैं जेनी के मोटे और उभरे हुए चूतड़ों को मसल रहा था।
मेरा लौड़ा भी पैंट से आज़ादी मांग रहा था लेकिन मजबूरी थी अभी समय नही आया था कि लंड लाल को आज़ाद किया जाए।
इन दोनों जवान और खूबसूरत छोकरियों को मैं अब काफी चाहने लगा था, उसका कारण था उन दोनों के शरीर की सुंदर बनावट जिस में आकर्षण था उनके सख्त और मोटे मुम्मे और और गोल उभरे हुए नितम्ब।
इतने में कम्मो दोनों नई लड़कियों को लेकर बैठक में आ गई और कहने लगी- दोनों ही अभी कुंवारी हैं और दोनों की सील ज़्यादा सख्त नहीं है। मैंने इनको पूरी बात समझा दी और बता दिया कि पहले छोटे मालिक उनके सामने जेनी और जस्सी के साथ करके दिखायेंगे उसके बाद वो फैसल लें कि यह काम उनको करवाना है या नहीं।
चारों लड़कियों ने हाँ में सर हिला दिया।
कम्मो बोली- छोटे मालिक पहले जेनी के साथ बिस्तर पर लेट कर पूरा शो इनको दिखायेंगे और फिर जस्सी के साथ घोड़ी बन कर प्रदर्शन करेंगे। तो फिर चलें बैडरूम में?
आगे चलते हुए कम्मो ने मुझको धीरे से कहा- लूसी तो ठीक है लेकिन वो रेनू काफी दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाएगी शायद… तो पहले आप लूसी की सील तोड़ना और फिर बाद में रेनू की। ठीक है न?
मैंने मज़ाक के मूड में कहा- जैसे मालकिन कहेगी वैसे ही तो करना पड़ेगा ना!
कमरे में आकर कम्मो ने कहा कि सब मिल कर एक दूसरे के कपड़े उतार दें।
चारो लड़कियाँ एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी, जैसे जेनी रेनू के कपड़े उतार रही थी और जस्सी लूसी के कपड़े उतार रही थी और फिर दोनों नई लड़कियों ने जस्सी और जेनी के कपड़े उतारने लगी।
अब सब लड़कियाँ निर्वस्त्र हो चुकी थी, केवल मैं और कम्मो ही कपड़ों में थे तो जस्सी ने पूछा- आप दोनों का क्या इरादा है?
मैं बोला- पहले हेडमिस्ट्रेस के कपड़े उतारो, फिर मेरी बारी आखिर में!
जब सब लड़कियाँ कपड़े उतारने रही थी तो मैं उनके निर्वस्त्र होने का नज़ारा देख रहा था और उनकी ख़ूबसूरती में इतना मगन हो गया कि मैं यह भूल गया कि मुझको भी अपने कपड़े उतारने हैं।
वो तो मेरा ध्यान उस समय भंग हुआ जब जेनी आकर मेरे कपड़े उतारने लगी। लेकिन वो काम शुरू करती, उससे पहले ही मैंने उसको एक गर्म चुम्मी उसके लबों पर की और साथ ही कस कर एक जफ्फी भी मारी और उसके मोटे मम्मों को अपनी छाती में क्रश कर दिया।
अब जेनी धीरे धीरे मुझको निर्वस्त्र कर रही थी जैसे ही उसने मेरी शर्ट उतारी तो वो बहुत ही आर्टिस्ट ढंग से सबके सामने झुकी जैसे सर्कस का रिंग मास्टर जब शेर से कोई करतब करवाता है तो दर्शकों की तालियों में झुक कर उनकी प्रशंसा को कबूल करता है।
वैसे ही जेनी झुकी और सब लड़कियों ने ज़ोर से तालियाँ बजाई।
और फिर उसने मेरी पैंट पर हाथ डाला और बेल्ट खोली, उसको अलग करके बटनों को खोला और मेरी पैंट को नीचे किया और जब सब के सामने मेरे टेंट नुमा अंडरवियर का नज़ारा पेश किया तो सबने ज़ोर की तालियाँ बजाई और एक बार फिर जेनी ने तालियों का अभिवादन झुक कर किया।
मैं और कम्मो इस नए ढंग के चीरहरण का नज़ारा बड़े ही आनन्द से देख रहे थे।
जब उसने मेरे अंडरवियर पर हाथ डाला तो सब लड़कियों की नज़र मेरे अंडरवियर में बने हुए टेंट पर टिक गई थी।
जेनी जो बैठ कर मेरा अंडरवियर उतार रही थी यह भूल गई थी कि मेरा लौड़ा कभी कभी बड़ी ज़ोर की किक मारता है, जैसे ही उसने मेरा अंडरवियर नीचे किया, जंगली घोड़ा बाहर निकल कर ज़ोर से जेनी के मुंह पर लगा और जेनी एकदम घबरा कर पीछे की तरफ गिर गई और अगर मैं उसको समय पर न पकड़ लेता तो उसका सर फर्श पर लगता।
यह देख कर सब लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी लेकिन मेरे सीरियस मूड को देख कर वो जल्दी ही चुप हो गई।
मैंने जेनी का हाथ पकड़ा और उसको उठाया और पूछा- जानम कहीं लगी तो नहीं?
जेनी बोली- थैंक्स सोमू, तुमने वक्त पर पकड़ लिया, नहीं तो मुझको ज़रूर चोट लगती।
मैं बोला- जेनी डार्लिंग, तुम ज़रा भी मत घबराओ, मैं हूँ न।
और यह कह कर मैंने उसके लबों पर एक चुम्मी दे दी और कस के अपने आलिंगन में ले लिया। मेरा लौड़ा तब जेनी की चूत के ऊपर मंडरा रहा था और फ़ौरन उसकी चूत के अंदर जाने के लिए बेकरार हो रहा था।
फिर मैं जेनी को लेकर अपने बेड पर पहुँचा और मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा कर बेड पर लिटा दिया और अपने मुंह को उसकी काले बालों से ढकी चूत में डाल दिया।
उधर जस्सी लूसी के पीछे खड़ी हो गई और कम्मो ने रेनू को अपनी बाँहों में भर लिया और दोनों उन को चूमने चाटने में लग गई।
अब मैं भी जेनी के मुम्मों को चूस रहा था और साथ ही एक उंगली से उसकी चूत में उसकी भग को मसल रहा था। जब मैंने उसकी चूत में ऊँगली से फील किया तो वो बहुत गीली हो चुकी थी, मैंने कम्मो की तरफ देखा तो उसने इशारा किया कि चुदाई शुरू कर दी जाए।
मैंने जेनी के लबों पर एक गीली और गरम चुम्मी की और फिर अपना लंड जेनी की चूत पर रख दिया और उसको धीरे धीरे जेनी की चूत में डालना शुरू किया और एक बार पूरा अंदर डाल कर फिर धीरे से निकाला और यही क्रम दोहराया 5 -6 बार और फिर आहिस्ता से चुदाई की स्पीड तेज़ करने लगा।
जेनी की टांगें अब मेरी कमर को घेर कर मुझको और उकसा रही थी, मैंने धक्कों की स्पीड बहुत तेज़ कर दी और जेनी की कमर भी उठ उठ कर मेरे लंड का जवाब दे रही थी।
अब मैं जेनी की चूत की सुकड़न महसूस करने लगा और अपनी धक्कों की स्पीड अपनी चरम सीमा पर पहुँचा दी और तभी जेनी की चूत से एक ज़ोरदार फव्वारा छूटा और मेरी टांगों को भिगोता हुआ चादर पर गिर गया और उसकी टांगों ने मुझको अपनी गिरफ्त में कस लिया।
थोड़ी देर में वो ढीली पड़ गई और मैंने उसकी टांगों में से उठने से पहले उसके लबों पर बहुत ही गर्म चुम्मा जड़ दिया।
अब मैं जेनी के ऊपर से उठ गया और मेरे गीले लौड़े को नई लड़कियाँ बड़े ध्यान से देख रही थी।
जेनी की जगह अब जस्सी ने ले ली थी, वो घोड़ी बन कर बेड पर बैठी थी, मैं बेड पर चढ़ने की सोच ही रहा था कि लूसी जल्दी से आई और बैठ कर मेरे लंड को अपने मुंह में डाल लिया और गटागट उसको चूसने लगी।
कम्मो उसकी तरफ बढ़ ही रही थी कि मैंने हाथ के इशारे से उसको मना कर दिया और लूसी को अपने गीले लंड को चूसने दिया।
थोड़ी देर में वो अपनी गलती समझ गई और मेरे पास से उठ कर रेनू के साथ खड़ी हो गई।
मैं बेड पर चढ़ कर जस्सी की चूत का निशाना बनाने लगा और फिर मैंने अपना लहलहाता लंड जस्सी की चूत में डाल दिया, एक हाथ से उसके हसीन मम्मे को मसलने लगा।
जस्सी की चूत भी बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी, जैसे ही लंड उस में गया, उसके मुंह से एक जोर की हाय निकल गई और लंड को पूरा अंदर तक घुसेड़ने के बाद मैंने आराम से उसको चोदना शुरू किया।
कभी धीरे कभी तेज़ वाला क्रम जारी रखते हुए मैंने लूसी और रेनू को देखा तो दोनों के हाथ अपनी अपनी बालधारी चूतों में घुसे हुए थे और वो धीरे से मेरे धक्कों को मैच करते हुए अपनी उंगली चला रही थी।
मैंने कम्मो की तरफ देखा और आँखों से इशारा किया कि वो उन दोनों को रोके वर्ना उनको छुटाने में मुश्किल आएगी।
कम्मो ने दोनों के हाथ उनकी चूतों से अलग किये और उनको जस्सी की घोड़ी बनी चुदाई को देखने के लिए प्रेरित किया।
लूसी और रेनू की चूत की सील तोड़ी
कम्मो ने दोनों के हाथ उनकी चूतों से अलग किये और उनको जस्सी की घोड़ी बनी चुदाई को देखने के लिए प्रेरित किया।
जस्सी की घुड़चुदाई मेरे लिए बहुत ही आनन्ददायक होती है यह मुझको मालूम था तो मैं मस्ती से और पूरे प्यार से जस्सी की मोटी गांड पर हाथों से थपकी मारते हुए उसको चोदने लगा्।
जस्सी और जेनी की चूत, जैसे कि बाकी की कुंवारी लड़कियों की होती है, बेहद ही टाइट थी और चूत की पकड़ लंड पर काफ़ी मज़बूत थी.
अब समय आ गया था कि दोनों कुंवारी लड़कियों की चूत की सील को तोड़ा जाए और इसके लिए अब फिर कम्मो दोनों से पूछ रही थी कि उनको सील तुड़वानी है और इसका पक्का इरादा कर लिया है?
कम्मो ने उनको यह भी बता दिया था- अक्सर पहली चुदाई में कई लड़कियों को कोई आनन्द नहीं आता लेकिन चूत के नार्मल हो जाने पर उनको मज़ा आना शुरू हो जाता है।
कम्मो ने पूछा- क्यों जस्सी और जेनी, क्या तुमको पहली चुदाई में मज़ा आया था?
दोनों ने इंकार में सर हिला दिया।
मैंने उन दोनों से पूछा- वैसे जेनी और जस्सी, तुम्हारी सील कैसे टूटी थी?
जेनी तो काफी फ्रैंक थी सो बोली- मेरी सील तो किसी ने नहीं तोड़ी थी, वो तो मेरे गेम्स खेलने और साइकिल चलाने से टूट गई थी और फिर जब यह टूट ही गई थी सो मैं थोड़ा बहुत सब्ज़ियों का भी इस्तेमाल कर लेती थी, जैसे गाजर मूली और बैंगन का इस्तेमाल कभी कभी काफी मज़ा देता, खास तौर पर पीरियड के बाद के हॉट दिनों में… और सोमू से पहले मैंने किसी आदमी के साथ नहीं किया था, सोमु राजा ही मेरा पहला और असली लंड है।
मैंने जस्सी की तरफ देखा तो वो पहले तो शरमाई फिर थोड़ी संयत हो कर बोली- मेरे तो जीजा जी ने मेरी सील तोड़ी थी। वो क्या हुआ… मैं कुछ दिनों के लिए अपनी कजिन सिस्टर के पास पंजाब गई थी जो मैरिड थी। एक दिन मैं बाजार घूमने गई थी और जब वापस आई तो घर का दरवाज़ा खुला था और अंदर दीदी के बैडरूम में घुस ही रही थी कि दीदी और जीजा जी की आवाज़ आ रही थी जैसे वो कोई बड़ा काम कर रहे हो तो मैं बेधड़क अंदर घुस गई और देखा कि जीजाजी और दीदी चूत चुदाई में लगे हुए थे दोनों। और फिर जब उन्होंने ने मुझको देखा तो दीदी खुद उठ कर आई, मुझको खींच कर जीजाजी जी के पास ले गई और मुझको अपने पति से ही चुदवा दिया।
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मैं बोला- जस्सी के साथ बहुत ही बुरा हुआ!
कम्मो बोली- एक बात तुम सब लड़कियों को समझा दूँ कि छोटे मालिक को अपने लंड पर पूरा कंट्रोल है यानि वो किसी भी लड़की को उसकी मर्ज़ी के बगैर नहीं चोदते और अपना वीर्य कभी भी उसके अंदर नहीं छोड़ते। तो आप लड़कियाँ निश्चिंत होकर इनसे चुदा सकती हो। आप सबको मेरी गारंटी है किसी को भी कोई तकलीफ इन के कारण नहीं होगी। चलो तो फिर शुरू हो जाओ छोटे मालिक!
सबसे पहले लूसी को चोदना था तो उसको लिटा कर कम्मो ने उसकी चूत में उंगली डाल कर देखा कि वो काफी गीली है और अपनी पहली चुदाई के लिए तैयार है तो मुझको इशारा किया।
मैं बेड पर लेट गया लूसी के साथ और उसके होटों पर एक बहुत ही कामातुर चुम्मी लगा दी और अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल कर धीरे धीरे घुमाने लगा और उसके मुंह का रस पीने लगा।
फिर मैंने उसके मुम्मों को बारी बारी से चूमा और दोनों ही मुम्मे अच्छे मोटे और सॉलिड थे। और फिर उसकी चूत पर हाथ फेरा जो बालों से भरी थी और उसमें से बहुत ही मनमोहक खुशबू आ रही थी।
मैंने कम्मो को इशारा किया, वो जल्दी से आई और लूसी की चूत में ढेर सारी पॉण्ड्स क्रीम लगा गई, थोड़ी सी मेरे लौड़े पर भी लगा दी।
मैं अब उसकी चौड़ी टांगों में बैठ गया और अपने एकदम अकड़े लौड़े को चूत के मुंह पर रख कर दो तीन बार थोड़ा सा अंदर डाल कर निकाल लिया और फिर मैंने एक गहरा धक्का मारा लेकिन वो चूत में लगी झिल्ली से रुक गया और मैंने लौड़े को पूरा निकाल कर उसको एक बार फिर उसकी भग पर रगड़ा और फिर चूत में डाला फिर वो वहीं रुक गया।
अब मैंने लौड़ा डाले हुए ही लूसी के गोल मगर छोटे चूतड़ों के नीचे हाथ रखा और लंड को काफी ज़ोर से लूसी की चूत के अंदर घुसेड़ दिया और वो एक झटके में ही उसकी चूत में लगी झिल्ली को तोड़ते हुए ही पूरा अंदर चला गया।
तभी लूसी के मुंह से एक हल्की सी चीख निकल गई।
मैं थोड़ा रुका और लंड को पूरा अंदर रहने दिया और लूसी की चूत भी थोड़ी सी सिकुड़ने लगी और लंड को पूरी ताकत से जकड़ कर रखा हुआ था ऐसा लगा मुझको!
सब लड़कियाँ और कम्मो भी बड़े ध्यान से सील तुड़ाई देख रही थी।
अब लूसी थोड़ी रिलैक्स हुई और उसका अकड़ा हुआ जिस्म अब फिर नार्मल हो गया और अब मैंने उसको लंड से धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये।
पहले तो हर धक्के पर लूसी का शरीर हलके से अकड़ जाता था लेकिन फिर वो धीरे धीरे चुदाई की रिदम समझ गई और जब मैं तेज़ धक्कों की स्टेज पर पहुँचा तो वो भी हर धक्के का जवाब वैसे ही अपनी कमर को ऊपर उठा कर दे रही थी और उसकी चूत से अब रस निकलना शुरू हो गया था, वो जल्दी ही पहली बार लौड़े से झड़ने के लिए तैयार हो गई थी।
मेरे अंतिम कुछ धक्के इतनी तीव्र स्पीड के थे कि वो कुछ बड़बड़ाते हुए ही मेरे लंड से अपनी कमर जोड़ कर झड़ गई और मुझको उस ने ज़ोर से अपनी बाँहों में जकड़ लिया।
सब लड़कियों ने ताली बजा कर लूसी के छूटने का स्वागत किया था और जब मैं उसके ऊपर से उठा तो मैंने भी झुक कर उनकी तालियों का जवाब दिया।
तीनों लड़कियों ने लूसी को घेर लिया और उसको प्यार करने लगी।
अब कम्मो ने हम सबको कोक पिलाया और फिर कम्मो ने रेनू को बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत में थोड़ी सी क्रीम लगा दी।
मैं अब अपने बाथरूम में घुस कर हल्का हो आया और वापस आकर अपने लौड़े पर भी ब्यूटी क्रीम लगवा ली।
रेनू को ध्यान से देखा तो वो भी काफी हसीन लगी, उसके नयन नक्श भी काफी पंजाबियों की तरह थे और रंग भी उनकी तरह सफेदी और लाली लिए हुए था। उसके मुम्मे लूसी से ज़्यादा मोटे थे लेकिन जस्सी से थोड़े छोटे थे लेकिन बहुत ही सॉलिड लग रहे थे।
रेनू की चुदाई भी तकरीबन वैसे ही चली जैसी लूसी की थी लेकिन चूत में लंड की एंट्री थोड़ी मुश्किल से हुई क्योंकि उसकी चूत का मुंह काफी छोटा था। ऐसा लगता था कि वो ज़्यादा सेक्सी फील नहीं करती थी और उंगली बाज़ी भी ज़्यादा नहीं करती होगी और ऐसा लगता था कि उसकी कामुकता का स्तर भी काफी कम था।
मैंने अपना खड़ा लंड बहुत धीरे से उसकी चूत में डाला और वो क्रीम के कारण फिसल कर अंदर चला गया थोड़ा सा और फिर आगे एक दीवार महसूस हुई।
मैं अब लंड को भूल कर उसके मुम्मे को चूसने में लग गया और उसके गोल काके चुचूकों को मुंह में रख कर होटों से इधर उधर का खेल शुरू कर दिया।
मैंने देखा कि जस्सी भी अपनी सहेली को गर्म करने में लगी हुई थी।
वो उसके मुंह से अपना मुंह जोड़ कर उसके लबों को चूस रही थी और इसका असर मुझको रेनू की चूत में हो रही हरकत से पता चल रहा था वो अब धीरे धीरे मेरे लंड से दूर भागने की बजाये अब उसके पास आ रही थी।
मैंने अब धीरे से फिर रेनू की चूत पर अटैक जारी रखा और जब लंड फिर से चूत की दीवार से टकराया तो मैंने कम्मो के इशारे के मुताबिक़ एक ज़ोर का धक्का लंड से मारा और वो चूत में छिपी दीवार को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया।
लेकिन तभी ही रेनू ने एक दिल दहला देनी वाली चीख मारी और मुझसे लिपट गई और उसका सारा शरीर पत्ते की तरह काम्पने लगा।
कम्मो फ़ौरन ही आई और उसकी चूत से बहते हुए रक्त को साफ़ करने लगी और साथ ही वो और जस्सी रेनू को सांत्वना देने लगी, कम्मो के कहने पर मैंने लंड का अंदर और बाहर आना जाना जारी रखा।
कुछ ही क्षणों में रेनू सामान्य हो गई और मैं प्यार से उसके लबों को चूसने लगा।
मैंने महसूस किया कि उसके अंदर की टेंशन अब एकदम दूर हो गई और वो चूत चुदाई का आनन्द लेने लगी।
अभी मैं उसको लंड के धीरे धक्के ही मार रहा था लेकिन अब रेनू ने नीचे से धक्कों का जवाब देना शुरू कर दिया तो मैं समझ गया कि उसको चुदाई का आनन्द आना शुरू हो गया है।
जस्सी अब रेनू के मुम्मों को चूस रही थी और जेनी उसके चूतड़ों पर हाथ फेर रही थी और मैं लंड की धक्का पेली में व्यस्त था।
थोड़ी देर की तेज़ चुदाई के बाद रेनू झड़ने के निकट पहुँच गई थी और अब तपती भट्टी में गर्म लोहे की सलाख को तेज़ी से डालना और निकालना शुरू कर दिया और शीघ्र ही रेनू का जिस्म एक बार फिर अकड़ा और वो बड़े आनन्द से मुझको कस कर अपनी बाँहों में बाँध कर झड़ गई।
रेनू के झड़ते ही सब लड़कियों ने तालियों से उसका स्वागत किया और फिर सबने उसको जाकर एक प्यारी सी जप्फी मारी।
सबने रेनू से पूछा कि उसको पूरी तसल्ली हो गई और अब उसको चुदाई से कभी डर तो नहीं लगेगा?
रेनू ख़ुशी से नाचती हुई सब लड़कियों से मिल रही थी और किसिंग और जप्फी मार रही थी।
इसी दौरान में लूसी चुपचाप मेरे पास आई और मेरे लण्ड को पकड़ कर खेलने लगी और नीचे बैठ कर उसको चूसने लगी। मैं भी उसके मुम्मों के साथ खेलने लगा और फिर उसको उठा कर मैंने उसके लबों पर एक हॉट किस दे दी।
मैंने उसकी चूत में हाथ डाला तो वो एकदम गीली गोत हो रही थी। तब मैंने उसके कान में कहा- क्या चूत चुदवाने की और भूख लगी है?
उसने मुझको कान में कहा- सोमू, एक बार और चोद दो प्लीज!
मैंने कहा- चलो आ जाओ लूसी, एक बार नहीं जितनी बार कहोगी, तुम्हारी चूत की सेवा कर दूँगा।
मैंने उसको बाँहों में उठा लिया और उसको लेकर बेड पर आ गया और उसकी टांगें खोल कर अपने खड़े लौड़े को उसकी चूत के मुंह पर रख कर एक धक्का मारा और लंड पूरा का पूरा अंदर चला गया।
अब सारी लड़कियाँ बेड के चारों ओर आकर खड़ी हो गई और लूसी की चुदाई का तमाशा देखने लगी।
चूत और लंड की लड़ाई अक्सर देखने में काफी मज़ा आता है और खासतौर पर जवान लड़के और लड़कियों को क्यूंकि यह साफ़ मसहूस होता है कि वह स्वयं इस में हिस्सा ले रहे हैं।
नई नई खुली चूत का रास्ता चाहे जितना भी खोला जाए, उसमें बहुत अधिक टाइट नेस महसूस होती है सो इसी कहावत के स्वरूप लूसी की चूत में बहुत अधिक संकीर्णता लंड लाल को महसूस होती है और इसी कारण वो अपनी तेज़ी नहीं दिखा पाता।
धीरे धीरे से तेज़ चुदाई की स्पीड बढ़ाते हुए बहुत जल्दी ही लूसी की चूत को मजबूर हो कर अपने हथियार डालने पड़े और वो एक ज़ोरदार ‘हाय…’ के साथ झड़ गई।
कम्मो ने सबसे पूछा कि और किसी को कोई चुदाने की इच्छा तो नहीं और यदि नहीं तो क्या छोटे मालिक अपना हथियार पैक कर के रख लें?
सब ने कहा- अब कोई इच्छा नहीं है, पैक कर लो अपना हथियार!
इससे पहले कि कपड़े पहनने की प्रक्रिया शुरू होती, लूसी और रेनू ने मुझको एक कस कर जफ्फी मारी और लबों पर चुम्मी की और मैंने भी उन लड़कियों के मुम्मों और चूतड़ों को छुआ और उनको यह विश किया कि बार बार वो चुदाई का आलम देखें और खुश रहें।
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