RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
पड़ोस वाली आंटी और नौकरानी की मस्त चुदाई
दो दिन बाद जब मैं कॉलेज से घर आया तो कम्मो ने बताया- सुमी और शांति आज फिर आने वाली हैं..
मैं बोला- ठीक है मैं तब तक खाना खा लेता हूँ, तुम ने उनको सारी बात समझा दी है न?
कम्मो बोली- बिल्कुल समझा दिया है। आज मैंने आपके लिए बकरे के पाये का सूप बनवाया है औए साथ में ही गुर्दे कपूरे की करी भी बनवा दी है।
मैं बोला- पाये का सूप? उफ्फ, वो मैं कैसे पियूँगा कम्मो रानी, मैंने पहले कभी पिया ही नहीं न!
कम्मो बोली- छोटे मालिक पाये का सूप तो आपको पीना पड़ेगा, आप उसको चखिए तो सही, थोड़ा पीजिये तो सही और फिर देखिये तो सही कम्मो का कमाल।
तभी पारो खाना ले आई।
सूप का कटोरा सबसे पहले मेरे सामने रखा गया, मैंने भी नाक बंद कर के एक चम्मच सूप पिया और पीते ही आनन्द विभोर हो गया और चिल्लाया- यह होता है पाये का सूप? पहले बताना था… यह तो शोरबा-ऐ-वाजिदअलीशाह है और यह तो हमने गाँव में कई बार पिया है।
फिर खाना खाकर मैं थोड़ा आराम करने के लिए अपने कमरे में चला गया और ना जाने कब मेरी नींद लग गई।
जब कम्मो ने जगाया तो सुमी मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डाल कर हल्के हल्के ऊपर नीचे हो रही थी। सुमी एकदम नंगी थी और मैंने भी जब अपने को देखा तो मैं भी नंगा था।
इधर उधर देखा तो कम्मो भी नंगी और साथ ही शांति भी पूरी नंगी थी।
जब कम्मो ने देखा कि मैं जग गया हूँ तो वो मेरे पास आई और बोली- सॉरी छोटे मालिक, आप सो रहे थे और आपका एकदम खड़ा था, तो हमने सोचा कि आप को जगा देते हैं लेकिन सुमी जी बोली कि आपका रेप कर देते हैं तो हम सबने आपको एक एक बार चोद रखा है।
मैं बोला- उफ़ मेरी माँ, तभी मैं कहूँ कि यह सपने में मुझ को परियां क्यों चोद रहीं हैं? मुझको क्या मालूम था कि सच में मेरे ऊपर परियां चढ़ी बैठी हैं।
यह सुन कर सब हंस पड़ी। अब सुमी ने तेज़ी से मुझको चोदना शुरू कर दिया था और उसके चेहरे से लग रहा था कि उसका जल्दी ही छूटने वाला है, मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिये थे और मेरे ज़ोर के धक्कों से सुमी जल्दी ही स्खलित हो गई।
अब कम्मो ने कहा- सुमी को घोड़ी बना कर चोदो!
और वो झट से घोड़ी बन गई, मैंने भी अपनी पोजीशन लेकर उसकी चूत के मुख पर लंड रख दिया, गीली उबलती हुई चूत में अपना लोहे के समान कड़ा लंड धीरे धीरे से चूत में डालने लगा।
मुझको ऐसा लग रहा था कि आज मेरा लंड कुछ ज़्यादा मोटा और लम्बा हो गया है।
फिर मैंने अपना पूरा ध्यान सुमी की चुदाई में लगा दिया।
कम्मो पास में खड़ी होकर सुमी के मम्मों का चूषण और मर्दन कर रही थी और साथ ही हाथ से उसकी भग को भी सहला रही थी।
इस दोहरे हमले सुमी ज़्यादा देर सहन नहीं कर सकी और 5-6 मिन्ट में ही उसका छूट गया।
अब कम्मो ने मुझको इशारा किया कि मैं भी अपना छूटा दूँ।
अब मेरे धक्के लम्बे और गहरे होने लगे, मैंने कस कर सुमी की गांड को अपने लौड़े के साथ जोड़ दिया और तेज़ धक्कों की बौछार शुरू कर दी, हर धक्के में लंड के साथ यह महसूस करने की कोशिश कर रहा था कि सुमी की बच्चेदानी का मुंह किस तरफ है।
जब मुझ बहुत को थोड़ा आभास हो गया तो मैंने अपने लंड को उसी दिशा में रखा ताकि जब छूटे तो वीर्य सीधे बच्चेदानी के मुंह के अंदर जाए।
अब जब मुझको यकीन हो गया तो मैंने लंड का फव्वारा छोड़ दिया और वो सीधा बच्चेदानी के अंदर चला गया, ऐसा मुझको लगा।
कम्मो ने सुम्मी की टांगें एकदम ऊपर कर दीं और उसके चूतड़ों के नीचे एक मोटा तकिया रख दिया था।
तब तक मैंने शांति को घेर लिया और उसकी एकदम कसी चूत जो गीली हो रही थी, मैंने ऊँगली से भग को मसलना शुरू कर दिया, उसके छोटे लेकिन रसीले होटों को भी चूमने लगा।
फिर मैंने उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उसको ऊपर उठा लिया और अपने तने हुए लौड़े को चूत के मुंह पर रख कर ज़ोर का एक धक्का मारा और चूत की कसावट के बावजूद लौड़ा एकदम अंदर हो गया।
अब मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और शांति भी उसी तरह जवाब देने लगी और 5 मिन्ट में वो भी झड़ गई, झड़ते हुए उसने मुझको कस कर अपने सीने से लगा लिया।
उसकी रसीली चूत से निकला सारा माल मेरे हाथों में गिरा हुआ था और जब मैंने उसको नीचे उतारा तो वो सारा का सारा रस उस के मम्मों पर मल दिया और कुछ उसके मोटे गोल चूतड़ों पर लगा दिया।
सुमी ने उठ कर मुझ को गले लगा लिया और ज़ोरदार चुम्मी मेरे होटों पर जड़ दी। मैंने भी उसके मम्मों के चुचूक को बारी बारी से चूसा।
तब सुमी बोली- मज़ा आ गया आज तो चुदाई का! आज तुम्हारा लंड भी कुछ ज़्यादा लम्बा और मोटा लगा मुझको! क्यों शांति?
शांति बोली- हाँ, मुझ को भी लगा कि आज सोमु जी का हथियार कुछ बदला हुआ है, ज़्यादा मोटा और लम्बा है आज शायद।
कम्मो मुस्कराते हुए बोली- हाँ, वो तो होना ही था, आज छोटे मालिक को स्पेशल डाइट जो खिलाई है मैंने ताकि वो सुमी जी का गर्भाधान कर सके। चलो नाप लेते हैं सब के सामने।
यह कह कर वो इंच टेप ले आई और मेरे लंड को नापने लगी।
नाप लेने के बाद वो बोली- सुमी जी, आप नापिये मुझसे शायद कुछ गलती हो रही है?
अब सुमी मेरे लंड का नाप लेने लगी और बोली- हाय राम, यह तो पूरे 8 इंच लम्बा निकल रहा है और 4 इंच मोटा है. उफ़ क्या मैं 8 इंच अंदर ले गई थी?
कम्मो बोली- आपके पति ठाकुर साहिब का कितना बड़ा है?
सुमी बोली- वो तो 5-6 इंच लम्बा है और मोटा भी कम है।
कम्मो बोली- क्या आप अपने पति की चुदाई से खुश हो जाती हैं यानि क्या वो आपका छूटा देते हैं?
सुमी बोली- कभी कभी मैं छुट जाती हूँ लेकिन ज़्यादा टाइम वो बहुत जल्दी करते हैं, तो मैं रह जाती हूँ।
मैं बोला- फिर कैसे काम चलाती हो आप?
सुमी बोली- वो क्या करें, मज़बूरी मं ऊँगली से या फिर शांति और मैं एक दूसरी का छूटा देती हैं।
मैं बोला- वो कैसे?
शांति बोली- हम एक दूसरी को काफ़ी चूमना चाटना करती हैं जिससे हम दोनों का काम हो जाता है।
मैं बोला- अच्छा शांति, तुम्हारा पति कैसे चोदता था तुमको? तुम्हारा छुटा देता था कि या फिर वो बीच में ही छोड़ देता था?
शांति उदास हो कर बोली- वैसे हमारे मर्दों को चोदना आता ही नहीं, ख़ास तौर पर गाँव वालों को! बहुत सारे मर्दों को यह पता ही नहीं कि स्त्री का भी छूटता है, वो सोचते हैं कि लंड चूत में डाल ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने से ही औरत खुश हो जाती है और बच्चा पैदा हो जाता है।
सुमी बोली- शांति ठीक कह रही है, आमतौर से मर्दों में यह भ्रान्ति है कि औरत का छूटना ज़रूरी नहीं बच्चा पैदा करने के लिए! और वो अक्सर कुछ ज़ोर के धक्के चूत में मार कर मूंछों को ताव देते रहते हैं कि मेरे जैसा मर्द है ही कोई नहीं दुनिया में! लेकिन सोमू, तुमको बढ़िया चुदाई किसने सिखाई?
मैं हंस कर बोला- मेरी गुरु कम्मो रानी है और कोई नहीं। वो मुझको ठीक ढंग से सिखा रही है।
कम्मो बोली- जब मैं छोटे मालिक के घर आई थी तो इनकी देखभाल करने के लिए मुझको नियुक्त किया गया था और मैंने पूरी कोशिश की छोटे मालिक को पूरी ट्रेनिंग दूँ जिससे वो आगे चल कर कोई तकलीफ न उठा पाएं। मैं एक पूरी तरह से ट्रेन्ड नर्स और दाई हूँ। अब आप दोनों का भी नाप ले लेती हूँ।
यह कह कर कम्मो इंच टेप और मुझको इशारा किया और मैं कॉपी में इनका नाम लिख कर नाप नोट करने लगा।
पहले सुमी जी का नाप निकला- 36-30-40 और शांति का नाप निकला- 32-26-34
दोनों ही बहुत सेक्सी थीं। लेकिन सुमी के मोटे चूतड़ों से मैं बहुत ही प्रभावित हुआ था।
थोड़ी देर बाद दोनों ही अपनी कोठी चली गई।
भाभी की मस्त चूत चुदाई
शाम को मम्मी का फ़ोन आया कि दूर के रिश्ते में पापा के मौसेरे भाई के बेटे और उसकी पत्नी कुछ दिनों के लिए लखनऊ आ रहे हैं और वो हमारी कोठी में ही ठहरेंगे, उनके लिए कमरा तैयार करवा दूँ, उनके आराम का पूरा ख्याल रखना और उनकी पूरी खातिरदारी करना, वो कल दोपहर पहुँचेगे तब तक तुम कॉलेज से वापस आ जाओगे। उनका नाम है रोशन और रश्मि, वो बहुत अच्छे स्वभाव के हैं।
मम्मी ने यह भी बताया कि पापा मेरे लिए मेरे अगले जन्मदिन पर एक मोटर साइकिल देने की सोच रहे हैं मैं उनको जल्दी बताओ कि कौन सी मोटर साइकिल मुझको पसंद है।
मैंने बेहद ख़ुशी से कहा- थैंक यू मम्मी जी, पापा जी को भी मेरा थैंक्स कहना। मैं जल्दी ही मोटर साइकिल के बारे में बताऊँगा। रोशन भाई और भाभी का आप फ़िक्र ना करें, उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
मैंने कम्मो को बुलाया और उसको बताया कि भैया और भाभी आ रहे हैं और उनके लिए बड़ा वाला कमरा तैयार कर देना।
अगले दिन कॉलेज से लौटने पर जब घर पहुँचा तो भैया भाभी तब तक नहीं आये थे, मैं भी खाने पर उनके आने का इंतज़ार कर रहा था।
कोई आधे घंटे बाद उनकी कार पहुँची और मैंने उनका स्वागत किया।
कम्मो उनके लिए कोल्ड ड्रिंक्स ले आई, फिर दोनों को फ्रेश होने के लिए उनको उनके कमरे में छोड़ आया।
खाना खाकर जब हम फारिग हुए तो बातें शुरू कर दी। तब मैंने भैया भाभी को ध्यान से देखा, भैया की आयु होगी कोई 30 के लगभग और भाभी होगी 27-28 की… दोनों काफी मॉडर्न लगे।
भाभी देखने में काफी सुन्दर लग रही थी और भैया भी स्मार्ट दिख दिख रहे थे। भैया किसी कम्पनी में काम करते थे और अक्सर टूर पर रहते थे।
भाभी ने बताया कि कल सवेरे से वो फिर दो दिन के लिए पास के शहरों में जाने वाले थे टूर पर लेकिन भाभी यहीं लखनऊ में ही रहने का प्रोग्राम बना कर आई थी।
भैया और भाभी शाम को लखनऊ घूमने के लिए निकल गए और मुझको भी कहा लेकिन में पढ़ाई का बहाना बना कर उनको टाल दिया।
उनके जाने के बाद मैंने कम्मो और पारो को बुलाया और कहा कि रात की चुदाई तो मुमकिन नहीं तो अभी क्यों ना कमरा बंद करके चुदाई का एक दौर शुरू कर दें।
दोनों मान गई और फिर मैंने दोनों को बारी बारी से उनकी साड़ी ऊपर उठा कर जम कर चोदा और जब तक दोनों ने कान पकड़ कर बस और नहीं कहा तो तब तक उनको नहीं छोड़ा।
पारो तो साड़ी नीचे करके अपने किचन में चली गई क्योंकि उसको आज कुछ ख़ास चीज़ें बनानी थी।
कम्मो और मैं बातें करने लगे, कम्मो का कहना था कि भाभी को भैया से पूरी यौन तसल्ली नहीं मिल रही थी इसीलिए वो बार बार मेरे लंड को आँखों से टटोल रही थी.
मैंने कहा- हो सकता है लेकिन भाभी है सुंदर ! अगर उनकी चूत चोदने को मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए!
कम्मो बोली- छोटे मालिक, क्या भाभी की लेनी है आपको?
मैं बोला- दिलवा सकती हो क्या?
कम्मो बोली- हाँ कोशिश कर सकते हैं। वैसे भी भाभी भैया की शादी को कम से कम 7-8 साल हो चुके होंगे लेकिन भाभी की आँखों से काफ़ी चुदाई की भूख झलक रही है।
मैं बोला- वो तो ठीक है लेकिन मुझको कब और कैसे मिल पायेगी वो? यह सोचो न!
कम्मो बोली- मैं एक तरीका बताती हूँ अगर कर सको तो?
मैं बोला- बोलो कम्मो रानी? क्या तरीका है?
कम्मो बोली- तुम जब रात को सोओ तो पायजामा लंड के ऊपर से हटा कर सोना, वो शायद तुम्हारे कमरे में आएगी रात को तो खड़ा लंड देख कर शायद वो तैयार हो जाए!
मैं बोला- चलो ऐसा भी कर के देख लेते हैं, शायद तुम्हारा जादू चल जाए!
खैर खाना बहुत ही स्वादिष्ट बनाया था पारो ने! दोनों ने खाने की बहुत तारीफ की थी, फिर भैया बोले- कोकाकोला पीने की बड़ी इच्छा हो रही है सोमू क्या घर में है?
मैं बोला- ज़रूर भैया।
कम्मो को बोला तो वो झट से ठंडी कोकाकोला की 4 बोतलें ले आई जो एकदम से ठंडी हो रखी थी और खोल कर सबको पकड़ा दी।
भैया बोतल पीते हुए बोले- वाह सोमू, यार कोका पी कर दिल खुश हो जाता है, सच में 1954 में कोकाकोला ही एक ऐसी ड्रिंक है जिस ने सारे देश में धूम मचा रखी है, अभी गाँव खेड़ा में नहीं पहुँची, हम बेचारे सब इस अमृत से अभी वंचित हैं।
खाना खाकर मैं भैया भाभी को उनके कमरे तक छोड़ आया और कम्मो भी मुझको एक गर्म चुम्मी देकर अपनी कोठरी में चली गई।
मैं आज काफी अरसे के बाद अपने कमरे में अकेला सो रहा था, बिस्तर पर लेटते ही मेरी आँख लग गई और कम्मो की बताई तरकीब याद ही नहीं रही।
आधी रात को मुझको लगा कि कोई मेरे ऊपर बैठा हुआ है, मैंने आधी आँख खोल कर नाईट बल्ब की रोशनी में देखा कि शायद भाभी जैसी ही कोई औरत थी।
फिर मैं सोने का बहाना बना कर लेटा रहा और देखता रहा।
भाभी ने मेरे खड़े लंड को अपनी सफाचट चूत में डाल रखा था और वो ऊपर चढ़ कर मुझको बड़े मज़े से चोद रही थी। धीरे धीरे वो ऊपर नीचे हो रही थी और मेरे होटों को भी झुक कर चूस रही थी।
भाभी पूरी कोशिश कर रही थी कि वो मुझ को जगाये बिना चोद डाले लेकिन अब मैं भी सोये रहने का बहाना करते हुए भी नीचे से धक्के मारने लगा, कभी हल्का कभी तेज़!
मुझको मेरे पेट पर सुगन्धित पानी के गिरे होने के आसार मिल रहे थे, जिसका मतलब था कि भाभी कई बार छूट चुकी थी।
मैं अंदाजा नहीं लगा पा रहा था कि भाभी कब से मुझ को चोद रही थी, अब मुझ से रहा नहीं गया और मैंने आँखें खोल कर भाभी को पलट दिया।
अब भाभी मेरे नीचे और मैं उसके ऊपर हो गया था, अब लंड को पूरा अंदर डाल कर मैंने तेज़ रफ्तार से चोदना शुरू किया और भाभी की आँखों में अपनी आँखें डाल कर उसके होटों को चूमना और उसके मोटे उरोजों को चूसना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में भाभी फिर एक बार छूट गई और मुझको अपनी बाहों के घेरे में ले कर उसने मुझको अपनी छातियों से चिपका लिया और अपनी टांगों में मेरी पतली कमर को जकड़ लिया।
मैं अभी भी भाभी के ऊपर लेटा हुआ था और मेरा खड़ा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था।
तब भाभी ने मुझको होटों पर चूमते हुए कहा- सॉरी सोमू, मैंने तुमको रात में डिस्टर्ब किया! वेरी सॉरी!
मैं बोला- पर भाभी आपने यह रिस्क कैसे उठा लिया? भैया कभी भी आ सकते हैं।
भाभी हंस दी- सोमु, भैया आ नहीं सकते क्योंकि उन्होंने नींद की गोली खा रखी है और वो रात को कभी नहीं उठते।
मैं हैरानगी से बोला- तो फिर भाभी आपका काम कैसे होता है?
भाभी बोली- मेरा कोई भी काम नहीं होता है सोमू। तुम्हारे भैया कुछ भी करने के काबिल नहीं हैं।
मैं बोला- उफ़्फ़, भाभी आप इतनी सुंदर और भैया भी स्मार्ट हैं फिर भी कुछ नहीं हो पा रहा है।
भाभी उदास हो कर बोली- पिछले सात साल से यही कुछ हो रहा है। चलो छोड़ो यह बातें और मुझको घोड़ी बना कर चोदो ना प्लीज सोमू?
भाभी जल्दी से घोड़ी बन गई और मैंने अपनी तुरुप चाल शुरू कर दी, मतलब पूरा लंड अंदर और फिर पूरा बाहर और फिर अंदर और बाहर और फिर धीरे धीरे स्पीड बढ़ा देना।
यह चुदाई कोई 15 मिन्ट तक चली और भाभी कोई 3 बार स्खलित हुई, हर बार छूटने पर वो मुझको किस और मम्मों को चुसाई का इनाम देती थी।
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अब भाभी नीचे लेट गई और मुझको भी साथ लेटने का इशारा करने लगी।
मैं लेटा नहीं बल्कि उठ कर खड़ा हो गया और भाभी को भी खड़ा कर दिया।
भाभी मुझ को हैरानगी से देखने लगी, जब भाभी खड़ी हो गई तब मैंने उनको गौर से देखा, भाभी भी ख़ूबसूरती का मुजस्मा लग रही थी।
मैं एकदम झुक गया और उनकी सफाचट चूत में अपना सर डाल दिया और उसकी खुशबू दारचूत का आनन्द लेने लगा।
भाभी ने मेरा सर अपनी चूत के अंदर और धकेल दिया और में उसकी चूत के लबों को चूसने लगा और उसके भग को भी चूसा, भाभी आनन्द विभोर हो गई और मुझको उठा कर अपनी मोटे मम्मों से भरी छाती में चिपका लिया।
मैंने भाभी के मोटे चूतड़ों पर अपने हाथ फेरने लगा बार बार उसकी चूत को लंड से जोड़ने लगा।
थोड़ी देर में भाभी फिर चुदाई के लिए तैयार हो गई और अब मैंने उसको पलंग पर लिटा कर उनकी टांगें अपने कन्धों पर रख कर अपने मोटे लौड़े को चूत के अंदर डाल कर ज़ोरदार चुदाई शुरू कर दी।
भाभी का मुँह खुला का खुला ही रह गया और वो मेरी चुदाई की स्पीड से विस्मित हो कर खूब आनन्द लेने लगी।
जब वो 3 बार छूट गई तो उसने मुझको हाथ जोड़ कर कहा- अब और नहीं सोमू यार!
मैंने भी कहा- भाभी आप कमाल की हो, कल मुझको लगा था क आप सेक्स की भूखी हो लेकिन इतनी भूखी हो, यह अंदाजा नहीं था। आप सुबह कम्मो से बात कर लेना वो आपकी सब समस्याओं क हल ढूंढ देगी।
फिर भाभी ने अपनी नाइटी पहन ली और मैं सिर्फ पयज़ामे में उनको कमरे में छोड़ आया, अंदर झाँक कर देखा तो भैया पूरी तरह से नींद में मग्न थे।
अगले दिन जब कम्मो सुबह की चाय लेकर आई तो मैंने उसको रात की सारी कहानी सुना दी।
कम्मो बड़ी खुश हुई कि उसका प्लान ठीक ही था और भाभी वाकयी में लंड की प्यासी है।
मैं अपने टाइम पर कॉलेज चला गया और भैया अपने काम पर दो दिन के लिए कार लेकर चले गए, घर में सिर्फ भाभी कम्मो और पारो ही थी।
कॉलेज से वापस आया तो कम्मो मेरे कमरे में मेरा खाना लेकर आई, पारो के हाथ का स्वादिष्ट खाना खाकर मन तृप्ति से भर गया।
कम्मो ने भाभी के साथ हुई बात का खुलासा दिया- भैया का लंड थोड़ा कम ही खड़ा होता है यानि काफी टाइम लगता है और वो जल्दी ही झड़ भी जाते हैं, भाभी बेचारी कुछ भी आनन्द नहीं ले पाती।
ऐसी हालत में भाभी को पहली बार सोमू एक शरीफ और समझदार लड़का लगा, उसने कल रात में सोमू के कमरे में आने का रिस्क लिया लेकिन सोमू उसकी उम्मीदों से कहीं आगे बढ़ कर निकला और उसकी सालों की यौन भूख को सोमू ने मिटा दिया। भाभी सोमु की पूरी तरह से आशिक हो गई।
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