RE: Sex Porn Story पंजाबी मालकिन और नौकर
बीजी: ओह्ह......किथे मूह मारदा पेया है....ए जगह मूह मारान दी नही है....तू ते जानवर हो गया है..आअहह
मैंने बीजी की कमीज़ और ऊपर चढा दी.....बीजी ने अंदर कुछ ना पहना था....उनकी पीठ नंगी हो गयी....
मैं अब उनके चूतडो मे जीभ मार रहा था..और उनकी नंगी पीठ पर हाथ फेर रहा था...
मैंने बीजी को सीधा किया.....उनका पेट नंगा था........मैं उनके नंगे पेट पे टूट पड़ा...पेट को चूमने लगा
बीजी: ऊओ.........
मैंने हाथ उनकी कमीज़ मे डाल दिए....उनकी चूचियो तक पहुँच गया...और हल्के हल्के दबाने लगा..
फिर मैं अपना मूह उनकी गर्दन पे ले आया...मेरे हाथ उनके नंगे उभारों पर
थे....उनके उभार बहुत बड़े पर सोफ्ट थे........मैं उनकी गर्दन को चूम रहा था
मैं: ऊहह...बीजी....आज चेरी ते खिलाओ...
बीजी: मैंनु नही पता चेरी की होन्दी ए.....तू खुद ही ख़ाले..
मैं बीजी के होठो पे आके उनके होठ चूमने लगा....वो भी मेरे होठ चूम रही थी.....
मैं: बीजी.....चेरी ते त्वाड्डे होठा दे अंदर ए..
मैं अपनी जीभ बीजी के होठो पे मारने लगा......बीजी ने भी अपने होठ खोल दिए..
मैंने फॉरेन अपनी जीभ उनके मूह मे घुसा दी.........हम दोनो इक दूसरे दी जीभ चाट दे रहे..
मैं: ऊहह...बीजी......आज ते बादल उडने दो अपनी छाती से...
बीजी: आहः....पुत्तर.......तेरे हाथ ते बादला दे नीचे ही है.....पहाडो पे..
मैं: बीजी....हाथ नही.....मेरे होठ बादला ने नीचे होने चाही दे एँ..
बीजी: ते...आजा बादला दे नीचे...
मैंने बीजी की कमीज़ उनके मम्मो से ऊपर चढा दी...उन्होने ब्रा नही पहनी थी....
बीजी दे निप्पल्स थोड़े डार्क कलर के थे....
मैं ठोडी देर हाथ मे लेके उनके उभारों को देखता रहा..
बीजी: की देख दा पेया ए..?....मेरे निप्प्ला (निप्पल्स) दा रंग तेरी तरह थोड़ा डार्क है..
मैं: बीजी...त्वाड्डे उभार किन्ने सोने हैं.........कितने बड़े है.....और दबान इच उन्तने ही सोफ्ट.........
मैं बीजी के निप्पल्स चूसने लगा..
बीजी: आह....पुत्तर.....चूस ले......हुन पप्पी नाल तेरा काम नही बनदा.......आहह..स..स...........
बीजी मेरे सिर पे अपने हाथ रख के मेरे बालो को हल्का हल्का खींचने लगी..
बीजी: चूस ले........मेरे आम सोफ्ट है........रस वाले है......चूसने वाले है..........आआई....मैं तेनू उस दिन ए ही ते दस
दी पयी सी पागल.......मेरा इशारा आम दी तरफ नही...इनकी तरफ था..........
मैंने कुछ और चूसा तो निप्पल मे से दूध निकलने लगा..
मैं: बीजी.....तुसी हुकम दो तो त्वाड्डा दूध पी लाँ ?
बीजी: पी ले...
मैं उनका दूध पीने लगा
बीजी: आअहह...ऊओ......पी ले पुत्तर......ए दूध तेरे वास्ते ही ते रखया
ए....आआआ.....दबा दबा के चूस...पी...दोनो कटोरे खाली कर दे....
मैं उठा और मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी....अब मैं सिर्फ़ निक्कर मे था....
मैंने बीजी को अपने ऊपर ले लिया........उन्होने अपने उभार मेरे होठो पे रख दिए.....और मैं
फिर दूध पीने लगा.....बीजी मेरे ऊपर थी मैं उनके नीचे....
मैं हाथ उनकी नंगी पीठ पे चला रहा था..
बीजी की कमीज़ चूची के ऊपर थी....मैंने पकड़ कर उनकी कमीज़ पूरी निकाल दी......अब बीजी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी..बीजी और मेरा नंगा पेट हल्का सा टच कर रहा था...
बीजी: आआहहह....स.स........पु...पुतर......तू ते सारे बादल ही उड़ा दित्ते........बड़ा शैतान है तू........
मैं बीजी के नंगे बदन पे हाथ चला रहा था......
मैं: बीजी......त्वाड्डे और मेरे नंगे बदन दे मिलने से गर्मी कितनी बढ़ गयी ए..
बीजी: आहाः......सच.......मैं ते नंगे बदाना दा मिलना भूल ही गयी सी...मेरे पति जो टूर ते रेन्दे एन..........आहह...
मैं बीजी के चूतडो को दबाने लगा.............फिर उनके चूतडो के बीच अपनी उंगली घुसानी शुरू कर दी....
बीजी: आअहह.....देख....ऐसा मत कर......कुछ ते....ससस्स...आ... शरम रख अपनी मालकिन
से...
मैं उंगली उनके चूतडो के बीच घुसाता रहा और दूध पीता रहा...
मैं: मेरी मालकिन ते बड़ी अच्छी है.......बहुत हसीन है.....उसदा शरीर कितना मक्खन ए.......
बीजी: ऊऊओ...ह....स......मेरा नौकर वी अच्छा ए......बस.....स.स.....थोड़ा ज़्यादा
शरारती ए.........मेरी पप्पीया लेन्दा ए.......मेरा दूध पीन्दा ए..........मेरे अन्डर
आर्म्स नू चूम्दा ए....अन्डर आर्म्स दे बालो नू चाट-दा ए.......मेरे चूतडो दे विच मूह
मारदा ए................................................. . .........पुत्तर.....दूसरा कटोरा वी ते ए........
मैं दूसरे उभार ते आ गया.......अपने मूह मे निप्पल लेकर बीजी का दूध पीने लगा...
मैं अब भी अपनी उंगली उनके चूतडो के बीच घुसा रहा था...
मैं: बीजी मैं त्वाड्डी धुन्नी (नेवेल) ते टैस्ट कीत्ती नही आज तक...
बीजी मेरे ऊपर ही रही....और अपना पेट मेरे मूह पर ले आई......मैं उनके नंगे पेट को
चूमने लगा.......लेकिन बीजी की धुन्नी के ऊपर उनकी सलवार चढी हुई थी..
मैं: बीजी...तुस्सी अपनी धुन्नी ते वी बादल कर रखे है......
बीजी ने अपनी सलवार हल्की सी नीचे कर दी.....
बीजी: ले.....चाट ले अपनी बीजी दी धुन्नी वी......वरना कहेगा कि धुन्नी की पप्पी नही
दी..
बीजी दा पेट मेरे मूह ते था....ते मैं उनकी धुन्नी विच जीभ मार रहा था....
कुछ देर बाद बीजी घोडी बन गयी और अपने उभार मेरे होठ पे रख दिए और मैं दूध पीने
लगा... अब मैंने बीजी की सलवार का नाडा खोलना शुरू किया...
बीजी: आअहह....ना पुत्तर ना.......ए मत
कर...आअहह......
मैं: प्लीज़ बीजी......पहाडा ते बादल हटा दित्ते है ते.....फुट्बाल से वी कवर हटा दो..
बीजी: फुट्बाल!.....मेरे चूतड कोई खेलन दी चीज़ ए की..?
मैं: तुस्सी मैंनु खेलन दो तद् ना (तब ना)........खोलन दो नाडा....कर दो अपने चूतडा नू आज़ाद....
मैंने हल्के हल्के नाडा खोल दिया....और हाथ सलवार मे डाल दिए.... उनके नंगे चूतडो को मैंने पहली बार छुआ
था....... काफ़ी बड़े चूतड थे उनके.....लेकिन उतने ही सोफ्ट....
बीजी: आहह........ते तू नही मानेगा......
मैं: बीजी....मैं कितनी वार सलवार दे ऊपरों ही त्वाड्डे चूतड दबाए है......आज पहली
वार मैं त्वाड्डे नंगे चूतडा नू दबा रहा हां...
बीजी घोडी बनी हुई थी.....मेरे मूह मे उनके निप्पल थे...
मैं धीरे धीरे उंगली उनके चूतडो के बीच मे ले गया.....
उनके चूतडो के बीच मे काफ़ी बाल थे........
मैं उंगली उनके चूतडो के बीच की स्किन पे मलने लगा..
बीजी: आहह...........ससस्स....तू ते ऐसे उंगली चलांदा पेया है...जैसे किसी दी माँग भर रहा हो...
मैं: हां बीजी.......तुसी सिंदूर ले आओ.....ते मैं त्वाड्डे चूतडो दे विच दी माँग भर दान्गा..
बीजी के पलंग के साथ एक ड्राअर था...बीजी ने हाथ लंबा करके उस मे से एक छोटी सी
डिब्बी निकाली.......और खोल के मेरे सामने करदी...
बीजी: ए ले....
मैं: की बीजी..
बीजी: ए...सिंदूर ए....भर दे मेरी पिच्छे दी माँग...
मैं उनके चूतड से हाथ हटाया.....डिब्बी से चुटकी मे सिंदूर भरा.....और उनके चूतडो के
बीच सिंदूर भरने लगा...
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