Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र Sex
05-17-2018, 01:24 PM,
#67
RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
दो लेडी प्रोफेसरों की चुदाई

हमारी ट्रेन ठीक टाइम पर दिल्ली स्टेशन पर पहुँच गई और हम सब अपना अपना बैग उठाये हुए स्टेशन के बाहर आ गए।
सिर्फ दोनों मैडमों का सामान कुली ने उठाया हुआ था।
स्टेशन के बाहर एक बस हमारे लिए खड़ी थी, उसमें सामान रख कर हम होटल पहुँच गए।
मैंने और रेनू फिर होटल में कमरे अलॉट करने का काम शुरू कर दिया। हम में से एक लड़का अपने दादा के घर में रुक रहा था तो हमारे पास 10 कमरों में सिर्फ 19 छात्र ही थे तो 2-2 छात्रों को एक एक डबल बेड रूम दे दिया और एक कमरे में सिर्फ मैं अकेला ही रह गया।
मेरी फ्रेंड्स का ग्रुप साथ साथ के 2 कमरों में टिक गए थे और मैं इनके साथ वाले कमरे में अकेला ही था।
नाश्ता वगैरह करके पुनः उसी बस में बैठ कर हम दिल्ली की ख़ास जगहों में घूमने के लिए गए।
हमारे साथ दोनों प्रोफेसर इतिहास की प्रोफेसर थी, वे हर स्थान की इम्पोर्टेंस और उसका ऐतिहासक महत्व भी समझाती रही थी।
सारा दिन घूम कर हम शाम को तकरीबन 6 बजे अपने होटल पहुँच गए थे।
सब अपने कमरों में आराम कर रहे थे और होटल से चाय वगैरह मंगा कर पी रहे थे।
रात के खाने के बाद जैसे ही मैं अपने कमरे में पहुँचा, तभी निर्मला मैडम मेरे कमरे में आई और बोली- सोमू राजा, क्या कुछ टाइम हम को भी दे सकते हो?
मैं बोला- क्यों नहीं मैडम, आप हुक्म कीजिये।
मैडम बोली- थोड़ी देर बाद तुम मेरे कमरे में आ जाना, वही उस दिन वाली कहानी दोहरानी है।
मैं मन ही मन मुस्करा दिया लेकिन संजीदा होकर बोला- क्यों नहीं मैडम, जैसे आप कहें! मैं आ जाऊँगा।
यह कह कर मैडम मुझको आँख मार कर वहाँ से चली गई।
उनके जाने के बाद मैं पूनम के कमरे में गया जहाँ नेहा भी साथ ही रह रही थी, दोनों को बताया कि मैडम मुझको किसी ख़ास काम के लिए बुला रही हैं, मैं शायद रात में देर से आऊँगा उनकी सेवा करने।
दोनों थोड़ी मायूस हो गई लेकिन जब मैंने कहा कि आऊंगा ज़रूर तो वो फिर से चहक उठी।
आधे घंटे के बाद मैं मैडम के कमरे में पहुँच गया जहाँ हमारे कॉलेज की एक दूसरी मैडम भी उनके साथ रह रही थी।
हाल चाल पूछने के बाद निर्मला मैडम ने कहा- इनसे मिलो, ये हैं उषा मैडम जो मेरे साथ ही हिस्ट्री की प्रोफेसर हैं।
मैंने ध्यान से देखा उषा मैडम कॅाफ़ी सुन्दर और गठीले बदन वाली 30 वर्ष की आयु की औरत लग रही थी।
दोनों ने उस वक्त अपनी रात्रि वस्त्र पहन रखे थे।
उषा मैडम की ड्रेस काफी झीनी थी और उसमें से उनके शरीर के अंगों की एक झलक मिल रही थी और निर्मला मैडम ने भी पिंक रंग की बहुत हॉट स्लीवलेस छोटी सी ड्रेस पहन रखी जो उनके घुटनों तक ही आती थी।
कुल मिला कर दोनों बड़ी ही सेक्सी लग रही थी और उनकी यह सेक्सी ड्रेस देख कर मेरा लौड़ा तो वैसे ही मेरी पैंट में कुलबला रहा था।
निर्मला मैडम बोली- बैठो सोमू, उषा मैडम कह रही थी कि सोमू ठाकुर से मिलने की बहुत इच्छा है तो मैंने तकलीफ दी तुमको इतनी रात को!
मैं बोला- नहीं मैडम, तकलीफ कैसी, बोलिए क्या सेवा करूँ?
निर्मला मैडम बोली- सोचा उस दिन वाला खेल खेलें अगर तुम मूड में हो तो?
मैं बोला- आप तो जानती हैं मैं तो हर वक्त मूड में होता हूँ।
निर्मला मैडम- तो फिर उतारो अपने कपड़े… देख क्या रहे हो!
मैं बोला- मैं अपने कपड़े कभी आप नहीं उतारता सिवाए बाथरूम के!
अब दोनों मैडम हंसने लगी और जल्दी से मेरे कपड़े उतारने में लग गई।
मेरी पैंट और अंडरवियर उतारने के लिए जब उषा मैडम झुकी तो मेरा लौड़ा कैद से छूटे कैदी की तरह आज़ाद हो कर उषा मैडम के मुंह पर लगा।
यह देख कर निर्मला मैडम तो हंसी के मारे लोटपोट हो गई और उषा मैडम पहले तो कुछ खिसयानी हुई लेकिन जल्दी ही सम्भल कर हँसते हुए बोली- वाह, क्या चीज़ है यार सोमू तेरी तो? देखते ही थप्पड़ मार दिया ससुर ने! बहुत अच्छे!
मैंने उषा मैडम को उठाया और उनके कपड़े उतारने लगा, पहले साड़ी और फिर ब्लाउज और उसके नीचे की ब्रा खोल दी।
मैंने जान कर अपना मुंह उन के मुम्मों के पास रख छोड़ा था और जैसे ही वो ब्रा की कैद से निकले सीधे मेरे नाक से टकराये। 
मैं मज़ाकिया तौर पर एकदम पीछे हट गया और बोला- वाह मैडम जी, आपके मुम्मे ने मेरे लंड का जवाब दे दिया। क्यों ठीक है न?
दोनों मैडम ने हँसते हुए मुझको जफ़्फ़ी डाल दी और मैं भी उषा मैडम का पेटीकोट उतारने में लग गया।
उधर निर्मला मैडम ने अपने कपड़े खुद ही उतार दिए और अपनी काली झांटों के साथ खूब सेक्सी पोज़ बनाने लगी।
उषा मैडम की चूत को देखा तो वो सफाचट थी और रेजर से खूब साफ़ की गई लग रही थी।
मैंने उषा मैडम को ध्यान से देखा तो उनका शरीर एकदम सुंदर ढंग से तराशा हुआ था और उनके मुम्मे बहुत मोटे और गोल थे और काफी सख्त भी दिख रहे थे, चूतड़ गोल और उभरे हुए थे, कुल मिला कर एक निहायत ही खूबसूरत औरत थी वो!
निर्मला मैडम से उनके नंबर कुछ ज़्यादा ही थे और वो उम्र के हिसाब से 27-28 साल के आस पास रही थी, उनके नयन नक्श काफी तीखे थे हालांकि चेहरे का रंग कुछ गंदमी सा था।
मैं बोला- मैडम, अब क्या हुक्म है मेरे लिए?
निर्मला मैडम बोली- उषा मैडम के साथ पहले करो क्यूंकि इसके पति ने इसको छोड़ रखा है और कई सालों से इनको कोई अच्छा साथी नहीं मिला। मैं चाहती हूँ कि इतने सालों से जो कमी यह महसूस कर रही थी, उसे कुछ हद तक तुम पूरी करने की कोशिश करो।
मैं बोला- जैसे आप कहें, उषा मैडम को प्रसन्न करके मुझको बड़ी प्रसन्नता होगी लेकिन यह स्थान क्या इस काम के लिए उचित है?
निर्मला मैडम बोली- हाँ यह तो है, लेकिन आज तुम न उषा मैडम को अपनी चुदाई का नमूना पेश कर दो और वापस पहुँच कर हम फिर प्रोग्राम बनायेंगे।
यह कह कर मैडम मुझको लेकर उषा मैडम के पास पहुँची और मेरे को और उषा को खुद एक टाइट जफ़्फ़ी में बाँध लिया।
अब मैंने पहले उषा को और फिर निर्मला के लबों पर गर्म चुम्मी कर दी।
निर्मला मैडम ने उषा को मेरे पास धक्केल दिया और खुद अपने पलंग की तरफ जाने लगी लेकिन मैंने उनका हाथ पकड़ कर रोक दिया और इशारा किया कि वो भी उषा के साथ उनके चूतड़ों आदि को हाथ फेर कर तैयार करे!
निर्मला ने वैसा ही करना शुरू किया, वो उनके चूतड़ों को सहलाने लगी और मैं उषा के मुम्मों को चूमने लगा। एक ऊँगली उनकी चूत के अंदर डाल कर उनकी भग को छेड़ने लगा और महसूस किया कि वो बेहद पनिया रही थी।
उषा ने भी अपन हाथ मेरे तने हुए लौड़े पर रख कर उसके साथ खेलना शुरू कर दिया था।
मैं नीचे घुटनों के बल बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उषा के चूतड़ों को पकड़ कर उसकी चूत को अपने मुंह के साथ जोड़ दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत के लबों को और भग को चूसने लगा।
उषा के साथ शायद कभी किसी ने ऐसा नहीं किया था तो भड़के हुए घोड़े के समान उछल पड़ी और मेरे मुंह को हटाने लगी लेकिन मैं भी उनके चूतड़ों को मज़बूती से पकड़ कर बैठा था, उनकी चूत में भग को चूसता रहा।
अब मैं उठा और उषा को अपने हाथों में उठा कर उनके मुम्मों को चूसता हुआ सारे कमरे में घूमता रहा।
उषा बार बार अपना सर इधर से उधर कर रही थी लेकिन मैं भी उनको छोड़ने वाला नहीं था।
अब मैंने उनको बेड में लिटा दिया और जल्दी से उनकी खुली हुई टांगों में बैठ कर अपना लौड़ा उनकी गीली चूत के मुँह पर रख कर थोड़ा ऊपर नीचे किया और फिर एक धक्के में लंड उस की चूत में घुसेड़ दिया।
उफ्फ… क्या टाइट चूत थी! लगता था कि उनकी चुदाई काफी समय से नहीं हुई थी।
टाइट चूत का आनन्द लेते हुए मैंने धक्काशाही बहुत ही धीरे धीरे शुरू की। लंड को पूरा निकाल कर सिर्फ शिश्न का मुंह ज़रा सा अंदर रहने दिया और फिर एक हल्का धक्का मार के लंड को फिर से पूरा अंदर डाल दिया।
यह सिलसिला कुछ देर चलते रहने दिया और फिर जब उषा मैडम की आँखें आनन्द से बंद हो गई तो मैंने अपनी चुदाई की स्पीड धीरे धीरे से बढ़ानी शुरू कर दी।
उधर निर्मला मैडम भी उषा के उरोजों को चूस रही थी और वो हाथों से निर्मला मैडम के सर को अपने चूचों के साथ कस कर जोड़ रही थी।
अब उषा भी नीचे से हर धक्के का जवाब कमर उठा कर दे रही थी।
जब मैंने महसूस किया कि मैडम अब छूटने की कगार पर हैं तो मैं अपने दोनों हाथ उषा के चूतड़ों के नीचे रख कर फुल स्पीड से धक्के मारने लगा और उषा फुसफ़ुसाहट में बोल रही थी- मार दो साली को… बहुत तंग करती है यह हरामखोर… फाड़ दो इसको… चीर दो इसको!
मैंने धक्के मारते हुए निर्मला मैडम की तरफ देखा और उन्होंने अपना अंगूठा उठा कर यह इशारा किया कि बहुत ही अच्छा कर रहा हूँ और लगा रहूँ इसी तरह!
मैंने अब पूरी ताकत से तेज़ धक्के चलाने जारी रखे और जब उषा मैडम का शरीर ज़ोर से अकड़ा और फिर एकदम मुझको कस कर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनकी चूत खुलना बंद होना शुरू हो गई तो मैंने अपने धक्के रोक दिए।
जब कुछ मिनटों में वो ढीली पड़ कर लेट गई तो मैंने अपना लौड़ा उनकी चूत में से निकाला जो उषा मैडम के रस में पूरा भीगा हुआ था और जो उनके साथ में लेटी हुए निर्मला मैडम की चूत में डालने के लिए तैयार था लेकिन वो तो खुद ही घोड़ी बनी हुई थी तो मैं उठ कर उनके पीछे घुटनों के बल बैठ कर लंड राज को उनकी चूत के मुंह पर रख कर इंतज़ार करने लगा कि निर्मला मैडम सिग्नल करे तो मैं अपनी गाड़ी स्टार्ट करूँ।
कुछ क्षण जब मैं ऐसे ही बैठा रहा तो निर्मला मैडम ने पीछे मुड़ कर मेरी तरफ देखा और अपने चूतड़ों को हिला कर सिग्नल दिया कि शुरू कर दूँ!
सिग्नल मिलते ही मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और अपना गीला लंड निर्मला मैडम की चूत में घुसेड़ दिया।
मैडम की गीली चूत में गीला लंड क्या गया, वो तो भड़क उठी और गर्म हुई घोड़ी की तरह हिनहिनाने लगी। मैंने भी आराम से चोदना शुरू किया पहले धीरे और फिर तेज़ कभी पूरा बाहर और कभी पूरा अंदर।
लंड के शिश्न को चूत के मुंह पर रख कर चूत को रगड़ना ही बहुत ही आनन्द दायक है दोनों के लिए तो मैंने वही कार्यक्रम दोहराना शुरू कर दिया।
उधर देखा उषा जी भी अधखुली आँखों से यह सारा काण्ड देख रही थी और उनका एक हाथ अपने मम्मों पर था और दूसरा अपनी चूत पर था और मैंने भी हाथ आगे बढ़ा कर उषा जी की चूत को छुआ तो फिर गर्म हो रही थी।
लेकिन मैंने अपना ध्यान निर्मला मैडम की तरफ केंद्रित करते हुए तेज़ और स्लो धक्के मारने लगा।
हर धक्के का जवाब मैडम भी दे रही थी।
उनके चूतड़ों को हल्की हल्की हाथों से थाप देनी शुरू कर दी और धीरे धीरे अपनी स्पीड तेज़ करने लगा और अंदर बाहर होते हुए अपने और उन के अंगों को देख कर आनंदित होने लगा।
निर्मला मैडम की चूत से अब क्रीम जैसा रस निकलना शुरू हो गया जो रंग में क्रीम जैसा सफ़ेद और गाढ़ा था और यह देख कर मैंने अपनी स्पीड और भी तेज़ कर दी और मैडम की चूत से निकलती फच फ़च आवाज़ बड़ी मधुर लगने लगी।
इस आवाज़ को सुनते ही मैं समझ गया कि निर्मला मैडम ‘यह जा और वो जा…’ होने वाली है तो अब अपने जंगली घोड़े को बेलगाम छोड़ कर घोड़े और घोड़ी की लड़ाई देखने लगा।
निर्मला मैडम भी आज कुछ ज्यादा कामातुर हो रही थी, वो ज़ोर से हुंकार भरते हुए मुझ को लेकर नीचे लेट गई।
जैसे वो नीचे लेटी, मैंने उषा मैडम को गांड पर थपकी दी और उनको भी घोड़ी बनने का इशारा किया और उनके घोड़ी बनते ही निर्मला द्वारा क्रीमी लंड को उषा मैडम के अंदर डाल दिया।
इसी तरह प्यार से उषा मैडम को दोबारा चोदने के बाद मैं थोड़ा थक गया था तो मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और दोनों मैडम को एक कस कर जफ़्फ़ी डाली और लबों पर चुम्मी करके मैं चलने के लिए तैयार हो गया।
निर्मला मैडम नंगी ही कमरे के दरवाज़े तक आई और मैंने बाहर देख कर कि मैदान साफ़ है चुपके से बाहर निकल गया।
अपने कमरे में जाने के बजाए मैंने अपने ग्रुप की लड़कियों के कमरे का दरवाज़ा खटखटा दिया तो नेहा ने जल्दी ही दरवाज़ा खोल दिया और मैं अंदर गया तो बाकी की तीनों लड़कियाँ नंगी ही बैठी हुई थी और मेरे लंड का इंतज़ार कर रही थी।
तीनों उठी और मुझको घेर लिया और एक साथ बोली- सोमू, इतनी देर कर दी तुमने? हम तो खाली बैठी थी तो हम सबने एक एक बार ऊँगली और किसिंग वगैरह से अपना काम चला लिया।
पूनम बोली- क्या हुआ था सोमू? बड़ी देर लग गई दोस्तों में?
मैं बोला- दोस्तों के साथ भी बना कर रखनी पड़ती है ना, गपशप में इतना टाइम निकल गया पता ही नहीं चला और फिर वहाँ थोड़ी सी बियर भी पीनी पड़ी।
नेहा बोली- क्यों लड़कियो, आज कुछ करने का मूड है या फिर आगरा में ही कर लेंगी हम सब?
डॉली बोली- मेरा तो एक बार कर दो सोमू प्लीज, मैंने पहली बार तुम्हारे साथ सेक्स किया है ना!
मैं बोला- क्यों लड़कियों क्या मर्ज़ी है?
सब बोली- प्लीज सोमू, तुम थके लग रहे हो तो तुम डॉली का काम कर दो, हम कल अपनी बारी ले लेंगी।
मैं बोला- ठीक है, सिर्फ डॉली का काम आज करते हैं, बाकी सबके साथ कल करेंगे। क्यों पूनम कुछ पीने को है क्या?
पूनम बोली- हाँ, कुछ कोका कोला की बोतलें मंगवा के रखी थी होटल में, तुम्हारी बचा कर रखी है, यह लो तुम्हारी बोतल।
बोतल पी कर मैं अटैच्ड बाथरूम में चला गया क्योंकि मुझको डर था कहीं प्रोफेसरों की चूत की खुशबू इन लड़कियों को मेरे लंड से न आ जाए! मैंने अपने लंड को अच्छी तरह से धोया और मुँह हाथ धोकर बाहर आ गया।
चार जवान लड़कियों को नंगी देखकर मेरा लौड़ा फिर से टन्ना टन्न खड़ा हो गया और वो चार लड़कियाँ दौड़ कर आई और मुझ पर टूट पड़ी।
मतलब कोई लंड को पकड़ रही तो कोई मेरी छाती के निप्पल को किस कर रही थी और किसी ने मेरी गांड में ऊँगली डाल रखी थी।
बारी बारी से सबने मेरे खड़े लंड को चूमना शुरू किया और फिर मेरे गोल चूतड़ों को भूखे शेर की तरह चाटने लगी।
अब नेहा ने कहा- रात बहुत हो रही है, सोमू को डॉली की चूत की चुदाई करने दो, यारो कल हम भी चुद जाएँगी इस सरकारी सांड से!
अब मैं पलंग पर बैठ गया और डॉली को अपने पास बुला लिया और सब लड़कियों को कहा कि वे इसको गर्म करें और डॉली की जांघों पर और चूतड़ों पर खूब चूमना शुरू करें।
डॉली को पलंग पर अपने पास बिठा लिया और उसको कहा- आज मैं तुमको बैठ कर चोदूंगा।
उसकी टांगों को खोल कर मैंने अपनी कमर के चारों ओर फैला लिया और उसकी सफाचट चूत को अपने लंड के ठीक सामने ले आया।
जैसे ही हम दोनों की पोजीशन ठीक हुई, मैंने उसके चूतड़ों को हाथों से उठा लिया और अपने लंड को डॉली की चूत में गृह प्रवेश करवा दिया, उसके लाल होटों को चूमते हुए और उसके मुम्मों को अपनी छाती से लगाते हुए मैंने डॉली से कहा कि अब वो मेरे को चोदे।
उसने भी झट अपने बाज़ू मेरे गले में डाल दिए और धीरे धीरे आगे पीछे होने लगी जैसे मेरे लंड पर बैठ कर झूला झूलने लगी।
बाकि लड़कियों ने यह पोजीशन पहले कभी नहीं देखी थी, सब ध्यान मग्न हो कर डॉली की चुदाई को देख रही थी कि कैसे डॉली झूले में झूलते हुए मुझको चोद रही थी और इस नए सेक्स स्टाइल से कैसे दोनों के शरीर के सारे अंग एकदम साथ जुड़े हुए थे।
अब नेहा और जस्सी ने डॉली के चूतड़ों को अपने हाथ में ले लिया और पूनम ने डॉली के मुम्मे अपने कब्ज़े में कर लिए। यानि चारों लड़कियां चुदाई में शामिल हो गई और उनकी मिली जुली हरकत से डॉली बहुत ही जल्दी छूटने के सुहाने मोड़ पर पहुँच गई थी। 
पूनम के डॉली के मम्मों की छेड़छाड़ से वो जल्दी ही अपने को रोक ना सकी और इस बार बड़े ही ज़ोरदार झटके के साथ चूत में से पानी का सैलाब उमड़ पड़ा।
वो तो नेहा चौकन्नी थी, उसने झट उसकी चूत के नीचे एक तौलिया रख दिया और बेड की चादर खराब होने से बच गई।
अब डॉली तो मेरे से चिपक कर बैठ गई थी और मुझको छोड़ ही नहीं रही थी, नेहा ने ज़ोर से कहा- वो मैडम इधर आ रही है, जल्दी करो।
तब कहीं डॉली ने मुझको छोड़ा और वो उठ कर बाथरूम में घुस गई।
सब लड़कियाँ ज़ोर से हंस पड़ी।
फिर मैं कपड़े पहन कर जल्दी से अपने रूम में आ गया और आते ही कपड़ों समेत ही बिस्तर में लेट गया और बड़ी ही गहरी नींद में सो गया।
दो औरतों और एक जवान लड़की को चोदना कोई खाला जी का खेल नहीं है, यह मुझको उस दिन महसूस हुआ।
दिल्ली से आगरा की बस में



दो औरतों और एक जवान लड़की को चोदना कोई खाला जी का खेल नहीं है यह मुझको उस दिन महसूस हुआ।
इसी कारण सुबह मेरी नींद टाइम पर नहीं खुली और मुझको पूनम ने ही आकर जगाया और जल्दी से मैं मुंह हाथ धोकर चलने के लिए तैयार हो गया।
पूनम ने ही मेरा बिखरा सामान बक्से में डाला और जल्दी से हम दोनों होटल के रेस्तराँ में पहुँच गए जहाँ सब नाश्ता कर रहे थे।
नाश्ता खत्म करने के बाद हम सब बस में बैठने के लिए चल पड़े। 
क्यूंकि मैं फिर रेनू के साथ सबको बस में बैठाने में लगा था तो सबसे आखिर में बस में चढ़ा और इसी कारण मुझको लास्ट की सीट मिली।
वो 2 वाली सीट थी, जब मैं वहाँ बैठा तो मेरे साथ वाली सीट पर एक लड़की बैठी हुई थी।
मैंने उसकी तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया और उस खाली सीट पर बैठ गया।
आगे बैठी हुई मेरे ग्रुप की लड़कियाँ मेरी तरफ देख रहीं थी और इशारे कर रहीं थी कि मैं उनकी सीट पर आ जाऊँ लेकिन मैंने मना कर दिया।
बस जब शहर के बाहर निकल गई तो मैंने साथ वाली लड़की की तरफ देखा। लड़की का रंग सांवला था लेकिन नयन नक्श गज़ब के थे और शरीर भी काफी भरा पूरा था।
वो भी अपनी आँखों की कोर से मुझको देख रही थी।
मैंने उसको हेलो किया और उसने भी बड़ी सुरीली आवाज़ में मुझको जवाब दिया।
मैं बोला- मेरा नाम सोमू है और आपका नाम क्या है?
लड़की बोली- मेरा नाम जेनी है, मैं इंटर के दूसरे साल में हूँ, आप कौन सी क्लास में हैं?
मैं बोला- मैं इंटर के फर्स्ट ईयर में हूँ लेकिन मैंने आपको कभी कॉलेज में पहले देखा नहीं?
जेनी बोली- मैं कुछ दिन पहले ही कॉलेज में आई हूँ, उससे पहले मैं अल्मोड़ा में पढ़ती थी।
मैं बोला- आपसे मिल कर बड़ी ख़ुशी हुई। 
बातों के दौरान दो बार उसका हाथ मेरी जांघों पर लगा और एक बार मेरे हाथ से भी टकराया।
मैं रात को देर से सोया था, थोड़ी नींद लग रही थी, मैं आँखें बंद कर के बैठ गया लेकिन 5-10 मिन्ट में मुझको ऐसा लगा कि कोई हाथ मेरी जांघों के ऊपर आ गया है और धीरे धीरे वो मेरी जांघों पर रेंग रहा है।
हल्के से आँख खोल कर देखा कि तो जेनी ने अपने ऊपर एक हल्की सी शाल कर रखी और उसका थोड़ा हिस्सा मेरी जांघों पर भी आ रहा था।
वहीं से शायद उसका हाथ मेरी जांघों पर चल रहा था।
मैंने भी उसकी तरफ देखा तो वो एक प्यारी सी मुस्कान बिखेर रही थी लेकिन उसने अपना हाथ नहीं हटाया था।
मैं भी उसकी मर्ज़ी समझ गया था और बस एक नज़र डाली सब ऊंघ रहे थे सो मैंने भी सब क्लियर देख कर अपना हाथ उसकी गोद में शाल के नीचे रख दिया और उसने भी अपना दायाँ हाथ मेरे हाथ के ऊपर रख दिया।
उसका बायाँ हाथ मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े पर पड़ा था और उसको हल्के से सहला रहा था और अब मैंने भी अपना हाथ उसकी साड़ी के ऊपर से उसके चूत पर रख दिया था।
जेनी ने अपने बाएं हाथ से मेरी पैंट खोलने की कोशिश करने लगी थी और मैंने उसकी मदद के लिए खुद ही पैंट की ज़िप खोल दी और अपना खड़ा लौड़ा बाहर निकाल दिया ताकि जेनी को कोई दिक्क्त न हो।
जेनी ने जैसे ही मेरे खड़े लौड़े पर हाथ रखा तो उसको एक झटका लगा और उसने झट से हाथ हटाने की कोशिश की लेकिन मेरे हाथ ने उसको रोक दिया और मेरा दायाँ हाथ उसकी साड़ी को ऊपर करने की कोशिश करने लगा और फिर जेनी ने स्वयं ही अपनी साड़ी का एक कोना ऊपर कर दिया और मेरे हाथ को अपनी चूत पर रख दिया।
बालों से भरी हुई चूत पर इस तरह हाथ रखने से मुझको भी एक अजीब सी झनझनाहट हुई लेकिन मैंने भी हिम्मत करके हाथ को चूत पर रखे रखा और उधर वह मेरे लौड़े को अब अपने हाथ में लेकर उसके साथ खेलने लगी।
जब मैंने ऊँगली जेनी की चूत के अंदर डालने की कोशिश की तो वो अंदर नहीं जा पा रही थी क्यूंकि उसकी चूत उसके चूतड़ों के नीचे आ रही थी और इसी कारण वहाँ ऊँगली नहीं जा पा रही थी तब जेनी ने मेरी हेल्प के लिए अपने चूतड़ों को सीट में आगे की तरफ खिसका लिया।
मैंने जैसे ही जेनी की चूत में ऊँगली डाली वहाँ मुझको काफी गीलापन मिला।
जेनी भी अब बेधड़क मेरे लंड को ऊपर नीचे करके मुठी मारने की कोशिश कर रही थी जिसका उसको काफी आनन्द आ रहा था और मुझको भी कोई कम मज़ा नहीं आ रहा था।
थोड़ी देर कोशिश करने के बाद जेनी ने मेरे कान में कहा- सोमू, क्या मैं तुम्हारे लंड को चूस सकती हूँ?
मैं बोला- मुझको कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन तुम अपना देख लो कोई देख न ले तुमको?
वो बोली- तुम अपनी सीट में आगे हो जाना न सो किसी को दिखाई नहीं देगा।
मैं बोला- ठीक है कोशिश कर देखो।
वो धीरे से सीट के नीचे की तरफ बढ़ी और मैं भी थोड़ा उसकी तरफ मुड़ गया और उसने अपनी शाल अपने सर पर कर ली और मेरे और अपने को पूरा ढक लिया।
मैंने भी फुसफुसा कर कहा- ठीक है, शुरू हो जाओ।
उसने नीचे पहुँच कर मेरे लौड़े को मुंह में ले लिया और उसको आहिस्ता से लपालप चूसने लगी।
उसको बहुत ही आनंद आ रहा था लेकिन मुझको ज़्यादा फरक नहीं पड़ रहा था लेकिन मेरे हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके मुम्मों के साथ खेल रहे थे।
अच्छे सॉलिड मुम्मे थे और ब्लाउज के बाहर से ही बड़े सुंदर लग रहे थे, जेनी ने थोड़ी देर लंड को चूसने के बाद पूछा कि और या बस मैंने उसको इशारा किया कि बस करो और ऊपर आ जाओ।
जब वो ऊपर सीट पर बैठ गई तो मैंने उसकी साड़ी को उसके घुटनों के ऊपर कर दिया और उसकी चूत में उसकी भग को आराम से मसलने लगा, बायाँ हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर रख कर उनको छेड़ने लगा।
भग और मुम्मों के साथ खेल में उसकी जांघें मेरे हाथ को अपने बीच में दबाने और खोलने लगी, थोड़ी देर और भग मसली तो जेनी एक कंपकंपी के साथ झड़ गई और मैंने झट से अपना रुमाल उसको दिया, उसने वो अपनी चूत के ऊपर रख लिया जिससे उसकी चूत का गीलापन उसकी साड़ी तक नहीं पहंच पाया और सारा का सारा रुमाल में समा गया।
मैंने अपना रुमाल वापस माँगा तो जेनी कहने लगी कि वो आगरा में इसको धोकर वापस दे देगी लेकिन मैंने कहा- नहीं, तुम मुझको ऐसा ही दे दो, इसमें समाई तुम्हारी चूत की खुशबू मुझको सूंघनी है और धरोहर के रूप में रखनी है।
उसने हँसते हुए कहा- यह लो अपना रुमाल… लेकिन तुम एक बहुत ही स्वीट लड़के हो।
मैंने भी जवाब में कहा- जेनी, तुम भी एक बहुत ही आकर्षक लड़की हो। अच्छा यह बताओ, क्या तुम आगरा में हमारे ग्रुप में शामिल होना चाहोगी?
फिर मैंने उसको अपने छोटे से ग्रुप के बारे में बताया और कहा कि हम सब बड़े उन्मुक्त तरीके से रहते हैं और खूब सेक्स भी करते हैं मिल कर।
जेनी हैरानी से बोली- रियल सेक्स भी करते हो तुम लोग? मुझको विश्वास नहीं होता।
मैं बोला- अगर तुम भी उन्मुक्त व्यवहार के पक्ष में हो तो हम तुम को अपने ग्रुप में शामिल कर सकते हैं लेकिन सेक्स ज़रूर करना पड़ेगा। बोलो तैयार हो?
जेनी पहले तो कुछ झिझकी फिर मान गई और बोली- सेक्स किसके साथ करना पड़ेगा?
मैं बोला- पुरुष सिर्फ मैं हूँ, बाकी सब लड़कियाँ हैं तो कभी मेरे साथ और कभी आपस में! बोलो चलेगा?
जेनी बोली- चलेगा अगर तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो दौड़ेगा।
फिर हम दोनों आँखें बंद कर के थोड़ी देर के लिए झपकी लेने लगे।
Reply


Messages In This Thread
RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र - by sexstories - 05-17-2018, 01:24 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,521,117 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,610 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,240,482 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 937,792 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,665,408 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,090,979 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,967,778 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,110,713 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,053,428 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,788 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)