Porn Kahani भोली-भाली शीला
01-07-2018, 02:11 PM,
#49
RE: Porn Kahani भोली-भाली शीला
पंडित & शीला पार्ट--48

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गतांक से आगे ......................

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पंडित जी की नंगी बाजू पर कोमल की नर्म और ठंडी गर्दन अपना असर छोड़ रही थी ..और उनका एफ्फिल टावर खड़ा होने लगा ..और पेंट पहनने की वजह से उन्हें बैठने में परेशानी भी हो रही थी ..उन्होंने बड़ी मुश्किल से वहां हाथ रखकर अपने उभार को कोमल की नजरों से बचाया ..

खेर, थोड़ी ही देर में उनका स्टेंड आ गया और वो उतर गए ..पंडित जी ने जाकर टिकट ली और वो दोनों अन्दर चल दिए ..

वो एक पुराना सा सिनेमा हाल था, जहाँ सिर्फ बी ग्रेड मूवीज ही लगती थी ...वहां ज्यादातर आदमी ही आये हुए थे ..दो तीन औरतें भी थी ..पर पंडित जी की नजरों ने पहचान लिया की वो सब धंधे वाली औरतें थी , जो सिर्फ थोड़े रूपए और मस्ती के लिए किसी के साथ भी मूवी देखने घुस जाती थी ..

टिकट चेकर ने पंडित जी की तलाशी ली और उन्हें अन्दर जाने दिया ..पीछे-२ कोमल भी थी , उसके शरीर पर भी चेकर ने बड़े ही केसुअल तरीके से हाथ फेरे ..पर उसके गुदाजपन का एहसास होते ही उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी ..उसने एक बार और अपना हाथ फेरना शुरू किया ..खासकर उसके जांघो पर ..जहाँ उसके हाथ चिपक कर रह गए ..और उसकी उँगलियों की चुभन कोमल को अन्दर तक महसूस हुई ..पर वो कुछ न बोली ..फिर उसके हाथ फिसलते हुए ऊपर आये और उसके कुलहो और कमर के बाद उसकी छातियों पर आकर फिर से रुक गए ..और उसने उन्हें दबा दिया ..

तभी पीछे से आवाज आई : "अरे भाई ..इसकी ही तलाशी लेता रहेगा क्या ..जल्दी कर , मूवी शुरू होने वाली है ..''

बेचारे को बेमन से कोमल को छोड़ना पडा ..और वो भागकर अन्दर आ गयी, जहाँ पंडित जी पहले से ही सीट पर जाकर बैठ गए थे, उन्होंने कोमल को हाथ का इशारा करके अपनी तरफ बुलाया, वो वहां जाकर बैठ गयी ..उसके शरीर में अभी तक टिकट चेकर की उँगलियों की चुभन का एहसास हो रहा था , आज तक उसके शरीर को किसी ने इस तरह नहीं छुआ था ..पहले ऑटो में वो आदमी और अब यहाँ ये टिकेट चेकर ने भी उसे जैसे रोंद सा डाला था ..

वो धीरे से पंडित जी के कानो में बोली : "वो ऑटो वाला आदमी भी बदतमीज था और ये चेकिंग वाला भी ..''

पंडित जी के कानो में उसके होंठों का स्पर्श उन्हें मदहोश सा कर गया ..उन्होंने अपना होश संभाला और उसके कानो में बोले : "गलती उनकी नहीं है ...तुम्हारे शरीर की कोमलता है ही ऐसी की वो अपने आप को रोक नहीं पाए ...''

कहते -२ पंडित जी ने अपने हाथ की उंगलिया उसकी नंगी बाजुओं पर फेरा दी ..कोमल के रोंगटे खड़े हो गए उनकी बात और टच को महसूस करके ..

वो कुछ न बोली और चुपचाप बैठकर फिल्म के शुरू होने का इन्तजार करने लगी .

थोड़ी ही देर में पिक्चर शुरू हो गयी ..

कोमल की आँखों में चमक आ गयी, जैसे ही फिल्म का नाम स्क्रीन पर आया ..उसने झट से अपना मोबाइल निकाला और मूवी के नाम की फोटो खींच ली ..

पंडित : "ये किसलिए ..?"

कोमल : "सबूत के लिए ..अपनी सहेलियों को दिखाउंगी न ..नहीं तो वो बोलेंगी की मैं गप्पे मार रही हु .."

पंडित जी मुस्कुरा दिए .

दस मिनट के बाद ही मूवी में एक गर्म सीन आ गया , जिसमे हिरोइन सफ़ेद कपडा पहन कर झरने के नीचे नहाते हुए गाना गा रही थी और एक विलेन उसको छुप कर देख रहा था .. भीगने की वजह से वो कपडा पारदर्शी हो गया और उसके दोनों मुम्मे चमकने लगे ..पंडित जी का भी लंड खड़ा होने लगा वो देखकर ..उन्होंने तिरछी नजरों से कोमल को देखा जो अपनी नजरें झुका कर उस सीन को देख रही थी ..

गाना ख़त्म होते ही विलेन लड़की पर झपट पडा और वो भागती हुई एक गुफा में घुस गयी ..भागने की वजह से उसका कपडा खुल गया और वो पीछे से अपनी गांड के दर्शन कराती हुई अन्दर घुस गयी .उसकी नंगी गांड देखते ही पुरे हाल में सीटियाँ बजने लगी . जिन्हें सुनकर कोमल हंसने लगी ..और वो पंडित जी से बोली : "जैसा सुना था ..ठीक वैसा ही माहोल है ऐसी पिक्चर को देखने का ..मजा आ गया ..कसम से ..''

उसकी भोली बात सुनकर पंडित जी का मन तो करा की उसे वहीँ पकड़ कर चूम ले ..

कोमल की नजरें इधर - उधर कुछ ढूंढने लगी ..और आखिर उसकी नजरों ने वो देख ही लिया जो वो देखना चाहती थी ..

एक जोड़ा कोने वाली सीट पर बैठा था वो दोनों एक दुसरे को बुरी तरह से चूम रहे थे ..कोमल उन्हें देखकर मंद-२ मुस्कुराने लगी ..

पंडित जी ने धीरे से उसके कान में कहा : "उन्हें क्यों देख रही हो अब ..ये गन्दा नहीं लग रहा तुम्हे ..''

कोमल कुछ ना बोली ..और अपनी नजरें झुका कर पंडित जी से धीरे से बोली : "इस्स्श्ह्ह ....चुप करो आप ...''

उसके चेहरे की गुलाबी रंगत पंडित जी की आँखों को अँधेरे में भी दिख रही थी .एक बार तो उन्होंने सोचा की उसके चेहरे को अपनी तरफ करे और उसे भी ऐसे ही चूमने लग जाए ..पर वो जल्दबाजी करके काम बिगाड़ना नहीं चाहते थे .

थोड़ी ही देर में वो लड़की उस आदमी के घुटनों के पास बैठ गयी और उसके लंड को मुंह में डालकर चूसने लगी ..उसे अपने आस-पास बैठे हुए लोगों की भी कोई परवाह नहीं थी ..और वो आदमी तो अपने आप को राजा समझ रहा था जो कुर्सी पर आराम से बैठकर अपना लंड चुसवा रहा था .

कोमल की नजरें भी उधर ही थी ..वो धीरे से बोली : "छि ....कैसी बेशरम औरत है ..खुले आम ऐसा कर रही है ..''

पंडित जी उसके भोलेपन पर हंस दिए और बोले : "वो उसकी बीबी या गर्लफ्रेंड नहीं है ..ऐसी औरतें पांच सो में मिल जाती है ..जो ऐसे काम करने के लिए अन्दर आ जाती है इनके साथ ..''

कोमल ने अपनी एक आई ब्रो ऊपर करके पंडित जी से कहा : "बड़ी नोलेज है आपको ...और क्या -२ पता है ..''

पंडित जी : "मुझे सब पता है ..चाहो तो आजमा कर देख लो ..''

पंडित जी की द्विअर्थी बात शायद कोमल को समझ आ गयी थी ...उसका चेहरा शर्म से लाल हो उठा ..और उसने फिर से अपनी नजरें फिल्म पर लगा दी ..पर उसका मन अब फिल्म में नहीं लग रहा था ..जैसे ही उस औरत ने लंड का माल चूसकर उस आदमी को खल्लास किया , वो अपने पैसे लेकर बाहर निकल गयी ...

कोमल : "चलो अब ...और नहीं देखनी पिक्चर ...चलो यहाँ से ..''

पंडित जी को भी कुछ समझ नहीं आया की एकदम से कोमल को क्या हुआ ..पर उन्होंने कुछ नहीं कहा और वो उठकर बाहर निकल आये .

थोडा दूर निकलने के बाद कोमल पंडित जी की तरफ घूमी और उनके गले लग गयी और धीरे से उनके कान में बोली : "थेंक यू ...''

और एकदम से हट कर वापिस पलटी और आगे निकल गयी ..

पंडित जी बेचारे उसके सीने के एहसास को अपनी छाती पर पूरी तरह से महसूस भी नहीं कर पाए थे ..

वो भी अपनी आँखे उसकी मटकती हुई गांड से चिपका कर उसके पीछे-२ चल दिए .

कोमल ने अपनी मूंछ निकाल दी और अपनी टोपी भी उतार कर हवा में उछाल दी ..और जोर से चीखी : "मजा आ गया ....आज का दिन मेरे लिए बहुत अलग है ..''

और फिर वो चलते-२ पंडित जी की तरफ घुमि और उल्टा चलती हुई उनसे बोली : "और ये सब आपकी वजह से हुआ है पंडित जी ..आप न होते तो मैं ये नहीं कर पाती ..पर अब आप मिल गए हो ना ..तो एक अच्छे दोस्त की तरह मेरे जीवन की वो सभी इच्छाएं पूरी करवा दो, जो मैंने आज तक सोची हुई है ...बोलो करोगे न ..''

उसकी आवाज में एक कशिश थी,एक अल्हड़पन था, एक हुक्म था, जिसे पंडित जी चाह कर भी मना नहीं कर सकते थे ..

वो पंडित जी के पास आई और धीरे से बोली : "मैं आपको अपनी सारी इच्छाएं एक साथ नहीं बता सकती ..पर जैसे ही एक पूरी होगी, तो दूसरी बता दूंगी ..ओके ..''

पंडित जी ने हाँ में सर हिला दिया ..

वो उनके और पास आई और बोली : "आप अपनी आँखे बंद करो प्लीस ..मैं आपके कान में ही बताउंगी ..नहीं तो मुझे शरम आएगी ..''

पंडित जी ने अपनी आँखे बंद कर ली ..और कोमल के होंठों से निकल रही गर्म साँसों के बाद उसके
मुंह से निकलने वाले शब्दों का इन्तजार करने लगे .

कोमल के लाल होंठ फडके और उनमे से शब्द निकलकर पंडित जी के कानों में जाने लगे ..

कोमल : "वो ...मुझे ...गालियाँ देने वाले लोग बहुत पसंद है ...मेरा मतलब, जब कोई गाली देकर बात कर रहा होता है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है ..इसलिए ...अगर आप ...मेरे साथ ..गालियों वाली भाषा में .बात करे तो.....खुलेआम ...सबके सामने ..''

पंडित जी भी सोचने लग गए की इसके दिमाग में ये भरा क्या हुआ है ..कितनी अजीब सी ख्वाहिशे है ..साली ये नहीं बोल सकती थी की मुझे चुदवाना अच्छा लगता है ..आप मुझे चोदो ..सबके सामने ..पर ये तो गाली के लिए बोल रही है ..ये सब करके कैसे किसी की कोई इच्छा पूरी हो सकती है ..ये तो बड़ी आम सी बात है ..और अजीब भी.

पंडित : "मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है ..पर ये सब करके तुम्हे मिलेगा क्या ..मतलब ..ये तो बहुत मामूली सी बात है ..''

कोमल (नजरें झुका कर बोली ) : "ये आप मर्दों के लिए मामूली है ..हमारे लिए नहीं ..आप ही बताइए , आपने कितनी लड़कियों को इस तरह से गाली गलोच करते सूना है ..नहीं सुना ना ..''

अब वो उस बेचारी को क्या बताते ..की जब चुदाई होती है तो सामने वाली अपने आप गालियाँ देने लगती है ..जो चुदाई में चार चाँद लगा देती है ..

कोमल : "हम सहेलियां तो एक दुसरे को कभी कभार गालियाँ दे लेती है ..पर ..उतनी गन्दी नहीं ..जितनी मर्द देते हैं ..और सच कहूँ ..जब भी कोई किसी को गालियाँ दे रहा होता है, एक दुसरे की माँ बहन के बारे में गन्दी बाते बोल रहा होता है .. तो ..तो ..मुझे कुछ होता है अन्दर से ..''

पंडित : "क्या होता है ..जरा हमें भी तो बताओ ...''

पंडित ने आगे आकर अपना कन्धा उसके कंधे पर मारकर राजेश खन्ना के अंदाज में कहा ..

कोमल का चेहरा शर्म से लाल हो गया ..वो बोली : "पंडित जी ...आप बड़े वो हैं ..आप जैसे दीखते हैं , वैसे हैं नहीं ..''

पंडित : "अच्छा जी ...फिर कैसा हु मैं ..''

कोमल : "बेशरम ...आप बहुत बेशरम हो ..''

पंडित : "बेशरम मैं नहीं हु ...भेन की लोड़ी .....तू है कुतिया ...''

पंडित जी की बात सुनते ही कोमल का चेहरा पीला पड़ गया ...वो घबरा गयी .

कोमल : "ये ..ये ..क्या बोल रहे है आप ...''

पंडित (गुर्राते हुए ) : "साली ...हरामजादी ...बड़ी भोली बनती है ..तेरी माँ चोदुंगा न जब सबके सामने ...तब तुझे पता चलेगा ..कैसे अपनी इच्छा पूरी करवाते हैं ..''

पंडित जी की बात सुनते ही कोमल को सब समझ आ गया, पंडित जी ने उसकी बात मान ली थी और वो गालियाँ देकर ही बात कर रहे थे ..

पर उसे बताना तो चाहिए था न ..

उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी ..वो धीरे से बोली : "अभी तूने मेरी माँ को देखा ही कहाँ है पंडित ...जो उसे चोदने की बात कर रहा है ..''

कोमल के मुंह से 'चोदना' शाद सुनकर पंडित जी का सच में चोदने का मन करने लगा ..

पंडित : "देखा है ...तेरी माँ को भी देखा है ..और तेरी बहन को भी ...दोनों मस्त माल है ..दोनों की चुदाई एक साथ करूँगा ..और वो भी तेरे ही सामने ...''

दोनों खुले आम चलते हुए जैसे एक दुसरे से लडाई कर रहे थे ..

कोमल (इतराते हुए) : हूँह ...इतना आसान नहीं है पंडित ...मेरी माँ-बहन को चोदना ...तेरे बाप का माल नहीं है वो ..तेरा ....तेरा ....वो ..वो ...काट कर फेंक दूंगी मैं ..''

पंडित : "साली ...बोलते हुए ही घबरा रही है ...काटेगी क्या ....भेन चोद .''

कोमल : "मैं नहीं घबराती ...वो ..वो ...तेरा लंड काट कर फेंक दूंगी ...अगर मेरी माँ बहन के बारे में कुछ कहा तो ..''

हाँ ...ये हुई न बात ...उसके मुंह से लंड शब्द कितना मीठा लग रहा था ..

पंडित : "ये लंड काटने के लिए नहीं होता हरामजादी ...इससे तेरी जैसी रंडियों की चुदाई करी जाती है ..''

कोमल : "रंडी होगी तेरी माँ ..भेन के लोड़े ...कोमल नाम है मेरा ..तेरे जैसो को तो खुले आम नंगा करके गांड मरवा देती हु मैं कुत्तों से ..''

'ओह तेरी ....क्या नोलेज है इसको भी ..सही है ..मजा आएगा ..' पंडित ने मन ही मन सोचा

और जब कोमल ये बात बोल रही थी ..उनके सामने से एक जोड़ा निकला, और कोमल की गालियों से भरी बात शायद उन्होंने सुन ली थी ..और वो दोनों मुंह फाड़े एक दुसरे को और कभी कोमल को देख रहे थे ..की देखने में कितनी मासूम सी लड़की और बातें कितनी गन्दी कर रही है ..वो दोनों रुक गए और पंडित और कोमल की बातें सुनने लगे ..

पंडित : "मेरी गांड क्या मरवाएगी तू ...मैं मारूंगा तेरी गांड ..ये है न जो तूने छुपा रखी है ..मक्खन जैसी गांड ..गली की कुतिया को चुदते हुए देखा है न तूने, वैसे ही चोदुंगा तुझे पीछे से ..डोगी स्टाईल में ..कुतिया की तरह , साली चुद्दक्कड़ ....''

पंडित की हर गाली सुनकर कोमल की आँखों की चमक बढती चली जा रही थी ..वैसे भी वो तो ये सब सिर्फ अपनी इच्छा को पूरी करने वाला खेल ही समझ रही थी ..पर वो क्या जानती थी की पंडित की हर बात के पीछे उनकी भी इच्छा है ..जो वो इस तरह से खुलेआम बोलकर जाहिर कर रहे थे .

पर सबसे ज्यादा मजा तो उस जोड़े को देखकर आ रहा था, जो उन दोनों को इस तरह से गालियों की जुबान में बात करते हुए लड़ता देख रहे थे ..और उनके चेहरे के हाव भाव देखकर कोमल का मन झूम रहा था ..

उस जोड़े से इतनी गालियाँ सुनना सहन नहीं हुआ ...और वो दोनों आगे निकल गए ..

उनके जाते ही कोमल और पंडित जी जोर से ठहाका मारकर हंसने लगे ..और हँसते -२ कोमल ने पंडित जी को अपनी बाहों में ले लिया और उनसे लिपट गयी ..

कोमल : "ओह्ह्ह ....पंडित जी ....यु आर सिम्पली ग्रेट ...मुझे मालूम ही नहीं था की मंदिर के पंडित को भी इन सब बातों का ज्ञान हो सकता है ..अब लगता है की आप मेरी बची हुई इच्छाएं भी जल्द ही पूरी कर दोगे ...''

पंडित जी उसकी अगली ''इच्छा'' का इन्तजार करने लगे ..

कोमल : "पर आज के लिए इतना ही काफी है ...बाकी कल ..ओके ...अब चलो जल्दी से ..दीदी और माँ इन्तजार कर रही होंगी ..''

पंडित ने भी ज्यादा जोर नहीं दिया ..क्योंकि उन्हें भी मंदिर की दिनचर्या निभाने के लिए वापिस जाना था ..

वो दोनों वापिस चल दिए ..कोमल अपने घर चली गयी और पंडित जी अपने घर की तरफ .

वहां पहुंचकर उन्होंने मंदिर के कार्य निपटाए और अपने कमरे में जाकर सो गए .

सपने में उन्हें कोमल ही दिखाई दे रही थी ..जो अपनी चुदने की इच्छा लेकर उनके पास आई और उन्होंने उसकी वो इच्छा भी पूरी करने लगे ..वो उनका लंड चूसने लगी ..तभी उनकी नींद खुल गयी .. और सच में कोई उनका लंड चूस रहा था ..उन्होंने उसके चेहरे से बाल हटा कर देखा तो ख़ुशी के मारे उछल ही पड़े ..वो रितु थी ..और वो भी पूरी नंगी .

पंडित : "ओह्ह्ह ....रितु ....तू ...अह्ह्ह्ह ....आज मेरी याद कैसे आ गयी ....''

रितु ने लंड बाहर निकाला और बोली : "पंडित जी ....दो दिनों से पापा ने मेरी चूत को चोदकर उसका बेन्ड बजा रखा है ..पर आप जैसी चुदाई कोई नहीं कर सकता ..इसलिए दौड़ी चली आई आज ...''

पंडित : "घर पर पता है क्या ...की तू यहाँ आई है ..''

रितु : "हाँ ...माँ को बता कर आई हु मैं आज ..की मैं जा रही हु अपने पंडित जी के पास ...''

वो हंसने लगी ...और फिर से उनके लंड को चूसने लगी ..

पंडित जी के लंड को सुबह से कोमल ने वैसे ही खड़ा करके रखा हुआ था ..अच्छा हुआ जो रितु खुद ही आ गयी उनके पास, वर्ना रात तक उन्हें ही उसके घर जाकर माधवी या उसकी चूत मारनी पड़ती ..

वो सुबह से ही प्यासे थे ..उन्होंने रितु को किसी गुडिया की तरह से घुमा कर उल्टा कर दिया और 69 की पोसिशन में आकर उसकी चूत को अपने मुंह से चूसने लगे ..वो भी प्यासी चुड़ैल की तरह उनके लंड के सिरे से रस निकालने लगी ..
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