RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
चार लड़कियों के साथ नैनीताल में
जब मैं वहाँ पहुंचा तो तकरीबन सभी नाश्ता करके जा चुके थे, सिर्फ निम्मी और मैरी बैठी थी एक टेबल पर और दूसरे टेबल पर शानू और बानो विराजमान थी, दोनों आपस में बड़ी तन्मयता से बातें कर रही थी.
मुझको देख कर दोनों ग्रुप चुप हो गए। निम्मी और मैरी मुझको अपने टेबल पर बुला रही थी और शानू और बानो अपने टेबल पर बुला रहीं थी।
मैं समझ गया कि दोनों ग्रुप आपस में मिले हुए थे.
मैं सीधे ही निम्मी और मैरी के टेबल पर बैठ गया और उनको आहिस्ता से कहा- मुझको यह उम्मीद नहीं थी कि तुम और शानू मिले हुए हो एक दूसरे से! रात को मुझको उन दोनों ने भी पकड़ लिया और मुझको चोदा यानी मेरा रेप किया।
मैं बहुत रुआंसा मुंह बना कर बैठा था।
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मैरी बोली- सो सॉरी सोमू, हमसे गलती हो गई थी. हमको तुमको बता देना चाहिए था लेकिन इस शानू की बच्ची ने हमको मना किया था इसलिए हम कुछ नहीं बोली। रियली वेरी सॉरी।
शानू और बानो भी माफ़ी मांगने लगी।
वैसे मैं दिल ही दिल मैं बहुत खुश था कि कल रात दो की जगह चार लड़कियों की चुदाई कर दी थी मैंने।
लेकिन मैंने अपना रुख कठोर बनाए रखा, मैं बोला- मेरा रेप करके आप सॉरी बोल रही हैं, उफ्फ यह क्या देख रहा हूँ मैं! खैर जाने दो।
और मैं चुपचाप 4 अण्डों का ऑमलेट और माखन मार के टोस्ट खा रहा था। रात बड़ी एनर्जी खर्च हो गई थी इसलिए।
निम्मी बोली- और क्या लाऊँ सोमू, बोलो तो सही?
मैं बोला- लाना ही चाहती हो तो एक गिलास ऑरेंज जूस ले आओ।
चारों लड़कियाँ मेरी खातिर में लग गई थी।
मैं नाश्ता खत्म करके बोला- सच बताना यह मेरी बात और किस लड़की को मालूम है?
चारों ने एक साथ कहा- और किसी से कोई बात नहीं हुई है! कसम से!
मैं बोला- क्यों निम्मी और मैरी, तुमको पहले से पता था मेरे बारे में?
निम्मी बोली- हाँ पता था।
मैं बोला- कैसे पता था तुमको? किस ने बताया?
निम्मी बोली- वो तुम्हारे घर में विनी और उसकी बहन रहती हैं, न वो हमारी भी सहेली। उसी ने हिंट दिया था कि तुम्हारे हथियार में कमाल की शक्ति है।
मैं बोला- लेकिन मैंने कभी उसके साथ कुछ नहीं किया था, खैर छोड़ो, अब क्या इरादा है?
शानू जो उनमें सबसे बड़ी थी, बोली- जो तुम कहो वही हमको मंज़ूर है।
मैं बहुत धीमे स्वर में बोला- देखो जो हुआ वो बहुत डेंजरस था। हम सब पकड़े जा सकते थे और हमारे घर वाले हमें कहीं का नहीं छोड़ते। अब के बाद हम एक दूसरे के नज़दीक नहीं आएंगे इस सारे ट्रिप में!
शानू बोली- नहीं सोमू, प्लीज ऐसा ना कहो, हमारा क्या होगा? हम तो कल पूरी तरह से आनन्द नहीं ले सकी थी।
मैं बोला- अच्छा ऐसा करो, सारा दिन हम चारों एक दूसरे के निकट नहीं आएंगे ताकि किसी को शक न हो और रात के डिनर के बाद फैसला करेंगे कि रात कैसे और किस के साथ गुज़ारनी है, ओके?
सब बोली- ओके, ठीक है!
मैं बोला- अब आप निकलो हाल से, मैं बाद में आता हूँ।
मैं भी थोड़ी देर बाद नाश्ता ख़त्म करके निकला और होटल के गार्डन में टहलने लगा। टहलते हुए मैंने सोचा अब क्या करें। यहाँ मुझ को कम्मो की कमी बहुत खल रही थी।
तो मैंने फैसला किया कि मैं कम्मो की सलाह लेता हूँ फ़ोन पर!
होटल की लॉबी में पूछा तो उन्होंने फ़ोन बूथ की तरफ इशारा किया।
मैंने वहाँ से कोठी में फ़ोन लगाया और किस्मत से कम्मो ने ही उठाया। मैंने पहले अपना हाल बताया कि हम ठीक पहुँच गए हैं और अच्छी जगह रहने के लिए मिल गई है।
उसने भी बताया कि वहाँ सब कुशल से हैं।
फिर मैंने उसको नैनीताल की समस्या बताई, वो बोली- वाह छोटे मालिक, आपको वहाँ भी मनचाही चीज़ें मिल गई, मामला मुश्किल तो है कैसे इन 4 से निपटा जाए? मेरे ख्याल में आपको चारों को कसम दिलानी पड़ेगी कि वो और किसी से नहीं कहेंगे। दूसरे मैं सोचती हूँ आज रात को चारों को एक ही कमरे में बुला लीजिए हो सके तो अपने ही कमरे में, इससे आप बचे रहेंगे।
मैं बोला- हाँ यह ठीक है।
कम्मो बोली- चारों को एक एक बार चोद डालो रात में… फिर उन चारों को आपस में भिड़ा दो यानि लड़की लड़की संग संग करवा दो, इस तरह उनकी कामवासना ठंडी हो जायेगी।
मैं एकदम खुश होकर बोला- वाह कम्मो, क्या बात है! और अगर वो एक दूसरी के संग नहीं करना चाहें तो?
कम्मो बोली- तो उनको अपनी पहली चुदाई की स्टोरी सुनाने के लिए उकसाना। वो ज़रूर अपने पहली चुदाई की कहानी सुनाने लगेंगी और आप काफी बच जाएंगे।
मैं बोला- यह भी प्लान अच्छा है कम्मो, शुक्रिया आई लव यू।
थोड़ी देर बाद हम सब अपनी बस मैं बैठ कर नैनी लेक घूमने चले गए। नैनी लेक बड़ी सुंदर जगह है, दूर दूर तक साफ़ पानी और उस पर चलती हुई किश्तियाँ एक अजब सा नज़ारा पेश करते हैं।
सब छात्र अपने खर्चे पर किश्ती किराये पर लेने लगे। निम्मी, मैरी, शानू और बानो ने एक ही किश्ती को किराये पर ले लिया।
तभी सर बोले- इनके साथ एक लड़का भी जाना चाहिए।
उन्होंने मुझको उस किश्ती में बैठा दिया। क्यूंकि दो किश्ती चलने वाले होते थे तो उस किश्ती में जगह फुल हो गई थी, मैंने कहा- चल भाई!
अभी मैं बानो और निम्मी के बीच बैठा था और शानू और मैरी दूसरी तरफ बैठी थी।
बानो अपने गोल उरोजों को मेरे बाँहों के साथ छूने की कोशशि करने लगी और निम्मी अपने घुटने मेरे घुटनों के साथ जोड़ रही थी, बड़ा ही आनन्द आ रहा था, वही बस वाला सीन चालू हो रहा था।
उधर मैरी और शानू आँखें तरेर रहीं थी लेकिन निम्मी और बानो बिना परवाह किये अपने काम में मस्त रहीं। किश्ती जब दूसरी तरफ पहुँच गई तो किश्ती वाले बोले अगर आप चाहें तो उतर कर उस तरफ के किनारे का आनन्द ले सकते हैं।
हम सब उतर गए और उस किनारे की दुकानों की सैर करने लगे, मुझको प्यास लग रही थी, मैं बोला – चलो एक एक कोका कोला पीते हैं।
मैंने 5 कोकाकोला खरीदी और हम सब पीने लगे।
तब हम चलते हुए किश्ती से थोड़ी दूर हो गए और तब मैंने शानू को एक साइड ले जाकर कहा- मैंने फैसला लिया है कि आज रात की पार्टी मेरे कमरे में होगी। आप चारों वहीं आ जाना। क्यों ठीक है न?
शानू ने बाकी लड़कियों को भी बुला लिया और उनको मेरी बात बताई। वो तैयार हो गई और कहा कि खाना खाने के एक घंटे बाद वो मेरे कमरे में आने की कोशिश करेंगी।
वो सब बहुत खुश थी।
मैं बोला- तुम चारों सब लड़के लड़कियों पर नज़र रखो, अगर किसी को भी शक हो गया तो हम सब मारे जाएंगे। कोई हमारे बारे में कोई बात करे तो तुम फ़ौरन हम सबको बता देना ताकि हम सब चौकस हो जाएंगे। वैसे लोगों की बातों से मुझ पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आप लड़कियाँ हैं, सोचिये आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा?
शानू बोली- सोमू ठीक कह रहा है, अगर हम किसी को बताएंगी तो पकड़े जाने पर हम पर ही ज्यादा असर होगा। प्लीज किसी से भी रात की बात का कोई ज़िक्र नहीं करना, ओके?
सबने सर हिला दिया।
फिर रात को खाने के बाद चारों लड़कियाँ मेरे कमरे में इकट्ठी हुईं। वो अपने नाईट गाउन में थी और सभी बड़ी मादक लग रही थी।
चारों ने आने के बाद सबसे पहले मुझको हॉट किस की होटों पर और अपने गोल गुंदाज़ उरोज मेरी छाती से लगाये।
मैं बोला- तुम सबने सोचा है कि चुदाई को करने का क्रम किस प्रकार तय करेंगे?
मैरी बोली- लाटरी डाल लेते हैं, उससे क्रम तय हो जायेगा।
मैं बोला- बाकी जो इंतज़ार कर रही होगी, वो क्या करेंगी?
शानू बोली- सोमू ठीक कह रहा है,. जो चुद रही है वो तो सोमू के साथ बिजी है लेकिन बाकी क्या करेंगी?
सब चुप रही। जब कुछ समय उन को कुछ नहीं सूझा तो मैं ही बोला- शानू बताओ, क्या आप लड़कियों ने कभी किसी दूसरी लड़की के साथ सम्बन्ध बनाया है?
शानू बोली- मैंने तो कई बार लड़कियों के साथ सेक्स किया है, आप तीनों ने कभी किया है क्या?
सबने शर्माते हुए हाँ में सर हिला।
मैं बोला- तो ठीक है, जिन लड़कियों का नम्बर बाद में होगा, वो अपने लिए पार्टनर चुन लेंगी और उसके साथ सेक्स कर सकती हैं या फिर सेक्स करते हुए कपल की सहायता कर सकती हैं। चलो अब लाटरी डालो!
शानू ने पर्चियों पर मेरा और हर लड़की क नाम लिख दिया। और फिर मेरी आँख पर पट्टी बाँध दी और मैंने एक एक करके पर्चियाँ उठाई।
सबसे पहले बानो और मेरा नाम वाली पर्ची निकली, दूसरी पर्ची निम्मी के साथ, तीसरी मैरी के साथ और चौथी शानू के साथ वाली थी। मुझ पर कोई खास असर नहीं था, हाँ, लेकिन शानू थोड़ी उदास हो गई थी क्यूंकि उसका नाम आखिर में निकला था।
शानू बोली- मैं सोचती हूँ कि मैं चुदाई रेस से बाहर हो जाऊँ तो ही ठीक है क्योंकि मेरे तक पहुँचने तक सोमू का माल तो खत्म हो जायेगा न?
मैं बड़े ज़ोर से हंस दिया और बोला- शानू, तुम ऐसा करो, पहले तुम निम्मी और मैरी से कल रात का हाल तो पूछो।
तब मैरी और निम्मी ने पिछली रात का किस्सा सुनाया और कहा- सोमू ने हम दोनों को कल रात को 3-3 बार चोदा और फिर उसने तुम दोनों को भी दो दो बार चोदा। और जब वो गया था तुम्हारे कमरे से तो उसका लंड कैसा था?
दोनों बोली- खड़ा था पूरी तरह! यानि वो इतनी देर तक बगैर डिस्चार्ज हुए खड़ा रहा? यार कमाल है!
शानू बोली- सच कह रही हो तुम दोनों? अगर सच है तो सोमू हम सब को भी चोद सकता है?
और शानू का भी मुखड़ा खिल उठा, उसने आकर मुझको सबसे पहले नंगा किया और यह देख कर बड़ी खुश हुई कि मेरा लौड़ा पूरा तनावट में था।
तब सबने अपनी गाउन उतार दिए और चारों दौड़ कर मुझसे चिपक गई।
मुझ को आज पहली बार लगा कि वाकयी में मुझमें अद्भुत शक्ति है और मैं किसी भी स्त्री को अपनी और आकर्षित कर सकता हूँ और उसको कामसुख दे सकता हूँ।
मेरे मन में कोई गर्व या अभिमान नहीं आया क्यूंकि मेरे मन में यही विचार था कि इस अद्भुत शक्ति के साथ ईश्वर ने मुझ को बहुत अधिक उतरदायित्व भी दिया है, मेरे से किसी स्त्री या व्यक्ति विशेष का मन न दुखे, यही सदैव मेरा प्रयत्न रहा है जीवन में।
क्यूंकि सबसे पहले लाइन में बानो थी, वो मेरे इशारे पर मेरे पास आई।
मैंने शानू को कहा- शानू, आप इस चार रानियों वाले हरम की मुखिया हैं तो आप बानो को मेरे पास ले कर आइए और यह तौहफा हम को पेश कीजिए।
शानू समझ गई कि मैं गेम खेल रहा हूँ। वो बानो को चेक करने लगी, पहले उसने उसके मम्मों को चेक किया और फिर उसकी चूत में ऊँगली डाली और फिर उसकी गांड में ऊँगली डाली, फिर वो बानो को लेकर मेरे पास आई और झुक कर बोली- हज़ूरे आला, आपकी खिदमत में कनीज़ यह नायाब तौहफा लेकर आई है, कबूल फरमाएँ।
मैं भी उस लहजे में बोला- प्यारी बेगम, तुम कितनी हसीं और समझदार हो, यह बहुत ही खूबसूरत तौहफा आप लेकर आई हैं। बहुत शुक्रिया आपका!
और मैंने आगे बढ़ कर बानो को अपने गले से लगा लिया और फिर उसके होटों को चूमा। मैंने देखा कि बाकी तीनों हमारी तरफ ही देख ही रहीं थी।
मैंने शानू को इशारा किया और वो समझ गई, झट से सब लड़कियों को कहा- चलो चलो, सब अपने पार्टनर के साथ शुरू हो जाओ।
मैं बादशाह सलामत की खिदमत कर रही हूँ।
जल्दी ही बाकी मैरी और निम्मी आपस में किसिंग और मम्मों को चूसने और चूत में ऊँगली डालने लगी।
वो एक बेड पर शुरू हो गई और दूसरे पर मैं और बानो।
आज मैंने बानो को ध्यान से देखा, वो काफी कसे हुए जिस्म वाली लड़की थी, उसका रंग गंदमी था और शरीर काफी गोलाई में था, उसके जिस्म की सबसे खूबसूरत चीज़ उसके मम्मे और गोल मोटे चूतड़ थे।
मैंने उसको बिस्तर पर बैठा दिया और उसकी टांगें चौड़ी कर उसकी गोद में अपना मुंह डाल दिया और उसकी चूत के घने बालों को सूंघने लगा, बड़ी ही मादक सुगंध आ रही थी।
फिर मैंने उसको पलंग पर पर लिटा दिया और उसकी टांगों को अपने गले के चारों और फैला दिया।
फिर मेरा मुंह सीधा उसकी चूत में उसकी भग पर रख दिया और जीभ से लपालप उसको चूसने लगा।
मैंने देखा कि शानू भी बानो के मम्मों को चूस रही थी और उसको होटों पर बारी बारी से किस भी कर रही थी।
बानो को थोड़ी देर में ही आनन्द आने लगा और वो बार बार अपनी जांघें बंद और खोल रही थी और अपनी कमर को उठा कर मेरे मुंह से चूत के भग को लगा रही थी।
और फिर उसने एक ज़ोर से सीत्कार के बाद अपनी टांगें मेरे मुंह के चारों और बाँध दी और मुझको हिलने का कोई स्थान नहीं दिया।
जब उसका कांपना कुछ कम हुआ तो मैंने उठ कर उसको बिस्तर पर पूरा लिटा दिया और खुद उसकी खुली टांगों के बीच बैठ कर अपने लौड़े को उसकी चूत के मुंह पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का दिया और लंड लाल पूरा ही अंदर समा गया।
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अब मैंने अपने शरीर को बानो के शरीर के ऊपर कर लिया और कमर से धक्के का सिलसिला शुरू कर दिया। बानो की टांगें कुछ देर हवा में थी और फिर वो मेरी कमर के चारों और कस गई थी।
दूसरे बेड पर निम्मी और मैरी लगी हुई थी ज़ोर शोर से, खूब एक दूसरे को किस और चाट रही थी, शानू अभी भी बानो को लिप्स पर किस कर रही थी।
फिर वो उठ कर मेरी कमर को ऊपर नीचे करने लगी, उसका एक हाथ मेरे अंडकोष के साथ खेल रहा था और दूसरा मेरी गांड में हल्के से अंदर बाहर हो रहा था।
कुल मिला कर पूरा हरम वाला माहौल बना हुआ था और मैं बकौल खुद नवाबे- हज़रतगंज अपनी पूरी शानू और शौकत से अपने टेंपरेरी हरम के बीच में बैठा हुआ मौज और मस्ती का लुत्फ़ उठा रहा था।
शानू जो बानो को ध्यान से देख रही थी और उसके छूटने इंतज़ार बड़ी बेसब्री से कर रही थी, एकदम चौंक कर बानो से बोली- छूट रहा है री तेरा तो! सोमू जल्दी से धक्के मारो, बानो छूटने वाली है।
और मैंने अपने धक्कों की स्पीड एकदम तेज़ कर दी और तभी नीचे लेटी बानो ने मुझ को कस कर टांगों में पकड़ कर ज़ोर से काम्पने लगी। मैंने भी उसको कस कर अपने सीने से लगा लिया और उसके मम्मों को एकदम क्रश कर दिया।
कुछ मिन्ट हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे।
बाकी दोनों लड़कियाँ भी छूट चुकी थी और एक दूसरी की बाहों में लेटी हुईं थी।
चारों लड़कियों की चूत चुदाई
शानू जो बानो को ध्यान से देख रही थी और उसके छूटने इंतज़ार बड़ी बेसब्री से कर रही थी, एकदम चौंक कर बानो से बोली- छूट रहा है री तेरा तो! सोमू जल्दी से धक्के मारो, बानो छूटने वाली है।
और मैंने अपने धक्कों की स्पीड एकदम तेज़ कर दी और तभी नीचे लेटी बानो ने मुझ को कस कर टांगों में पकड़ कर ज़ोर से काम्पने लगी। मैंने भी उसको कस कर अपने सीने से लगा लिया और उसके मम्मों को एकदम क्रश कर दिया।
कुछ मिन्ट हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे।
बाकी दोनों लड़कियाँ भी छूट चुकी थी और एक दूसरी की बाहों में लेटी हुईं थी।
अब निम्मी की बारी थी, मैंने उसको इशारा किया- आ जाओ और साथ में कोकाकोला की बोतलें भी लाओ और सब पियो और पिलाओ।
मैं बैठ गया और कोकाकोला पीने लगा।
मेरा लंड अभी भी वैसे ही खड़ा था क्योंकि ना वो कल छूटा था न वो आज अभी तक छूटा था। मैं नहीं चाहता था कि किसी लड़की के अंदर छूटा कर उसका जीवन मुसीबत में डालूँ इसलिए मैं अपने को रोक रखने की शक्ति का इस्तेमाल कर रहा था।
कोकाकोला पीने के बाद हम सब फ्रेश हो गए थे, निम्मी मुझसे चिपक कर बैठ रही थी और उसके गोल मम्मे मेरी बाजू से लग रहे थे। उधर मैरी भी मेरे नज़दीक आने की कोशिश कर रही थी.
बानो के चहरे पर एक बड़ी ही मीठी मुस्कान छाई हुई थी और वो बार बार अपनी चूत में हाथ डाल कर देख रही थी कि मेरा तो कुछ भी नहीं छूटा था।
शानू मेरे वाले बेड को फिर से तैयार कर रही थी।
तभी निम्मी बोली- क्यों सोमू, तुम मुझको और मैरी को साथ साथ नहीं चोद सकते क्या? जैसे कल चोदा था।
मैं बोला- चोद सकता हूँ लेकिन अब मेरा छूटने का टाइम है तो ध्यान से चोदना होगा दोनों को! क्यों मैरी तुम राज़ी हो ना?
मैरी बोली- हाँ हाँ सोमू, कल भी तुमने हमको ऐसे ही चोदा था आखिरी बार।
मैं बोला- चलो आ जाओ मैदान-ए-जंग में!
मैंने दोनों को एक बहुत ही सख्त आलिंगन किया और दोनों को अपने से पूरा चिपका कर उनके होटों पर गहरी चुम्मी की।
उधर शानू एक हाथ अपनी चूत में डाल कर बैठी थी और दूसरे से अपने मम्मे दबा रही थी।
मैंने बानो को इशारा किया कि वो अपनी पार्टनर को सम्भाले।
बानो उठी और जाकर शानू की गोद में बैठ गई और उसके लबों पर गर्म गर्म चुम्बन देने लगी।
शानू ने भी अपनी बाहें बानो की चारों तरफ डाल कर उसको कस कर जफ़्फ़ी दे दी।
इधर मैंने निम्मी को छुआ चूत पर, वो बुरी तरह से गीली हो चुकी थी और उसका अपना रस उसकी जांघों के नीचे बह रहा था।
और मैरी भी वैसे ही काफी गीली और चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी।
अब शानू ने उन दोनों को घोड़ी बना कर पलंग पर बैठा दिया और मुझको आकर बोली- हज़ूर, घोड़ी तैयार है, आप सवारी कर लीजिये।
यह सुन कर हम सब बहुत ज़ोर से हंस पड़े।
मैंने बिस्तर पर चढ़ कर पहले मैरी की चूत में लौड़ा डाला और उसको पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ और फिर धीरे इसी क्रम में चोदने लगा, ज़ोरदार धक्कों के बाद मैंने लौड़ा निकाल लिया और निम्मी की फूली हुई चूत में डाल दिया।
दोनों चूतों का अंतर इसी तरह की चुदाई में सामने आता है। मैरी की चूत गहरी लेकिन खुली थी और निम्मी की चूत एकदम तंग और बड़ी ही फिसलन भरी थी, उसकी चूत में लंड डालते ही वो कहीं का कहीं पहुँच जाता है और मैरी की चूत में लंड का जाना एक गुफा में जाने के समान था।
अभी तक सबसे मज़ेदार चूत बानो की ही लगी लेकिन निम्मी की भी कुछ कम नहीं थी, गद्देदार और काफी रसीली थी उसकी चूत!
उसको चोदते हुए मुझको बहुत आनन्द आ रहा था और जब मैरी में डालता था तो लम्बी गहरी गुफा का मज़ा आता था।
उन दोनों को चोदते हुए मुझको दस मिन्ट हो गए थे लेकिन दोनों ही छूटने का नाम नहीं ले रही थी।
मैं बोल पड़ा- कौन पहले छूटेगी? लगायेगा कोई शर्त? मैं शर्त लगाता हूँ कि पहले निम्मी छूटेगी। दस रुपये की शर्त है, बोलो कोई और लगाने को तैयार है क्या?
शानू बोली- 20 रूपए की शर्त, पहले मैरी छूटेगी!
बानो बोली- नहीं पहले निम्मी छूटेगी, 30 की शर्त लग गई।
मैं बोला- 40 की शर्त, पहले निम्मी छूटेगी।
दोनों लड़कियाँ हमारी दोनों साइड में खड़ी हो गई और ‘बक अप मैरी…’ मत छूटना तुम लगी रहो और ‘निम्मी मत छूटना यार… सोमू को जोर लगाने दो!’ वगैरह बोलने लगी और एकदम से दोनों की चुदाई में खासा जोश आ गया।
तब मैंने भी धक्के कभी आहिस्ता और कभी तेज़ कर दिए, कभी मैरी की चूत में तेज़ धक्के मारता और कभी निम्मी की चूत में तेज़ी दिखाता।
मेरा ध्यान केंद्रित था निम्मी को पहले छुटाने का और कभी यह ध्यान मैरी की तरफ चला जाता।
मैरी और निम्मी चुदाई का खूब मज़ा ले रही थी, मुझको पता लगे बगैर वो दोनों दो दो बार झड़ चुकी थी, यह उन्होंने मुझको बाद में बताया और दोनों ने हम सबको खूब उल्लू बनाया और मन ही मन मुस्करा रही थी दोनों।
आखिर कॅाफ़ी समय हो गया चुदाई में, मैंने मैरी की चूत में ऊँगली डाल कर उसकी भग थोड़ी देर मसला और फिर वैसा ही किया निम्मी के साथ।
थोड़ी देर में जब मैं निम्मी की चूत में ऊँगली से कर रहा था तो मैंने कुछ इस तरह से उसको चोदा कि मेरा लंड कभी रेल की स्पीड से अंदर बाहर हो रहा था और जैसे मैं चाहता था, निम्मी की कोशिश के बावजूद वो छूटने की कगार पर पहुँच गई और मेरे एक गहरा धक्का लगते ही वो छूट गई और सिसकारी भरने लगी।
यह मसहूस करते ही निम्मी की चूत ने बंद और खुलना शुरू कर दिया और ज़ोर से काम्पने भी लगी। उसी के साथ ही जब मैंने मैरी की चूत में लौड़ा डाला तो वो भी दो तीन धक्कों में छूट गई।
मैंने अपना गीला लौड़ा मैरी की चूत से निकाल कर नंगे ही डांस करना शुरू कर दिया और चिल्लाना शुरू कर दिया- मैं जीत गया, मैं जीत गया!
सब लड़कियाँ बहुत हंस रही थी और शानू तो मेरे पीछे पीछे भाग रही थी और बोल रही थी- मेरा क्या होगा सोमू? मेरा क्या होगा सोमू?
मैं रुक गया और बोला- तुम्हारा क्या होना है यार?
वो रुआंसी हो कर बोली- मेरे को कौन चोदेगा यारो? मैं तो रह गयी कुंवारी?
सब लड़कियाँ खूब हंस रही थी, मैं भी खूब हंसा और सबको बोला- धीरे प्लीज, बाहर कोई सुन न ले अंदर कि क्या हो रहा है।
अब मैंने शानू को पकड़ लिया और उसको बाँहों में लेकर बॉल डांस शुरू कर दिया। मेरा खड़ा लौड़ा शानू की चूत के ऊपर रगड़ा मार रहा था डांस करते हुए।
फिर मैंने शानू के चूतड़ों के नीचे दोनों हाथ रख कर उसको थोड़ा ऊपर उठा लिया और शानू ने अपनी जांघें खोल कर मेरी कमर के इर्दगिर्द फैला दी, ऐसा करने से उसकी चूत का मुंह मेरे लौड़े के समानांतर आ गया और फिर मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत के मुंह पर रख दिया और हॉट एंड सेक्सी डांस करने लगा।
शानू तो चुदाई के लिए बेताब हो रही थी, उसने झट से अपनी चूत का धक्का मारा और मेरा लंड आधे से ज्यादा शानू की प्यासी चूत में चला गया।
उसने फिर एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड चूत के अंदर था।
शानू अब मेरे हाथ में अपने चूतड़ों को हिला हिला कर लंड का मज़ा ले रही थी, वो बेसब्री से आगे पीछे हो रही थी, उसकी चूत असल में पनिया रही थी और उसकी चूत से गिर रहे पानी से मेरे हाथ भर गए थे।
खड़े खड़े शानू को चोदना मेरे लिए एक नया तजुर्बा था क्यूंकि मैंने यह आजतक कभी नहीं किया था।
शानू को लबों पर गहरी चुम्मी देते हुए मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और वो भी जल्दी से अपने चूतड़ों को आगे पीछे मेरे हाथों पर करने लगी।
फिर मैंने महसूस किया कि शानू की चूत सकुड़ और खुल रही है जिसका मतलब साफ़ था कि वो भी झड़ने के नज़दीक है।
अब मैंने उसके चूतड़ कस के अपने हाथों में जकड़ लिए और वैसे ही मैंने चूत की गहराई तक जाने वाले धक्के मारने लगा और तीन चार धक्कों में ही शानू मेरे हाथों में तड़फड़ाने लगी और उसकी मेरे चारों तरफ लिपटी जांघें सिकुड़नी और खुलनी शुरू हो गई।
मैं उसको हाथों में उठाये हुए कमरे के दो चक्कर लगा आया और फिर उसको बेड में लिटा दिया।
उसकी ख़ास सहेली बानो उसको सँभालने लगी, उसका मुंह और शरीर साफ़ किया और उसको और हम सबको कोकाकोला पिलाया।
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हम सब अपने कपड़े पहनने लगे, तब शानू ने कहा- सोमू, अब कब मिलोगे?
मैं बोला- जब कहोगी मिल लेंगे यार! तुम जैसे प्यारे दोस्तों से मिलने में क्या कष्ट हो सकता है।
शानू बोली- लखनऊ में कहाँ रहते हो?
मैंने कहा- निम्मी, तुम एक कागज़ में हम सबके फ़ोन नंबर नोट करो और फिर सुबह उसकी एक कॉपी सबको दे देना।
सबने अपने फ़ोन नंबर नोट करवाये।
सब जाने के लिए तैयार हो गई थी, तब मैंने उन सब को सम्बोधित किया- यारो, तुम सब अति सुंदर और प्यारी कन्याएँ हो। जाने से पहले मुझ को एक बात बता दो, आप सब फ्रैंकली बताना कोई शर्म वर्म नहीं, ठीक है?
सब बोली- ठीक है, पूछो क्या पूछना चाहते हो?
मैं बोला- जैसे कि आपने देखा कि कल के और आज के कार्यक्रम में हम सब एक दूसरे के काफ़ी नज़दीक आ गए हैं। मैं यह पूछना चाहता हूँ कि आप सबने मुझमें ऐसी क्या बात देखी कि मेरे साथ एकदम खुला व्यव्हार शुरू कर दिया बगैर किसी तरह की शर्म वर्म के। यहाँ तक पूरी तरह से नंगे होकर हम एक दूसरे से मिलते रहे? ऐसी क्या बात थी जिसने आपको आकर्षित किया यह करने के लिए? मुझमें ऐसा क्या आकर्षण था कि आपको मेरी तरफ पूरा खींच लाया?
चारों लड़कियाँ चुप रही और एक दूसरी को देखने लगी, फिर सबसे पहले शानू ही बोली- सोमू यार, कुछ तुम्हारे चेहरे में है जो हर लड़की को अपनी तरफ खींचता है, शायद तुम्हारे चेहरे की मासूमियत और तुम्हारी आँखों में झलकता सबके लिए प्रेम भाव है जो किसी भी लड़की को अपनी तरफ खींचता है और सबसे बड़ी अट्रैक्शन जो मैंने महसूस की, वो है हर वक्त सोमू के खड़े लंड का कमाल।
निम्मी बोली- जो ख़ास बात मुझको लगी, वो यह है कि सोमू को अपने पास बिठा कर भी हमारे साथ कुछ भी छेड़खानी ना करने की कोशिश से मन में प्यार उमड़ा था और सोमू के प्रति विश्वास की भावना पैदा हो गई थी।
मैरी और बानो ने कहा- यह बात तो है लेकिन हमारे ख्याल में सोमू की आँखों में एक तरह की शरारत झलकती है जिससे कोई भी लड़की या औरत इसकी तरफ झुकी जाती है, इसका चेहरा बहुत ही मासूम लगता है और ख़ास तौर से लड़की या औरत इसको अपने गले लगाने की कोशिश करती है।
मैंने सब लड़कियों के लबों पर चुम्बन किया और कहा- आप जब चाहो मेरी कोठी आ सकती हो और जो चाहो मांग सकती हो, लंड से ले कर फंड तक! मैं कोठी में अकेला रहता हूँ 2-3 नौकरों के साथ। जो सेवा आप कहोगी, वो करने की पूरी कोशिश की जायेगी।
थैंक यू गर्ल्स… आप सब बहुत ही सुंदर और सेक्सी हो और मेरी यह दुआ है कि आप सबको ऐसा ही लंड नसीब हो जिससे आप सभी पूरी तरह से खुश रहें।
फिर वो एक एक करके मुझको चूमती हुई अपने कमरों में चली गई।
अगले दिन नैनीताल से चल कर हम शाम को लखनऊ पहुँच गए।
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