Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र Sex
05-17-2018, 01:14 PM,
#47
RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
प्रेमा की सहेली रानी का चोदन
जैसे ही मैं कॉलेज से वापस आया कम्मो मुझको मेरे कमरे में पानी का गिलास लेकर आ गई।
पानी पीने के बाद मैंने पूछा- वो आज प्रेमा आंटी आई थी क्या?
कम्मो बोली- हाँ आई तो थी और अपने साथ दो और औरतें भी लाई थी।
मैं बोला- अच्छा दो और औरतें? कौन थी वो?
कम्मो बोली- उसी के मोहल्ले में रहती हैं और उनकी भी वही हालत है, बड़ी देर शादी के बाद भी बच्चा नहीं हो रहा है।
मैं बोला- तो फिर तुमने क्या कहा?
कम्मो ने कहा- मैंने उन दोनों का चेकअप किया है, एक को तो अंदरूनी बीमारी है और दूसरी ठीक है, उस पर कोशिश की जा सकती है। एक को तो मैंने दवाई बता दी है, वो पहले खाए, फिर मेरे पास आये और दूसरी तैयार है, आप बताओ क्या करना है?
मैं बोला- देखो कम्मो जी, यह आपने फैसला करना है कि कब किस को क्या देना है?
कम्मो बोली- दूसरी सेठानी है और उम्र के हिसाब से 23-24 की है, 5 साल शादी को हो गए और उसका पति भी पैसे कमाने में लगा है।
मैं बोला- और दिखने में कैसी है?
कम्मो चुप रही और फिर ज़ोर से हंस दी, कम्मो बोली- छोटे मालिक, यह तो प्रेमा से भी बढ़ कर है, अति सुंदर है और बहुत ही प्यारी सी है, इसको तो मैं ही चोद दूँ मुंह और जीभ से! उफ़ क्या ख़ूबसूरती है!
मैं बोला- चल चल कम्मोम ऐसी ही डींगें मत मारो। प्रेमा से खूबसूरत तो कोई सेठानी हो ही नहीं सकती।
कम्मो हंसते हुए बोली- आप तो प्रेमा के आशिक हो गए पक्के?
मैं बोला- फिर क्या फैसला किया तुमने डॉक्टर साहब?
कम्मो बोली- मैं सोचती हूँ यह दूसरी सेठानी को भी हरा कर दो आप!
मैं बोला- कब आ सकती है यह सेठानी?
कम्मो बोली- वही टाइम है जो प्रेमा जी का था।
मैं बोला- अरे कम्मो डार्लिंग, मैं कॉलेज रोज़ रोज़ नहीं मिस कर सकता। कोई और टाइम नहीं है उसके पास?
कम्मो बोली- वो तो तुमको अपने घर बुलाना चाहती है क्यूंकि उसका पति सुबह चला जाता है और फिर देर रात आता है, उसको दोपहर का टाइम भी सही है।
मैं बोला- किसी औरत के घर जाना तो खतरे से खाली नहीं है ना? और दोपहर को बहनें भी आ जाती हैं तो यहाँ भी नहीं हो सकता!
कम्मो बोली- छोटे मालिक आप ऐसा करो इस सेठानी को सुबह के टाइम कल चोद देना और फिर कॉलेज चले जाना।
मैं बोला- ठीक है जो तुम कहोगी वो तो मानना ही पड़ेगा। लेकिन पहले सब पूछताछ कर लेना उस से और अगर सही बैठे तभी हाँ करना।
कम्मो बोली- वो सब मैंने पूछ लिया है। मामला फिट है और आपके हथियार के लायक है. यह भी दूसरा संगेमरमर है।
मैं बोला- सच्ची?
कम्मो बोली- और वो प्रेमा जी भी साथ होंगी क्यूंकि उनका काम हुआ नहीं अभी तक!
मैं बोला- दो दो गायों को हरा करना है इस साले सांड को? ठीक है तो तुम ऐसा करो वो छवि और सोनाली को फिर टाल दो, किसी और दिन बुला लेना उनको। ठीक है न?
कम्मो बोली- बिलकुल ठीक है। चलो मैं प्रेमा जी को फ़ोन पर बता दूँ सारी बात, आप खाना खाओ तब तक!
रात को कम्मो ने मेरे लिए ख़ास खाना बनवाया था जिसमें बकरे का मीट और बकरे के पाये का शोरबा और साथ में किशमिश बादाम और केसर का दूध भी था।
अगले दिन सुबह ब्रेकफास्ट में उसने मेरे लिए देसी अण्डों का हलवा और साथ में शहद लगे परांठे परोसे।
कम्मो बोली- यह सारे खाने के नुस्खे नवाब सिराजुदौल्ला के लिए थे जो अपने हरम में 100 बेगमों के साथ रहता था।
मैं चौंक गया- सौ बेगमें एक साथ? उफ़ कितना मज़ा आता होगा उसको! रोज़ रात को कम से 50 बेगमों को तो हरा कर देते होंगे नवाब साहब।
कम्मो हँसते हुए बोली- आपको मालूम है नवाब साहिब के लिए ख़ास उल ख़ास नुस्खे हकीम लोग बनाते थे जिससे वो हमेशा ही जवान रहते थे।
मैं बोला- अच्छा, कब आ रहा है दूसरा ताजमहल?
कम्मो हंसने लगी- आ जायेगा, तब तक आप कमरे में आराम फरमा ले हज़ूरेआली।
मैं बोला- जैसा हुक्म बड़ी बेगम का!
अभी मैं अपने कमरे में बैठा ही था कि कम्मो आ गई और कहने लगी चलिए दूसरा ताजमहल आ गया है।
मैं झट से उठा और बैठक में आ गया, वहाँ प्रेमा जी तो बैठी ही थी साथ में उनके एक और ख़ूबसूरती का मुजस्मा बैठा था गुलाबी रंग की साड़ी ब्लाउज और गुलाबी ही रंग चेहरे का!
मन ही मन मैंने कहा- माशाल्लाह… क्या हुस्न है। चेहरे पर क्या चमक और दमक थी ब्यान नहीं की जा सकती।
मैंने दोनों को नमस्ते की और वहीं बैठ गया।
तब प्रेमा ने मेरा परिचय कराया अपने साथ बैठी स्त्री से, उनका नाम रानी था और वो सही माने में अपने नाम के ही अनुरूप था, बिल्कुल एक रानी की तरह लग रही थी।
मैंने ध्यान से रानी को देखा वो शकल से तो सुंदर थी ही लेकिन शरीर से उससे ज्यादा सुन्दर लग रही थी।
कम्मो ने कहा- चलो सब अपने कमरे में वहीं यह बातें होंगी।
हम सब मेरे कमरे में पहुंचे, वहाँ कम्मो ने जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझको इशारा किया कि मैं शुरू करूँ अपना काम।
मैंने झट से प्रेमा का हाथ पकड़ा और उसको उठा कर अपने गले से लगा लिया और फिर उसके लबों पर एक गर्म चुम्बन दे डाला।
प्रेमा भी मुझ से अँधाधुंध लिपट गई और बड़ी ही मस्ती से उसने मुझको चूमना शुरू कर दिया।
रानी यह सब देख रही थी।
तब मैंने प्रेमा की साड़ी पर हाथ डाला और धीरे से उसको उतारने लगा।
प्रेमा ने रानी की तरफ देखा और कहा- तुम भी शुरू हो जाओ रानी, कम्मो जी आप रानी की मदद कर दीजिए न!
कम्मो उठी और रानी की साड़ी उतारने लगी, मैं अब तक प्रेमा की साड़ी और ब्लाउज उतार चुका था और अब मैं उसके पेटीकोट के नाड़े को खोल रहा था।
तभी प्रेमा ने मुझको कहा- तुम रानी के कपड़ों को उतारने में हेल्प करो न सोमू प्लीज।
मैं प्रेमा को छोड़ कर अब रानी के कपड़ों को उतार रहा था, अब तक उसका ब्लाउज उतार चुका और उसके मम्मे एक रेशमी ब्रा में कैद थे, ब्रा के उतारते ही वो बिलोरे जैसे गोल और ठोस मेरे हाथ में आ गए।
मैंने झट से एक को अपने मुंह में ले लिया और निप्पल चूस रहा था, दूसरे हाथ से उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच रहा था।
एक ही झटके में ही रानी का पेटीकोट उतर गया और उसकी काले बालों के गुच्छे से ढकी चूत सामने आ गई।
मैं नीचे बैठ गया और अपना मुंह रानी की चूत में डाल दिया और उसकी खुशबू से भरी चूत का आनन्द लेने लगा।
!
रानी की आँखें बंद थी और वो इस सारे कार्यक्रम का बहुत ही आनन्द ले रही थी।
मैंने उठ कर रानी को छाती से लगा लिया जहाँ उसके मम्मे एकदम मेरी सख्त छाती में दब गए।
रानी के होटों को चूमते हुए मैं उसको बेड की तरफ ले आया, वहाँ मैं थोड़ा रुक गया और उसको खड़ा करके मैं प्रेमा को भी अपनी तरफ ले आया और दोनों को एक साथ खड़ा करके उनका शारीरिक मिलान करने लगा।
दोनों ही बेहद खूबसूरत थीं, उनके शरीर संगेमरमर के बने हुए लग रहे थे और दोनों का कद और शरीर की गठन एक समान लग रही थी, यहाँ तक मम्मों और चूतड़ों का साइज भी एक समान लग रहा था।
मैंने रानी की चूत में ऊँगली डाली तो वो बेहद गीली और रसीली हो चुकी थी। मैंने उसके लबों को चूमते हुए उसको लिटा दिया और खुद उसकी बिलोरी टांगों के बीच बैठ गया।
मेरा मस्त खड़ा लंड उसकी चूत के ऊपर रख दिया और उसकी खुली आँखों में देखता रहा कि वो इशारा करे तो मैं लंड को धक्का मारूं। उसने भी मेरी आँखों में आँखें डाल कर आँख आँख से ही हामी भर दी और मैंने अपना लौड़ा पूरा ही उसकी चूत में डाल दिया।
वो एकदम से गर्म लोहे की छड़ी की तरह मेरे लंड के अंदर जाते ही रानी बिदक गई, उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा दिए और तभी मैंने पूरा लौड़ा निकाल कर ज़ोर से फिर डाला उसकी चूत में!
उसके मुंह से हल्की सी हाय निकल गई।
अभी तक मैं बहुत ही धीरे चोद रहा था, अब मैंने चुदाई की स्पीड तेज़ कर दी।
उधर देखा तो प्रेमा को कम्मो ने पूरा संभाल रखा था, वो उसकी चूत में मुंह डाल कर उसकी चूत को चूस रही थी और प्रेमा एकदम आनन्द से उछल रही थी।
इधर रानी की चूत में कुछ कुछ होने लगा और मेरा लंड एकदम समझ गया और उसने धक्के फिर तेज़ शुरू कर दिए। और तभी रानी की चूत से कंपकपाहट उठी और उसकी चूत से एक तेज़ धार पानी की निकली जो मुझको भिगो कर चली गई और रानी की दोनों संगेमरमर जैसी जांघें मेरे चारों और लिपट गई और मुझको जकड़ लिया।
मैं रुक गया और उसके गोल गुदाज़ मम्मों में सर डाल कर उनकी रेशमी जैसी चमड़ी से मुंह रगड़ने लगा, रानी ने अपनी टांगें खोली तो मैंने एकदम उसको पलट दिया और घोड़ी बना दिया और फिर लंड को उसकी चूत में तेज़ और धीरे अंदर बाहर करने लगा, उसके गोल नितम्बों को दोनों हाथों में पकड़ कर ताबड़तोड़ लंड परेड चालू कर दी।
और जैसे कि मुझको उम्मीद थी वो बहुत जल्दी स्खलित हो गई, बिस्तर पर ढेर हो गई।
कम्मो यह सब खेल देख रही थी, वो उठ कर आई और रानी को सीधे लिटा और मैं उसकी टांगों में बैठ कर हल्के हल्के धक्के मारने लगा।
रानी जो छूटने के बाद ढीली पड़ गई थी, अब फिर फड़क उठी और चूत को उठा उठा कर मेरे लंड का स्वागत करने लगी।
दस मिन्ट तेज़ और धीरे चुदाई को मिक्स करते हुए मैंने आखिर में फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया।
कम्मो और प्रेमा इस चुदाई का आखिरी राउंड देख रही थी, कम्मो रानी के मम्मों को चूस रही थी और प्रेमा उसकी गांड में ऊँगली डाल रही थी।
फिर रानी एकदम से अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे पेट के साथ चिपक गई और फिर एक हल्की चीख मार कर छूट गई। उसकी चूत अपने आप खुल और बंद हो रही थी और मेरे लंड को निचोड़ने की कोशिश कर रही थी।
कम्मो के इशारे को देखते हुए मैंने फिर ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी और कुछ ही देर में मेरा फव्वारा पूरी फ़ोर्स से छूट गया।
मैं थोड़ी देर लंड को अंदर डाले हुए ही रानी के ऊपर लेटा रहा और फिर धीरे से लंड को निकाल लिया चूत से!
कम्मो ने फ़ौरन ही रानी की टांगों को हवा में लहरा दिया और कमर के नीचे एक मोटा तकिया रख दिया।

प्रेमा और रानी का चोदन जारी

फिर रानी एकदम से अपने चूतड़ ऊपर उठा कर मेरे पेट के साथ चिपक गई और फिर एक हल्की चीख मार कर छूट गई। उसकी चूत अपने आप खुल और बंद हो रही थी और मेरे लंड को निचोड़ने की कोशिश कर रही थी।
कम्मो के इशारे को देखते हुए मैंने फिर ज़ोर से चुदाई शुरू कर दी और कुछ ही देर में मेरा फव्वारा पूरी फ़ोर्स से छूट गया।
मैं थोड़ी देर लंड को अंदर डाले हुए ही रानी के ऊपर लेटा रहा और फिर धीरे से लंड को निकाल लिया चूत से!
कम्मो ने फ़ौरन ही रानी की टांगों को हवा में लहरा दिया और कमर के नीचे एक मोटा तकिया रख दिया।
वहाँ से उठ कर मैं प्रेमा को आलिंगन में ले लिया और उसके लबों पर एक जोशीली चुम्मी कर दी, होटों को होटों पर रख कर मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसको गोल गोल घुमाने लगा।
मेरा लौड़ा जो पूरा गीला हो कर रानी की चूत से निकला था अब प्रेमा की चूत के मुंह पर खड़ा हुआ था और अंदर जाने की इजाजत मांग रहा था।
जब तक आज्ञा आती, तब तक मैं उसके गोल और ठोस दुग्ध भंडारों में मस्ती लेने लगा. उसके दुग्ध भण्डार सुंदर और काले थनों से सुसज्जित थे और वो थन भी ऐसे कि देखते ही मुंह में लेने को जी चाहे।
जब दोनों भंडारों से दुग्ध पान कर लिया तो अपना मुंह नीचे ले जाते हुए बालों से भरी प्रेमा की चूत में मुंह डाल दिया और उसके भग को ढून्ढ कर चूसना शुरू कर दिया।
प्रेमा के दोनों हाथ मेरे सर को पकड़े हुए थे और चूत के और अंदर जाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। मैंने अपने दोनों हाथ उसके बिलौरी नितम्बों पर टिके हुए थे और उनको खूब मसल रहे थे।
रेशमी ज़ुल्फ़ों का ज़िक्र तो बहुत सुना था लेकिन रेशमी चूतड़ और मम्मों को छूना और उनको हाथ में लेकर मसलना कभी नहीं सुना था, ना ही देखा ही था।
अब प्रेमा ने मुझको उठने का इशारा किया और मैं उठ कर उनको ले कर बेड की खाली वाली साइड में लेट गया। लेटते ही प्रेमा जी इस कदर गर्म और नर्म हो चुकी थी कि वो उठ कर मेरे तने हुए लौड़े पर बैठ गई और मेरे मुंह पर अपना मुंह रख कर मुझको बेतहाशा तेज़ी से चोदने लगी।
प्रेमा जी की जीभ मेरे मुंह के अंदर जा कर गिल्ली डंडा खेल रही थी और मेरा सारा रस चूस रही थी, मैं भी डबल जोश से प्रेमा को नीचे से ज़ोरदार लंड की चोटें दे रहा था, मेरे हाथ अभी भी बिलौरी मम्मों के कुर्बान हो रहे थे।
उधर देखा तो रानी की चूत पर कम्मो रुमाल डाल रही थी ताकि कीमती वीर्य चूत के बाहर ना निकल जाए।
अब प्रेमा सर फ़ेंक कर मुझको चोद रही थी और क़भी नीचे झुक कर मेरे होटों को भी चूस लेती थी।
फिर अचानक प्रेमा में इतना जोश आया कि वो चीखती हुई ऊपर उछाल भर रही थी और मुंह से बोल रही थी- फाड़ दो, मार दो मेरी चूत को सोमू, छोड़ना नहीं इस ससुरी को!
वो फिर सर ऊंचा कर इस कदर ज़ोर से चीखी- छूट गया… अरे मर गई रे…
और प्रेमा थर थर कांपती हुई मेरे ऊपर पसर गई।
रानी और कम्मो दोनों हैरानी से प्रेमा को देख रही थी जो अब शांत मेरे ऊपर लेटी थी।
अब मैंने प्रेमा को सीधे लिटाया और उसके रेशमी मम्मों को चूसने लगा, तब कम्मो ने इशारा किया कि उसको घोड़ी बना कर चोदूँ।
मैंने प्रेमा को घोड़ी बनने के लिए कहा और जब वो घोड़ी बन गई तो मैंने उसकी चूत को पीछे से चूमा और चाटा और फिर अपने सख्त खड़े लंड को खुली चूत में डाल दिया।
पहले बहुत धीरे से चुदाई शुरू की। पूरा लौड़ा अंदर डाल कर फिर उस को पूरा बाहर लाना और फिर धीरे से उस को अंदर डालना यह क्रम देर तक जारी रखा, इसका लाभ यह था कि प्रेमा की चूत जो एक बार छूट चुकी थी, फिर से तैयार हो रही थी, चुदाई आनन्द लेने के लिए!
जब मेरे लंड को महसूस हुआ कि चूत फिर चुदाई के लिए तैयार है तो मुझको प्रेमा ने एक हल्का सा धक्का अपने चूतड़ से मारा और अपने चूतड़ों को पीछे धकेल कर मेरे लंड और पेट से जोड़ दिया।
अब धीरे धीरे मैंने अपनी पिस्टन की स्पीड बढ़ा दी, अंदर बाहर का क्रम आहिस्ता से तेज़ी में बदल गया, धक्के हल्के की बजाए गहरे और तेज़ हो गए, मेरे हाथ प्रेमा के चूतड़ों को हल्के हल्के थाप देने लगे।
और फिर प्रेमा ने चुदाई के आनन्द से भाव विभोर हो कर कहा- और मार और मार साली को… फाड़ दे हरामज़ादी को सोमू, सोमू मत छोड़ना रे इस साली को, बहुत तंग कर रही थी ना, ले अब ले पूरा का पूरा ले!
प्रेमा मेरे हर धक्के का जवाब अपने चूतड़ों से दे रही थी, अब मेरे धक्कों की स्पीड इतनी तेज़ हो गई कि प्रेमा को वापसो जवाब देने का समय ही नहीं मिल रहा था। 
फिर वही हुआ जो अक्सर होता है मेरे साथ, प्रेमा की चूत सिकुड़ने और फैलने लगी और फिर उसकी चूत से पानी की हल्की धार निकली और मेरे लंड को गीला करती हुई मेरे पेट पर आ गिरी।
कम्मो जो अब मेरे पास ही खड़ी थी, मुझको अपना छुटाने के लिए उकसाने लगी, मैंने भी आज्ञा का पालन करते हुए लम्बे और गहरे धक्के मारने शुरू कर दिए।
थोड़ी देर में ही प्रेमा फिर छूटने की कगार पर थी लेकिन मैं तो अपने नशे में था तो मैंने तेज़ और गहरे धक्कों को जारी रखा।
तभी प्रेमा का बड़ा ही प्रचंड छुटावन हुआ और उसका सारा शरीर कम्पकंपी में विलीन हो गया।
कम्मो जो यह देख रही थी, फ़ौरन प्रेमा के पास आ गई और उसको कस के पकड़ लिया और मुझको इशारा किया कि मैं चुदाई जारी रखूँ।
तेज़ और गहरे धक्के जारी कर दिए और 10 मिन्ट्स के बाद ही मैं भी छूटने की कगार पर था और मैंने पूरी कोशिश करके लौड़ा प्रेमा की बच्चेदानी में डाल दिया और वहाँ अपना फव्वारा छोड़ा।
एकदम गरम लावे की तरह जब मेरा वीर्य उस के अंदर गया तो प्रेमा झूम उठी, बंद आँखों और चेहरे पर आई मुस्कान से यह अंदाजा लगाया गया कि वो पूर्ण रूप से आनंदित हो गई है।
मैंने प्रेमा को एक हॉट किस दी उसके लबों पर और उसके मखमली मम्मों को चूम लिया।
दूसरी तरफ रानी पूरी तरह से शांत और एक हल्की मुस्कान लिए मुझको देख रही थी।
रानी बोली- ज़रा इधर आना सोमू!
मैं उसके पास गया और उसने लेटे ही मेरे अभी भी खड़े लंड को अपने मुंह में लिया और उसको एक चाट गई।
कम्मो अब प्रेमा के साथ जुट गई थी और उसमें गए वीर्य की रक्षा कर रही थी।
अपने लौड़े को साफ़ करने के लिए मैं बाथरूम में गया और गीले तौलिये से अपना पसीना भी पौंछा।
बाहर आया तो रानी अपने कपड़े पहन रही थी, मैंने वहीं से आवाज़ दी- रुक जाओ रानी जी!
उसने अभी पेटीकोट ही पहना था सिर्फ और ब्रा को पहन ही रही थी।
मैंने कहा- आपको ब्रा मैं ही पहना दूँ क्या?
रानी मुस्कुराते हुए बोली- हाँ हाँ, सोमु तुम ब्रा पहना दो मुझको!
मैंने आगे बढ़ कर पहना दी और उसके रेशमी मम्मों को झुक कर एक बहुत ही मीठी सी चुम्मी भी दी, ब्लाउज खुद ही पहना और साड़ी भी वो खुद ही लपेटने लगी।
जब वो कपड़े पहन चुकी तो मैंने उसको कस के आलिंगन में बाँधा और एक बहुत ही गरम चुम्मी उसके होटों पर दी।
तब तक प्रेमा भी उठ चुकी थी, उसको भी ब्रा मैंने ही पहनाई।
जब हम सब कपड़े पहन चुके तो कम्मो दोनों को फिर समझा रही थी कि कैसे आचार व्यवहार करना है एक दो दिन, और पति से चुदाई की बात भी समझाई उस दोनों को! 
रानी बोली- मेरा पति तो करता ही नहीं कभी भी, तो फिर मैं क्या करूँ?
कम्मो बोली- क्यों रानी, कभी तुम पति के सामने बिल्कुल नंगी नहीं होती क्या?
वो बोली- कभी नहीं। अगर वो कभी करने की इच्छा भी करता है तो मेरा पेटीकोट उठा कर लंड अंदर डाल देता है और 5-6 धक्कों में उसका छूट जाता है।
कम्मो बोली- तुम ऐसा करो, आज न किसी बहाने से रोशनी में उसके सामने पूरी नंगी हो जाना, वो ज़रूर तुमको चोदेगा।
जब दोनों जाने लगी तो मैंने कम्मो को कहा- इनको कोकाकोला तो पिलाओ।
कोकाकोला पीते हुए ही मैंने कहा प्रेमा और रानी से- अब आप जा रही हो दोनों तो फिर कब आओगी?
कम्मो बोली- अगर गर्भ नहीं ठहरता तो अगली माहवारी के बाद ही आएँगी दोनों।
यह सुन कर मैं उदास हो गया और मेरी उदासी तीनों औरतों ने नोट की, प्रेमा और रानी बोली- क्या हुआ सोमू?
मैं बोला- एक महीना तो बहुत होता है. इससे पहले नहीं आ सकती क्या?
कम्मो बोली- पहले आकर क्या करेंगी यह दोनों?
मैं बोला- सच में बताऊँ, मैं इन दोनों से बेहद प्यार करने लगा हूँ।
दोनों एकदम से चहक उठी- हम आ जाएँगी जब तुम बुलाओगे!
कम्मो हंस कर बोली- वाह छोटे मालिक, आप तो दोनों के आशिक हो गए हो!
मैं थोड़ा शरमाया और फिर बोला- सच बताऊँ? आप दोनों बुरा तो नहीं मानोगी न?
दोनों ने ना में सर हिला दिया और बोली- कहो सोमू, क्या बात कहना चाहते हो?
मैं बोला- आप दोनों मुझको बहुत अच्छी लगती हो, आपको मालूम है आप दोनों इतनी खूबसूरत हैं कि कोई भी आदमी आपको पाकर धन्य हो जाएगा। कैसी मिट्टी के बने हैं आप दोनों के पति?
दोनों मेरी बात सुन कर दौड़ कर आई और मुझसे लिपट गई और दोनों मुझको चूमने लगी और बोली- जब चाहो तुम हमको बुला सकते हो, बस कम्मो से फ़ोन करवा देना, हम दौड़ी चली आयेंगी।
मैं बोला- थैंक यू प्रेमा जी और रानी जी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ, मैंने आप दोनों का नाम अपने मन में रख लिया है। जानना चाहेंगी क्या नाम रखा है आप दोनों का?
दोनों एक साथ बोली- क्या नाम रखा है सोमू जी?
मैं हँसते हुए बोला- प्रेमा जी का नाम है- ताजमहल नम्बर एक और रानी जी का नाम है- ताजमहल नम्बर!
वो दोनों बहुत हँसी लेकिन उनके चेहरे से ख़ुशी साफ़ झलक रही थी, वो मेरी और भी मुरीद हो गई।
फिर हम तीनों ने एक दूसरे को आलिंगन किया और चूमा चाटा।
मैं बोला- अगर आप दोनों दो दिन बाद फिर आ जाएँगी तो मुझको बहुत अच्छा लगेगा। कोशिश करते रहते हैं कि किसी दिन भी गर्भ ठहर सकता है, क्यों कम्मो?
वो भी हँसते हुए बोली- ठीक है छोटे मालिक, आप एक दिन छोड़ कर आ जाया करो। ईश्वर ने चाहा तो आपकी मुराद जल्दी पूरी हो जायेगी।
फिर हम सबने कस के आलिंगन किया एक दूसरे से और फिर वो चली गई और मैं भी कॉलेज के लिए तैयार होने लगा।
कम्मो उन दोनों को बाहर छोड़ कर आई और आते ही मुझ से लिपट गई और मेरे मुंह को चूमते हुए बोली- वाह छोटे मालिक आप तो बड़े छुपे रुस्तम निकले। क्या तारीफ की है उन दोनों की! वो तो आपको सर्वस्व देने के लिए तैयार हो गई थी! वाह वाह मेरे सनम, यह सब किसने सिखाया?
मैं हँसते हुए बोला- कम्मो, यह सब तुमने ही तो सिखाया है यार, तुम्हारी चूत की कसम!
खूब हँसते रहे और फिर मैं कॉलेज के लिए चल पड़ा।
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