RE: Chudai Sex कलियुग की सीता—एक छिनार
कहते हुए तबस्सुम ने अपने पैरो से सॅंडल निकाला और पतिदेव के सर पर बरसाते चली गयी…बीच रोड तबस्सुम पतिदेव की ठुकाइ कर रही थी और लोग सोच रहे थे कैसा नमार्द आदमी है जो एक मामूली सी मुसलमान लड़की के हाथो कुत्ते की तरह पिट रहा है….फिर तबस्सुम ने भीड़ की तरफ मुखातिब हो कर कहा…भाईजान,आप लोग अपनी अपनी चप्पले उतार के दे…सबसे चप्पल कलेक्ट कर तबस्सुम ने एक चप्पलो का हार बनाया और पतिदेव के गले मे लटका दिया…
तबस्सुम ने पतिदेव की बेल्ट निकाली और उन्ही के गले मे कुत्ते के पट्टे की तरह लटका दी…जैसे पतिपर्मेश्वर कुत्ते हो और तबस्सुम गले का पट्टा ले के आगे आगे चल रही थी…अचानक पातिदेव शर्म से झुक कर रुक गये तो तबस्सुम गुस्से मे पलट गयी और पतिदेव के चेहरे पर आके थूक दिया…फिर ज़मीन पर थूक के बोली:चलो चाटो मेरे भैया…पतिदेव थूक पर ऐसे झपट पड़े जैसे कुत्ता कटोरी मे रखे गोश्त पर झपट ता है और तबस्सुम का थूक चाटने लगे….
अचानक वो आदमी जिसका नाम सलीम था और तबस्सुम का शौहर था आया और बोला:क्या हुआ तबस्सुम,क्यो मार रही हो बेचारे को.शौहर को सामने देखकर तबस्सुम ने अपना बुर्क़ा उतार दिया,बला की खूबसूरत थी वो,ज़िस्म भरा भरा जीता जागता कयामत था तबस्सुम.उसने ग्रीन कलर का एक टाइट सलवार सूट पहन रखा था,उसकी चूचियाँ बहुत बड़ी बड़ी और चूतड़ कसे कसे .
पतिपर्मेश्वर की जाँघो के बीच पैरो से किक लगाते हुए तबस्सुम बोल पड़ी:देखिए ना,ये मुझे छेड़ रहा था…फिर नीचे बैठ ते हुए पतिदेव के चेहरे को उपर उठाई,आँखो के सामने सलवार सूट मे कसी बड़ी बड़ी चूचिया देखकर पातिदेव के लंड ने झटका ज़रूर खाया होगा लेकिन शायद पिटने के डर से तुरंत वो अपना चेहरा झुका लिए….तबस्सुम खिलखिला के हंस पड़ी और पतिदेव के कानो मे फुसफुसा के बोली:भैया,मेरे शौहर सलीम का लंड बहुत बड़ा है…अगली बार किसी मुसलमान लड़की को छेड़ने की गुस्ताख़ी ना तो तेरी गान्ड मार लेंगे और घर मे घुस कर तेरी मा-बेहन-बीवी सबको चोद डालेंगे..कहते हुए तबस्सुम बुर्क़ा हाथ मे ली और ज़ुल्फो को लहराते हुए अपने शौहर की ओर चल पड़ी…चलते वक़्त ऐसा बिल्कुल नही लग रहा था कि अभी अभी ये आरडीएक्स बनी हुई थी…चलते वक़्त तबस्सुम की कमर मे बहुत हसीन लचक थी और टाइट सलवार सूट मे तबस्सुम के चूतड़ बहुत सेक्सी अंदाज़ मे मटक रहे थे.
पतिपर्मेश्वर तबस्सुम के बलखाते चूतड़ को हवा मे लहराते हुए तब तक देखते रहे जब तक वो सलीम के पास नही पहुच गये.सलीम ने तबस्सुम की चूतड़ पर हाथ रख के सहला दिया और तबस्सुम ने पतिदेव की ओर मुड़कर आँख मार दी और उंगली हिलाते हुए बोली:बाइ बाइ भैया
हम और अब्दुल खड़े खड़े ये तमाशा देख रहे थे…लेट हो रहा था इसलिए मैने अब्दुल ख़ान से कहा प्लीज़,मुझे वो ट्रेन वाली लूँगी दे दीजिए ,एक हिंदू औरत के लिए उसकी चूत के खून से बड़ा कुछ नही होता.अब्दुल ख़ान चूत की बात सुनकर भूल गये कि हम बीच बाज़ार खड़े हैं और लोग हमे देख रहे हैं.अब्दुल ख़ान ने मुझे आगोश मे कस लिया और गालो पे पप्पी ले ली.मैं शर्म से लाल लाल हो गयी ये सोच कर कि आज करवा चौथ के दिन कोई गैर मर्द बीच बाज़ार मेरे गालो की पप्पी ले रहा है…मैने ठुनक्ते हुए कहा:छोड़िए ना ख़ान साहब,लोग देख रहे हैं.
अब्दुल ख़ान ने शरारत से मेरे चूतड़ पर हाथ रख दिया और चिकोटी काट ली.मैं चिहुनक उठी:उफफफफफ्फ़ ख़ान साहेब आप बड़े बदमाश हैं….
अब्दुल ख़ान ने हंसते हुए मेरे गाल पे पप्पी ले ली और कहा:सीता डार्लिंग,अब जब मैं तुम्हारी चूत फाड़ ही चुका हू तो लोगो को भी देखने दो कि किस मूसल लंड से तुम चुदती हो.और रही बात लूँगी की तो तुम्हारी चूत तो तुम्हारे पास है,मेरे पास अपनी चूत की निशानी तो रहने दो.वैसे मैने अभी अभी उसे मस्ज़िद की दीवाल पर सूखने के लिए पसारी है. मेरी चूत और गाल दोनो शर्म से लाल लाल हो गये.ये मस्ज़िद हमारे मोहल्ले के बगल मे ही था.
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