Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र Sex
05-17-2018, 01:15 PM,
#48
RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
प्रेमा और रानी को गर्भदान की कोशिश
मैं हँसते हुए बोला- कम्मो यह सब तुम ने ही तो सिखाया है यार! तुम्हारी चूत की कसम!
खूब हँसते रहे हम दोनों और फिर मैं कॉलेज के लिए चल पड़ा।
जब वापस आया तो कम्मो ने ठंडा पानी देते हुए कहा- रानी और प्रेमा आंटी का फ़ोन आया था, दोनों तुम्हारा और मेरा थैंक्स कर रही थी, ‘परसों का प्रोग्राम पक्का है?’ यह पूछ रही थी।
मैं बोला- परसों का प्रोग्राम तो पक्का है ही, उनको क्यों शक हुआ?
कम्मो बोली- दोनों आंटी तुम्हारी मुरीद हो चुकी हैं और तुम्हारे लौड़े की याद में तड़प रही हैं।
मैं हंस पड़ा- मैं भी उनकी चूतों की याद में उनके ताजमहल सी ख़ूबसूरती का तलबगार हो चुका हूँ।
इसी तरह चुहलबाज़ी में चोदम चुदाई की दो रातें मैंने कम्मो और पारो के साथ बिता दी, दो बहनों को भी पिछली रात चोद दिया तो आज का दिन मैं फ़्रेश था।
दोनों मुजस्स्मा ऐ ख़ूबसूरती अगले दिन ठीक टाइम पर आ गई, उनके आते ही कम्मो ने मुझको मेरे कमरे से निकाल दिया और उन दोनों का चेकअप करने लगी।
चेकअप के बाद दरवाज़ा खुला तो रानी बहुत मुस्करा रही थी और प्रेमा बेचारी उदास थी।
कम्मो बोली- बधाई हो छोटे मालिक, रानी का काम तो लगता है, हो गया है और प्रेमा बेचारी अभी लटकी हुई है।
मैंने प्रेमा जी को एकदम बाँहों में बाँध लिया और उनके लबों पर चूमना शुरू कर दिया, इस तरह थोड़ा संयत किया और रानी को भी चूम कर बधाई दी।
कम्मो बोली- अब आप दोनों की क्या मर्ज़ी है?
प्रेमा बोली- मैं तो कोशिश करती रहूंगी जब तक दही नहीं जम जाता।
कम्मो बोली- हाँ, यह तो सही है दूध में जामन लगना चाहये, ना जाने कब दही फिर से जम जाए! तो प्रेमा जी आप तो छोटे मालिक से आज चुदवा लो और चुदवाती रहो जब तक आप का काम नहीं हो जाता… क्यों क्या ख्याल है आप का?
प्रेमा बोली -वही तो! सोमू की चुदाई बहुत ही बढ़िया होती है, जब तक काम नहीं होता सोमु को तकलीफ देती रहूंगी मैं।
मैंने आगे बढ़ कर प्रेमा जी को आलिंगन बद्ध कर लिया और उनके मम्मों को दबाने लगा।
उधर कम्मो ने रानी को समझाना शुरू कर दिया।
सब कुछ समझा बैठी तो रानी ने कहा- कम्मो जी, अगर आप बुरा न मानें तो मैं कुछ दिन और सोमू को तंग कर सकती हूँ? मेरा अभी सोमू से चुदाई का दिल नहीं भरा, क्यों सोमू?
मैंने झट आगे बढ़ कर रानी को गले लगा लिया और उसकी चूत में साड़ी के ऊपर से ऊँगली डालने की कोशिश करने लगा।
आज रानी ने लाइट हरे रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहन रखा था और वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।
मेरा लंड काफी समय से उन दोनों को देख कर तना बैठा था, मैं कम्मो के इशारे के इंतज़ार किये बगैर ही अपने कपड़े उतारने लगा, जब पूरा नंगा हो गया तो मैं पहले प्रेमा जी के पास गया और उनके कपरे उतारने लगा।
यह देख कर प्रेमा खुद ही सारे कपड़े उतारने लगी और उधर रानी भी पीछे क्यों रहती, वो भी कुछ क्षणों में वस्त्रविहीन हो गई।
मैंने कम्मो की तरफ देखा और बोला- गुरु जी, आप क्यों आज चुप चुप हैं? कोई ख़ास कारण हैं क्या?
कम्मो हँसते हुए बोली- नहीं छोटे मालिक, प्रेमा जी का गर्भ ना ठहरना समझ नहीं आया, मैं उसके बारे में ही सोच रही थी। इससे पहले कि इन दोनों की चुदाई शुरू हो, मैं इन दोनों का नाप ले लेती हूँ जो बहुत ज़रूरी है।
कम्मो अलमारी से नाप वाला फीता ले आई और एक कॉपी में इन दोनों का नाम लिख कर उनके आगे दोनों के नाप लिखने के लिए मुझ को कहने लगी।
मैं बोला- ठीक है, लेकिन पहले अपनी तरफ तो देखो?
कम्मो झट समझ गई और झट से अपने कपड़े उतारने लगी, फिर उसने इंचटेप से पहले प्रेमा की मम्मों का नाप लिया जो 36 इंच था और फिर उसने कमर का नाप लिया जो 26 था और फिर उसने चूतड़ों का नाप लिया जो 38 था।
इस तरह प्रेमा का नाप निकला 36-26-38.
अब रानी का नाप लिया तो 36-25-36 निकला।
उसी तरह कम्मो ने इंच टेप से मेरे लंड का नाप भी लिया और वो निकला 7.6 इंच!
इस पर सब लेडीज ने बहुत ज़ोर से तालियाँ बजाई।
अब कम्मो बोली- आज सबसे पहले चुदाई प्रेमा की होगी, उसमें छोटे मालिक दो बार अपना फव्वारा छुटाएँगे और रानी की चुदाई भी 2 बार होगी और उसमें छोटे मालिक सिर्फ एक बार छुटाएँगे। क्यों मंज़ूर है सबको?
सबने ज़ोर से हाँ कह दिया।
कम्मो बोली- छोटे मालिक, आप इस छोटे से हरम के छोटे मालिक हैं तो आप लेट जाएँ। पहले प्रेमा जी को आपके पास लाया जाएगा और वो पूरी तरह से इस काली चुन्नी से ढकी होंगी और फिर एक बार की चुदाई और वीर्य छुटाई के बाद आपकी खिदमत में रानी साहिबा को पेश किया जाएगा। 
जैसे जैसे कम्मो डायरेक्ट करती रही, वैसे ही चुदाई का प्रोग्राम चलता रहा। प्रेमा को भी घोड़ी बना कर चूत की गहराई में और उसके बच्चेदानी के मुंह के अंदर दो बार छुटवाया।
उसके बाद रानी को भी मैंने बड़े आराम से बिना किसी जल्दी के हल्के हल्के धक्कों से चोदा।
आज उसको पहले दिन से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था क्यूंकि उसके मन में कोई टेंशन नहीं थी।
वो भी मेरी चुदाई से दो बार छूटी और फिर कम्मो की डायरेक्शन में मैंने उस को अपने नीचे लिटा कर चोदा और उसकी भी बच्चेदानी के मुंह के अंदर फव्वारा छुटाया।
और तब मैंने रानी के कान में कहा- तुम गर्भवती हो गई हो, और इसका सबूत तुमको आज शाम ही मिल जाएगा।
रानी के चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी और वो ख़ुशी के मारे मुझ से बार बार लिपट रही थी।
उधर प्रेमा की उदासी को कम करने की कोशिश कम्मो कर रही थी। फिर वो प्रेमा को मेरे हज़ूर में लेकर आई और बोली- हज़ूर, आप इस नाचीज़ पर भी रहम कीजिये और आज इसकी भी मुराद ज़रूर पूरी कर दें।
मैं बोला- ऐ बेगमाते ऐ अवध, इस लौंडिया को भी गर्भवती करने के लिए यह नवाबज़ादा पूरी तरह से तैयार बैठा है, पेश करो उस हसीना को, अभी हम उस को औलाद का नायाब तौफा दे देंगे।
सब हंसने लगे।
अब प्रेमा को मैंने मज़बूत बाँहों में घेर लिया और एक निहायत ज़ोर की जफ़्फ़ी डाली और उसके गोल और मोटे मम्मों को एकदम से अपनी चौड़ी छाती में दबा दिया।
मैंने उसके मम्मों को चूसा और होटों को भी चूस कर लाल कर दिया। फिर मैं सरकते हुए उसकी चूत में मुंह को डाल कर उसके सख्त हुए भग को चूसने लगा।
प्रेमा की चूत जल्दी जल्दी खुलने और बंद होनी शुरू हो गई और फिर मेरी जीभ के कमाल से 5 मिन्ट में ही कांपती हुई झड़ गई।
अब मैं उसके ऊपर चढ़ा और लम्बे और मोटे लंड का कमाल दिखाने लगा, जब ज़ोर से चुदाई का आलम गर्म हुआ तो प्रेमा अपनी कमर उठा उठा कर लंड का स्वागत करने लगी और फिर एक ज़ोरदार झटके से वो छूटने लगी।
छूटने के दौरान उसने मुझको अपनी बिलोरी जांघों में कैद कर लिया था जिस से मैं हिल भी नहीं सकता था।
जब वो ढीली पड़ी तो मैं फिर से उसकी चूत में हमले करने लगा, तेज़ हल्के और फिर तेज़… यही क्रम बाँध दिया।
अब मेरा छूटने वाला हुआ तो मैंने उसकी कमर के नीचे हाथ रख कर चूतड़ों को ऊपर उठा लिया और अपने लंड को पूरा अंदर डाल कर फिर बाहर निकालने लगा और थोड़े समय में ही मैं छूटने की कगार पर पहुँच गया।
आखिरी धक्के में जब मेरा छूटने वाला था तो मैंने प्रेमा की चूत को अपने पेट से जोड़ कर लंड की पिचकारी छोड़ दी जो उसकी सारी चूत में फैल गई।
प्रेमा बोली- उफ्फ, क्या गरम लावा है सोमू तुम्हारा पानी, मैं तो निहाल हो गई।
!
हम सब थक गए थे तो कम्मो कपडे पहन कर गई और ठंडी कोकाकोला की बोतलें ले आई और हम सब पीते रहे और एक दूसरे को बड़ी ही गर्म नज़रों से देखते रहे।
कम्मो बोली- प्रेमा और रानी, आपने अपने पति से कल रात चुदवाया था या नहीं?
प्रेमा बोली- कल नहीं परसों की रात को चुदवाना था सो चुदवा लिया।
रानी बोली- हाँ, मैंने भी चुदवा लिया था।
कम्मो बोली- पर पतियों को कैसे मनाया चुदवाने के लिए?
प्रेमा बोली- मेरा पति तो सीधा है, मैंने रात को अपना रात का चोग़ा ज़रा चूत के ऊपर कर लिया था सोने से पहले और जैसे ही उसकी नज़र पड़ी मेरी चूत पर तो वो बत्ती बुझा कर मेरी चूत पर से चोग़ा हटा कर अपने 5 इंच वाले लंडको गीली चूत में अंदर डाल कर मुश्किल से 10-12 धक्के ही मार पाया था कि उसका लंड टपक गया। वो मेरे ऊपर से उठ कर बेड पर लेटा और खर्राटे मारने लगा।
रानी बोली- मुझ को काफी मुश्किल हुई उसको चोदने के लिए तैयार करने में।
जैसे कम्मो ने बताया था, मैंने एक चाल खेली, जैसे ही वो कमरे में आया और लेटा, मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेरी नाइटी में कीड़ा है और थोड़ी उछल कूद मचाने लगी। और जल्दी ही मैंने अपनी नाइटी उतार दी और पूरी नंगी हो गई और झूठ मूठ के कीड़े को ढूंढने लगी। मैं जानबूझ कर अपनी चूत और मम्मे सेठ के मुंह के पास ले जा कर ढून्ढ रही थी कीड़ा।
बस सेठ ने मेरा जिस्म देखा और झट से 4 इंची लंड को निकाल कर मुझ पर चढ़ बैठा और जैसे ही उसने डाला, मैंने ‘आह उह’ करना शुरू कर दिया जिससे उसको यकीन हो गया कि मुझको बड़ा आनन्द आ रहा है और वही हर बार की तरह सिर्फ़ 5 मिन्ट में ही छूटा बैठा सेठ और मेरे ऊपर से उठ गया, बाद में मुझ को ऊँगली मारनी पड़ी।
कम्मो बोली- लेकिन प्रेमा और रानी, यह तुम लोग भी तो सोचो कि सेठ और उसका परिवार तुम दोनों को काफी सारा धन सोना और हीरे जवाहरात भी तो प्रदान करता है।
मैं बोला- हर चीज़ का अपना सुख और दुःख होता है, तो जिस हाल में मौला रखे उसी हाल में हम सब को खुश रहना चाहिये। क्यों कम्मो?
कम्मो बोली- वाह छोटे मालिक, बड़ी ऊंची बात कह गए आप तो! वाह!
अब प्रेमा और रानी कपड़े पहनने लगी और मेरे देखते देखते ही चाँद बादलों में छिप गया, हुस्न नज़रों से ओझल हो गया।
दो दिन बाद फिर आने का वायदा कर के दोनों चली गई।
छवि और सोनाली की चूतों की सर्विस

शाम को घर पहुंचा तो विनी बैठक में मिल गई और बोली- मेरी फ्रेंड्स आ रही हैं आज शाम को।
मैं बोला- अच्छा है, कौन कौन हैं वो?
विनी बोली- वही जो पिछली बार भी आई थी, छवि और सोनाली। वो दोनों भी आप से अपने इंजन की सर्विस करवाना चाहती हैं, ठीक है?
मैं सोच में पड़ गया, यह बार बार वाला चक्कर ठीक नहीं शायद!
मैं बोला- क्या वो रात रहेंगी?
विनी बोली- हाँ हाँ रहेंगी, तभी तो अपनी कार में सर्विस करवा सकेंगी न?
मैं बोला- कम्मो आंटी से पूछ लो, फिर कन्फर्म करना उन दोनों को!
विनी बोली- ठीक है।
थोड़ी देर में कम्मो आई मेरे पास और बोली- वो विनी कह रही थी कि उसकी दो सहेलियाँ यहाँ आ रही हैं रात रहने के लिए, उसको क्या जवाब दूँ?
मैं बोला- तुम बताओ क्या करना चाहिए? अगर इंकार करते हैं तो विनी-गीति नाराज़ हो जाएंगी और वो छवि और सोनाली भी बुरा मानेंगी।
कम्मो बोली- वो फिर क्यों आ रहीं हैं? अभी तो रह कर गई हैं।
मैं बोला- वही तो, विनी कह रही थी कि वो अपनी कार की सर्विस करवाने आ रही हैं।
कम्मो बोली- सर्विस करवाने? मैं समझी नहीं?
मैं बोला- अरे वही चुदवाने आ रहीं हैं और क्या!
कम्मो बोली- आपकी क्या मर्ज़ी है?
मैं बोला- देखो कम्मो अगर हम इंकार करते हैं तो दोनों बहनें भी बुरा मानेंगी और छवि और सोनाली भी बुरा मान जाएँगी। मैं सोचता हूँ मेरे कालेज के दो दोस्त हैं वो भी चुदाई के शौक़ीन हैं, उनको बुला लेते हैं, उन दोनों के साथ विनी और गीति को भिड़ा देते हैं और मैं छवि और सोनाली के साथ हो जाता हूँ।
कम्मो बोली- नहीं छोटे मालिक, बाहर के लड़कों के आने से हमारी कभी भी बदनामी हो सकती है।
मैं बोला- तो फिर क्या करें?
कम्मो बोली- आप छवि और सोनाली को आने दो।
मैं बोला- तो फिर ठीक है तुम विनी और गीति को बतला दो और कह दो कि आज वो दोनों आ जाएँ अपनी कार लेकर क्योंकि आज वर्कशॉप खुली हुई है।
कम्मो बोली- ठीक है छोटे मालिक।
शाम होते ही छवि और सोनाली दोनों आ गई और बैठक में मुझ से मिली। आज दोनों ने सलवार सूट पहन रखे थे और काफी सुंदर लग रही थी।
देखने में छवि ज्यादा सेक्सी लगती थी और सोनाली भी सुंदर थी लेकिन उसकी शारीरिक बनावट इतनी अच्छी नहीं लग रही थी। आज पारो ने मटन कोरमा बना रखा था जो निहायत ही लज़ीज़ था और साथ में तंदूरी कुलचे थे और शाही पनीर की सब्ज़ी थी। मीठे में मुग़लई फिरनी थी।
खाने के बाद थोड़ी देर गपशप चलती रही और छवि मेरे नैनीताल ट्रिप के बारे में पूछती रही और कोशिश करती रही कि वहाँ जो कुछ भी हुआ था उसको बताओ लेकिन मैंने भी ऐसा पोज़ किया कि वहाँ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।
फिर मैं अपने कमरे में आ गया और वो दोनों सहेलियाँ बाद में कम्मो के साथ आ गई।
आते ही दोनों मेरे साथ लिपट गई और मुझ को होटों पर ज़बरदस्त किस करने लगी।
मैंने मज़ाक में कहा- वो विनी कह रही थी कि आपने कार में सर्विस करवानी है इसलिए आप दोनों अपनी कारें लेकर आ रहीं हैं? पर मुझको तो कोई कार वॉर नहीं दिख रही?
छवि और सोनाली ज़ोर से हंस दी।
फिर छवि बोली- वो क्या है सोमू, हमने मज़ाक में यह कहा था विनी से ताकि वो कुछ गलत न समझे। हमारा मतलब था वहाँ की सर्विस करवाने का?
मैं समझ तो गया फिर भी ऐसा जताया मैं नहीं समझा हूँ, मैं बोला- कहाँ की सर्विस करवानी है आप दोनों को खुल कर बताओ न?
छवि अब कुछ हिचकने लगी और उसकी और सोनाली की यह हालत देख कर मैं और कम्मो दोनों ही हंस रहे थे मन ही मन!
मैं बोला- खुल कर बताओ कि किसकी सर्विस करवानी है और कौन सी मशीन की? और वहाँ तेल लगेगा या सूखी ही सर्विस होगी?
अब छवि और सोनाली शर्म से लाल हो रही थी लेकिन मैं भी अड़ा हुआ था कि सर्विस के बारे में पूरी जानकारी लेकर काम शुरू करेंगे।
मैं बोला- भई जल्दी बताओ, कौन सी सर्विस और कौन से पार्ट की सर्विस करवानी है आप दोनों ने?
वो दोनों को चुप बैठा देख कर कम्मो बोली- छवि और सोनू शर्म मत करो साफ़ बता दो किस तरह की सर्विस और किस पार्ट की सर्विस करवानी है आप दोनों ने? वर्कशॉप के मालिक जो पूछ रहे हैं वो बता दो ना? 
दोनों अभी भी चुप बैठी थी और उनके मुँह झुके हुए थे, मुझको और कम्मो को बड़ा मज़ा आ रहा था। मैंने कम्मो से कहा कि वो स्टोर से मोटा और बड़ा रेंच और पेंचकस ले आये शायद उनकी ज़रूरत पड़ सकती है सर्विस करते हुए!
कम्मो उठ कर जाने लगी और जाते जाते बोली- वो बड़ी अलमारी वाला या छोटी अलमारी वाला?
मैं बोला- दोनों ही ले आओ।
जैसे ही कम्मो उठ कर जाने लगी तो छवि ने उसको पकड़ लिया और उस के कान में कुछ खुसर पसर की और वो वापस आकर बैठ गई और बोली- इन दोनों को वहीं की सर्विस करवानी है जहाँ की आपने पिछली बार की थी।
मैं बोला- पिछली बार तो मैंने इनकी चूत की सर्विस की थी अपने लौड़े से, कहीं वहीं की सर्विस तो नहीं करवानी इन दोनों ने?
दोनों एक साथ बोल पड़ी- वहीं की… वहीं की।
मैं हँसते हुए बोला- चुदाई का नाम सर्विस करवाना आपने अच्छा रखा।
छवि हँसते हुए बोली- वो हम पड़ोसी के घर से फ़ोन कर रही थी न तो उसके सामने हमको थोड़ा सोच समझ कर बोलना पड़ा।
मैं बोला- वाह, क्या हाज़िर जवाबी है। अच्छा तो फिर तैयार हो जाओ दोनों सर्विस करवानी के लिए! लेकिन एक प्रॉब्लम है कम्मो?
कम्मो बोली- अब क्या परेशानी आ गई?
मैं बोला- वो मेरा नीचे वाला भैया शायद सर्विस करवाने का मतलब नहीं समझता है तो छवि को उसको समझाना पड़ेगा। क्यों छवि समझा सकोगी उसको?
छवि बड़ी मुश्किल में पड़ गई।
कम्मो ने उसको तसल्ली देते हुए कहा- मत घबराना छवि, उसको ज़रा मुंह में ले कर बता देना कि कैसे सर्विस होती है। बस काम हो जाएगा।
छवि के चेहरे से लग रहा था कि वो काफी परेशान है।
फिर कम्मो ने सबको कपड़े उतारने के लिए कहा। जैसे ही सब कपड़े उतार बैठी तो सब का ध्यान मेरे लौड़े की तरफ ही था।
जब मैंने कपड़े उतारे तो वाकयी में लंड ढीला पड़ा हुआ था और उसका सर लटका हुआ था। मैंने घबराहट की एक्टिंग करते हुए कहा- छवि या सोनू, प्लीज इसको बताओ सर्विस क्या होती है? नहीं तो यह कुछ ना कर पायेगा।
अब तो कम्मो भी हैरानी से लंड को देख रही थी जो सच्ची में बैठा हुआ था।
!
उसने छवि को कहा- इसको अपने लबों के पास ले जाकर बताओ कि सर्विस का क्या मतलब है? हो सके तो एक दो चुम्मियाँ भी कर देना। और सोनू तुम भी तो इसके साथ हो, तुम भी मुंह में लेकर इसको समझाओगी तो शायद मान जाएगा।
दोनों मेरी तरफ बढ़ी और पहले छवि ने लंड को मुंह में ले जाकर उसको ज़रा ज़ोर से कहा- सर्विस का मतलब है चुदाई… कर दो प्लीज।
अब सोनू भी बैठ गई और अब उसने लंड को मुंह में लिया और बोली- प्लीज हमारी चुदाई कर दो, बड़ी आस ले कर आई हैं हम दोनों।
जैसे ही सोनू ने यह कहा कि बहुत आस ले कर आई हैं तो लंड टन से उसके मुंह में ही खड़ा हो गया और उसको चूसना पड़ा।
अब छवि ने भी फिर उसको अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो अपने पूरे जोबन में आ गया।
कम्मो मुझ को बड़े अचरज से देख रही थी, तभी मैंने उसको आँख मारी और वो समझ गई कि यह सब मेरी शरारत है।
तब कम्मो बोली- चलो चलो लड़कियों पहले कौन चुदवायेगा? वो एकदम सामने आ जाए!
छवि जल्दी से मेरे सामने आ गई और उसने मुझको एक जफ़्फ़ी मारी और होटों पर किस की।
मैंने भी उसके लबों को चूमना शुरू कर दिया और उसके उरोजों को हाथों में तोलने लगा।
काफी चूमा चाटी के बाद मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली तो वो लबालब सुगंधित द्रव्य से भरी हुई थी।
मैंने उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर एकदम से उठा लिया और अपने लौड़े के निशाने पर बिठा कर एक ज़ोर का धक्का मारा और फ़च्च से सारा का सारा लंड उसकी टाइट चूत में चला गया।
अब मैं कमरे में घूमते हुए छवि को चोद रहा था।
कम्मो भी सोनू के साथ बिजी थी, कभी उसके मम्मों को चूसती थी और कभी मुंह चूत में डाल कर उसकी भग को चूस रही थी।
सोनू के चूतड़ कम्मो के मुंह में घुसे हुए थे।
जब छवि अपने चूतड़ों को आगे पीछे करने लगी तो मैंने उसको कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया और खुद चूतड़ों को आगे पीछे करने लगा क्यूंकि इस तरह से मेरा अपना कंट्रोल बना रहा।
एक चक्कर और कमरे का लगाया और तभी मुझको लगा कि छवि का छूटना शुरू हो गया है और उसका ज़ोर से मेरे साथ चिपकना इस बात का सबूत था।
जब वो छूट गई तो मैंने छवि को पलंग पर लिटा दिया और सोनू को उठा कर पलंग के किनारे पर सीधा लिटा दिया ताकि उसकी टांगें ज़मीन पर थी और बाकी शरीर बेड पर ही था।
फिर मैंने उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी चूत को उभार दिया और झट से मैंने लंड को बहुत ही गीली चूत में डाल दिया और गहरे और हल्के धक्के मारने लगा और साथ ही मैं उसके होटों पर एक गर्म चुम्मा दे दिया।
उधर छवि थकी हुई लेटी थी हमारे साथ ही वो देख रही थी कि सोनू की चुदाई कैसे हो रही थी।
सोनू की टांगें मेरी कमर को घेरे हुए थी और लंड का चूत पर पूरा कब्ज़ा बना हुआ था।
मैंने धीरे धीरे से अपनी चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी, सोनू इतनी ज्यादा गर्म हो चुकी थी कि वो अपने आप ही अपनी कमर उछाल रही थी, धक्के का जवाब कमर को उछाल कर दे रही थी।
मुझको लगा कि उसको छुटाने में ज्यादा टाइम नहीं लगेगा लेकिन वो काफी कड़ियल लड़की थी और उसके मम्मों को चूमने के बावजूद और कम्मो का उसको लबों पर किस देने के बाद भी वो मैदान ऐ जंग में डटी हुई थी।
फिर मैंने उसके भग को उंगली से मसलना शुरू किया और वो चंद मिनटों में ही छूट कर कांपने लगी।
तब मैंने सोनू को घोड़ी बना दिया और उधर छवि को भी कम्मो ने घोड़ी बनाया ताकि दोनों की चुदाई साथ साथ हो सके।
दोनों को एक साथ घोड़ी बना कर कम्मो ने उनकी चूतों पर थोड़ी सी पॉण्ड्स क्रीम लगाई ताकि मेरे लंड को चोदने में आराम रहे।
अब मैंने पहले छवि से शुरू किया और उसको आहसिता आहिस्ता चोदने लगा, पूरा अंदर डाल कर फिर पूरा बाहर निकाल कर फिर पूरी फ़ोर्स से धक्का मारना बहुत जल्दी ही लड़कियों को हरा देता था।
एक के साथ शुरू करके दूसरी की साथ भी यही करने से एक लंड से दो चूतें चुद जाती थी। यह तरीका मेरा बहुत बार आजमाया हुआ था तो मुझ को लंड से चूतें चोदने का थोड़ा बहुत एक्सपीरियंस तो था।
थोड़े ही समय में दोनो काफी पानी छोड़ती हुई धराशायी हो गई और वहीं लेट गई।
क्यूंकि उनके चूतड़ एकदम उभरे हुए थे, मैंने उनके गोल परन्तु छोटे चूतड़ों को चूमने के बाद हल्के हल्के थपकी देनी शुरू कर दी जिस के कारण दोनों के मुंह से आअह उह्ह जैसी आवाज़ निकलने लगी।
शायद उनको बहुत आनन्द आ रहा था इन थपकियों से, दोनों दो दो बार छूट चुकी थी अब और उनके मन में और चुदाने की इच्छा नहीं थी।
कम्मो उनको कपड़े पहनने में मदद करने लगी और फिर वो दोनों मुझको किस करके जाने लगी।
मैंने उनको छेड़ते हुए कहा- जब भी आप दोनों की कार को सर्विस की ज़रूरत हो तो हमारी इस छोटी सी वर्कशॉप में ले आना। फ्री सर्विस और फ्री ओइलिंग हो जायेगी।
हम सब बहुत हँसे और खासतौर पर छवि और सोनू भी।
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RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र - by sexstories - 05-17-2018, 01:15 PM

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