RE: Sex Porn Story पंजाबी मालकिन और नौकर
बीजी : अगर आम आसानी नाल दब जाए ते वो रसीले है...अगर नही ते उन्हां विच रस नही है
मैं : ठीक है बीजी, अब से हर वार आम दबा के देखूँगा..
बीजी : और तू काटने वाले आम क्यो लाया है....चूसने वाले क्यो नही लाया
मैं : क्यो बीजी, चुसन वाले आम कोई अलग होंदे है
बीजी : और की...चुसन वाले आम विच रस ज़्यादा होन्दा ए....
मैं : बीजी पर मेरे ख़याल ते चुसन वाले आमा दा साईज थोड़ा छोटा होन्दा ए.....ते जिन
आमा दा साईज बड़ा होन्दा ए वे कट्टन वास्ते होंदे ए..
बीजी : चुसन वाले आम छोटे ते नही.......लेकिन इनने बड़े वी नही होंदे कि किसी
दे हाथ विच ही ना आएँ.......चुसन वाले आम हाथ विच आसानी नाल आ जांदे ए.................
मैं : मैं ते कदि चुसन वाले आम खाए नही......
बीजी : चुसन वाले आम हो ते इक आमों जी नही भर्दा........दो आम ते खाने ही पेन्दे
ए...चूसन पेन्दे ए
मुझे नही मालूम बीजी ने किस मीनिंग से कहा था...लेकिन मुझे लगा बीजी आम के बारे मे
नही अपने मम्मो (चूची) के बारे मे बोल रही है..जो कि उनकी काली कमीज़ विच दब्बे है..
अगले दिन मैं सुबह उठ कर बीजी दे कमरे विच चा (चाय) ले गया ते मेरी नज़र बीजी दे मम्मो
ते पडी ते मैंनु बीजी दी कल रात की आम वाली बात याद आ गयी......कि आम दबा के देखने
चाहिए.......................................
बीबी जी सो रही थी..........
मैं : बीजी, चा रखी ए...
बीजी : ले आया चा...
मैं : बीजी मैं कया हैप्पी होली
बीजी : ओ.....तेनू वी
फिर बीजी बाथरूम से फ्रेश हो कर आई
मैं : बीजी नाश्ता रखा ए......ते तुस्सी हून नहाना नही....होली खेलने दे बाद ही नहाना
बीजी ने मुस्कुराते हुए कहा
बीजी : अच्छा...मैंनु ना पता सी.. नाश्ता करने के कुछ देर बाद
बीजी : पर धरम पुतर....अस्सी होली खेलांगे कित्थे.?
मैं : बीजी छत (रूफ) ते खेलांगें......साड्डी छत सबसे ऊची ए..कोई सानू देखेगा
नही....और तीन तरफ ऊची दीवाराँ वी ते ए..
बीजी : ठीक ए..
मैं : तुस्सी छत ते चलो...मैं सारे दरवाज़े चेक करके ऊपर आन्दा आं..
मैंने सारा रंग रात को ही बना लिया था, और गुब्बारे भी रात को ही तैय्यार कर लिए
थे...मैंने भांग किचेन मे छुपा रखी थी..
|