RE: Porn Kahani सीता --एक गाँव की लड़की
सीता --एक गाँव की लड़की--15
...बारिश की धीमी धीमी बूंदें पड़ने शुरू हो गई...मेरी होंठों पर पड़ रही हर एक बूंद से बरसाती मुस्कान रेंगने लगी थी..बगल में बाइक पर पूजा खुशी से झूमती अपने बंटी की पीठ पर कई चुम्मे जड़ चुकी थी..
उसे ऐसा करते पा बंटी अपनी बाइक और स्टाइल से चला रहा था..और सन्नी दोनों को आशा भरी नजरों से मुड़ मुड़ के देखे जा रहा थाकि काश, मेरी पीठ को कोई प्यार से चूमे...
तभी अचानक से बारिश तेज पड़ने लगी थी..मेरी पतली सी टी-शर्ट ज्यादा पानी बर्दाश्त नहीं कर पाई और मेरी चुची पर लगी सफेद रंग की ब्रॉ को स्पष्ट कर दी..
सड़क पर के लोग तो पानी से बचने इधर उधर भाग रहे थे, पर जो सुरक्षित खड़े थे,, उनकी नजर मुझ पर पड़ते ही खुल जाती..
इन सब को नजरअंदाज करती मैं एक अलग दुनिया में खो जाना चाहती थी..हम अपनी घरों की तरफ बढ़े जा रहे थे..तभी सन्नी बोला,"सीता,तुम्हें बारिश से एलर्जी तो नहीं है ना.."
अब तक जो मैं सिर्फ सट के बैठी थी, उसकी बात सुनने के बहाने अपने दोनों हाथ उसके सीने में लिपटाती अपने होंठों को सन्नी के कान में सटाती बोली,"एलर्जी तो नहीं है पर जनाब को और भींगाने का इरादा है क्या?"
"हाँ.. पर आपकी इजाजत के बिना नहीं..."
मैं उसकी बात सुन हल्की सी मुस्कुरा दी और बोली,"पूजा से पूछ लेती हूँ.. अगर वो हाँ कह दी तो ठीक है..."
तभी पल भर में ही सन्नी पूजा के काफी करीब पहूंचते हुए बोला,"ए बंटी, चल ना रूम पर चलते हैं.." सन्नी की बात सुनते ही मुस्काता हुआ पूजा से बोला,"डॉर्लिंग, अब तो अपना काम बन गया..."
फिर हम दोनों की तरफ देखता हुआ बोला,"चल..." और तेजी से बाइक बढ़ा दिया..बंटी के आगे बढ़ते ही मैं सन्नी से पूछ बैठी,"कौन सा काम बना बंटी का?"
"चलोगी तब तो देखोगी कि कौन सा काम बन गया.." सन्नी हंसता हुआ बोला.. मेरी जेहन में तुरंत ही ये बात समा गई कि कहीं ये दोनों सेक्स तो नहीं....
मैं एक तरफ रोमांच से भर गई थी तो दूसरी तरफ ये सोच के मरी जा रही थी कि इन दोनों के बीच मैं क्या करूंगी?? कहीं सन्नी जोश में आ मेरे साथ जबरदस्ती तो नहीं करेगा...
इसी तरह की कई ख्यालात में डूबी कब मैं उसके रूम पर पहुंच गई, मालूम ही नहीं पड़ी...
पूजा और बंटी बाइक से उतर अंदर की तरफ चले गए.. मैं अभी भी सन्नी के साथ बारिश में भींग रही थी..मुझे सोच में डूबी देख सन्नी बोला,"हे सीता,, तुम क्या सोचने लग गई.."
मैं अपनी निंद्रा से बाहर निकल फीकी मुस्कान देती हुई बोली," कुछ नहीं.. बस ज्यादा देर मत रूकना..घर भी जाना है.."
सच में मैं डर रही थी.. अगर ये दोनों जबरदस्ती ही करते तो मैं क्या कर सकती..पूजा तो खैर अपने मन से आई तो उसे कोई फिक्र नहीं थी पर मैं तो नहीं रेड्डी थी..
मेरी डर को सन्नी जल्द ही भापं गया..वो मेरे सामने होते हुए बोला,"देखो सीता,तुम जिस बात की डर है वो अपने दिमाग से निकाल दो..हाँ ये सच है कि वो दोनों यहां सेक्स करने आए हैं, पर हम तुम्हारे साथ किसी तरह की ऐसी वैसी बात नहीं करेंगे..सच कहूं तो आज मैं ऑफर जरूर करूंगा पर जब तक तुम हाँ नहीं कहोगी तब तक मैं छूऊंगा भी नहीं...अब चलो अंदर, ज्यादा देर तक भींग गई तो सर्दी लग जाएगी.."
मैं उसकी पूरी बात ध्यान से सुनी जा रही थी..अब तक मैं पूरी भींग गई थी..थोड़ी-2 ठंड भी लग रही थी..मैं जड़बुत बनीं वहीं पर खड़ी उसकी तरफ निहारे जा रही थी...
तभी वो मेरी कलाई पकड़ अंदर की तरफ चल दिया..मैं खिंचती हुई उसके पीछे चलने लगी...कुछ ही पलों में मैं रूम के अंदर थी जहां दो अलग-2 रूम लॉक थी और हम दोनों रूम के बाहर छोटी सी बरामदे में थी..उतनी छोटी भी नहीं थी..
पूजा बाहर नहीं थी..एक रूम की तरफ इशारा करते हुए सन्नी बोला," वो दोनों इसमें काम बना रहे हैं..चलो हम दोनों अपने रूम में काम बनाने..."
उसकी बात खत्म होते ही मैं उसकी तरफ आंखें निकाल कर देखने लगी...वो मुझे इस तरह देख हंसता हुआ बोला,"अरे तुम तो मजाक को भी सच मान बैठती हो..चलो रूम में शरीर साफ कर लेना..."
मैं उसकी बात पर हल्की सी मुस्काती रूम की तरफ बढ़ गई..सन्नी भी मेरे पीछे-2 रूम में दाखिल होते हुए एक तौलिया मेरी तरफ बढ़ा दिया...मैं तौलिया से शरीर सुखाने की कोशिश करने लगी..
"अच्छा सीता, तुम्हारे रहते भी पूजा चली गई उधर..तुम्हे बुरा नहीं लगा?" सन्नी पास में पड़ी चेयर पर बैठते हुए पूछा..जो कि एक कमप्यूटर डेस्क के साथ लगी थी..
मैं उसकी तरफ देख हंसती हुई बोली," बिल्कुल नहीं..क्योंकि पूजा खुद चाहती है..अगर वो नहीं चाहती तो मैं बर्दाश्त नहीं कर पाती.."
सन्नी हामी भरता हुआ मेरी बदन को अब निहार भी रहा था..कब तक बेचारा आग के सामने रह उसकी ज्वाला को नजरअंदाज करता...मैं भी हालात समझती ज्यादा ध्यान नहीं देने की कोशिश की..
फिर वो कुर्सी से उठा और अपने कपड़े खोलने लगा..मैं क्षण भर तो सकपका गई, पर जल्द ही समझ गई कि ये भी तो भींग चुका है...मैं अपने शरीर से कुछ गीलापन जा चुकी थी पर कपड़े अभी भी भींगी ही थी...
"ये भी खोल के पानी सुखा लो ना,,अंदर ब्रॉ तो पहनी ही हो.." सन्नी अपनी टी-शर्ट खोल चौड़ी छाती दिखाते हुए मुझे टी-शर्ट खोलने कह रहा था..
उसकी बात सुनते ही मैं गुस्से से आंखें दिखाने लगी...जिस पर वो हंसता हुआ हुआ मेरे पास आया और मेरी कमर पकड़ कर जोर से अपने शरीर से सटाता हुआ बोला," मैडम,हमसे दोस्ती की हो तो कुछ तो बेशर्म बनना पड़ेगा ही..वैसे तुम्हारी ब्रॉ साफ-2 दिख रही है इसलिए बोला.. और सिर्फ ऊपर के कपड़े ही खोलने हैं,पूरी नहीं.."
मैं तो उसके शरीर से चिपकते ही चिहुंक उठी थी..उसके सीने की घनी बालें मेरी छाती से रगड़ खा रही थी और नीचे तो उफ्फफ उसका पूरा तना हुआ लंड सीधा मेरी चूत पर जा टिका था...साथ में उसकी मर्दाना खुशबू,, हमें उत्तेजित करने के लिए काफी थी.. मैं कसमसा कर रह गई क्योंकि उसकी पकड़ काफी जोर से थी जिससे निकल पाना लगभग असंभव थी....
और मैं ज्यादा जोर भी नहीं कर रही थी निकलने की,,क्योंकि लंड का आभास होते ही मेरी चूत मुझ पर कंट्रोल करने जो लग जाती थी...तभ सन्नी मेरी कमर से हाथहटा मेरी टीशर्ट के दोनों बगलें पकड़ ली...मैं अब अंदर ही अंदर काफी उत्तेजित हो गई थी...पर उसे अंदर ही दबा दी थी..
फिर सन्नी आहिस्ते-2 टीशर्ट ऊपर की तरफ खींचने लगा...मेरे होंठ अब कंपकपाने लगे थे जिसे मैं पूरी ताकत से रोकने की कोशिश कर रही थी...
कुछ ही पल में मेरी टी-शर्ट खोलते उसकी हाथ मेरे बूब्स के निकट पहुंच गई..अब मैं बर्दाश्त करने लायक नहीं रह गई थी..तभी उसने मेरी बूब्स को टी-शर्ट पकड़े ही अपने अंगूठे से रगड़ता हुआ ऊपर कर लिया...
अब मेरी टी-शर्ट दोनों बूब्स से ऊपर आ चुकी थी...ब्रॉ में कैद मेरी बूब्स उसके सीने से सट-हट रही थी...
मैं अब बिल्कुल ही होश गंवा बैठी थी...एक बार तो सोची कि अब वो टी-शर्ट निकालने को लिए मेरे हाथ ऊपर करेगा पर नहीं...उसने तो टी-शर्ट को ही थोड़ी जोर से ऊपर किया जिससे मैं खुद ही हाथ ऊपर उठा उसे मदद कर दी...ये मैं कैसे कर दी या उसकी कला थी, पता नही.....
मेरी टी-शर्ट अब बेड पर फेंकी हुई थी...और मैं अपनी आँखें बंद की उससे चिपक के खड़ी थी...तभी उसने हाथ मेरी पीठ पर ले जाते हुए मेरी ब्रॉ की हुक खोल दी...
मैं उफ्फ्फ करती हुई सिसक पड़ी...उसके सीने से चिपकी थी इसलिएनहीं तो मेरी ब्रॉ जमीन पर पड़ी होती अब तक....
तभी सन्नी ने अपने एक हाथ से तौलिया बेड से उठाया और मेरे सीने पर आगे से रख वो थोड़ी सी पीछे हो गया...उसके पीछे हटते ही तौलिया मेरी बूब्स को कवर करती नीचे जांघ तक गिर गई...मैं तो उसकी हर एक अदा की दीवानी हो गई थी...कितनी शालीनता से कर रहा था ये सब...
फिर वो तौलिया मेरे शरीर पर बांध दिया और अपने हाथ नीचे बढ़ा मेरी कैप्री के हुक यूं खोल दिया, जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकती...
अगले ही पल उसने मुझे कुर्सी पर बिठा दिया और खुद नीचे बैठते हुए कैप्री को खींच बेड की तरफ उछाल दिया...कुर्सी पर मैं पीछे की तरफ सिर झुकाए तेज-2 सांसें ले रही थी..मैं कुछ सोच ही नहीं पा रही थी कि अब क्या करेगा?
तभी उसकी उंगली मेरी जांघ के पास तौलिया के अंदर महसूस हुई..मैं सिहर उठी..उसने अपनी दोनों उंगली से मेरी पेन्टी की बगल पकड़ा और तेजी से घुटने तक खींच दिया...
मैं काम वासना से लबालब भरी चिहुंकती हुई उठ खड़ी हुई..वो शायद समझ चुका था कि अब मैं क्या चाहती हूँ..वो भी उतनी ही तेजी से खड़ा हो मुझे अपने बांहों में कस लिया..मैं गरम तो थी ही उसके बांहों में आते ही चीख पड़ी
और कांपती हुई चूत से पानी निकालती घुटने पर टिकी पेन्टी भिंगो रही थी...वो मेरे बालों पर धीरे से हाथ फेरता हुआ सहला रहा था..जब मैं पूरी तरह झड़ गई तो उसने अपने पैरों से ही मेरी गीली पेन्टी को पकड़ा और बाहर कर दिया...
कुछ देर मैं यूं ही उसकी बांहों में पड़ी रही, फिर उसने मुझे आहिस्ते से कुर्सी पर बिठा दिया...मैं ना चाहते हुए भी बैठ गई..इस वक्त अगर सन्नी की जगह कोई और होता तो कब का चोद चुका होता, पर सन्नी में कुछ इंसानियत तो थी जिसकी मैं दिवानी हो गई थी...फिर वो मेरे चेहरे के सामने अपना चेहरा झुका मुस्कुराते हुए बोला," अगर तुम खुद कपड़े निकाल लेती तो तुम्हारी ये हालत नहीं होती ना.."
वो झड़ने की बातें कर रहा था जिसे सुन मैं शर्म से मुस्काती नजरें चुरा ली..अगले ही पल उसने भी अपनी जींस खोल कर अलग कर दी और दूसरी तौलिया लपेट वो भी अंदर से पूरा नंगा हो गया...
फिर उसने मेरे और खुद के भींगे कपड़े से पानी निचोड़ सुखने के लिए कमरे में ही लगी तार पर रख दिया...
फिर वो एक दूसरी कुर्सी बाहर से ला मेरी बगल में लगाता हुआ बैठ गया और सामने कमप्यूटर ऑन कर दिया...मेरी नजर कमप्यूटर की स्क्रीन की तरफ चली गई....
कमप्यूटर स्क्रीन ऑन होते ही मेरी शरीर में झुरझर्री सी दौड़ गई...सामने स्क्रीन पर पूजा कुतिया की तरह मादरजात नंगी झुकी मुंह खोले चिल्लाए जा रही थी और बंटी उसकी कमर पकड़ दनादन अपना लंड उसकी गांड़ में पेले जा रहा था...
पूरी तरह से छिनाल की तरह चुद रही थी हमारी पूजा..इसे देख मैं थोड़ी सी शर्मा गई पर अब सन्नी पर इतनी विश्वास तो थी ही कि वो बिना इजाजत टच भी नहीं करेगा...
हम दोनों एक- दूसरे की तरफ देखे बिना पूजा की लाइव चुदाई देखने लगे...मैं अपनी आंखों को तिरछी कर सन्नी की तरफ देखी तो वो तौलिया के भीतर अपना हाथ घुसा लंड मसल रहा था..
तभी सन्नी की-बोर्ड पर एक बटन दबा दी जिससे पिक्चर जूम हो गई..अब पूजा की गांड़ में जाती लंड काफी निकट से दिखाई दे रही थी...
तभी मेरी नजर पूजा की चूत पर गई जो बंटी के लंड से ठीक नीचे थी..गौर से देखी तो उसकी चूत सूजी हुई थी और कुछ गाढ़ा रस टपक रही थी...मतलब इतनी देर में उसकी चूत का कबाड़ा करने के बाद बंटी उसकी गांड़ के पीछे पड़ गया था...
अब मेरी भी चूत रोने लग गई थी...शरीर में अंदर से काफी ऐंठन हो रही थी..ये सन्नी अब भोंदू दिखने लगा था कि मैं सिर्फ टॉवेल में बैठी चुदाई देख रही हूं और ये सन्नी कुछ नहीं कर रहा है..
तभी बंटी पूजा की बाल पकड़ जोर से खींचते हुए घुरसवार की तरह तेज धक्के लगाने लगा...पूजा की आँखों से आंसू बह रहे थे...तभी सन्नी टेबल के नीचे से हेडफोन निकाल कान में लगा लिया, मतलब वो अब आवाज भी सुनेगा..
मैं उसकी तरफ देखी तो वो हल्की मुस्कान दे दिया..मैं भी मुस्कुराती उसकी तरफ देखी..उसने एक और हेडफोन ले मेरे कानों में लगा दिया...
पूजा और बंटी की एक- एक शब्द अब स्पष्ट सुनाई पड़ रही थी...
"आहहहह मादरचोद ये ले......ओफ्फफफ शाली रंडी आज तेरी मां चोद चोद के भोसड़ा कर दूँगा कुतिया....."
"आउउउउउउउ शाबास मेरे राजा...कमीनी चूत हर वक्त तंग करती है हमें..याहहहह याहहहहह..कस के चोदो अपनी इस कुतिया की चूत और रंडी बना डालो मेरे चोदू..."
"जरूर बनाऊंगा तुझे और साथ में तेरी भाभी को भी शाली,,, आहहह क्या फिगर है उस रंडी के भी यूहहह यूह आह ले और ले.."
मैं अपने बारे में सुन गुस्से से सन्नी की तरफ देखने लगी..जिसे देख सन्नी होंठो पर हंसी लाता मेरी कानों से हेडफोन हटाते हुए बोला,"देखो जान, सेक्स में थोड़ी बहुत गाली ना हो तो मजा नहीं आता सो प्लीज माइंड मत करना.."
"और मेरे बारे में जो बोल रहा है उसका क्या?" मैं झूठी ही सही गुस्से में आती हुई बोली...
"ओहो डॉर्लिंग, जोश में बोल दिया, तुम बेकार में गुस्सा कर रही हो..छोड़ो उसे और मजे से देखो.." कहते हुए सन्नी हेडफोन वापस लगा अपने हाथ मेरे कंधों पर रखते हुए मेरे गाल सहलाने लगा..
मैं उसकी तरफ पलटी तो मुझे नजरअंदाज कर लाइव चुदाई के मजे लेने लगा..उसकी ये हरकत देख मैं अंदर ही अंदर मुस्कुरा पड़ी..और मैं भी सीधी हो पूजा की लाइव देखने लगी...
बंटी अब काफी तेज तेज शॉट मार रहा था...शायद झड़ने वाला था...जबकि पूजा भी अब जोर से चिल्ला और चीखती हुई अपनी गांड़ पीछे धकेल रही थी..
तभी अचानक से बंटी ठप्प की आवाज के साथ अपना लंड खींचा और वो पूजा को बेरहमी की तरह बाल खींचता हुआ बैठा दिया और तेजी से अपना लंड उसके मुंह में ठेल दिया...
पूजा बालों के दर्द से हल्की चीख निकल पड़ी पर लंड मुंह में जाते ही वो दर्द भूल चूप्पे लगाने लगी..
इधर सन्नी की उंगली कब मेरे मुंह में चली गई, पता नहीं..और तो और सन्नी की उंगली को मैं भी पूजा के माफिक ही चूसे जा रही थी..
सन्नी के साथ अब मेरी भी उंगली अपनी चूत पर रगड़ रही थी..उधर बंटी चुदाई के बाद हो रही गहरी- गहरी चुसाई को सह नहीं पाया..और पूजा के सिर को जोरों से दबाता हुआ चीख पड़ा..
बंटी अपने लंड के पवित्र जल को झटके के साथ पूजा के गले में उतार रहा था..पूजा का चेहरा प्रसन्नचित्त हो सारा रस मुंह में लेने लगी..
बंटी और पूजा को देख मेरी सब्र की बाँध टूट गई और मैं लपकती सी कुर्सी से उठी और सन्नी के होठों पर अपन दहकते होंठ रख दिए..सन्नी भी एक भूखे शेर की भांति मेरे होंठो को निचोड़ने लगा..
कुर्सी पर बैठे सन्नी के शरीर पर लदी मस्ती में अपने रस निकलवा रही थी..सन्नी कुछ
सहज महसूस नहीं कर रहा था ऐसी अवस्था में...वो मुझे अपने होंठो से अलग करता हुआ खड़ा हुआ...
पल भर अलग होते ही मेरी नजर वापस स्क्रीन पर गई जहाँ पूजा सारा वीर्य किसी रांड की तरह गटकने के बाद चुप-चुप करती बंटी के लंड को जीभ से चाटकर साफ कर रही थी...
तभी सन्नी एक झटके से मुझे बेड की ओर धक्का देते हुए मेरे तन की तौलिया का एक सिरा पकड़ लिया...जिससे मैं नंगी होती हुई बेड पर धम्म से गिरी...सन्नी भी पीछे से मेरे शरीर पर गिरा और गिरते के साथ ही मेरे होंठो को कैद कर चूसने लगा..
अब जब हरी झंडी मिल गई उसे तो भला अपने लंड को क्यों तकलीफ देता..वो एक हाथ से मेरी बूब्स मसलते हुए मस्ती के सागर में डुबकी लगाए जा रहा था..
मैं भी वासना से मरी जा रही थी तो उसे पूरी आजादी देते हुए आनंद ले रही थी..कुछ देर में ही वो अपनी उंगली से मेरी चूत भी रगड़ने लगा..मैं मस्ती से लबालब होती अपने चूत ऊपर की उछाल कर उंगली को गहराई तक पहुंचाना चाहती थी...
मेरी इस हरकत को देख सन्नी तुरंत समझ गया कि मैं कितनी गरम हूं...वो मेरे होंठ को आजाद किया और अगले ही पल उसके होंठ मेरी चूत में उतर गई..मैं तड़प के उछल पड़ी और उसके बाल नोचने लगी...मैं लाख कोशिश की उसे हटाने की पर वो उतनी ही जोरों से मेरी चूत को खाए जा रहा था...
मैं ज्यादा देर तक खुद पर काबू नहीं रख सकी और सन्नी के बाल नोंचते हुए पैर पटकने लगी...तभी मेरे अंदर के बादल फटी और सारा पानी सन्नी के चेहरे को धोने लगी..जितना उससे संभव हुआ.उतना पानी वो अंदर गटक लिया,बाकी बेडसीट और उसके चेहरे को भिंगो दिया..मैं झड़ते हुए जोरों से हांफ रही थी...इस दौरान सन्नी भी नंगा हो गया था..
अगले ही क्षण वो उठा और अपना 7 इंची लंड से मेरे होंठो पर मारते हुए बोला," आहहह मेरी रानी, अपने मुंह तो खोल" मैं इससे पहले एक-दो बार लंड मुंह में ली जरूर थी, पर अभी तक आदत नहीं पड़ी थी इसकी..थोड़ी सी हिचकिचाती हुई अपने होंठ थोड़े खोले कि सन्नी पूरी ताकत से अपना लंड ठूस दिया..मैं उबकाई लेती हुई कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी पर मुश्किल लग रही थी मेरे लिए..मेरे चेहरे की उड़ती रंग देख वो समझ गया कि मैं मुंह में नहीं लेती..
उसने लंड के दबाव को थोड़ा कम किया और बोला,"अब आदत डाल ले मेरी रानी,क्योंकि रोज लेने होंगे चुदाई से पहले.."
मैं उसकी तरफ आंखें उठा के देखी और आंखों से हामी भरती धीरे -2 अंदर बाहर करने लगी..पूजा की तरह ढ़ंग से तो नहीं कर पा रही थी जिससे सन्नी को उतना मजा आता..पर पहली बार की वजह से वो आहें भरते हुए मजा ले रहा था...
कुछ मिनटों में ही वो जोर से चीखते हुए "नहीईईईई" किया और अपना लंड को जोर से आखिरी धक्का मेरी मुंह में मार खींच लिया...शुक्र है वो झड़ा नहीं था वर्ना मैं कैसे उसके पानी को मुंह में ले पाती..
फिर वो बेड से नीचे उतरा और मुझे अपनी दिशा में लाते हुए मेरे पैरों को अपने कमर में लिपटा लिया..जिससे मेरी गर्म चूत ठीक उसके लंड से टकराई..मैं सिहरती हुई कराह उठी..और सांस रोके उसके लंड का इंजार करने लगी..
अगले ही पल दनदनाता हुआ उसका पूरा लंड जड़ तक मेरी चूत में उतर गया था..मेरी सांसें तो ऊपर ही अटक गई थी क्योंकि ऐसा करारी शॉट ना ही श्याम मारे थे और ना मेरे भैया....
वो अपने लंड को वहीं रोक नीचे झुक मेरी बूब्स को बारी- बारी चूसने लगा..कुछ ही पल में मेरी दर्र भाग गई और मस्ती आने लगी..जिससे मैं अपनी चूत ऊपर की तरफ मारने लगी...
वो मेरी ओर देखते हुए बूब्स से अपना मुंह हटाया और मुस्कुराते हुए अपना लंड आगे-पीछे करने लगा...साथ ही मेरी बूब्स को मसलने लगा...
मेरी मुंह से अब सेक्स वाली आवाजें निकलनी शुरू हो गई थी..जिससे वो और उत्तेजित हो तेज-2 धक्के लगा रहा था..
पूरे कमरे में हम दोनों की सेक्सी आवाजें और फच-फच की धुन गूंज रही थी..मेरी शरीर तो ऐसे हिचकोलें खा रही थी मानों कोई लोकल ट्रेन हो..जिसे मेरी दोनों भोंपू दबाए सन्नी ड्राइवर चला रहा था...
हम दोनों की पहली चुदाई की वजह से सन्नी और मैं ज्यादा दूरी तक इस ट्रेन को नहीं ले जा सके...
मैं चीखती हुई सन्नी के साथ 3री बार झड़ गई..जिसे देखा देखी सन्नी भी चिल्लाते हुए अपना गरम लावा मेरी चूत के अंदर उड़ेल दिया.. मेरी चूत की सारी गर्मी को सन्नी के वीर्य ने शांत कर दिया...
सन्नी हांफता हुआ बेड पर मेरे बगल गिर पड़ा..जिसे मैं अपनी बांहों में लेती हुई उसके बाल सहलाती खुद पर भी काबू पाने की कोशिश कर रही थी...
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